हरियाणा में अभी मानसून एक्टिव रहेगा। मौसम विभाग ने सूबे में 29 अगस्त तक बारिश के आसार जताए हैं। अगस्त में राज्य में 101.8 मिमी सामान्य बारिश होनी चाहिए थी, लेकिन अब तक 135.6 मिमी बारिश हुई है। बारिश के कारण अधिकतम और न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। 24 घंटे में हुई बूंदाबांदी और मानसूनी हवाओं से 2.5 डिग्री की गिरावट आई है। मौसम विभाग ने आज भी कई जिलों में मौसम खराब रहने की संभावना जताई है। 10 घंटों के दौरान सूबे के 6 जिलों में मौसम खराब रहा। जींद में सबसे अधिक बारिश हुई, यहां 4.2 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई। कहां हुई कितनी बारिश हरियाणा के 6 जिले ऐसे रहे, जहां 24 घंटे के दौरान हल्की बूंदाबांदी रिकॉर्ड की गई। सबसे ज्यादा बारिश जींद में हुई, यहां 4.2 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई है। इसके अलावा करनाल में 1.5 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई। फतेहाबाद में 1.2 ,MM बारिश हुई। इन जिलों के अलावा रोहतक, पानीपत और कुरुक्षेत्र में भी मौसम बदला रहा, यहां 0.5 MM बारिश रिकॉर्ड की गई। इससे इन जिलों में दिन के तापमान में कुछ कमी आई है। 16 जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई हरियाणा के 16 जिलों में मानसून की बारिश सामान्य से कम हुई है। कैथल, करनाल और पंचकूला जिले ताे ऐसे हैं, जहां सामान्य से आधी बारिश भी नहीं हाे पाई। हिसार, जींद, यमुनानगर, पलवल और रोहतक जिलाें में सामान्य से 30 प्रतिशत से भी कम बारिश हाे पाई है।महेंद्रगढ़ और नूंह जिलाें में जमकर बादल बरसे हैं। नूंह में सामान्य से 63 प्रतिशत और महेंद्रगढ़ जिले में सामान्य से 51 प्रतिशत तक अधिक बारिश दर्ज की गई है। अगस्त में 33% अधिक बारिश IMD के अनुसार, अगस्त महीने में ही राज्य में 33% अधिक बारिश हुई है। इसमें यमुनानगर, पंचकूला, पलवल, कैथल, फरीदाबाद में सामान्य से कम बारिश हुई। जबकि, अगस्त के 20 दिनों में राज्य में 101.8 मिमी सामान्य बारिश होनी चाहिए थी, लेकिन अब तक 135.6 मिमी बारिश हुई है।बारिश के कारण अधिकतम और न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। राज्य में रात का तापमान जहां 26-27 डिग्री के आसपास है। वहीं अधिकतम तापमान में भी दो डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है। जुलाई में कम हुई बरसात हरियाणा में जुलाई में इस बार 5 सालों में सबसे कम बारिश हुई है। आंकड़ों को देखे तो 2018 में 549 एमएम बारिश हुई थी। 2019 में 244.8, 2020 में 440.6, 2021 में 668.1, 2022 में 472, 2023 में 390 और 2024 में 97.9 एमएम ही बारिश रिकॉर्ड की गई है। कम बारिश होने के कारण सूबे के धान पैदावार करने वाले किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्हें ट्यूबवेल से सिंचाई करनी पड़ रही है। हरियाणा में अभी मानसून एक्टिव रहेगा। मौसम विभाग ने सूबे में 29 अगस्त तक बारिश के आसार जताए हैं। अगस्त में राज्य में 101.8 मिमी सामान्य बारिश होनी चाहिए थी, लेकिन अब तक 135.6 मिमी बारिश हुई है। बारिश के कारण अधिकतम और न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। 24 घंटे में हुई बूंदाबांदी और मानसूनी हवाओं से 2.5 डिग्री की गिरावट आई है। मौसम विभाग ने आज भी कई जिलों में मौसम खराब रहने की संभावना जताई है। 10 घंटों के दौरान सूबे के 6 जिलों में मौसम खराब रहा। जींद में सबसे अधिक बारिश हुई, यहां 4.2 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई। कहां हुई कितनी बारिश हरियाणा के 6 जिले ऐसे रहे, जहां 24 घंटे के दौरान हल्की बूंदाबांदी रिकॉर्ड की गई। सबसे ज्यादा बारिश जींद में हुई, यहां 4.2 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई है। इसके अलावा करनाल में 1.5 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई। फतेहाबाद में 1.2 ,MM बारिश हुई। इन जिलों के अलावा रोहतक, पानीपत और कुरुक्षेत्र में भी मौसम बदला रहा, यहां 0.5 MM बारिश रिकॉर्ड की गई। इससे इन जिलों में दिन के तापमान में कुछ कमी आई है। 16 जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई हरियाणा के 16 जिलों में मानसून की बारिश सामान्य से कम हुई है। कैथल, करनाल और पंचकूला जिले ताे ऐसे हैं, जहां सामान्य से आधी बारिश भी नहीं हाे पाई। हिसार, जींद, यमुनानगर, पलवल और रोहतक जिलाें में सामान्य से 30 प्रतिशत से भी कम बारिश हाे पाई है।महेंद्रगढ़ और नूंह जिलाें में जमकर बादल बरसे हैं। नूंह में सामान्य से 63 प्रतिशत और महेंद्रगढ़ जिले में सामान्य से 51 प्रतिशत तक अधिक बारिश दर्ज की गई है। अगस्त में 33% अधिक बारिश IMD के अनुसार, अगस्त महीने में ही राज्य में 33% अधिक बारिश हुई है। इसमें यमुनानगर, पंचकूला, पलवल, कैथल, फरीदाबाद में सामान्य से कम बारिश हुई। जबकि, अगस्त के 20 दिनों में राज्य में 101.8 मिमी सामान्य बारिश होनी चाहिए थी, लेकिन अब तक 135.6 मिमी बारिश हुई है।बारिश के कारण अधिकतम और न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। राज्य में रात का तापमान जहां 26-27 डिग्री के आसपास है। वहीं अधिकतम तापमान में भी दो डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है। जुलाई में कम हुई बरसात हरियाणा में जुलाई में इस बार 5 सालों में सबसे कम बारिश हुई है। आंकड़ों को देखे तो 2018 में 549 एमएम बारिश हुई थी। 2019 में 244.8, 2020 में 440.6, 2021 में 668.1, 2022 में 472, 2023 में 390 और 2024 में 97.9 एमएम ही बारिश रिकॉर्ड की गई है। कम बारिश होने के कारण सूबे के धान पैदावार करने वाले किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्हें ट्यूबवेल से सिंचाई करनी पड़ रही है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा के कृष्णपाल लगातार तीसरी बार मंत्री बने:कॉलेज से सियासत की शुरुआत, मोदी का करीबी होने पर मिला 2014 में टिकट; बेटा भी पॉलिटिक्स में
हरियाणा के कृष्णपाल लगातार तीसरी बार मंत्री बने:कॉलेज से सियासत की शुरुआत, मोदी का करीबी होने पर मिला 2014 में टिकट; बेटा भी पॉलिटिक्स में हरियाणा की फरीदाबाद लोकसभा सीट से भाजपा सांसद कृष्णपाल गुर्जर को मोदी 3.0 सरकार में राज्यमंत्री बनाया गया है। गुर्जर मोदी सरकार के पिछले दोनों कार्यकाल में भी राज्यमंत्री रहे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार उन पर भरोसा जताकर साफ कर दिया कि गुर्जर उनके भरोसेमंद हैं। फरीदाबाद के सरकारी कॉलेज में छात्र राजनीति से शुरुआत करने वाले कृष्णपाल गुर्जर का केंद्रीय मंत्री की कुर्सी तक पहुंचने का सफर काफी संघर्ष भरा रहा। किसान परिवार में जन्मे 67 साल के गुर्जर की पारिवारिक पृष्ठभूमि राजनीतिक नहीं रही। गुर्जर ने अपने पॉलिटिकल करियर की शुरुआत लोकदल से की थी। वर्ष 1994 में उन्होंने भाजपा जॉइन कर ली और फरीदाबाद में पार्षद का चुनाव जीता। मोदी-खट्टर की जोड़ी के साथ मिलकर कर चुके काम
वर्ष 1994 में पार्टी जॉइन करने के महज 2 साल बाद, BJP ने गुर्जर को 1996 के विधानसभा चुनाव में मेवला महाराजपुर सीट से टिकट दे दिया। यही वो समय था जब तेजतर्रार कृष्णपाल गुर्जर को भाजपा के हरियाणा मामलों के प्रभारी नरेंद्र मोदी के साथ मिलकर काम करने का मौका मिला। उस समय नरेंद्र मोदी और मनोहर लाल खट्टर की जोड़ी हरियाणा में पार्टी संगठन का कामकाज देख रही थी। भाजपा ने 1996 में हरियाणा विधानसभा का चुनाव पूर्व सीएम बंसीलाल की हरियाणा विकास पार्टी (हविपा) के साथ मिलकर लड़ा था। पहले ही चुनाव में जीत दर्ज करने वाले कृष्णपाल गुर्जर चुनाव रिजल्ट आने के बाद बंसीलाल की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार में परिवहन मंत्री बनाए गए। प्रदेशाध्यक्ष बनकर पार्टी का ग्राफ बढ़ाया
गुर्जर के 3 बार विधायक बनने के बाद पार्टी ने उन्हें संगठन की जिम्मेदारी देते हुए वर्ष 2010 में हरियाणा इकाई का प्रदेशाध्यक्ष बना दिया। उस समय हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अगुवाई में कांग्रेस की सरकार थी और BJP ओमप्रकाश चौटाला की इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) की छाया से निकलकर अपना अलग वजूद बनाने की कोशिश कर रही थी। संगठन से जुड़ा होने के कारण गुर्जर ने प्रदेशाध्यक्ष रहते हुए तेजी से पार्टी का ग्राफ बढ़ाने का काम किया। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले BJP ने नरेंद्र मोदी को अपना प्रधानमंत्री चेहरा घोषित कर दिया। इसके बाद टिकट बंटवारे में कृष्णपाल गुर्जर को फरीदाबाद लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा गया। गुर्जर ने अपने इस पहले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के अवतार भड़ाना को हरा दिया। इसके बाद मोदी ने अपनी सरकार में गुर्जर को सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्यमंत्री बनाया। 2019 के लोकसभा चुनाव में गुर्जर दूसरी बार फरीदाबाद सीट से जीते। उस समय विनिंग मार्जिन के लिहाज से देशभर में वह तीसरे स्थान पर रहे। गुर्जर 6 लाख से ज्यादा वोटों से जीतकर दूसरी बार संसद पहुंचे तो मोदी ने फिर से उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल करते हुए उद्योग राज्यमंत्री बना दिया। किसान परिवार से आकर बनाई राजनीति में पहचान
कृष्णपाल गुर्जर पेशे से एडवोकेट हैं। कृष्णपाल के पिता हंसराज जैलदार का अपने एरिया में अच्छा नाम था लेकिन वह कभी राजनीति में नहीं उतरे। दूसरी ओर कृष्णपाल की शुरू से राजनीति में रुचि रही। पारिवारिक पृष्ठभूमि राजनीतिक नहीं होते हुए भी उन्होंने राजनीति के तौर-तरीके पढ़ाई के दौरान ही सीख लिए। फरीदाबाद के कॉलेज में पढ़ते हुए वह छात्र संगठन के अध्यक्ष चुने गए और वहीं से उनके पॉलिटिकल करियर की शुरुआत हुई। ग्रेजुएशन के बाद गुर्जर कानून की डिग्री लेने मेरठ चले गए। वहां से लौटकर अपनी राजनीतिक पारी दोबारा शुरू की। उनकी पत्नी का नाम निर्मला देवी है और वह सियासत से दूर रहती हैं। गुर्जर के बेटे देवेंद्र चौधरी राजनीति में एक्टिव हैं और इस समय फरीदाबाद नगर निगम में सीनियर डिप्टी मेयर हैं। गुर्जर नेता के तौर पर बनाई पहचान
कृष्णपाल की गिनती गुर्जर बिरादरी के बड़े नेताओं में होती है। उन्होंने अपने पहले विधानसभा चुनाव में मेवला महाराजपुर सीट से जिस चौधरी महेंद्र प्रताप और फरीदाबाद लोकसभा सीट से अवतार भड़ाना को हराया, वह दोनों भी गुर्जर समाज के बड़े नेताओं में आते हैं। राजनीति में एक बाद एक मिली जीत ने कृष्णपाल गुर्जर का कद गुर्जर बिरादी के नेताओं में बढ़ा दिया। BJP के अंदर भी उनकी गिनती गुर्जर समाज के प्रमुख नेताओं के रूप में होती है। संगठन में मजबूत पकड़ और तेज-तर्रार नेता की छवि के चलते वह BJP शीर्ष नेतृत्व की पसंद बन गए।
सिरसा में छत गिरने से महिला की मौत:बारिश के कारण हादसा; रात को मलबे के नीचे दबी, प्रशासन ने नहीं दी थी मदद
सिरसा में छत गिरने से महिला की मौत:बारिश के कारण हादसा; रात को मलबे के नीचे दबी, प्रशासन ने नहीं दी थी मदद हरियाणा के सिरसा शहर में बारिश के कारण बीती रात को इंदिरा विकास नगर स्थित एक मकान की छत ढह गई। कच्ची छत का मलबा कमरे में सो रही महिला पर गिर गया। इससे उसकी मौत हो गई। शुक्रवार दोपहर को मृतका के शव का पोस्टमार्टम सिविल हॉस्पिटल में किया गया। महिला की मौत होने से उसके पति का रो रोकर बुरा हाल है। पीड़ित पति का कहना है कि वह बहुत गरीब है, प्रशासन को उसकी सहायता करनी चाहिए। जानकारी के अनुसार इंद्र विकास नगर निवासी सुशील कुमार पेशे से पेंटर है। सुनील का कहना है कि उसके मकान की छत कच्ची थी। वीरवार को तेज बारिश आई थी। रात को वह कमरे में अपनी पत्नी सुमन के साथ सोया हुआ था। देर रात को कच्ची छत का एक हिस्सा ढह गया और उसका मलबा सुमन के ऊपर आ गिरा। सुमन मलबे के नीचे दब गई। सुनील का कहना है कि उसने अपनी पत्नी को मलबे से निकाले की काफी कोशिश,लेकिन सफल नहीं हो पाया। इसके बाद उसने पड़ोसी कालू व बिट्टू को बुलाया। पड़ोसियों ने उसकी मदद करते हुए मलबे से सुमन को बाहर निकाला। इसके बाद एंबुलेंस के माध्यम से सुमन को हॉस्पिटल लाया गया। यहां डॉक्टर ने उसकी जांच कर उसे मृत घोषित कर दिया। सुनील का कहना है कि उसकी 2 बेटियां व 2 बेटे हैं। दोनों बेटियों व एक बेटे की शादी हो चुकी है। वह बहुत गरीब है,इसलिए मकान की छत पक्की नहीं डाल सका। सुनील का कहना है कि उसने व उसकी पत्नी ने मकान की छत पक्की डालने के लिए बीडीपीओ दफ्तर के काफी चक्कर लगाए,लेकिन प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं मिली। अगर सरकार से उसे आर्थिक सहायता मिलती तो वह मकान की छत पक्की करवा लेता और आज उसकी पत्नी सुमन जिंदा होती। पुलिस का कहना है कि पति सुशील के बयान पर इत्फ़ाकिया मौत की कार्रवाई की जा रही है।
हरियाणा BJP ने भीतरघात की शिकायत पर 6 जिलाध्यक्ष हटाए:5 लोकसभा सीटें गंवाई, विधानसभा चुनाव से पहले नई नियुक्तियां कर जातीय समीकरण साधा
हरियाणा BJP ने भीतरघात की शिकायत पर 6 जिलाध्यक्ष हटाए:5 लोकसभा सीटें गंवाई, विधानसभा चुनाव से पहले नई नियुक्तियां कर जातीय समीकरण साधा हरियाणा में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा ने 6 जिलाध्यक्षों को हटा दिया है और उनके स्थान पर नई नियुक्ति कर दी है। हटाए गए जिलाध्यक्षों में अधिकांश के खिलाफ पार्टी के सांसदों की ओर से शिकायत की गई थी। सांसदों ने चुनाव के बाद इन जिलाध्यक्षों की रिपोर्ट मुख्यमंत्री नायब सैनी और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को सौंपी थी। इन जिलाध्यक्षों पर भितरघात करने, पार्टी फंड को खुर्द-बुर्द करने और काम न करने जैसे आरोप लगे थे। वहीं कुछ जिलाध्यक्षों को इस कारण हटाया है क्योंकि उन्होंने चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की थी। वह पूरे जिले को संभालने की बजाय अपने चुनाव पर ध्यान देना चाहते थे। इस कारण भाजपा ने फेर बदल किया है। भाजपा ने हिसार, जींद, सिरसा, रेवाड़ी, कुरुक्षेत्र और कैथल के जिलाध्यक्ष बदले हैं। पार्टी का किसी तरह का नुकसान न हो इसलिए हटाए गए सभी जिलाध्यक्षों को प्रदेश कार्यकारिणी में एडजस्ट किया है। मगर इसका असर आगामी विधानसभा चुनाव पर पड़ेगा। भाजपा ने की नई नियुक्तियां… पार्टी ने 5 जिला प्रभारी भी बनाए
भाजपा ने महेंद्रगढ़, जींद, भिवानी और कैथल के जिला प्रभारी भी बनाए हैं। महेंद्रगढ़ में शंकर धूपड़, जींद में मदन गोयल, भिवानी में राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा और कैथल में अमरपाल राणा को जिला प्रभारी की जिम्मेदारी दी गई है। इसके अलावा पुराने जिलाध्यक्ष रहे हिसार की आशा खेदड़, जींद से राजू मोर, सिरसा से निताशा सिहाग, रेवाड़ी से प्रीतम चौहान और कुरुक्षेत्र से रवि बतान को प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य बनाया गया है। सोशल इंजीनियरिंग का फॉर्मूला अपनाया
हिसार में आशा खेदड़ की जगह आरएसएस से जुड़े अशोक सैनी को जिलाध्यक्ष बनाया है। अशोक सैनी के पिता सैनीपुरा गांव के सरपंच रह चुके हैं। हिसार में ओबीसी वोटर अच्छी संख्या में हैं। इसके अलावा सैनी वोट बैंक भी शहरी सीटों पर प्रभाव डालते हैं। इसके कारण अशोक सैनी को जिम्मेदारी दी गई है। जींद में जाट चेहरे राजू मोर की जगह जाट चेहरे पर ही दांव लगाया गया है। जींद में तेजेंद्र ढुल को जिम्मेदारी दी गई है। सिरसा में निताशा सिहाग को हटाकर शीशपाल कंबोज को जिम्मेदारी की गई है। सिरसा में कंबोज बिरादरी के अच्छे वोट हैं। रानियां, कालांवाली, डबवाली और सिरसा पर कंबोज बिरादरी का अच्छा प्रभाव है। कुरुक्षेत्र में राजपूत समाज से आने वाले सुशील राणा को जिम्मेदारी दी है। राजपूत समाज के वोट करनाल के साथ-साथ कुरुक्षेत्र में प्रभाव डालते हैं। यहां रवि बतान की जगह सुशील राणा को जिम्मेदारी दी है। इसी तरह रेवाड़ी में सुधा यादव के खास प्रीतम चौहान को हटाकर राव इंद्रजीत की पसंद के चेहरे वंदना पोपली को जिलाध्यक्ष बनाया है। वहीं कैथल में अशोक गुर्जर को हटाकर मुनीश कठवाड़ को जिलाध्यक्ष बनाया गया है। हरियाणा में 4 सीटों पर भीतरघात की मिली थी शिकायत
लोकसभा चुनाव में भाजपा को हरियाणा की 4 लोकसभा सीटों पर भीतरघात की शिकायतें मिली थी। इसमें से 3 सीट भाजपा हार गई थी। जिसमें हिसार, सिरसा और सोनीपत है। गुरुग्राम सीट पर भी भीतरघात की शिकायतें हुई थी। यहां पर उम्मीदवारों का पार्टी के ही नेताओं ने विरोध किया था। जिसका खामियाजा यह हुआ कि भाजपा यहां हार गई। सबसे टफ फाइट सोनीपत सीट पर देखने को मिली। यहां अगर भीतरघात न हुआ होता भाजपा यह सीट जीत सकती थी। चुनाव के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं के फीडबैक और सीआईडी के जरिए रिपोर्ट तैयार की थी कि कौन सा उम्मीदवार किन कारणों से हारा। सोनीपत, हिसार और सिरसा की रिपोर्ट में विधायक, पूर्व विधायक से लेकर जिलाध्यक्षों तक के नाम थे। चुनाव के बाद उम्मीदवारों ने जता दी थी आशंका
लोकसभा चुनाव के बाद ही हरियाणा में मुख्यमंत्री नायब सैनी ने पंचकूला में सभी उम्मीदवारों की मीटिंग बुलाई थी। इस बैठक में पूर्व CM मनोहर लाल भी मौजूद थे। इस मीटिंग में उम्मीदवारों ने भीतरघात से होने वाले नुकसान के बारे में बताया था। मीटिंग में जो नाम सामने आए उसके आधार पर पार्टी ने कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेना शुरू कर दिया था। वहीं नतीजों से पहले CM नायब सैनी ने भीतरघातियों को स्पष्ट संदेश दिया था कि किसी को बख्शा नहीं जाएगा और दिल्ली दरबार में इसकी शिकायत की जाएगी।