हरियाणा के झज्जर जिले से राजस्थान के नरहड़ जा रही धार्मिक पद यात्रा में थामे झंडे को लेकर विवाद हो गया। शनिवार को चरखी दादरी जिले में चिड़िया गांव के समीप हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने यात्रा को रोक लिया। उनको आरोप था कि इनके हाथों में जो झंडा है, वह पाकिस्तानी है। लोगों ने यात्रा को रुकवा दिया। सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची। बीच सड़क पर मामला अधिक ना बढ़े इसके चलते यात्रा निकाल रहे लोगों को चिड़िया पुलिस चौकी ले जाया गया। वहां पर भी गौरक्षा व यात्रा में शामिल लोगों के बीच काफी बहस हुई। विरोध कर रहे लोगों ने उन्हें देश विरोधी ताकत बताते हुए मामले की जांच कर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। जानकारी अनुसार करीब 25-30 महिला व पुरूष झज्जर जिले के साल्हावास से चरखी दादरी जिले से होते हुए पद यात्रा के जरिए राजस्थान के झूंझनू जिले के चिड़ावा क्षेत्र में स्थित हजरत शक्करबार पीर बाबा की दरगाह पर जा रहे थे। इन लोगों के आगे-आगे एक ट्रैक्टर-ट्रॉली थी, जिसमें इनका जरूरत और खाने-पीने का सामान था। उसके पीछे-पीछे ये हाथों में हरे झंडे लेकर चल रहे थे। इनके हाथों में जो झंडे थे, उन पर पीर बाबा का नाम लिखा होने के साथ-साथ 786 लिखा हुआ था और चांद-सितारे बने हुए थे। इन्हीं झंडों को कुछ संगठनों के लोगों ने पाकिस्तानी झंडे बताकर उनका विरोध कर दिया और यात्रा को रुकवा दिया गया। विरोध कर रहे लोगों ने कहा कि ये देश विरोधी ताकते हैं और अब कम आदमी इस प्रकार की यात्रा निकाल रहे हैं और यदि इन्हें रोका नहीं गया तो आने वाले दिनों में और अधिक लोग इस प्रकार के झंडों वाली यात्रा निकालेंगे। हालांकि यात्रा में शामिल लोगों ने इस प्रकार की किसी भी मंशा से इनकार किया और कहा उनका मकसद भाईचारा खराब करना नहीं है। मामले को बढ़ता देख झोझू थाना प्रभारी राजकुमार टीम सहित मौके पर पहुंचे और दोनों पक्षों को चिड़या पुलिस चौकी ले जाया गया जहां गौरक्षा व दूसरे संगठनों के लोगों ने इन लोगों की जांच कर केस दर्ज करने की मांग की है। दोनों पक्षों को समझा दिया गया :एसएचओ झोझू कलां थाना प्रभारी राजकुमार ने कहा कि ये लोग झज्जर जिले के साल्हावास से नरहड़ जा रहे थे। देश विरोधी ताकत वाला मामला नहीं था। पुलिस चौकी में दोनों पक्षों को बैठाकर समझा दिया गया है किसी ने लिखित शिकायत नहीं दी है। जिसके बाद यात्रा नरहड़ के लिए निकल गई है। हरियाणा के झज्जर जिले से राजस्थान के नरहड़ जा रही धार्मिक पद यात्रा में थामे झंडे को लेकर विवाद हो गया। शनिवार को चरखी दादरी जिले में चिड़िया गांव के समीप हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने यात्रा को रोक लिया। उनको आरोप था कि इनके हाथों में जो झंडा है, वह पाकिस्तानी है। लोगों ने यात्रा को रुकवा दिया। सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची। बीच सड़क पर मामला अधिक ना बढ़े इसके चलते यात्रा निकाल रहे लोगों को चिड़िया पुलिस चौकी ले जाया गया। वहां पर भी गौरक्षा व यात्रा में शामिल लोगों के बीच काफी बहस हुई। विरोध कर रहे लोगों ने उन्हें देश विरोधी ताकत बताते हुए मामले की जांच कर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। जानकारी अनुसार करीब 25-30 महिला व पुरूष झज्जर जिले के साल्हावास से चरखी दादरी जिले से होते हुए पद यात्रा के जरिए राजस्थान के झूंझनू जिले के चिड़ावा क्षेत्र में स्थित हजरत शक्करबार पीर बाबा की दरगाह पर जा रहे थे। इन लोगों के आगे-आगे एक ट्रैक्टर-ट्रॉली थी, जिसमें इनका जरूरत और खाने-पीने का सामान था। उसके पीछे-पीछे ये हाथों में हरे झंडे लेकर चल रहे थे। इनके हाथों में जो झंडे थे, उन पर पीर बाबा का नाम लिखा होने के साथ-साथ 786 लिखा हुआ था और चांद-सितारे बने हुए थे। इन्हीं झंडों को कुछ संगठनों के लोगों ने पाकिस्तानी झंडे बताकर उनका विरोध कर दिया और यात्रा को रुकवा दिया गया। विरोध कर रहे लोगों ने कहा कि ये देश विरोधी ताकते हैं और अब कम आदमी इस प्रकार की यात्रा निकाल रहे हैं और यदि इन्हें रोका नहीं गया तो आने वाले दिनों में और अधिक लोग इस प्रकार के झंडों वाली यात्रा निकालेंगे। हालांकि यात्रा में शामिल लोगों ने इस प्रकार की किसी भी मंशा से इनकार किया और कहा उनका मकसद भाईचारा खराब करना नहीं है। मामले को बढ़ता देख झोझू थाना प्रभारी राजकुमार टीम सहित मौके पर पहुंचे और दोनों पक्षों को चिड़या पुलिस चौकी ले जाया गया जहां गौरक्षा व दूसरे संगठनों के लोगों ने इन लोगों की जांच कर केस दर्ज करने की मांग की है। दोनों पक्षों को समझा दिया गया :एसएचओ झोझू कलां थाना प्रभारी राजकुमार ने कहा कि ये लोग झज्जर जिले के साल्हावास से नरहड़ जा रहे थे। देश विरोधी ताकत वाला मामला नहीं था। पुलिस चौकी में दोनों पक्षों को बैठाकर समझा दिया गया है किसी ने लिखित शिकायत नहीं दी है। जिसके बाद यात्रा नरहड़ के लिए निकल गई है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में 5 बार MLA के नाती कांग्रेस में शामिल:2019 में निर्दलीय लड़े, गोपाल कांडा से सिर्फ 603 वोटों से हारे थे
हरियाणा में 5 बार MLA के नाती कांग्रेस में शामिल:2019 में निर्दलीय लड़े, गोपाल कांडा से सिर्फ 603 वोटों से हारे थे हरियाणा के सिरसा में पूर्व विधायक लक्ष्मण दास अरोड़ा के नाती गोकुल सेतिया ने आज कांग्रेस जॉइन कर ली है। गोकुल सेतिया के कई दिनों से कांग्रेस में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे थे। वह कई दिनों से दिल्ली के चक्कर लगा रहे थे। उनकी जॉइनिंग से साफ है कि कांग्रेस सिरसा से उनको विधानसभा से उम्मीदवार बना सकती है। गोकुल सेतिया 2019 में आजाद लड़कर गोपाल कांडा को कड़ी टक्कर दे चुके हैं और मात्र 602 वोट से हार गए थे। गोकुल सेतिया को उम्मीद थी अगर वह कांग्रेस से टिकट ले आएंगे तो कांडा को टक्कर देने में आसानी होगी। बता दें कि गोकुल सेतिया का परिवार पुराना कांग्रेसी है और उनके नाना लक्ष्मण दास अरोड़ा कांग्रेस में थे और 5 बार विधायक रहे रहे हैं। गोकुल सेतिया की मां सुनीता सेतिया 2014 में भाजपा की टिकट पर सिरसा से चुनाव लड़ चुकी हैं, मगर वह हार गई थी। इसके बाद भाजपा से उनके व परिवार के रिश्ते बिगड़ गए और सेतिया परिवार ने भाजपा छोड़ दी थी। गोकुल सेतिया ने कहा-कांग्रेस की सरकार बनना तय
कांग्रेस जॉइन करने के बाद गोकुल सेतिया ने कहा कि हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बन रही है। हम चाहते हैं कि हमारे इलाके की भागीदारी सरकार के अंदर हो। ताकि 10-15 साल से हमारे इलाके को इग्नोर किया जा रहा है हमारे इलाके का विकास हो सके। मैं बीजेपी में था और सरकार में होते हुए मैंने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किए थे। मगर उनको यह चीजें हजम नहीं हुई। उन्होंने मेरा टिकट काट दिया। मैंने निर्दलीय चुनाव लड़ा। सिरसा के लोगों को भरपूर आशीर्वाद दिया। 600 वोट से मैं हार गया था। कांग्रेस सांसद राजा वडिंग के जरिये मिली एंट्री
गोकुल सेतिया ने प्रदेश नेतृत्व को छोड़कर वाया पंजाब से नई दिल्ली का रास्ता चुनते हुए टिकट की मांग की थी। सूत्र बताते हैं कि गोकुल सेतिया पंजाब के युवा कांग्रेस नेता एवं सांसद राजा वडिंग के जरिए कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के संपर्क में थे। आज दिल्ली में नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा, हरियाणा कांग्रेस प्रभारी दीपक बावरिया, हरियाणा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष उदयभान और स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष अजय माकन के नेतृत्व में सेतिया कांग्रेस में शामिल हुए। गोपाल कांडा से फिर मुकाबला तय
गोकुल सेतिया का इस बार भी गोपाल कांडा से मुकाबला तय माना जा रहा है। वहीं लोकसभा चुनाव में सिरसा विधानसभा क्षेत्र से 13 हजार 350 वोटों से लीड हासिल करने वाली कांग्रेस नेता भी उत्साहित हैं। उल्लेखनीय है कि सिरसा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 31 वार्ड व 31 गांव आते हैं। ज्यादातर चुनाव वैश्य व पंजाबी समुदाय के बीच ही हुए हैं। दोनों समुदायों की हार जीत में निर्णायक भूमिका रहती है। गोपाल कांडा इस बार भाजपा के समर्थन से मैदान में आ सकते हैं। ऐसे में दोनों उम्मीदवारों के भिड़ने से सिरसा में मुकाबला रोचक रहने वाला है। कांग्रेस में गोकुल की राह आसान नहीं, अपनों से मिल सकती है चुनौती
कांग्रेस में गोकुल सेतिया की राह आसान नहीं है। यहां पिछला विधानसभा चुनाव लड़ने वाले स्व. होशियारी लाल शर्मा के पुत्र राजकुमार शर्मा व पौत्र मोहित शर्मा भी टिकट के लिए जोर आजमाइश कर रहे हैं। वहीं इनेलो व जजपा छोड़कर कांग्रेस में आए अमीर चावला भी भूपेंद्र हुड्डा के सहारे टिकट के लिए दौड़-धूप कर रहे हैं। नवीन केडिया, वीरभान मेहता व स्व. होशियारीलाल शर्मा पिछले चुनावों में जमानत बचाने में कामयाब नहीं हो पाए। एक बार फिर कांग्रेस के यही नेता चुनाव मैदान में उतरने के लिए अपने-अपने आकाओं की हाजिरी लगा रहे हैं। ऐसे में गोकुल को अपनों से ही कड़ी चुनौती मिल सकती है।