हरियाणा के हिसार जिले के नारनौंद क्षेत्र के गांव लोहारी राघो की एक 68 वर्षीय बुजुर्ग महिला की अज्ञात परिस्थितियों में मौत हो गई। नारनौंद थाना पुलिस ने महिला के शव का हांसी के नागरिक अस्पताल में शव का पोस्टमॉर्टम करवा कर परिजनों को सौंप दिया है। पुलिस द्वारा पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर आगामी कार्रवाई की जाएगी। 3 अस्पताल कर चुके थे डिस्चार्ज लोहारी राघो निवासी कृष्ण ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि वह खेती बाड़ी का काम करता है। 28 जुलाई को मेरी पत्नी और मेरी मां 68 वर्षीय परमेश्वरी देवी के बीच झगड़ा हो गया था। जिसके बाद वह अपनी मां को हिसार के नागरिक अस्पताल में दाखिल करवा दिया था। जहां से 30 जुलाई को वह अपनी मां को बेहतर इलाज के लिए हिसार के एक निजी अस्पताल में ले गया। जहां पर डॉक्टरों ने 5 अगस्त को मेरी मां को डिस्चार्ज कर दिया था। उसके बाद वह अपनी मां को वहां से हिसार के एक दूसरे निजी अस्पताल में ले गया। जहां से डॉक्टरों ने मेरी मां को 13 अगस्त को डिस्चार्ज कर दिया था। फिर वह अपनी मां को लेकर हिसार के एक निजी अस्पताल में चला गया, वहां से भी 15 अगस्त को उसकी मां को डिस्चार्ज कर दिया गया। घर लाने पर हुआ बीपी हाई फिर उसके बाद वह अपनी मां को अपनी मौसी शीला के पास सिरसा जिले के वेदवाला गांव में ले गया। फिर 22 अगस्त को वह अपनी मां को अपने साथ लेकर वापस अपने गांव लोहारी राघो आ गया। 23 अगस्त को उसकी मां की तबीयत खराब हो गई। उसने अपनी मां को गांव के ही एक डॉक्टर को दिखाया, तो उसका बीपी हाई मिला। जिसके बाद वह अपनी मां को हांसी के नागरिक अस्पताल में ले गया, जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। नारनौंद थाना पुलिस ने हांसी के नागरिक अस्पताल में उसकी मां के शव का पोस्टमॉर्टम करवा कर शव परिजनों को सौंप दिया है। पुलिस ने परिजनों को पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। यह है पूरा मामला लोहारी राघो निवासी कृष्ण के अनुसार उसकी पत्नी के साथ अनबन रहती है और कोर्ट में केस चल रहा है। 28 जुलाई की रात उसकी मां और पत्नी घर पर सोए हुए थे। रात करीब 10 बजे उसको शोर सुनाई दिया था। उसने देखा कि उसकी पत्नी ने उसकी मां को जमीन पर गिरा रखा है और उसकी मां के बाल खींच रही थी। उसने अपनी मां को छुड़वाया और उसकी मां को 4 दिन से बुखार था व दस्त लगे हुए थे। कृष्ण को उसकी मां ने बताया कि उसके पैर में दर्द है, उसने अपने गांव के डॉक्टर को बुलाया। डॉक्टर ने मरहम पट्टी कर दी थी। फिर 29 जुलाई को वह साधन का प्रबंध करके अपनी मां को इलाज के लिए हिसार के नागरिक अस्पताल में ले गया था। नारनौंद थाना पुलिस ने कृष्ण की शिकायत पर उसकी पत्नी के खिलाफ केस दर्ज किया था। हरियाणा के हिसार जिले के नारनौंद क्षेत्र के गांव लोहारी राघो की एक 68 वर्षीय बुजुर्ग महिला की अज्ञात परिस्थितियों में मौत हो गई। नारनौंद थाना पुलिस ने महिला के शव का हांसी के नागरिक अस्पताल में शव का पोस्टमॉर्टम करवा कर परिजनों को सौंप दिया है। पुलिस द्वारा पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर आगामी कार्रवाई की जाएगी। 3 अस्पताल कर चुके थे डिस्चार्ज लोहारी राघो निवासी कृष्ण ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि वह खेती बाड़ी का काम करता है। 28 जुलाई को मेरी पत्नी और मेरी मां 68 वर्षीय परमेश्वरी देवी के बीच झगड़ा हो गया था। जिसके बाद वह अपनी मां को हिसार के नागरिक अस्पताल में दाखिल करवा दिया था। जहां से 30 जुलाई को वह अपनी मां को बेहतर इलाज के लिए हिसार के एक निजी अस्पताल में ले गया। जहां पर डॉक्टरों ने 5 अगस्त को मेरी मां को डिस्चार्ज कर दिया था। उसके बाद वह अपनी मां को वहां से हिसार के एक दूसरे निजी अस्पताल में ले गया। जहां से डॉक्टरों ने मेरी मां को 13 अगस्त को डिस्चार्ज कर दिया था। फिर वह अपनी मां को लेकर हिसार के एक निजी अस्पताल में चला गया, वहां से भी 15 अगस्त को उसकी मां को डिस्चार्ज कर दिया गया। घर लाने पर हुआ बीपी हाई फिर उसके बाद वह अपनी मां को अपनी मौसी शीला के पास सिरसा जिले के वेदवाला गांव में ले गया। फिर 22 अगस्त को वह अपनी मां को अपने साथ लेकर वापस अपने गांव लोहारी राघो आ गया। 23 अगस्त को उसकी मां की तबीयत खराब हो गई। उसने अपनी मां को गांव के ही एक डॉक्टर को दिखाया, तो उसका बीपी हाई मिला। जिसके बाद वह अपनी मां को हांसी के नागरिक अस्पताल में ले गया, जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। नारनौंद थाना पुलिस ने हांसी के नागरिक अस्पताल में उसकी मां के शव का पोस्टमॉर्टम करवा कर शव परिजनों को सौंप दिया है। पुलिस ने परिजनों को पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। यह है पूरा मामला लोहारी राघो निवासी कृष्ण के अनुसार उसकी पत्नी के साथ अनबन रहती है और कोर्ट में केस चल रहा है। 28 जुलाई की रात उसकी मां और पत्नी घर पर सोए हुए थे। रात करीब 10 बजे उसको शोर सुनाई दिया था। उसने देखा कि उसकी पत्नी ने उसकी मां को जमीन पर गिरा रखा है और उसकी मां के बाल खींच रही थी। उसने अपनी मां को छुड़वाया और उसकी मां को 4 दिन से बुखार था व दस्त लगे हुए थे। कृष्ण को उसकी मां ने बताया कि उसके पैर में दर्द है, उसने अपने गांव के डॉक्टर को बुलाया। डॉक्टर ने मरहम पट्टी कर दी थी। फिर 29 जुलाई को वह साधन का प्रबंध करके अपनी मां को इलाज के लिए हिसार के नागरिक अस्पताल में ले गया था। नारनौंद थाना पुलिस ने कृष्ण की शिकायत पर उसकी पत्नी के खिलाफ केस दर्ज किया था। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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गुरूग्राम में 52 फ्लैट मालिकों पर केस:बिना सूचना रख रहे विदेशी नागरिक, फॉरेनर्स एक्ट के तहत होगा एक्शन
गुरूग्राम में 52 फ्लैट मालिकों पर केस:बिना सूचना रख रहे विदेशी नागरिक, फॉरेनर्स एक्ट के तहत होगा एक्शन हरियाणा के गुरुग्राम जिला में पुलिस ने शहर की एक नामी सोसाइटी में 52 फ्लैट मालिकों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस अब फॉरनर्स एक्ट के तहत सभी फ्लैट मालिकों पर एक्शन लेने की तैयारी कर रही है। सभी मालिकों से पूछताछ करेगी और उनको शामिल जांच किया जाएगा। विदेशी नागरिकों को किराए पर दिया हुआ था फ्लैट बता दें कि मंगलवार को भोंडसी थाना पुलिस स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में सुरक्षा के मद्देनजर सोसाइटी में जांच करने के दौरान लापरवाही का खुलासा हुआ। जानकारी के अनुसार सोहना रोड स्थित सेंट्रल पार्क सोसायटी धुनेला में मंगलवार को भोंडसी थाना पुलिस स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में सुरक्षा के मद्देनजर जांच करने के लिए पहुंची। पुलिस कर्मियों ने सोसाइटी के स्टेट मैनेजर से सोसाइटी में रहने वाले लोगों की जानकारी मांगी। जिसमें रिकॉर्ड जांच करने पर सामने आया कि सोसाइटी के जे-टावर में 52 मालिकों ने अपने फ्लैट को विदेशी नागरिकों को किराए पर दिया हुआ था। फॉरनर्स एक्ट के तहत नहीं भरा सी-फार्म किराए पर देने के बाद फ्लैट मालिकों की तरफ से पुलिस को कोई सूचना नहीं दी गई और न ही फॉरनर्स एक्ट के तहत सी -फार्म भरा गया। पुलिस जांच में सामने आया कि सोसाइटी में विदेशी नागरिक काफी समय से रह रहे हैं। विदेशी नागरिकों की भी जानकारी पुलिस के द्वारा जुटाई गई। सभी के पासपोर्ट और वीजा संबंधी दस्तावेज पूरे मिले। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 52 फ्लैट मालिकों के खिलाफ भोंडसी थाने में मामला दर्ज किया गया। सभी मालिकों को नोटिस देकर बुलाया गया हैं। सभी को शामिल जांच कर जानकारी मांगी जाएगी। उनके द्वारा कब से विदेशी नागरिकों को फ्लैट किराए पर दिया गया था। 5 साल तक की सजा का प्रावधान पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि कोई विदेशी नागरिक इनके होटल, मकान, गेस्ट हाउस, फ्लैट्स में ठहरे, तो इसकी सूचना पुलिस को देना अनिवार्य है। फॉरनर एक्ट की धारा 7 की पालना के तहत सी फॉर्म भरें। नियमों का उल्लंघन करने पर फॉरनर एक्ट की धारा 14 के तहत 5 साल तक की सजा का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति FRRO की वेबसाइट indianfrro.gov.in पर रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूर्ण करके ब्यूरो ऑफ इमीग्रेशन के ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से सी फॉर्म भर सकता है।
शंभू बॉर्डर अभी नहीं खुलेगा:SC ने कमेटी बनाई, ये ट्रैक्टर हटाने के लिए किसानों से बात करेगी; कहा- मुद्दों का राजनीतीकरण नहीं हो
शंभू बॉर्डर अभी नहीं खुलेगा:SC ने कमेटी बनाई, ये ट्रैक्टर हटाने के लिए किसानों से बात करेगी; कहा- मुद्दों का राजनीतीकरण नहीं हो हरियाणा-पंजाब का शंभू बॉर्डर अभी नहीं खुलेगा। सोमवार को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम हाईपावर कमेटी गठित कर रहे हैं, लेकिन कोई मुद्दे तय नहीं कर रहे हैं। यह अधिकार कमेटी को दे रहे हैं। इस कमेटी में पंजाब और हरियाणा के अधिकारी भी शामिल हैं। हाईपावर कमेटी को आंदोलनकारी किसानों के बीच पहुंचकर अपने ट्रैक्टर हटाने का अनुरोध करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी नसीहत दी कि इस मामले का राजनीतिकरण न किया जाए। मुद्दे बहुत संवेदनशील होते हैं, इसलिए संतुलित रुख अपनाना चाहिए। पिछली 2 सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने शंभू बॉर्डर को आंशिक तौर पर यानी एक लेन खोलने को कहा था। इस मामले में किसानों की पंजाब और हरियाणा के अधिकारियों से मीटिंग भी हुई यह बेनतीजा रहीं। हरियाणा पुलिस का कहना था कि किसान दिल्ली जाएं, लेकिन ट्रैक्टर लेकर न जाएं। किसान ट्रैक्टर समेत जाने पर अड़े रहे। कोर्ट रूम लाइव पढ़ें… एएजी पंजाब: हमने वह मुद्दा दे दिया है, जिस पर किसान फैसला चाहते हैं।
जस्टिस कांत: कृपया इन मुद्दों का राजनीतीकरण न करें, हमें आज इससे ज्यादा कुछ कहने की जरूरत नहीं है। जस्टिस कांत: हम समिति का गठन कर रहे हैं, हम मुद्दे तैयार नहीं कर रहे हैं। हम समिति से ऐसा करने के लिए कह रहे हैं। जस्टिस कांत ने आदेश पढ़ते हुए कहा कि समिति किसानों के मुद्दों को हल करने के तौर-तरीकों पर गौर करेगी। जस्टिस कांत: हम शुरू में कह सकते हैं कि पंजाब व हरियाणा राज्य द्वारा सुझाए गए नाम उच्च निष्ठा वाले व्यक्ति हैं, जो कृषि में अनुभवी हैं। हम यह कहने में जल्दबाजी कर सकते हैं कि किसान वर्गों की एक बड़ी आबादी है जिस पर ध्यान देने की आवश्यकता है। जस्टिस कांत: हमें लगता है कि मुद्दों को तैयार करने के लिए हाईकोर्ट समिति से अनुरोध करना अधिक उचित होगा। पीठ का कहना है कि सदस्य सचिव मुद्दों का सूत्रीकरण हाईपावर कमेटी को दे सकते हैं। जस्टिस कांत: हमें आशा और विश्वास है कि मुद्दों पर गौर करने के लिए एक तटस्थ समिति प्रदान करने की किसानों की आकांक्षा का गठन किया जाएगा। जस्टिस कांत: किसान अपने शांतिपूर्ण आंदोलन को ऐसे आवंटित स्थलों पर स्थनांतरित करने के लिए स्वतंत्र होंगे। जस्टिस कांत: जो लोग दोनों राज्यों की जमीनी हकीकत से वाकिफ हैं, हमने एक संतुलित संरचना बनाने की कोशिश की है, किसानों के मुद्दे वास्तविक हैं, उन्हें एक तटस्थ निकाय द्वारा निपटाया जाना चाहिए, लोकतांत्रिक व्यवस्था में किसी और को अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। बेंच ने हाईकोर्ट कमेटी के सदस्य सचिव को अगली सुनवाई पर अग्रिम स्थिति रिपोर्ट रिकॉर्ड पर रखने का निर्देश दिया। एजी पंजाब: माय लॉर्ड्स ने बहुत अच्छी तरह से नोट किया कि इसका राजनीतीकरण नहीं किया जाना चाहिए।
जस्टिस कांत: मुद्दे बेहद संवेदनशील होते हैं, इसलिए संतुलन का रुख अपनाना चाहिए। शंभू बॉर्डर खोलने के लिए 2 मीटिंग विफल रहीं
शंभू बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों को मनाने के लिए 25 अगस्त को रखी गई पंजाब और हरियाणा के पुलिस अधिकारियों की बैठक विफल रही। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 5 दिन में दूसरी बार पुलिस अधिकारियों ने किसानों के साथ बैठक की थी, लेकिन किसान मानने को तैयार नहीं। किसान इस बात पर अड़े रहे कि वे अपने ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को नहीं छोड़ेंगे और इन्हीं से दिल्ली कूच करेंगे। एक घंटे तक चली इस बैठक में कोई सहमति नहीं बन पाई। पुलिस लाइन में एडीजीपी (इंटेलिजेंस) जसकरण सिंह और एआईजी संदीप गर्ग के अलावा पटियाला के डीसी व एसएसपी और हरियाणा के अंबाला जिले के एसपी और एसडीएम किसानों से बैठक करने के लिए पहुंचे थे। कोर्ट ने आंशिक तौर पर बॉर्डर खोलने के आदेश दिए थे
12 अगस्त को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शंभू बॉर्डर को आंशिक रूप से खोलने के आदेश दिए थे। कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा था कि सह हाईवेज पार्किंग की जगह नहीं हैं। एक हफ्ते के भीतर एंबुलेंस, सीनियर सिटीजंस, महिलाओं, छात्रों, आदि के लिए हाईवे की एक लेन खोली जाए। फरवरी से चल रहा संघर्ष
फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को लेकर पंजाब के किसान फरवरी-2024 से आंदोलन पर हैं। ऐसे में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने हरियाणा और पंजाब के अंबाला के पास शंभू बॉर्डर को बैरिकेड्स लगाकर बंद कर दिया था। इसके बाद लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई। किसानों ने बॉर्डर पर पंजाब की तरफ स्थायी मोर्चा बना लिया। ऐसे में वहां से आवाजाही बंद है। इसके चलते अंबाला के व्यापारियों को परेशानी हो रही है। इस कारण उन्होंने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को बॉर्डर खोलने के आदेश दिए थे, लेकिन सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई। जानिए, किसान आंदोलन में अभी तक क्या हुआ
हरियाणा में बोगस वोटिंग पर 2 पूर्व CM आमने-सामने:हुड्डा ने पूछा- सरकार आपकी, फर्जी मतदान हुआ कैसे; एक्शन लेने के लिए पावर चाहिए
हरियाणा में बोगस वोटिंग पर 2 पूर्व CM आमने-सामने:हुड्डा ने पूछा- सरकार आपकी, फर्जी मतदान हुआ कैसे; एक्शन लेने के लिए पावर चाहिए हरियाणा में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के सिरसा और रोहतक में बोगस वोटिंग पर दिए बयान पर पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पलटवार किया है। दिल्ली में पूर्व सीएम हुड्डा ने कहा है कि बोगस वोटिंग पर एक्शन लेने वाले के लिए पावर होनी चाहिए, फिर किस अधिकार से एक्शन लेने की बात की जा रही है। हुड्डा ने कहा कि जब केंद्र और राज्य में सरकार उनकी थी, पोलिंग एजेंट भी उनके थे, तब आखिर बोगस वोटिंग कैसे हो गई। कांग्रेस के CLP लीडर भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पूर्व सीएम मनोहर लाल के द्वारा अधिकारियों और कर्मचारियों को धमकाने पर पर भी सवाल उठाए हैं, उन्होंने कहा है कि वह किस हैसियत से अधिकारियों को धमका रहे हैं। हरियाणा में शांति पूर्वक वोटिंग वोटिंग को लेकर पूर्व सीएम ने कहा कि हरियाणा में बोगस वोटिंग कही नहीं हुई है। पूरे प्रदेश में शांतिपूर्वक मतदान हुआ है, इसके लिए मैं पूरे हरियाणा के लोगों को धन्यवाद देता हूं। हुड्डा दावा किया कि कांग्रेस हरियाणा में क्लीन स्वीप करने जा रही है। इस बार हरियाणा में कांग्रेस के पक्ष में लहर थी। इसकी वजह यह रही कि बीजेपी ने जो वादे किए वह पूरे नहीं किए। इसके अलावा अग्निवीर योजना को लेकर भी लोगों में काफी रोष था। अधिकारियों को कह चुके काली भेड़ें हरियाणा के पूर्व CM एवं करनाल लोकसभा प्रत्याशी मनोहर लाल ने कांग्रेस पर बोगस वोटिंग के आरोप तो लगाए ही हैं। अब उन्होंने कुछ अधिकारियों को काली भेड़ तक कह दिया है। उन्होंने कहा है कि प्रशासन में कुछ काली भेड़े हैं, जिनको मौके पर नहीं पकड़ा जाता, लेकिन बाद में देखने पर पता चल जाता है। उनकी रिपोर्ट भी बाद में आती है, लेकिन 6 जून के बाद उन सब पर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि कई जगह से कांग्रेस द्वारा बोगस वोटिंग की शिकायतें आई है और उन जगहों पर बोगस वोटिंग हुई है तो निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी। किसी को बख्शा नहीं जाएगा। पूर्व सीएम मनोहर लाल ने करनाल दौरे के दौरान यह बयान दिया है।