हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वाले कांग्रेस के 6 पूर्व विधायकों की पेंशन पर संकट मंडरा गया है। राज्य सरकार मंगलवार से शुरू हो रहे मानसून सत्र में हिमाचल विधानसभा सदस्य, पूर्व MLA पेंशन संशोधन विधेयक लाने जा रही है। इसमें 14वीं विधानसभा के लिए दिसंबर 2022 में चुन कर आए 6 विधायकों के एक साल के कार्यकाल को अवैध घोषित करने की तैयारी है। इससे पूर्व विधायकों की इस टर्म की पेंशन खत्म हो जाएगी। सूत्र बताते हैं कि इस बारे में कल हुई कैबिनेट मीटिंग में भी चर्चा हुई है। अब विधानसभा में संशोधन विधेयक लाकर सरकार इस दिशा में आगे बढ़ रही है। ऐसा हुआ तो गगरेट के पूर्व विधायक चैतन्य शर्मा और कुटलैहड़ के पूर्व MLA देवेंद्र कुमार भुट्टो को सबसे बड़ा झटका होगा, क्योंकि दोनों पहली बार चुन कर विधानसभा पहुंचे थे। इससे दोनों की पूरे जीवन भर के लिए 90 हजार रुपए से ज्यादा की पेंशन लग गई थी। वहीं धर्मशाला से विधायक सुधीर शर्मा, सुजानपुर से पूर्व विधायक राजेंद्र राणा, लाहौल स्पीति से पूर्व विधायक रवि ठाकुर और बड़सर से इंद्र दत्त लखनपाल की इस टर्म की पेंशन रुक जाएगी। सुधीर शर्मा को उनके 4 टर्म, लखनपाल को 3 टर्म और राजेंद्र राणा को 2 टर्म की पेंशन मिलती रहेगी। संशोधन विधेयक पास कराने में नहीं होगी कठिनाई विधानसभा में विधेयक पारित होने पर इन विधायकों का 14वीं विधानसभा का कार्यकाल अवैध घोषित हो जाएगा। कांग्रेस इसे आसानी से पास भी करवा देगी, क्योंकि 68 विधायकों वाली हिमाचल विधानसभा में कांग्रेस के पास 40 विधायक है। इससे संशोधन बिल पास कराने में दिक्कत नहीं होगी। पार्टी व्हिप के उलंघन पर किया था निष्कासित बता दें कि प्रदेश में इसी साल 27 फरवरी को राज्यसभा चुनाव हुआ। उसमें कांग्रेस के 6 विधायकों ने क्रॉस वोट किया। पार्टी ने 2 बार पार्टी व्हिप का उलंघन किया। इसके बाद स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने इन्हें निष्कासित किया। अब इनकी सीटों पर दोबारा विधानसभा चुनाव हो गए है। 6 में 4 पूर्व विधायक बीजेपी के टिकट पर चुनाव हार गए। धर्मशाला से सुधीर शर्मा और बड़सर से इंद्र दत्त लखनपाल बीजेपी टिकट पर दोबारा चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं। हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वाले कांग्रेस के 6 पूर्व विधायकों की पेंशन पर संकट मंडरा गया है। राज्य सरकार मंगलवार से शुरू हो रहे मानसून सत्र में हिमाचल विधानसभा सदस्य, पूर्व MLA पेंशन संशोधन विधेयक लाने जा रही है। इसमें 14वीं विधानसभा के लिए दिसंबर 2022 में चुन कर आए 6 विधायकों के एक साल के कार्यकाल को अवैध घोषित करने की तैयारी है। इससे पूर्व विधायकों की इस टर्म की पेंशन खत्म हो जाएगी। सूत्र बताते हैं कि इस बारे में कल हुई कैबिनेट मीटिंग में भी चर्चा हुई है। अब विधानसभा में संशोधन विधेयक लाकर सरकार इस दिशा में आगे बढ़ रही है। ऐसा हुआ तो गगरेट के पूर्व विधायक चैतन्य शर्मा और कुटलैहड़ के पूर्व MLA देवेंद्र कुमार भुट्टो को सबसे बड़ा झटका होगा, क्योंकि दोनों पहली बार चुन कर विधानसभा पहुंचे थे। इससे दोनों की पूरे जीवन भर के लिए 90 हजार रुपए से ज्यादा की पेंशन लग गई थी। वहीं धर्मशाला से विधायक सुधीर शर्मा, सुजानपुर से पूर्व विधायक राजेंद्र राणा, लाहौल स्पीति से पूर्व विधायक रवि ठाकुर और बड़सर से इंद्र दत्त लखनपाल की इस टर्म की पेंशन रुक जाएगी। सुधीर शर्मा को उनके 4 टर्म, लखनपाल को 3 टर्म और राजेंद्र राणा को 2 टर्म की पेंशन मिलती रहेगी। संशोधन विधेयक पास कराने में नहीं होगी कठिनाई विधानसभा में विधेयक पारित होने पर इन विधायकों का 14वीं विधानसभा का कार्यकाल अवैध घोषित हो जाएगा। कांग्रेस इसे आसानी से पास भी करवा देगी, क्योंकि 68 विधायकों वाली हिमाचल विधानसभा में कांग्रेस के पास 40 विधायक है। इससे संशोधन बिल पास कराने में दिक्कत नहीं होगी। पार्टी व्हिप के उलंघन पर किया था निष्कासित बता दें कि प्रदेश में इसी साल 27 फरवरी को राज्यसभा चुनाव हुआ। उसमें कांग्रेस के 6 विधायकों ने क्रॉस वोट किया। पार्टी ने 2 बार पार्टी व्हिप का उलंघन किया। इसके बाद स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने इन्हें निष्कासित किया। अब इनकी सीटों पर दोबारा विधानसभा चुनाव हो गए है। 6 में 4 पूर्व विधायक बीजेपी के टिकट पर चुनाव हार गए। धर्मशाला से सुधीर शर्मा और बड़सर से इंद्र दत्त लखनपाल बीजेपी टिकट पर दोबारा चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में कल तेज बारिश की चेतावनी:हिमाचल-पंजाब में मानसून की एंट्री; लुधियाना में बारिश में करंट लगने से 3 की मौत
हरियाणा में कल तेज बारिश की चेतावनी:हिमाचल-पंजाब में मानसून की एंट्री; लुधियाना में बारिश में करंट लगने से 3 की मौत हरियाणा और पंजाब में गुरुवार को मानसून की एंट्री हो गई है। मानसून उत्तराखंड से होता हुए सिरमौर जिले से हिमाचल में दाखिल हुआ। इसके बाद हिमाचल को कवर करते हुए पठानकोट के रास्ते पंजाब में एंट्री कर गया। मौसम विभाग के अनुसार, कल तक मानसून हरियाणा और चंडीगढ़ में भी एंट्री कर सकता है। 3 जुलाई तक यह पूरे इलाके को कवर कर लेगा। कल दोनों जगह तेज बारिश की चेतावनी जारी की गई है। गुरुवार को हरियाणा के अधिकतर जिलों में बादल छाए हुए हैं, लेकिन बारिश सिर्फ सिरसा जिले में देखने को मिली। विभाग ने 28 जून को प्रदेश के कई हिस्सों में तेज बारिश की संभावना जताई है। बीते 24 घंटे में अंबाला में 0.4, हिसार में 0.8, करनाल में 1, भिवानी में 11.5, गुरुग्राम में 7.5, जींद में 16, पानीपत में 0.5, रेवाड़ी में 34.5 और सोनीपत में 5.5 MM बारिश दर्ज की गई है। उधर, गुरुवार को लुधियाना में बारिश में करंट लगने से 3 लोगों की मौत हो गई। मृतकों की पहचान हरि करतार कॉलोनी निवासी मीनू मल्होत्रा (45), विजय नगर निवासी सुनील कुमार (45) और चौड़ा बाजार निवासी दिव्यांश (8) के रूप में हुई है। मीनू घर में खाना बना रही थी। उसी दौरान घर में पानी भर गया और फ्रिज से करंट लगाकर उसकी मौत हो गई। सुनील अपनी दुकान का शटर उठा रहा था। तभी बारिश में बिजली की तार टूट कर शटर पर गिर गई और उसे करंट लग गया। दिव्यांश सुबह दुकान से पनीर खरीदने के लिए गया था। रास्ते में बिजली के खंभे की चपेट में आकर उसे करंट लग गया। पंजाब के सभी जिलों में मौसम खराब पंजाब के सभी जिलों में भी मौसम खराब है। यहां मुक्तसर, लुधियाना और नवांशहर में आज सुबह तेज बारिश हुई। कुछ जगहों पर जलभराव भी हुआ। मौसम विभाग के अनुसार सुबह से शाम साढ़े 5 बजे तक लुधियाना में 11, पटियाला में 6, फरीदकोट में 6, फतेहगढ़ साहिब में 0.5, संगरूर में 7.5, एसबीएस नगर में 7 MM बारिश हुई है। हिमाचल के 7 जिलों में बारिश उधर, हिमाचल में पहाड़ों पर बारिश को लेकर एडवाइजरी जारी की गई है। स्थानीय लोगों सहित पर्यटकों के लिए भी एडवाइजरी जारी की गई है, जिसमें उन्हें अधिक ऊंचाई वाले, लैंड स्लाइड संभावित क्षेत्रों और नदी-नालों के आसपास न जाने की सलाह दी गई है। गुरुवार को ऊना, शिमला, कांगड़ा, मंडी, हमीरपुर, सोलन व सिरमौर जिले में बारिश हुई। पंजाब में बारिश और जलभराव के PHOTOS… जानें, क्या है मानसून की स्थिति
अगले 3-4 दिनों के दौरान उत्तरी अरब सागर, गुजरात, मध्यप्रदेश के शेष हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मानसून आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल होने की संभावना है। इससे राजस्थान के कुछ और जिलों, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, झारखंड और बिहार के शेष भाग, पूर्वी उत्तर प्रदेश के अधिकांश भाग, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ और हिस्सों, उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, पंजाब के उत्तरी हिस्से और हरियाणा के उत्तरी हिस्से में आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां पूरी तरह से अनुकूल है।
हिमाचल के 7 जिलों में बारिश का अलर्ट:2 दिन एक्टिव रहेगा मानसून; बीते सप्ताह सामान्य से 56% कम बादल बरसे
हिमाचल के 7 जिलों में बारिश का अलर्ट:2 दिन एक्टिव रहेगा मानसून; बीते सप्ताह सामान्य से 56% कम बादल बरसे हिमाचल प्रदेश में एक सप्ताह से कमजोर पड़ा मानसून 2 दिन तक एक्टिव रहेगा। मौसम विभाग ने आज 7 जिलों में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। अगले कल 9 जिलों में अलर्ट है। मौसम विभाग के अनुसार, बिलासपुर, कांगड़ा, कुल्लू, शिमला, मंडी, सोलन और सिरमौर जिला में आज बारिश होगी। येलो अलर्ट की चेतावनी के बीच बीती रात को शिमला में तेज बारिश हुई। कल के लिए कुल्लू, किन्नौर और लाहौल स्पीति को छोड़कर अन्य सभी जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। प्रदेश में बीते एक सप्ताह में मानसून बिल्कुल धीमा पड़ा हुआ था। 19 से 26 अगस्त के बीच सामान्य से 56 प्रतिशत कम बारिश हुई है। इस अवधि में 48.8 मिलीमीटर नॉर्मल बारिश होती है, लेकिन इस बार 21.7 मिलीमीटर ही बादल बरसे है। हमीरपुर जिला में सामान्य की तुलना में 77% कम बारिश हुई है। 19 से 26 अगस्त के बीच किस जिला में सामान्य से कितनी कम बारिश हुई मानसून सीजन में 25% कम बादल बरसे इसी तरह पूरे मानसून सीजन यानी 1 जून से 26 अगस्त के बीच भी सामान्य से 25 प्रतिशत कम बादल बरसे हैं। प्रदेश में एक भी जिला ऐसा नहीं है जहां सामान्य से ज्यादा बारिश हुई हो। मानसून सीजन में 26 अगस्त तक 584.2 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है, लेकिन इस बार 439.9 मिलीमीटर बादल बरसे है।
29 अगस्त से साफ फिर कमजोर पड़ेगा मानसून मौसम विभाग के अनुसार, आज और कल जरूर बारिश का पूर्वानुमान है, लेकिन 29 अगस्त से मानसून फिर कमजोर पड़ेगा और प्रदेशभर में मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान है।
हिमाचल उपचुनाव में भाजपा को भितरघात की आशंका:देहरा-नालागढ़ में खुलकर सामने आई नाराजगी, धवाला- हरप्रीत के रवैये से टेंशन में भाजपा
हिमाचल उपचुनाव में भाजपा को भितरघात की आशंका:देहरा-नालागढ़ में खुलकर सामने आई नाराजगी, धवाला- हरप्रीत के रवैये से टेंशन में भाजपा हिमाचल प्रदेश में होने वाले विधानसभा उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी को भितरघात की आशंका है। भाजपा ने तीनों सीटों पर निर्दलीय पूर्व विधायकों को टिकट दिया है। इससे 2022 के विधानसभा चुनाव के प्रत्याशियों के साथ-साथ भावी टिकट के दावेदार भी पार्टी से नाराज हैं। भाजपा को देहरा और नालागढ़ सीट पर भितरघात की आशंका ज्यादा है। देहरा में पूर्व मंत्री रमेश चंद धवाला ने खुलेआम ऐलान कर दिया है कि वह पार्टी प्रत्याशी होशियार सिंह के लिए वोट नहीं मांगेंगे। उनकी नाराजगी सिर्फ होशियार सिंह से ही नहीं बल्कि भाजपा हाईकमान के बड़े नेताओं से भी है। नाराज धवाला ने कहा है कि भेड़ की खाल में भेड़िये ने उनके साथ जो किया है, उसकी पाई-पाई वह लेंगे। भाजपा के कई नेताओं ने धवाला को मनाने की कोशिश की। लेकिन वह नहीं माने। इसलिए उपचुनाव में उनकी नाराजगी भाजपा के लिए परेशानी का सबब बन सकती है। नालागढ़ में बागी हरप्रीत BJP के लिए चुनौती उधर, नालागढ़ सीट पर भी भाजपा के सह-मीडिया प्रभारी हरप्रीत सिंह पार्टी से बगावत करके निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। उनके चुनाव लड़ने से भी भाजपा को यहां भी भीतरघात का डर है। हरप्रीत सिंह को भाजपा हल्के में नहीं ले रही, क्योंकि वह तीन बार के BJP के पूर्व विधायक एवं दिग्गज नेता हरि नारायण सैणी के भतीजे हैं। हरप्रीत के चुनाव लड़ने से कांग्रेस को उम्मीदें हरप्रीत सिंह के चुनाव लड़ने से कांग्रेस को बहुत ज्यादा उम्मीद है। ऐसे में बीजेपी अगर नालागढ़ में अपने कॉडर को एकजुट नहीं रख पाई तो यहां पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसी तरह 2022 के चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी लखविंदर राणा का इशारा भी बीजेपी की जीत-हार की पटकथा लिखेगा। हालांकि बीजेपी नाराज लखविंदर राणा को मनाने में कामयाब रही है। मगर उनके समर्थकों में नाराजगी है। हमीरपुर में भी अंदरखाते भाजपा नेताओं में नाराजगी हमीरपुर में भी बीजेपी को भीतरघात का डर है। निर्दलीय एवं पूर्व विधायक आशीष शर्मा को टिकट देने से बीजेपी के कई नेता अंदरखाते नाराज है। आशीष शर्मा यदि बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीतते हैं तो पूर्व विधायक नरेंद्र ठाकुर समेत युवा भाजपा नेताओं के कई साल तक चुनाव लड़ने के सपने पर पानी फिर सकता है। इससे पार्टी को यहां भी भीतरघात का डर है। कांग्रेस को तीनों सीटों पर लंबे समय से जीत नहीं लगी हाथ वहीं सत्तारूढ़ कांग्रेस को भीतरघात का ज्यादा डर नहीं है। मगर तीनों सीटों पर कांग्रेस को कई सालों से सत्ता नहीं मिल पाई है। देहरा में तो कांग्रेस एक बार भी चुनाव नहीं जीती। हमीरपुर सीट पर आखिरी बार 2007 में कांग्रेस जीती थी। इसके बाद लगातार तीन चुनाव में कांग्रेस की हार हुई है। हालांकि नालागढ़ सीट पर 2017 में कांग्रेस के लखविंदर राणा जरूर जीते थे। मगर 2022 में वह भी भाजपा में शामिल हो गए। इससे नालागढ़ में कांग्रेस की राह भी आसान नहीं है।