दिल्ली हाई कोर्ट ने 16 साल पहले बरी हुए दो लोगों ठहराया दोषी, क्या है पूरा मामला?

दिल्ली हाई कोर्ट ने 16 साल पहले बरी हुए दो लोगों ठहराया दोषी, क्या है पूरा मामला?

<p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi High Court News:</strong> दिल्ली हाई कोर्ट ने एक व्यक्ति के सिर पर जानबूझकर हमला करने के मामले में दो लोगों को 16 साल पहले बरी करने के दिए गए फैसले को पलट दिया और दोषी ठहराया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>हाई कोर्ट ने कहा कि सुनवाई कोर्ट ने घायल व्यक्ति की गवाही पर विश्वास न करने और यह टिप्पणी करने की त्रुटि की है कि यह अभियोजन पक्ष के अन्य गवाह के बयान से मेल नहीं खाती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>हाई कोर्ट ने इसी के साथ भारतीय दंड संहिता की धारा-308 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास) के आरोपों के तहत आरोपी मोहित कुमार और संदीप कुमार को अक्टूबर 2008 में सुनवाई कोर्ट द्वारा बरी किए जाने के फैसले को पलट दिया. अभियोजन पक्ष ने सुनवाई कोर्ट द्वारा आरोपियों को बरी किए जाने के आदेश को इस आधार पर चुनौती दी कि गवाहों के बयानों से घटना के बारे में कोई संदेह नहीं है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सिर पर लगाने पड़े थे 21 टांके</strong>&nbsp;<br />कोर्ट द्वारा दोनों आरोपियों को बरी करने के फैसले को पलटते हुए जज नीना बंसल कृष्णा ने कहा, &lsquo;&lsquo;निष्कर्ष यह है कि शिकायतकर्ता की लगातार गवाही से यह साबित होता है कि आरोपी ने शिकायतकर्ता पर हमला करने के लिए तेज धार वाले हथियार का इस्तेमाल किया, जिसके परिणामस्वरूप उसके सिर पर गहरा घाव हो गया, जिसके लिए 21 टांके लगाने पड़े, हालांकि इसे साधारण माना गया और स्वतंत्र परिस्थितियों से भी घटना की पुष्टि होती है.&rsquo;&rsquo;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सजा पर 30 अगस्त को बहस</strong><br />जज कृष्णा ने फैसले में कहा, &lsquo;&lsquo;यदि कोई व्यक्ति किसी पीड़ित के सिर पर धारदार हथियार से प्रहार करता है तो वह ऐसा यह जानते हुए और इस इरादे से करता है कि पीड़ित के सिर पर इस तरह के हमले या चोट के परिणामस्वरूप उसकी मृत्यु हो सकती है.&rsquo;&rsquo;</p>
<p style=”text-align: justify;”>अभियोजन पक्ष के मुताबिक 2006 में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी कि दोनों आरोपी शिकायतकर्ता मनिंदर गौतम के पास गए, उसके साथ दुर्व्यवहार किया और उसे धमकाया और फिर एक नुकीली वस्तु से उस पर हमला किया जिससे उसके सिर पर गंभीर चोट आई. &nbsp;हाई कोर्ट ने सजा पर बहस करने के लिए 30 अगस्त की तारीख तय की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”Delhi News: ‘बीजेपी एमसीडी स्टैंडिंग कमेटी में…’, देवेन्द्र यादव का बड़ा आरोप&nbsp;” href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/devender-yadav-big-allegation-on-bjp-aap-loose-public-faith-mcd-news-ann-2769311″ target=”_self”>Delhi News: ‘बीजेपी एमसीडी स्टैंडिंग कमेटी में…’, देवेन्द्र यादव का बड़ा आरोप&nbsp;</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi High Court News:</strong> दिल्ली हाई कोर्ट ने एक व्यक्ति के सिर पर जानबूझकर हमला करने के मामले में दो लोगों को 16 साल पहले बरी करने के दिए गए फैसले को पलट दिया और दोषी ठहराया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>हाई कोर्ट ने कहा कि सुनवाई कोर्ट ने घायल व्यक्ति की गवाही पर विश्वास न करने और यह टिप्पणी करने की त्रुटि की है कि यह अभियोजन पक्ष के अन्य गवाह के बयान से मेल नहीं खाती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>हाई कोर्ट ने इसी के साथ भारतीय दंड संहिता की धारा-308 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास) के आरोपों के तहत आरोपी मोहित कुमार और संदीप कुमार को अक्टूबर 2008 में सुनवाई कोर्ट द्वारा बरी किए जाने के फैसले को पलट दिया. अभियोजन पक्ष ने सुनवाई कोर्ट द्वारा आरोपियों को बरी किए जाने के आदेश को इस आधार पर चुनौती दी कि गवाहों के बयानों से घटना के बारे में कोई संदेह नहीं है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सिर पर लगाने पड़े थे 21 टांके</strong>&nbsp;<br />कोर्ट द्वारा दोनों आरोपियों को बरी करने के फैसले को पलटते हुए जज नीना बंसल कृष्णा ने कहा, &lsquo;&lsquo;निष्कर्ष यह है कि शिकायतकर्ता की लगातार गवाही से यह साबित होता है कि आरोपी ने शिकायतकर्ता पर हमला करने के लिए तेज धार वाले हथियार का इस्तेमाल किया, जिसके परिणामस्वरूप उसके सिर पर गहरा घाव हो गया, जिसके लिए 21 टांके लगाने पड़े, हालांकि इसे साधारण माना गया और स्वतंत्र परिस्थितियों से भी घटना की पुष्टि होती है.&rsquo;&rsquo;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सजा पर 30 अगस्त को बहस</strong><br />जज कृष्णा ने फैसले में कहा, &lsquo;&lsquo;यदि कोई व्यक्ति किसी पीड़ित के सिर पर धारदार हथियार से प्रहार करता है तो वह ऐसा यह जानते हुए और इस इरादे से करता है कि पीड़ित के सिर पर इस तरह के हमले या चोट के परिणामस्वरूप उसकी मृत्यु हो सकती है.&rsquo;&rsquo;</p>
<p style=”text-align: justify;”>अभियोजन पक्ष के मुताबिक 2006 में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी कि दोनों आरोपी शिकायतकर्ता मनिंदर गौतम के पास गए, उसके साथ दुर्व्यवहार किया और उसे धमकाया और फिर एक नुकीली वस्तु से उस पर हमला किया जिससे उसके सिर पर गंभीर चोट आई. &nbsp;हाई कोर्ट ने सजा पर बहस करने के लिए 30 अगस्त की तारीख तय की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”Delhi News: ‘बीजेपी एमसीडी स्टैंडिंग कमेटी में…’, देवेन्द्र यादव का बड़ा आरोप&nbsp;” href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/devender-yadav-big-allegation-on-bjp-aap-loose-public-faith-mcd-news-ann-2769311″ target=”_self”>Delhi News: ‘बीजेपी एमसीडी स्टैंडिंग कमेटी में…’, देवेन्द्र यादव का बड़ा आरोप&nbsp;</a></strong></p>  दिल्ली NCR Bihar Congress: बिहार में अब तक नहीं बन पाई प्रदेश कांग्रेस समिति, ‘आलाकमान’ की नजर हुई तिरछी!