रवनीत बिट्टू की जीत पर आज लगेगी मोहर:राजस्थान राज्यसभा चुनाव में नामांकन वापसी का आखरी दिन, निर्विरोध जीत तय

रवनीत बिट्टू की जीत पर आज लगेगी मोहर:राजस्थान राज्यसभा चुनाव में नामांकन वापसी का आखरी दिन, निर्विरोध जीत तय

पंजाब से केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्‌टू का राज्यसभा में जाना लगभग फाइनल हो गया है। आज मंगलवार उस पर मोहर भी लग जाएगी। दरअसल, राज्यसभा चुनावों के नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख आज है, और इसके बाद परिणाम की घोषणा हो जाएगी। कांग्रेस की तरफ से इन उप-चुनावों में कोई उम्मीदवार ना उतारने के फैसले से बिट्‌टू की जीत पहले ही एकतरफा हो चुकी है। कांग्रेस की तरफ से इन उप-चुनावों में उम्मीदवार ना उतारने के बाद नामांकन पत्र दाखिल करने वालों में 3 उम्मीदवार ही बचे थे। बीजेपी के डमी उम्मीदवार सुनील कोठारी अपना नामांकन पहले ही वापस ले चुके हैं। इसके अलावा निर्दलीय उम्मीदवार बबीता वाधवानी का भी नामांकन पत्र था, जिसे जांच के बाद रद्द कर दिया गया है। अब बिट्टू ही मैदान में बचे हैं। रवनीत बिट्‌टू की जीत का गणित राज्यसभा के सदस्यों को विधायक चुनते हैं। राज्यसभा के चुनाव में अपनाए जाने वाले फॉर्मूले के हिसाब से जितनी सीटें खाली होती हैं, उसमें एक जोड़कर जितनी विधानसभा सीटें होती हैं, उसमें भाग दिया जाता है। भाग के परिणाम में एक जोड़ा जाता है। इससे जो रिजल्ट आता है, उतने वोट एक सीट पर जरूरी होते हैं। राजस्थान में 1 सीट पर चुनाव होगा। इसमें 1 जोड़ेंगे तो 2 होंगे। राजस्थान में कुल 200 विधानसभा सीटें हैं, लेकिन 6 सीटें खाली हैं। ऐसे में 194 में 2 का भाग देकर रिजल्ट में 1 जोड़ेंगे तो संख्या 98 आएगी। इस तरह राज्यसभा चुनाव में जीत के लिए 98 वोट चाहिए। बीजेपी के पास 114 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के पास मात्र 66 विधायक हैं। संख्या बल के हिसाब से बीजेपी की जीत तय है। जरूरत पड़ी तो ही होगी वोटिंग राजस्थान मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख भी 27 अगस्त है। इसके बाद परिणाम की घोषणा हो जाएगी। अगर जरूरत पड़ी या कोई विरोध सामने आया तो ही 3 सितंबर को वोटिंग करवाई जाएगी। इसके बाद शाम 5.00 बजे काउंटिंग भी होगी। चुनाव प्रक्रिया 6 सितंबर तक पूरी हो जाएगी। कांग्रेस ने नहीं उतारा उम्मीदवार राज्यसभा सीट को लेकर कांग्रेस ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि पार्टी इस बार राज्यसभा सीट के चुनाव को लेकर कोई उम्मीदवार नहीं उतारेगी, क्योंकि बीजेपी के पास इस सीट को जीतने के लिए पर्याप्त संख्या बल है। ऐसी स्थिति में कांग्रेस को जीत की कोई गुंजाइश नहीं दिखने के कारण उन्होंने अपना उम्मीदवार नहीं उतारा था। दूसरी बार भी अन्य राज्य से चुनाव लड़ेंगे बिट्‌टू कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल के लोकसभा सदस्य चुने जाने के बाद खाली हुई सीट पर ये उपचुनाव हो रहा है। इस सीट पर सदस्यता का कार्यकाल 21 जून 2026 तक रहेगा। बता दें राजस्थान में कुल 10 राज्यसभा सीटें हैं। मौजूदा समय में बीजेपी के पास 4 और कांग्रेस के पास 5 सीटें हैं। ऐसे में रवनीत बिट्‌टू की सदस्यता जून 2026 में खत्म हो जाएगी। जिसके बाद केंद्रीय राज्यमंत्री बने रहने के लिए बिट्‌टू को दोबारा राज्यसभा का ही रुख करना होगा। पंजाब की बात करें तो यहां की 7 में से कोई भी सीट 2028 से पहले खाली नहीं होगी। वहीं, अगले लोकसभा चुनाव भी 2029 में ही होंगे। पंजाब से केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्‌टू का राज्यसभा में जाना लगभग फाइनल हो गया है। आज मंगलवार उस पर मोहर भी लग जाएगी। दरअसल, राज्यसभा चुनावों के नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख आज है, और इसके बाद परिणाम की घोषणा हो जाएगी। कांग्रेस की तरफ से इन उप-चुनावों में कोई उम्मीदवार ना उतारने के फैसले से बिट्‌टू की जीत पहले ही एकतरफा हो चुकी है। कांग्रेस की तरफ से इन उप-चुनावों में उम्मीदवार ना उतारने के बाद नामांकन पत्र दाखिल करने वालों में 3 उम्मीदवार ही बचे थे। बीजेपी के डमी उम्मीदवार सुनील कोठारी अपना नामांकन पहले ही वापस ले चुके हैं। इसके अलावा निर्दलीय उम्मीदवार बबीता वाधवानी का भी नामांकन पत्र था, जिसे जांच के बाद रद्द कर दिया गया है। अब बिट्टू ही मैदान में बचे हैं। रवनीत बिट्‌टू की जीत का गणित राज्यसभा के सदस्यों को विधायक चुनते हैं। राज्यसभा के चुनाव में अपनाए जाने वाले फॉर्मूले के हिसाब से जितनी सीटें खाली होती हैं, उसमें एक जोड़कर जितनी विधानसभा सीटें होती हैं, उसमें भाग दिया जाता है। भाग के परिणाम में एक जोड़ा जाता है। इससे जो रिजल्ट आता है, उतने वोट एक सीट पर जरूरी होते हैं। राजस्थान में 1 सीट पर चुनाव होगा। इसमें 1 जोड़ेंगे तो 2 होंगे। राजस्थान में कुल 200 विधानसभा सीटें हैं, लेकिन 6 सीटें खाली हैं। ऐसे में 194 में 2 का भाग देकर रिजल्ट में 1 जोड़ेंगे तो संख्या 98 आएगी। इस तरह राज्यसभा चुनाव में जीत के लिए 98 वोट चाहिए। बीजेपी के पास 114 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के पास मात्र 66 विधायक हैं। संख्या बल के हिसाब से बीजेपी की जीत तय है। जरूरत पड़ी तो ही होगी वोटिंग राजस्थान मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख भी 27 अगस्त है। इसके बाद परिणाम की घोषणा हो जाएगी। अगर जरूरत पड़ी या कोई विरोध सामने आया तो ही 3 सितंबर को वोटिंग करवाई जाएगी। इसके बाद शाम 5.00 बजे काउंटिंग भी होगी। चुनाव प्रक्रिया 6 सितंबर तक पूरी हो जाएगी। कांग्रेस ने नहीं उतारा उम्मीदवार राज्यसभा सीट को लेकर कांग्रेस ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि पार्टी इस बार राज्यसभा सीट के चुनाव को लेकर कोई उम्मीदवार नहीं उतारेगी, क्योंकि बीजेपी के पास इस सीट को जीतने के लिए पर्याप्त संख्या बल है। ऐसी स्थिति में कांग्रेस को जीत की कोई गुंजाइश नहीं दिखने के कारण उन्होंने अपना उम्मीदवार नहीं उतारा था। दूसरी बार भी अन्य राज्य से चुनाव लड़ेंगे बिट्‌टू कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल के लोकसभा सदस्य चुने जाने के बाद खाली हुई सीट पर ये उपचुनाव हो रहा है। इस सीट पर सदस्यता का कार्यकाल 21 जून 2026 तक रहेगा। बता दें राजस्थान में कुल 10 राज्यसभा सीटें हैं। मौजूदा समय में बीजेपी के पास 4 और कांग्रेस के पास 5 सीटें हैं। ऐसे में रवनीत बिट्‌टू की सदस्यता जून 2026 में खत्म हो जाएगी। जिसके बाद केंद्रीय राज्यमंत्री बने रहने के लिए बिट्‌टू को दोबारा राज्यसभा का ही रुख करना होगा। पंजाब की बात करें तो यहां की 7 में से कोई भी सीट 2028 से पहले खाली नहीं होगी। वहीं, अगले लोकसभा चुनाव भी 2029 में ही होंगे।   पंजाब | दैनिक भास्कर