महाकुंभ में मौलवी नकली नोट खपाना चाहता था:प्रयागराज में मदरसे के बच्चों का करता था इस्तेमाल; IB आतंकी कनेक्शन खंगाल रही

महाकुंभ में मौलवी नकली नोट खपाना चाहता था:प्रयागराज में मदरसे के बच्चों का करता था इस्तेमाल; IB आतंकी कनेक्शन खंगाल रही

प्रयागराज पुलिस को मदरसे में छापे जा रहे जाली नोट मामले में अहम सबूत मिले हैं। गैंग का मास्टरमाइंड मौलवी मदरसे के बच्चों को नकली नोट देकर उनसे सामान मंगवाता था। मदरसे में 6 राज्यों के करीब 70 बच्चे पढ़ रहे हैं। मामले का खुफिया एजेंसी IB ने संज्ञान में लिया है। गुरुवार को 11 बजे के करीब IB की टीम अतरसुइया के मदरसा जामिया हबीबिया मस्जिद-ए-आजम पहुंची। अधिकारियों ने आरोपी मौलवी मोहम्मद तफसीरुल का रिकॉर्ड खंगाला। क्या इस गैंग का इंटरनेशल या आतंकी कनेक्शन है? IB टीम इस एंगल पर भी जांच कर रही है। आरोपियों के डिजिटल गैजेट्स से महाकुंभ से जुड़े दस्तावेज हाथ लगे हैं। आशंका जताई गई है कि मदरसे में छापे जा रहे जाली नोटों की महाकुंभ में खपाने की तैयारी थी। 15 हजार रुपए में 45 हजार की डील करते थे DCP सिटी दीपक भूकर ने बुधवार को मदरसा जामिया हबीबिया मस्जिदे आजम पर छापा मारा था। इस दौरान वहां प्रिंटिंग मशीन से 100-100 रुपए के जाली नोट छापते हुए तीन लोग मिले। पूछताछ में उन्होंने मदरसे के प्रिंसिपल की संलिप्तता कबूल की। इसके बाद प्रिंसिपल को भी गिरफ्तार कर लिया गया। चारों आरोपियों में एक ओडिशा का रहने जाहिर खान (23) है। पुलिस जांच में पता चला कि मदरसे का मौलवी मोहम्मद तफसीरूल (25) गैंग का मास्टरमाइंड है। उसी ने जाहिर और उसके साथियों को मदरसे में रुकने के लिए कमरा दिया था। मो. अफजल (18) पुत्र मोईद अहमद और मोहम्मद शाहिद (18) दोनों मार्केट में नोट खपाने का काम करते थे। ये दोनों नोटों की कटिंग और साफ-सफाई का काम भी करते थे। पुलिस के अनुसार- 100 रुपए के एक असली नोट के बदले 3 नकली नोट बेचते थे। इनकी डील में यह तय था कि एक आदमी 15 हजार रुपए में 45 हजार रुपए के नोट की सप्लाई करेगा। IB टीम ने गुरुवार को मदरसे के बच्चों के अलावा आसपास के लोगों से पूछताछ की है। जांच में सामने आया कि मौलवी और उसके साथी नोट खरीदने वालों को ट्रायल दिखाते थे। वह मदरसे के बच्चों को पैसे देते, उन्हें पास की दुकान में भेजते। मामूली सामान, जैसे पानी की बोतल और चिप्स-कोल्ड ड्रिंक मंगवाते थे। मोबाइल में मिलीं महाकुंभ की खबरें
अब तक जांच में सामने आया है कि आरोपी जनवरी 2025 में लगने वाले महाकुंभ में नोट खपाने की तैयारी में थे। शातिर, अखबार-टीवी के अलावा इंटरनेट पर महाकुंभ से जुड़ी खबरें देखते थे। पुलिस सूत्रों का कहना है कि इनके मोबाइल के वेब सर्च में महाकुंभ से जुड़ी हिस्ट्री भी मिली है। आरोपियों को पता था कि महाकुंभ में 40 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु आएंगे। ऐसे में जाली करेंसी खपाना आसान होगा। डेढ़ महीने के मेले में ही वह कई करोड़ रुपए कमाने की फिराक में थे। ये लोग अभी से बड़े पैमाने में नोट छापने वाले पेपर यानी शीट का इंतजाम करने में जुटे थे। तफसीरुल के पिता इसी मदरसे में मौलवी थे
मौवली की पढ़ाई से प्रिंसिपल तक का सफर तय करने वाले मोहम्मद तफसीरुल आरीफीन के पिता भी इसी मदरसे के प्रिंसिपल रहे हैं। उनकी मौत के बाद कुर्सी इसे मिल गई, तो तफसीरुल गलत धंधे में उतर आया। शहर के पॉश इलाके अतरसुइया में स्थित इस मदरसे की 7 साल पहले तक साख बहुत ही अच्छी थी। तब यह मदरसा मौलाना हबीबुर्रहमान की देखरेख में चलता था। 8 साल पहले उन्होंने शासन को लिखकर दे दिया था कि वह इस मदरसे को नहीं देख सकते। मान्यता प्राप्त इस मदरसे को पहले सरकारी खर्च मिलता था। 7 साल पहले ग्रांट मिलनी बंद हो गई थी। मदरसे में करीब 70 बच्चे पढ़ाई करते हैं। यहां बच्चों की रिहायश और खाने पीने का भी इंतजाम है। बच्चों के रहने के लिए कमरे यानी हॉस्टल हैं। इस मदरसे में यूपी के अलावा बिहार, उड़ीसा, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल तक के बच्चे तालीम लेने आते हैं। किन-किन राज्यों में भिजवाए गए नोट? जांचा जा रहा इंटरनेशल कनेक्शन
IB और LIU की टीम मामले में गहनता से जांच कर रही है। मौलवी के एक साल की कॉल डिटेल खंगाली जा रही है। इसके अलावा, ये नोट कब से छापे जा रहे थे? क्या प्रयागराज के बाहर इनकी डिलीवरी की गई? मौलवी और उड़ीसा के शातिर का क्या विदेशी गैंग से कनेक्शन है? इस एंगल पर जांच हो रही है। हालांकि, DCP सिटी दीपक भूकर ने बताया- आरोपी 6 माह से प्रयागराज में नोट छापने का काम कर रहे थे। 1.30 लाख की नकली नोट मिले हैं। मौके से जो शीट बरामद की गई है, उससे चार लाख की और जाली करेंसी छापी जा सकती है। शहर में अब तक कितनी जाली करेंसी खपा चुके हैं, इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। इतना साफ है कि पांच लाख के नोट मार्केट में उतार दिए थे। हालांकि, पूछताछ में बोल रहे हैं कि ज्यादा नहीं नोट नहीं छापे थे। एक से दो लाख रुपए खपाने की बात कबूल कर रहे हैं। अब जानिए गैंग में किसका क्या काम था? कैसे हुई चारों की गिरफ्तारी? पढ़ें ये खबर… मदरसे में छाप रहे थे 100-100 रुपए के नकली नोट: प्रयागराज में मौलवी ने खपाए 5 लाख, 4 आरोपियों में एक 8वीं तो दूसरा 10वीं पास यूपी में प्रयागराज के एक मदरसे में 100-100 रुपए के जाली नोट छापे जा रहे थे। पुलिस ने यहां से 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें एक ओडिशा का रहने वाला है। इनके पास से 1.30 लाख की फेक करेंसी बरामद की गई है। पढ़ें पूरी खबर… प्रयागराज पुलिस को मदरसे में छापे जा रहे जाली नोट मामले में अहम सबूत मिले हैं। गैंग का मास्टरमाइंड मौलवी मदरसे के बच्चों को नकली नोट देकर उनसे सामान मंगवाता था। मदरसे में 6 राज्यों के करीब 70 बच्चे पढ़ रहे हैं। मामले का खुफिया एजेंसी IB ने संज्ञान में लिया है। गुरुवार को 11 बजे के करीब IB की टीम अतरसुइया के मदरसा जामिया हबीबिया मस्जिद-ए-आजम पहुंची। अधिकारियों ने आरोपी मौलवी मोहम्मद तफसीरुल का रिकॉर्ड खंगाला। क्या इस गैंग का इंटरनेशल या आतंकी कनेक्शन है? IB टीम इस एंगल पर भी जांच कर रही है। आरोपियों के डिजिटल गैजेट्स से महाकुंभ से जुड़े दस्तावेज हाथ लगे हैं। आशंका जताई गई है कि मदरसे में छापे जा रहे जाली नोटों की महाकुंभ में खपाने की तैयारी थी। 15 हजार रुपए में 45 हजार की डील करते थे DCP सिटी दीपक भूकर ने बुधवार को मदरसा जामिया हबीबिया मस्जिदे आजम पर छापा मारा था। इस दौरान वहां प्रिंटिंग मशीन से 100-100 रुपए के जाली नोट छापते हुए तीन लोग मिले। पूछताछ में उन्होंने मदरसे के प्रिंसिपल की संलिप्तता कबूल की। इसके बाद प्रिंसिपल को भी गिरफ्तार कर लिया गया। चारों आरोपियों में एक ओडिशा का रहने जाहिर खान (23) है। पुलिस जांच में पता चला कि मदरसे का मौलवी मोहम्मद तफसीरूल (25) गैंग का मास्टरमाइंड है। उसी ने जाहिर और उसके साथियों को मदरसे में रुकने के लिए कमरा दिया था। मो. अफजल (18) पुत्र मोईद अहमद और मोहम्मद शाहिद (18) दोनों मार्केट में नोट खपाने का काम करते थे। ये दोनों नोटों की कटिंग और साफ-सफाई का काम भी करते थे। पुलिस के अनुसार- 100 रुपए के एक असली नोट के बदले 3 नकली नोट बेचते थे। इनकी डील में यह तय था कि एक आदमी 15 हजार रुपए में 45 हजार रुपए के नोट की सप्लाई करेगा। IB टीम ने गुरुवार को मदरसे के बच्चों के अलावा आसपास के लोगों से पूछताछ की है। जांच में सामने आया कि मौलवी और उसके साथी नोट खरीदने वालों को ट्रायल दिखाते थे। वह मदरसे के बच्चों को पैसे देते, उन्हें पास की दुकान में भेजते। मामूली सामान, जैसे पानी की बोतल और चिप्स-कोल्ड ड्रिंक मंगवाते थे। मोबाइल में मिलीं महाकुंभ की खबरें
अब तक जांच में सामने आया है कि आरोपी जनवरी 2025 में लगने वाले महाकुंभ में नोट खपाने की तैयारी में थे। शातिर, अखबार-टीवी के अलावा इंटरनेट पर महाकुंभ से जुड़ी खबरें देखते थे। पुलिस सूत्रों का कहना है कि इनके मोबाइल के वेब सर्च में महाकुंभ से जुड़ी हिस्ट्री भी मिली है। आरोपियों को पता था कि महाकुंभ में 40 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु आएंगे। ऐसे में जाली करेंसी खपाना आसान होगा। डेढ़ महीने के मेले में ही वह कई करोड़ रुपए कमाने की फिराक में थे। ये लोग अभी से बड़े पैमाने में नोट छापने वाले पेपर यानी शीट का इंतजाम करने में जुटे थे। तफसीरुल के पिता इसी मदरसे में मौलवी थे
मौवली की पढ़ाई से प्रिंसिपल तक का सफर तय करने वाले मोहम्मद तफसीरुल आरीफीन के पिता भी इसी मदरसे के प्रिंसिपल रहे हैं। उनकी मौत के बाद कुर्सी इसे मिल गई, तो तफसीरुल गलत धंधे में उतर आया। शहर के पॉश इलाके अतरसुइया में स्थित इस मदरसे की 7 साल पहले तक साख बहुत ही अच्छी थी। तब यह मदरसा मौलाना हबीबुर्रहमान की देखरेख में चलता था। 8 साल पहले उन्होंने शासन को लिखकर दे दिया था कि वह इस मदरसे को नहीं देख सकते। मान्यता प्राप्त इस मदरसे को पहले सरकारी खर्च मिलता था। 7 साल पहले ग्रांट मिलनी बंद हो गई थी। मदरसे में करीब 70 बच्चे पढ़ाई करते हैं। यहां बच्चों की रिहायश और खाने पीने का भी इंतजाम है। बच्चों के रहने के लिए कमरे यानी हॉस्टल हैं। इस मदरसे में यूपी के अलावा बिहार, उड़ीसा, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल तक के बच्चे तालीम लेने आते हैं। किन-किन राज्यों में भिजवाए गए नोट? जांचा जा रहा इंटरनेशल कनेक्शन
IB और LIU की टीम मामले में गहनता से जांच कर रही है। मौलवी के एक साल की कॉल डिटेल खंगाली जा रही है। इसके अलावा, ये नोट कब से छापे जा रहे थे? क्या प्रयागराज के बाहर इनकी डिलीवरी की गई? मौलवी और उड़ीसा के शातिर का क्या विदेशी गैंग से कनेक्शन है? इस एंगल पर जांच हो रही है। हालांकि, DCP सिटी दीपक भूकर ने बताया- आरोपी 6 माह से प्रयागराज में नोट छापने का काम कर रहे थे। 1.30 लाख की नकली नोट मिले हैं। मौके से जो शीट बरामद की गई है, उससे चार लाख की और जाली करेंसी छापी जा सकती है। शहर में अब तक कितनी जाली करेंसी खपा चुके हैं, इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। इतना साफ है कि पांच लाख के नोट मार्केट में उतार दिए थे। हालांकि, पूछताछ में बोल रहे हैं कि ज्यादा नहीं नोट नहीं छापे थे। एक से दो लाख रुपए खपाने की बात कबूल कर रहे हैं। अब जानिए गैंग में किसका क्या काम था? कैसे हुई चारों की गिरफ्तारी? पढ़ें ये खबर… मदरसे में छाप रहे थे 100-100 रुपए के नकली नोट: प्रयागराज में मौलवी ने खपाए 5 लाख, 4 आरोपियों में एक 8वीं तो दूसरा 10वीं पास यूपी में प्रयागराज के एक मदरसे में 100-100 रुपए के जाली नोट छापे जा रहे थे। पुलिस ने यहां से 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें एक ओडिशा का रहने वाला है। इनके पास से 1.30 लाख की फेक करेंसी बरामद की गई है। पढ़ें पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर