हरियाणा के कुरुक्षेत्र के पिहोवा के गांव टिकरी के पास बीती रात नेशनल हाईवे 152 डी बड़ा दर्दनाक सड़क हादसा हो गया। बेसहारा पशु को बचाने के प्रयास में दो कारें आपस में टकरा गई। इसमें एक महिला की हुई मौत हो गई। अन्य 10 व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। घायलों को पिहोवा अस्पताल में इलाज के लिए दाखिल करवाया गया है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार दिल्ली में विवाहित एक युवती ईशानी धवन बीती रात को कार में अपने मायके पिहोवा आ रही थी। उनकी कार जब गांव टिकरी के पास पहुंची तो अचानक से एक बेसहारा पशु सामने आ गया। पशु को बचाने के प्रयास में कार अनियंत्रित होकर दूसरी कार से टकरा गई। हादसे में दोनों ही कारें बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। एक कार रोड से नीचे गिर कर पलट गई। इस भयावह हादसे में युवती की मौत हो गई। दोनों कारों में सवार 10 अन्य व्यक्तियों को चोटे लगी हैं। जानकारी के अनुसार ईशानी धवन के साथ कार में उसका पति, सास-ससुर और एक 5 वर्षीय बेटा भी मौजूद था। हादसे में इन चारों को गंभीर चोटें लगी हैं। पिहोवा के अस्पताल में इनका इलाज चल रहा है। बताया गया है कि दोनों कारें ब्रेक लगाते समय आपस में टकरा गई। दोनों कारें पलट कर सड़क के नीचे खदानों में जा कर गिरी। इनमें सवार 11 व्यक्तियों को गंभीर रूप से घायल हालत में अस्पताल पहुंचाया गया। वहां एक महिला की मौत हो गई।दोनों ही कारें अंबाला की तरफ से पिहोवा आ रही थी। देखें हादसे से जुड़े कुछ और PHOTOS… हरियाणा के कुरुक्षेत्र के पिहोवा के गांव टिकरी के पास बीती रात नेशनल हाईवे 152 डी बड़ा दर्दनाक सड़क हादसा हो गया। बेसहारा पशु को बचाने के प्रयास में दो कारें आपस में टकरा गई। इसमें एक महिला की हुई मौत हो गई। अन्य 10 व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। घायलों को पिहोवा अस्पताल में इलाज के लिए दाखिल करवाया गया है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार दिल्ली में विवाहित एक युवती ईशानी धवन बीती रात को कार में अपने मायके पिहोवा आ रही थी। उनकी कार जब गांव टिकरी के पास पहुंची तो अचानक से एक बेसहारा पशु सामने आ गया। पशु को बचाने के प्रयास में कार अनियंत्रित होकर दूसरी कार से टकरा गई। हादसे में दोनों ही कारें बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। एक कार रोड से नीचे गिर कर पलट गई। इस भयावह हादसे में युवती की मौत हो गई। दोनों कारों में सवार 10 अन्य व्यक्तियों को चोटे लगी हैं। जानकारी के अनुसार ईशानी धवन के साथ कार में उसका पति, सास-ससुर और एक 5 वर्षीय बेटा भी मौजूद था। हादसे में इन चारों को गंभीर चोटें लगी हैं। पिहोवा के अस्पताल में इनका इलाज चल रहा है। बताया गया है कि दोनों कारें ब्रेक लगाते समय आपस में टकरा गई। दोनों कारें पलट कर सड़क के नीचे खदानों में जा कर गिरी। इनमें सवार 11 व्यक्तियों को गंभीर रूप से घायल हालत में अस्पताल पहुंचाया गया। वहां एक महिला की मौत हो गई।दोनों ही कारें अंबाला की तरफ से पिहोवा आ रही थी। देखें हादसे से जुड़े कुछ और PHOTOS… हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा के शहीद मेजर की मां बोली-बहू ने तेवर बदले:कहा- सारा फंड लेकर मायके गई; घर ताला लगाया, सरकार उसे नौकरी न दे
हरियाणा के शहीद मेजर की मां बोली-बहू ने तेवर बदले:कहा- सारा फंड लेकर मायके गई; घर ताला लगाया, सरकार उसे नौकरी न दे हरियाणा के पानीपत के शहीद मेजर आशीष धौंचक की शहादत को 1 साल भी पूरा नहीं हुआ है, लेकिन उनके मां-बाप अब इधर-उधर भटकने को मजबूर हो गए हैं। सरकार की ओर से तमाम घोषणाएं की गई। शहादत फंड भी मिला, इसके बाद भी मां-बाप का बुढ़ापा अंधकार में है। क्योंकि इकलौते बेटे की शहादत के बाद मां-बाप की आस उनकी बहू और पोती है, जोकि अब उनसे दूर चली गई। परिवार का आरोप है कि बहू सरकार से मिलने वाली राशि, घर-मकान समेत अन्य लाभ अपने नाम करवा कर मायके चली गई। कई माह बीत जाने के बाद वह वापस नहीं लौटी। यहां तक कि उसने और उसके परिवार वालों ने बातचीत तक करनी बंद कर दी। जिसके बाद मां-बाप ने हरियाणा पंचायत मंत्री एवं पानीपत ग्रामीण विधानसभा से विधायक महीपाल ढांडा के जरिए सीएम नायब सिंह सैनी से गुहार लगाई है। जिसमें उन्होंने सरकारी नौकरी उनकी बहू को न दिए जाने समेत अन्य मांग रखी है। सीएम ने उचित फैसला लिए जाने का आश्वासन दिया है। आखिरी चेक पर साइन करवा कर चली गई बहू
दैनिक भास्कर से विशेष बातचीत में शहीद की मां कमला ने बताया कि 13 सितंबर 2023 को उनका इकलौता बेटा मेजर आशीष धौंचक (36) जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हो गया था। बेटे की शहादत के बाद से बहू ज्योति ने अपने तेवर बदल लिए थे। जब तक सरकार की ओर से निर्धारित पूरी राशि नहीं मिली वह बहुत प्यार से बात करती थी। आखिर चेक आने पर उसने घर से जाने का प्लान बना लिया था। शहादत के कुछ समय बाद ही उसने जींद स्थित अपने मायका में 7 दिन जाने की बात कही थी। इसके बाद वह अपनी ढाई साल की बेटी वामिनी को लेकर घर से चली गई और वापस नहीं लौटी। 30 तोला सोना भी ले गई ज्योति
ज्योति से जब भी बात करते हैं, वह कभी भी वापस न आने की बात कहती है। उसके मां-बाप से बात की तो उन्होंने भी बात करने से मना कर दिया। इतना ही नहीं पंचायती, सामाजिक तौर पर भी उन्होंने किसी भी तरह की बात करने से मना कर दिया। मां ने कहा कि ज्योति जाते समय घर से 30 तोला सोना भी ले गई है। इसके अलावा फरीदपुर टीडीआई में नवनिर्मित मकान, जोकि आधा आशीष के नाम था वह भी अपने नाम करवा गई। जाते हुए उसने घर के ऊपर वाले हिस्से में ताला लगा दिया था। उन्होंने कहा कि वह सरकार से मांग करती हैं कि उनकी बहू ज्योति को सरकारी नौकरी देने का जो प्रस्ताव मंजूर हुआ था, वह नामंजूर किया जाए। क्योंकि ज्योति उनके साथ नहीं रहती है। वह इस नौकरी को अपनी बेटी को दिलवाना चाहती है। क्योंकि बेटी ही उनकी सेवा कर रही है। ये बात पॉलिसी में भी लिखा है कि जिसे नौकरी दी जाएगी, अगर वह मां-बाप की केयर नहीं करेगा/करेगी, तो उसकी नौकरी को मां-बाप के कहने पर नामंजूर किया जाएगा। इसके अलावा मां ने यह भी कहा कि भारतीय सेना की ओर से भी उन्हें कोई मदद नहीं मिली है। वह अपने कैंटीन कार्ड बनवाने के लिए भी जद्दोजहद कर रही हैं। सेना से कई बार संपर्क किया। सेना की ओर से उन्हें मेडिकल सुविधा भी नहीं दी गई। पंचायत मंत्री ने CM के सामने उठाया मामला
इस मामले को पंचायत मंत्री महीपाल ढांडा ने मुख्यमंत्री नायब सैनी के सामने रखा। उन्होंने कहा कि कि हमारे बिंझौल गांव का रहने वाला शहीद मेजर धौंचक का परिवार भटक गया है। उसकी पत्नी ज्योति ने तेहरवीं रस्म भी नहीं होने दी थी और वह चली गई। वह अपना तमाम हिस्सा ले गई। घर पर भी आकर वह ताला लगा गई। उसकी नौकरी का हरियाणा सरकार ने प्रस्ताव मंजूर कर लिया है, लेकिन अब जब वह यहां है नहीं तो उसकी जगह पर आशीष की बहन को नौकरी दी जाए। शहीद के नाम पर एक पार्क, स्टैच्यू और सरकारी भवन का नाम दिया जाने की भी घोषणा की थी। हमारी मांग है कि पानीपत के बस स्टैंड का नामकरण शहीद मेजर आशीष धौंचक के नाम पर हो। जिस परिवार का बेटा शहीद हुआ था, उसके मां-बाप दर-दर भटकने को मजबूर हैं, उनके साथ न्याय किया जाए। 3 बहनों के इकलौते भाई थे मेजर, चचेरा भाई भी मेजर
मेजर आशीष 3 बहनों के इकलौते भाई थे। उनकी तीनों बहनें अंजू, सुमन और ममता शादीशुदा हैं। उनकी मां कमला गृहिणी और पिता लालचंद NFL से सेवामुक्त हुए हैं। उनके चाचा का बेटा विकास भी भारतीय सेना में मेजर हैं। लेफ्टिनेंट भर्ती हुए थे, प्रमोट होकर मेजर बने
आशीष ने केंद्रीय विद्यालय में पढ़ाई की थी। 12वीं के बाद उन्होंने बरवाला के कॉलेज से बीटेक इलेक्ट्रॉनिक की। इसके बाद वह एमटेक कर रहे थे। इसका एक साल पूरा हुआ था कि 25 साल की उम्र में 2012 में भारतीय सेना में बतौर लेफ्टिनेंट भर्ती हुए थे। इसके बाद वह बठिंडा, बारामूला और मेरठ में तैनात रहे। 2018 में प्रमोट होकर मेजर बन गए। ढाई साल पहले उन्हें मेरठ से राजौरी में पोस्टिंग मिली। जिसके बाद वह परिवार को साथ नहीं ले गए। उन्होंने पानीपत के सेक्टर 7 में मकान लिया और उन्हें यहां छोड़ दिया। सरकार ने ये किया था ऐलान
पूर्व सीएम मनोहर लाल ने शहीद मेजर आशीष धौंचक के नाम पर टीडीआई में पार्क और पैतृक गांव बिंझौल में स्वागत द्वार बनाने की बात कही थी। साथ ही शहीद परिवार को सरकार की तरफ से 50 लाख रुपए नकद और पत्नी ज्योति को योग्यता अनुसार सरकारी नौकरी दिए जाने का ऐलान किया था। ये खबर भी पढ़ें… शहीद मेजर आशीष का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार:मेजर भाई ने मुखाग्नि दी; अंतिम यात्रा में हाथ जोड़े रहीं मां, बहन करती रही सैल्यूट कश्मीर के अनंतनाग में 13 सितंबर को आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद मेजर आशीष धौंचक (36) का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव बिंझौल में हुआ। उन्हें चचेरे भाई मेजर विकास ने मुखाग्नि दी। इससे पहले सिख रेजीमेंट के जवानों ने उन्हें गन सैल्यूट दिया। शहीद मेजर की अंतिम यात्रा पानीपत TDI सिटी से 14 किमी दूर उनके गांव बिंझौल पहुंची। यात्रा के साथ एक किलोमीटर लंबे काफिले में करीब 10 हजार लोग शामिल हुए। सड़क के दोनों तरफ खड़े लोगों ने आशीष की पार्थिव देह पर फूल बरसाकर उन्हें विदा किया। (पूरी खबर पढ़ें)
पलवल में पति ही निकला पत्नी का हत्यारा:अफेयर के शक में दिया वारदात को अंजाम, पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार
पलवल में पति ही निकला पत्नी का हत्यारा:अफेयर के शक में दिया वारदात को अंजाम, पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार पलवल में पति ने अफेयर के शक में अपनी पत्नी की हत्या कर शव को सड़क किनारे फेंक दिया था। इस ब्लाइंड मर्डर की गुत्थी को सुलझाते हुए हथीन थाना पुलिस ने आरोपी पति को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने आरोपी को अदालत में पेश कर पूछताछ के लिए 5 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया है। रिमांड के दौरान आरोपी से वारदात को लेकर पूछताछ की जा रही है। हत्या के बाद सड़क पर फेंका शव हथीन थाना प्रभारी छत्रपाल ने बताया कि 24 जून को मिंडकौला पुलिस चौकी इंचार्ज अनिल कुमार को सूचना मिली कि मिंडकोला-मढनाका मार्ग पर एक महिला का शव पड़ा हुआ है। शव के पास मिले आधार कार्ड से मृतक की पहचान कैलाश नगर पलवल निवासी शिवांगी पुत्री गोपीराम रूप में हुई। मृतका के गले एवं सिर पर चोट के निशान के आधार पर पुलिस ने मृतका के पिता गोपीराम की शिकायत पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया था। पति ने ही की थी पत्नी की हत्या गोपीराम ने शिकायत में कहा था कि उसकी बेटी शिवांगी 23 जून को सुबह वृंदावन जाने कि लिए कह कर गई थी। जब उसके फोन पर काफी बार सम्पर्क किया, लेकिन फोन नहीं मिला। गोपीराम की शिकायत के आधार पर अज्ञात हत्या आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई। मामले की जांच कर रहे चौकी प्रभारी अनिल कुमार ने बताया कि मामले की प्रत्येक एंगल से बारीकी से जांच करते हुए शक होने पर मृतका के पति ताराका गांव निवासी राजेश को पलवल-आगरा चौक से हिरासत में ले लिया। हिरासत में लेकर पूछताछ में पूरा मामले से पर्दा उठ गया। पुलिस ने आरोपी को रिमांड पर लिया पूछताछ में राजेश ने बताया कि उसने अपनी पत्नी का किसी अन्य के साथ अफेयर के चलते शक के आधार पर हत्या की इस वारदात को अंजाम दिया है। आरोपी को बुधवार को अदालत में पेश किया गया। जहां से पूछताछ और हत्या में प्रयुक्त सामान को बरामद करने के लिए 5 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है। रिमांड के दौरान आरोपी से वारदात में शामिल किसी अन्य व्यक्ति के होने के बारे भी गहनता से पूछताछ की जा रही है।
कुरूक्षेत्र में भाजपा नेता सत्यप्रकाश जरवाता बोले:दलित विरोधी रही कांग्रेस पार्टी, अनुसूचित जाति समाज के लिए ऑक्सीजन
कुरूक्षेत्र में भाजपा नेता सत्यप्रकाश जरवाता बोले:दलित विरोधी रही कांग्रेस पार्टी, अनुसूचित जाति समाज के लिए ऑक्सीजन हरियाणा के अनुसूचित जाति मोर्चा भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सत्यप्रकाश जरवाता सोमवार को कुरूक्षेत्र में पहुंचे। जहां पर उन्होंने एक होटल में पत्रकार वार्ता की। उन्होंने कहा कि हमारे दलित समाज के लिए अनुसूचित जाति समाज के लिए एक ऑक्सीजन है। हमारे देश के अंदर हम बिना आरक्षण और प्रतिनिधित्व कि हम कल्पना भी नहीं कर सकते जिस तरह से एक मनुष्य के शरीर में खून निकाल दिया जाए। भेदभाव का शिकार होना पड़ा इस तरह रिजर्वेशन हमारा प्रेजेंटेशन सुनिश्चित करता है। हजारों साल तक हमारे दलित समाज को ,हमारे पूर्वजों को राजनीतिक तौर पर, सामाजिक तौर पर आर्थिक तौर पर, शैक्षणिक तौर पर और तरह-तरह के भेदभाव का शिकार होना पड़ा है। बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने 1932 एक्ट के समय प्रतिनिधित्व का अधिकार अनुसूचित जाति के समाज को दिलाया था। आजादी को 50 साल से ज्यादा हो गए जब सरकार उसके बाद बनी 2014 तक उन लोगों का दायित्व था कि जब देश की आजादी को 50 साल से ज्यादा हो गए और तब तक भी दलित समाज को अपनी बराबरी का हक नहीं दिला पाए, तो निश्चित तौर पर जो देश के अंदर शासन चलाने का उन लोगों का दायित्व बनता है कि एक लंबे समय तक कांग्रेस पार्टी का शासन हमारे देश में रहा और जब जब दलित समाज का युवा कोई भी हो। राहुल के बयान का बेस बहुत पुराना भारत के संविधान को बाबा साहब को पढ़ता है, तो उनको पता लगता है कि किस तरह से कांग्रेस पार्टी ने दलित समाज के साथ अत्याचार किया और यह जो कहानी आज राहुल गांधी ने कांग्रेस के नेता ने अमेरिका में यूनिवर्सिटी में कही है कि मुझे मौका मिला तुम्हें रिजर्वेशन खत्म कर दूंगा। यह ऐसे ही नहीं कहा इसका बेस बहुत पुराना है।