देहरा में बन रहे नए भवन के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार भूमि की तलाश कर रही है। इसी कड़ी में हनुमान चौक के पास रेशम विभाग की जगह का मुआयना स्वयं मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और देहरा के विधायक कमलेश ठाकुर ने किया था। मौके पर सभी विभागीय अधिकारी भी मौजूद रहे। तब मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने रेशम विभाग की भूमि के अधिग्रहण की बात कही थी। साथ ही इंडस्ट्री डिपार्टमेंट के तहत आवंटित शेडों और दुकानों को न छोड़ने को कहा था। अब अधिकारी मुख्यमंत्री की बात को ना मानते हुए जबरन इंडस्ट्री डिपार्टमेंट की आवंटित भूमि को भी कब्जाने की फिराक में हैं। अगर ऐसा हुआ तो सभी मालिक कोर्ट का रुख अपनाएंगे। इस बारे में सभी इंडस्ट्री मालिक एक मीटिंग भी कर चुके हैं। शनिवार को धर्मशाला में डीसी कांगड़ा की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद इंडस्ट्री मालिक भयभीत हैं। विधायक कमलेश ठाकुर ने भी आश्वासन दिया है कि किसी भी इंडस्ट्री की जमीन का अधिग्रहण नहीं होगा। देहरा में सिर्फ विकास को बढ़ावा देना हमारा मकसद है किसी के व्यापार को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि देहरा में नए खोले गए दफ्तरों के लिए लैंड बैंक तैयार किया जा रहा है। उसी के चलते देहरा में विभिन्न स्थानों का निरीक्षण किया है। एसडीएम देहरा शिल्पी बेक्टा ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। अगर भूमि अधिग्रहण होगा तो वह डायरेक्ट्रेट लेवल पर ही होगा। देहरा में बन रहे नए भवन के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार भूमि की तलाश कर रही है। इसी कड़ी में हनुमान चौक के पास रेशम विभाग की जगह का मुआयना स्वयं मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और देहरा के विधायक कमलेश ठाकुर ने किया था। मौके पर सभी विभागीय अधिकारी भी मौजूद रहे। तब मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने रेशम विभाग की भूमि के अधिग्रहण की बात कही थी। साथ ही इंडस्ट्री डिपार्टमेंट के तहत आवंटित शेडों और दुकानों को न छोड़ने को कहा था। अब अधिकारी मुख्यमंत्री की बात को ना मानते हुए जबरन इंडस्ट्री डिपार्टमेंट की आवंटित भूमि को भी कब्जाने की फिराक में हैं। अगर ऐसा हुआ तो सभी मालिक कोर्ट का रुख अपनाएंगे। इस बारे में सभी इंडस्ट्री मालिक एक मीटिंग भी कर चुके हैं। शनिवार को धर्मशाला में डीसी कांगड़ा की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद इंडस्ट्री मालिक भयभीत हैं। विधायक कमलेश ठाकुर ने भी आश्वासन दिया है कि किसी भी इंडस्ट्री की जमीन का अधिग्रहण नहीं होगा। देहरा में सिर्फ विकास को बढ़ावा देना हमारा मकसद है किसी के व्यापार को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि देहरा में नए खोले गए दफ्तरों के लिए लैंड बैंक तैयार किया जा रहा है। उसी के चलते देहरा में विभिन्न स्थानों का निरीक्षण किया है। एसडीएम देहरा शिल्पी बेक्टा ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। अगर भूमि अधिग्रहण होगा तो वह डायरेक्ट्रेट लेवल पर ही होगा। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल के रोहतांग दर्रे में बर्फबारी:झूम उठे पर्यटक, 5 दिनों तक प्रदेश में बारिश की संभावना नहीं
हिमाचल के रोहतांग दर्रे में बर्फबारी:झूम उठे पर्यटक, 5 दिनों तक प्रदेश में बारिश की संभावना नहीं हिमाचल प्रदेश के दूरदराज जिले लाहौल स्पीति में रोहतांग दर्रे के पास ताजा बर्फबारी हुई है। बर्फबारी देखकर रोहतांग घूमने आए पर्यटकों के चेहरे खिल उठे हैं और उन्होंने खुशी के साथ बर्फबारी का लुत्फ उठाया। हालांकि हिमाचल में मानसून की विदाई के बाद अक्टूबर माह में प्रदेश में सूखे जैसे हालात बन रहे हैं। 1 से 17 अक्टूबर के बीच प्रदेश में सामान्य से 96 फीसदी कम बारिश हुई है। इस अवधि में सामान्य बारिश 17.5 मिमी होती है, लेकिन इस बार अक्टूबर माह में मात्र 0.7 मिमी ही बादल बरसे हैं। प्रदेश के 12 में से 10 जिलों में एक मिलीमीटर या इससे कम बारिश दर्ज की गई है। अगले 5 दिनों तक प्रदेश में बारिश की कोई संभावना नहीं है। ऊना जिले में 8.6 मिमी, मंडी में 3.7 मिमी और कांगड़ा में 1 मिमी बारिश हुई है। लगातार धूप खिलने से प्रदेश का न्यूनतम और अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक है। इसके चलते इस बार ठंड भी देरी से दस्तक देगी।
23 अक्टूबर को ऊंचे पहाड़ों पर हल्की बारिश – बर्फबारी के आसार मौसम विभाग के अनुसार 22 अक्तूबर तक मौसम साफ रहेगा। हालांकि 23 अक्टूबर को ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की बारिश और बर्फबारी के आसार हैं। इस दिन लाहौल स्पीति, चंबा, किन्नौर और कांगड़ा की ऊंची चोटियों पर हल्की बर्फबारी हो सकती है। न्यूनतम तापमान सामान्य से 1 डिग्री अधिक और अधिकतम तापमान भी सामान्य से 1.5 डिग्री सेल्सियस अधिक है। प्रदेश का औसत अधिकतम तापमान इस समय सामान्य से 1.5 डिग्री अधिक है। आमतौर पर ठंडे रहने वाले केलांग के तापमान में पिछले दो सप्ताह से धूप खिलने से सामान्य के मुकाबले अधिकतम 6.6 डिग्री का उछाल आया है। केलांग का तापमान 17.6 डिग्री सेल्सियस है। ऊना का अधिकतम तापमान 34.4 डिग्री सेल्सियस है। प्रदेश में सात शहर ऐसे हैं जहां तापमान 30 डिग्री या इसके आसपास है।
हिमाचल में कठिन श्रीखंड यात्रा शुरू, 32 किमी का ट्रैक:संकरा रास्ता, बर्फ के ग्लेशियर-बड़ी चट्टानें करनी पड़ती पार, 4 श्रद्धालुओं की हो चुकी मौत
हिमाचल में कठिन श्रीखंड यात्रा शुरू, 32 किमी का ट्रैक:संकरा रास्ता, बर्फ के ग्लेशियर-बड़ी चट्टानें करनी पड़ती पार, 4 श्रद्धालुओं की हो चुकी मौत उत्तर भारत की कठिन श्रीखंड महादेव यात्रा रविवार से शुरू हो गई है। पिछले कल और आज लगभग 3200 श्रद्धालु अलग-अलग जत्थों में श्रीखंड के लिए रवाना कर दिए गए हैं। श्रद्धालुओं का पहला जत्था कल सुबह यानी मंगलवार को श्रीखंड पहुंचेगा। यहां भगवान भोले के दर्शन के बाद वापस लौटेगा। 27 जुलाई तक इसी तरह अलग-अलग जत्थों में सैकड़ों श्रद्धालु भोले के दर्शन करेंगे। श्रद्धालु 32 किलोमीटर के खतरनाक रास्ते से पैदल चलकर भगवान के दर्शन के लिए श्रीखंड पहुंचते हैं। यह दुनिया की सबसे खतरनाक ट्रैकिंग वाली धार्मिक यात्रा मानी जाती है। इसमें श्रद्धालुओं को ग्लेशियर, पहाड़ और खाई के ऊपर खड़ी चढ़ाई चढ़नी पड़ती है। इस यात्रा को सुलभ बनाने के लिए श्रीखंड ट्रस्ट समिति और कुल्लू जिला प्रशासन ने इस बार पुख्ता इंतजाम किए हैं। पांच जगह बेस कैंप बनाए गए हैं, जहां स्वास्थ्य जांच के बाद श्रद्धालुओं को आगे भेजा जाएगा। बेस कैंप की जगह ठहरने व खाने-पीने की भी व्यवस्था की गई है। ठहरने के लिए प्राइवेट टैंट तथा खाने के लिए ट्रस्ट द्वारा जगह-जगह लंगर लगाए गए हैं। यहां बनाए गए पांच बेस कैंप
श्रीखंड यात्रा के लिए सिंहगड़ में पहला बेस कैंप बनाया गया। इसके अलावा थाचरू, कुनशा, भीम द्वार और पार्वती बाग में बेस कैंप बनाए गए हैं। इसमें सेक्टर मजिस्ट्रेटों और उनके साथ पुलिस अधिकारी/इंचार्ज के अलावा मेडिकल स्टाफ और रेस्क्यू टीमें भी तैनात की गई हैं। पहली बार बचाव दल SDRF की यूनिट तैनात
इस यात्रा में पहली बार बचाव दल SDRF की यूनिट को पार्वती बाग में तैनात किया गया है, क्योंकि संकरे रास्ते की वजह से इस यात्रा के दौरान कई बार हादसे हो जाते हैं। खासकर बरसात की वजह से इस यात्रा में बाधा आती है। 2011 से अब तक श्रीखंड यात्रा के दौरान लगभग 42 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। इस बार भी आधिकारिक यात्रा शुरू होने से पहले ही 4 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। ऑनलाइन पंजीकरण को बनाया पोर्टल
बाहरी राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ऑनलाइन पंजीकरण पोर्टल बनाया गया है। किसी भी श्रद्धालु को बिना पंजीकरण के श्रीखंड नहीं भेजा जा रहा। ऑफलाइन भी इसके लिए पंजीकरण किया जा रहा है। पंजीकरण की फीस 250 रुपए रखी गई है। कई बार होती है ऑक्सीजन की कमी
18,570 फीट ऊंचाई पर श्रीखंड महादेव तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को 32 किलोमीटर का पैदल सफर करना पड़ता है। श्रद्धालुओं को संकरे रास्तों, बर्फ के चार ग्लेशियरों और बड़ी-बड़ी चट्टानों से होकर गुजरना पड़ता है। अधिक ऊंचाई के कारण कई बार यहां ऑक्सीजन का लेवल भी कम हो जाता है। इससे श्रद्धालुओं को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। पार्वती बाग से आगे कुछ ऐसे क्षेत्र पड़ते हैं, जहां ऑक्सीजन की कमी के चलते दिक्कतें पेश आती हैं। ऐसी स्थिति में श्रद्धालुओं को समय रहते उपचार या वापस नीचे नहीं उतारा जाता तो इससे जान का खतरा पैदा हो जाता है। श्रीखंड के रास्ते में ये मनोरम स्थल
श्रीखंड के रास्ते में पार्वती बाग, भीम द्वार, नैन सरोवर, भीम बही, थाचड़ू, बराटी नाला सहित कई मनोरम स्थल हैं। पार्वती बाग में फूलों का बगीचा है, जहां फूलों की खुशबू सभी को मंत्रमुग्ध कर देती है। रास्ते में कई तरह की जड़ी बूटियां भी हैं। यात्रा के लिए प्रशासन के इंतजाम
श्रीखंड यात्रा ट्रस्ट के अनुसार, सिंगगाड बेस कैंप और कुंशा में मेडिकल सहायता कैंप के अलावा भीडवारी, पार्वती बाग और थाचड़ू में कैंप बनाए गए हैं। जहां मेडिकल टीमें, दवाइयां और ऑक्सीजन की व्यवस्था के अलावा रेस्क्यू टीमें और पुलिस एवं होमगार्ड के जवान किसी भी आपात स्थिति से निपटने को तैयार रहते हैं। कैसे पहुंचे श्रीखंड
श्रीखंड महादेव पहुंचने के लिए शिमला जिला के रामपुर से कुल्लू जिला के निरमंड होकर बागीपुल और जाओ तक गाड़ियों व बस में पहुंचना पड़ता है। जहां से आगे 32 किलोमीटर की दूरी पैदल तय करनी होती है। ये है मान्यता
मान्यता है कि श्रीखंड की चोटी पर भगवान शिव का वास है। इसके शिला रूपी इस शिवलिंग की ऊंचाई करीब 72 फीट है। 4000 लोग ऑनलाइन पंजीकरण करवा चुके
निरमंड के SDM मनमोहन शर्मा ने बताया कि इस बार यात्रा के लिए 21 जून से ऑनलाइन पंजीकरण शुरू हुआ था। अब तक 4000 लोग ऑनलाइन पंजीकरण करवा चुके हैं और रोजाना जब श्रद्धालु इस यात्रा को पहुंच रहे हैं, उस दौरान ऑफलाइन पंजीकरण चल रहा है। उन्होंने बताया कि आधिकारिक यात्रा शुरू होने के बाद पहला जत्था कल सुबह भगवान भोले के दर्शन करेगा। बीते साल भारी बारिश के बाद स्थगित करनी पड़ी यात्रा
श्रीखंड महादेव की यात्रा बीते साल भारी बारिश के कारण तीन दिन बाद रद्द करनी पड़ी थी। पिछली बरसात में प्रदेश में सबसे ज्यादा तबाही कुल्लू जिला में हुई थी। इसका असर इस यात्रा पर भी पड़ा था। देशभर से श्रीखंड पहुंचते हैं श्रद्धालु
श्रीखंड यात्रा में हिमाचल के अलावा देश के कोने-कोने और नेपाल से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन को पहुंचते हैं। इसलिए जिला प्रशासन और श्रीखंड ट्रस्ट के लिए लोगों के जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित बनाना चुनौती रहेगा। प्रदेश में इस बार यात्रा के लिए मौसम अनुकूल बना हुआ है और बारिश नहीं हो रही। इससे मंदिर सेवा ट्रस्ट को उम्मीद है कि श्रीखंड यात्रा के लिए श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा होगा।