सीएम योगी अखिलेश के मैनपुरी में हैं। उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा- सपा के DNA में गुंडागर्दी है। इस धरती को पहचान का मोहताज करने वाले कौन लोग हैं? ये वही लोग हैं, जिन्होंने आपके सामने पहचान का संकट खड़ा किया। प्रदेश के सामने अस्तित्व का संकट खड़ा किया। ये विकास कार्यों में लूट मचाने वाले लोग हैं। इनका कारनामा वही है, जो अयोध्या में एक बेटी के साथ सपा नेता ने किया। सीएम योगी अखिलेश के मैनपुरी में हैं। उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा- सपा के DNA में गुंडागर्दी है। इस धरती को पहचान का मोहताज करने वाले कौन लोग हैं? ये वही लोग हैं, जिन्होंने आपके सामने पहचान का संकट खड़ा किया। प्रदेश के सामने अस्तित्व का संकट खड़ा किया। ये विकास कार्यों में लूट मचाने वाले लोग हैं। इनका कारनामा वही है, जो अयोध्या में एक बेटी के साथ सपा नेता ने किया। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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69,000 शिक्षक भर्ती…योगी ने संभाली कमान:नई मेरिट से शिक्षकों की नहीं जाएगी नौकरी, टीचरों के लिए रास्ता निकालेगी सरकार
69,000 शिक्षक भर्ती…योगी ने संभाली कमान:नई मेरिट से शिक्षकों की नहीं जाएगी नौकरी, टीचरों के लिए रास्ता निकालेगी सरकार हाईकोर्ट ने 69,000 सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा का परिणाम नए सिरे से जारी करने का आदेश दिया है। सरकार भी इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील नहीं करेगी, लेकिन नई मेरिट लिस्ट से सामान्य और ओबीसी वर्ग के जो शिक्षक प्रभावित होंगे उनकी नौकरी नहीं जाएगी। सरकार मेरिट से बाहर होने वाले शिक्षकों को किसी न किसी रूप में शिक्षण कार्य में लगाने का रास्ता तलाश रही है। मामले में बढ़ती राजनीति को देखते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने खुद कमान संभाल ली है। मुख्यमंत्री ने साफ निर्देश दिए हैं कि किसी भी अभ्यर्थी के साथ अन्याय नहीं होगा। सूत्रों के मुताबिक रविवार रात मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित बैठक में तय हुआ कि नई मेरिट के कारण सामान्य और ओबीसी वर्ग के जो शिक्षक प्रभावित होंगे उनकी नौकरी नहीं जाएगी। सरकार का प्रयास है कि अब इस मामले को जल्द से जल्द सुलझाया जाए ताकि विपक्ष के पास कोई मुद्दा न रहे। 31 मार्च तक काम कर सकेंगे प्रभावित शिक्षक बेसिक शिक्षा विभाग जल्द ही हाईकोर्ट के आदेश के तहत 69,000 सहायक अध्यापक भर्ती की नई मेरिट तैयार करेगा। नई मेरिट शिक्षक भर्ती सेवा नियमावली 1981 और आरक्षण अधिनियम के नियमों के अनुसार ही जारी होगी। नई मेरिट बनने के बाद भी पुराने चयनित शिक्षकों पर असर नहीं पड़ेगा। वह 31 मार्च 2025 तक काम करते रहेंगे। यानी वर्तमान शैक्षिक सत्र में उनकी नौकरी पर कोई संकट नहीं होगा। …तो क्या रास्ता अपनाएगी सरकार उन्हें नौकरी में बनाए रखने के लिए विधिक, वित्तीय और प्रशासनिक परीक्षण के बाद प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। प्रस्ताव को कैबिनेट से भी मंजूर कराया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक सरकार की कोशिश है कि भर्ती से प्रभावित होने वाले शिक्षकों को पहले समायोजित करने का रास्ता निकाला जाए। इसके बाद ही नई मेरिट जारी की जाए। सरकार की सियासी मजबूरी 69,000 सहायक अध्यापक भर्ती को लेकर प्रदेश में राजनीति तेज हो गई है। एक तरफ विपक्ष सरकार को घेर कर ओबीसी व दलित युवाओं को साधने की कोशिश कर रहा है। वहीं, दूसरी ओर सरकार के सहयोगी दल भी वोट बैंक की राजनीति के लिए विपक्ष के सुर में सुर मिला रहे हैं। अपना दल (एस) की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल लगातार इस मुद्दे को लेकर हमलावर हैं। वह बार-बार बताने का प्रयास कर रही हैं कि ओबीसी आयोग ने भी भर्ती में आरक्षण नियमानुसार देने का फैसला सुनाया था। लेकिन सरकार ने उसे नहीं माना। जानकार मानते हैं कि नई मेरिट सूची से ओबीसी और दलित वर्ग के कई वंचित अभ्यर्थियों को चयन का मौका मिल जाएगा। ओबीसी और दलितों के बीच इसका फायदा लेने में भाजपा सरकार कितनी सफल होगी इसका तो पता नहीं है, लेकिन विपक्ष यह संकेत दे रहा है कि सरकार उसके दबाव में ही यह कर रही है। यदि विपक्ष का दबाव नहीं होता तो सरकार सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकती थी। सवर्ण वोट बैंक को नहीं खोना चाहती सरकार बेसिक शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि नई मेरिट से सैकड़ों की संख्या में सामान्य वर्ग के शिक्षकों की नौकरी पर तलवार लटक जाएगी। इनमें ब्राह्मण, ठाकुर, वैश्य, कायस्थ और भूमिहार सहित अन्य जातियां शामिल हैं। इन जातियों को भाजपा का परंपरागत वोट बैंक माना जाता है। यदि इन जातियों के शिक्षकों की नौकरी पर संकट आया तो इससे भाजपा के वोट बैंक को बड़ा झटका लग सकता है। वोट बैंक नहीं खोना चाहती सरकार सरकार अपने वोट बैंक को खोना नहीं चाहती है। इसलिए बीच का रास्ता निकाल रही है कि नई मेरिट से ओबीसी और दलित वर्ग के अभ्यर्थी भी चयनित हो जाएं। वहीं इससे प्रभावित होने वाले वर्तमान में कार्यरत अगड़ी और पिछड़ी जाति के किसी शिक्षक की नौकरी भी किसी न किसी रूप में बनी रहे। नई भर्ती अब अटक सकती है बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी ने बताया कि बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में सहायक अध्यापकों के 85 हजार से अधिक पद खाली हैं। 69,000 सहायक अध्यापक भर्ती का विवाद चार साल से हाईकोर्ट में चल रहा है। इसी विवाद के चलते सरकार ने नई भर्ती नहीं निकाली। अब हाईकोर्ट ने नए सिरे से मेरिट लिस्ट जारी करने का आदेश दिया है। इस प्रक्रिया को पूरी करने के चक्कर में अब फिर नई भर्ती प्रक्रिया अटक सकती है। भर्ती को लेकर अफसर भी एकराय नहीं 69,000 सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा के परिणाम को लेकर बेसिक शिक्षा विभाग में शुरू से ही अधिकारी दो फाड़ थे। आईएएस अफसरों का वर्ग मई 2020 में जारी परिणाम में निर्धारित कटऑफ और आरक्षण को सही ठहरा रहा था। वहीं, शिक्षा सेवा संवर्ग के अधिकारी अपने अनुभव के आधार पर उसका विरोध कर रहे थे। वर्तमान में विभाग के महत्वपूर्ण पद पर कार्यरत एक अधिकारी ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में पहले भी विभागीय मंत्री को अवगत कराया था। ‘दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करे सरकार’ भर्ती के दौरान बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री सतीश द्विवेदी थे। द्विवेदी 2022 में विधानसभा चुनाव हार गए। जिस दौरान भर्ती हुई रेणुका कुमार बेसिक शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव थीं। रेणुका कुमार अब आईएएस की सेवा से इस्तीफा दे चुकी हैं। विजय किरन आनंद स्कूल शिक्षा महानिदेशक थे। विजय किरन अभी प्रयागराज कुंभ मेला अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। विजय शंकर मिश्र बेसिक शिक्षा परिषद के कार्यवाहक सचिव थे। पिछड़ा दलित संयुक्त मोर्चा के प्रदेश मीडिया प्रभारी राजेश चौधरी ने मामले में दोषी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि सरकार को उन अफसरों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए, जिनके कारण ओबीसी के अभ्यर्थियों को इतना लंबा संघर्ष करना पड़ा। यदि अधिकारी शुरुआत से ही सही काम करते तो सरकार के लिए अब विकट स्थिति नहीं होती। ये भी पढ़ें… ‘69000 शिक्षक भर्ती का रिजल्ट फिर से जारी करें’:लखनऊ हाईकोर्ट का आदेश- 3 महीने में पालन करें; सरकार बोली- सत्र पूरा होने तक पढ़ाते रहेंगे इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने 69,000 सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा का परिणाम नए सिरे से जारी करने का आदेश दिया है। बेसिक शिक्षा विभाग को 3 महीने में नई चयन सूची जारी करनी होगी। हाईकोर्ट के इस आदेश से यूपी सरकार को बड़ा झटका लगा। नई चयन सूची बनने से बीते 4 साल से सेवाएं दे रहे हजारों टीचर नौकरी से बाहर हो जाएंगे। (पढ़ें पूरी खबर) 69 हजार शिक्षक भर्ती पर अखिलेश का केशव पर निशाना:कहा- दर्द देने वाले, दवा देने का दावा न करें; कृपा प्राप्त उपमुख्यमंत्री का बयान साजिशाना यूपी में 69 हजार शिक्षक भर्ती पर हाईकोर्ट के फैसले के बाद सियासत तेज हो गई। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने नाम लिए बिना डिप्टी सीएम केशव मौर्य पर निशाना साधा। कहा- युवाओं का दर्द देने वाले अब दवा देने का दावा नहीं करें। इसके तुरंत बाद केशव मौर्य ने भी अखिलेश पर पलटवार किया। उन्होंने कहा- सपा बहादुर अखिलेश यादव कांग्रेस के मोहरा है। उनका PDA बहुत बड़ा धोखा है। (पढ़ें पूरी खबर)
करनाल पहुंची महिला आयोग की चेयरपर्सन:नारी निकेतन में सुनीं बालिकाओं, महिलाओं व बुजुर्गों की समस्याएं, अभिभावकों की काउंसलिंग करने के दिए निर्देश
करनाल पहुंची महिला आयोग की चेयरपर्सन:नारी निकेतन में सुनीं बालिकाओं, महिलाओं व बुजुर्गों की समस्याएं, अभिभावकों की काउंसलिंग करने के दिए निर्देश हरियाणा महिला आयोग की अध्यक्ष रेणु भाटिया ने करनाल स्थित राजकीय उत्तर रक्षा गृह (नारी निकेतन) का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने नारी निकेतन में रह रही लड़कियों, युवतियों, महिलाओं और बुजुर्गों से मुलाकात की और उनकी समस्याएं सुनीं। रेणु भाटिया ने नारी निकेतन में रह रही शिक्षित लड़कियों को महिला छात्रावास में भेजने और उनके लिए रोजगार उपलब्ध कराने पर विचार किया, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें और सामान्य जीवन जी सकें। घर से भागी बेटियों के लिए विशेष निर्देश रेणु भाटिया ने नारी निकेतन की प्रभारी को निर्देश दिए कि घर से भागी बेटियों को उनके घर भेजने की व्यवस्था करें तथा उनके अभिभावकों की काउंसलिंग करें। उन्होंने कहा कि हर तीन-चार माह में नारी निकेतन, वन स्टॉप सेंटर, महिला जेल तथा वृद्धाश्रम का दौरा किया जाता है ताकि इन संस्थाओं में रह रही महिलाओं की स्थिति का आकलन किया जा सके तथा उनकी समस्याओं का समाधान किया जा सके। फरीदाबाद केस: युवती के लिए न्याय की पहल रेणु भाटिया ने बताया कि फरीदाबाद हीयरिंग के दौरान एक केस सामने आया जिसमें 30-32 साल के व्यक्ति ने एक 18 वर्षीय युवती को शादी का झांसा देकर उसके साथ संबंध बनाए। इस मामले की शिकायत मिलने पर पता चला कि युवती करनाल में है। रेणु भाटिया उसी युवती से मिलने करनाल पहुंची। उन्होंने बताया कि आरोपी फरार है और युवती अपने घर जाने के लिए तैयार है। औपचारिकताएं पूरी कर युवती को परिजनों को सौंपा जाएगा। सिरसा केस: विधवा महिला को न्याय दिलाने की कोशिश रेणु भाटिया ने बताया कि सिरसा से एक महिला करनाल आई है जिसके पास चार साल का बच्चा है। आश्रम के एक बाबा ने विधवा महिला को झांसा देकर उसके साथ संबंध बनाए जिससे महिला गर्भवती हो गई। अब महिला के परिवार वाले उसे स्वीकार नहीं कर रहे हैं। रेणु भाटिया ने सिरसा पुलिस से निवेदन किया है कि आरोपी बाबा को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए, क्योंकि वह अन्य महिलाओं को भी शिकार बना सकता है। घर से भागी लड़कियों से बातचीत रेणु भाटिया ने उन बेटियों से भी बातचीत की जो किसी युवक के साथ घर से भाग गई थीं लेकिन अब वे युवक जेल में हैं। वे बेटियां अब अपने घर वापस जाना चाहती हैं। जिन बेटियों के माता-पिता अपनी बेटियों को नहीं ले जाना चाहते, उनके लिए रेणु भाटिया ने नारी निकेतन की इंचार्ज को निर्देश दिए हैं कि वे उन बेटियों के माता-पिता को बुलाकर काउंसलिंग करें ताकि वे अपनी बेटियों को घर ले जा सकें। महिलाओं को डरने की जरूरत नहीं रेणु भाटिया ने कहा कि आज की बेटियां हर क्षेत्र में सक्षम हैं और उन्हें किसी से डरने की जरूरत नहीं है। अगर कोई घरेलू हिंसा कर रहा है तो वे अपनी आवाज उठाएं। इसके लिए सरकार ने महिला थाने और नारी निकेतन जैसे संस्थान बनाए हैं। उन्होंने कहा कि समाज में कुछ महिलाएं ब्लैकमेल करने का काम करती हैं और महिला आयोग ऐसी महिलाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करता है।
आज रोहतक जेल में लौटेगा राम रहीम:21 दिन की मिली थी फरलो, बरनावा आश्रम में रहा, 10 बार जेल जा चुका बाहर
आज रोहतक जेल में लौटेगा राम रहीम:21 दिन की मिली थी फरलो, बरनावा आश्रम में रहा, 10 बार जेल जा चुका बाहर डेरा सच्चा सौदा प्रमुख एवं यौन शोषण का दोषी राम रहीम 21 दिन की फरलो काटने के बाद बुधवार को रोहतक स्थित सुनारिया जेल में आएगा। फरलो के दौरान वह बागपत के बरनावा आश्रम में रहा। वहीं विधानसभा चुनाव से पहले यह फरलो दी गई थी। इधर, जेल जाने के बाद राम रहीम 10वीं बार जेल से बाहर आया था। साध्वियों के यौन शोषण और कत्ल केस में सजा काट रहा डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 21 दिन की फरलो मंजूर हुई थी। इससे 2 दिन पहले ही पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को कहा था कि वह राम रहीम को सोच-समझकर ही फरलो या पैरोल दे। इसके बाद सरकार ने राम रहीम को इस शर्त पर फरलो दी कि वह सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा में नहीं जाएगा। वह पूरे 21 दिन बागपत स्थित बरनावा आश्रम में रहेगा। इसलिए वो 21 दिन की फरलो के दौरान बागपत के बरनावा आश्रम में रहा। पहले भी चुनाव से पहले बाहर आ चुका
विधानसभा चुनाव से पहले राम रहीम को फरलो दी थी। राम रहीम का चुनाव से पहले जेल से बाहर आना नई बात नहीं है। इससे पहले भी उसे अलग-अलग चुनाव से पहले पैरोल-फरलो मिल चुकी है। वह हरियाणा के पंचायत चुनावों के अलावा पंजाब, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान के विधानसभा चुनावों में बाहर आ चुका है। इस साल हुए लोकसभा चुनाव में भी राम रहीम जेल से बाहर आना चाहता था। उसने कहा था कि वह 14 दिन की पैरोल का हकदार है। हालांकि हाईकोर्ट की सख्ती के बाद सरकार ने राम रहीम को पैरोल नहीं दे सकी।