यूपी में मानसून आज से फिर एक्टिव हो गया। राजधानी लखनऊ में शुक्रवार तड़के से बारिश हो रही है। जबकि बलरामपुर में देर रात बारिश हुई। प्रयागराज 36.9°C के साथ सबसे गर्म रहा। बंगाल की खाड़ी से आने वाली नम हवाएं अगले 3 दिन तक भारी बारिश कराएंगी। जबकि वाराणसी में गंगा के जलस्तर में कमी आई है। आज 6 सितंबर को यूपी के 3 से अधिक जिलों में बारिश का अलर्ट है। चंदौली, मिर्जापुर और सोनभद्र में बारिश का यलो अलर्ट है। देर रात लोकल इफेक्ट की वजह से कुछ जिलों में बूंदाबांदी हुई है। वहीं अन्य 72 जिलों में बौछारें पड़ सकती हैं। हालांकि मानसून की बारिश मध्य प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों से ज्यादा प्रभावी होगी। BHU के मौसम विज्ञानी मनोज कुमार श्रीवास्तव की माने तो बंगाल की खाड़ी से आने वाली नम हवाओं का रुख यूपी में मुड़ा तो अगले सप्ताह तक भारी बारिश होती रहेगी। भाद्रपद की बारिश मूसलाधार नहीं होती, कई जिलों में अगले कुछ दिन छोटी-छोटी बारिश होती रहेगी। उधर, यूपी में 1 जून से अब तक अनुमान बारिश 600 के सापेक्ष 534.7 मिली मीटर रिकॉर्ड की गई जो कि सामान्य से 12% कम है। पूर्वी यूपी में अनुमान बारिश 634 के सापेक्ष 554.7 मिली मीटर रिकॉर्ड की गई, वाराणसी में पिछले 24 घंटे में लगभग 3 मिमी बारिश हुई। वाराणसी में घटने लगा गंगा का पानी
वाराणसी में गंगा का जलस्तर गुरुवार शाम से एक सेमी. प्रति घंटा घटने लगा है। गंगा के ज्यादातर घाट अभी डूबे हैं और सभी का आपसी संपर्क टूट चुका है, हालांकि वरुणा पहले से अधिक जलमग्न है। गंगा समेत वरुणा नदी के आसपास के रिहायशी इलाकों में जल पुलिस और NDRF की टीम निगरानी कर रही है। वाराणसी में गंगा का जलस्तर शुक्रवार की भोर 66.06 मीटर रिकॉर्ड किया गया, जो गुरुवार को 66.84 मीटर था। जो वॉर्निंग लेवल 70.26 मीटर से 3.84 मीटर नीचे हैं। यहां खतरे का निशान 71.262 मीटर है। इन जिलों में बौछारें पड़ सकती हैं
अलीगढ, अयोध्या, आगरा, अम्बेडकर नगर, आजमगढ़, अमेठी, अमरोहा, औरैया, बिजनौर, बलिया, बलरामपुर, भदोही, बदायूं, बाराबंकी, बस्ती, बरेली, बहराइच, बागपत, बुलंदशहर, बांदा, चित्रकूट, देवरिया, इटावा, एटा, फर्रुखाबाद, फतेहपुर, फिरोजाबाद, गाज़ियाबाद, गोरखपुर, गौतम बुधनगर, गोंडा, गाज़ीपुर, हाथरस, हमीरपुर, हरदोई, हापुड़ में बौछारे पड़ सकती हैं। इसके अलावा जौनपुर, जालौन, झांसी, कानपुर देहात, कानपुर नगर, कन्नौज, कौशाम्बी, कासगंज, लखीमपुर खीरी,ललितपुर, मुज़फ्फरनगर, महोबा, मुरादाबाद, मेरठ, मऊ, महाराजगंज, मथुरा, मैनपुरी, प्रयागराज, पीलीभीत, प्रतापगढ़, रायबरेली, रामपुर, शामिली, सहारनपुर, सम्भल, सुल्तानपुर, सीतापुर, संत कबीर नगर, सिद्धार्थ नगर, कुशीनगर, शाहजहांपुर, श्रावस्ती, उन्नाव, वाराणसी में भी बौछारे पड़ सकती है। यूपी में मानसून आज से फिर एक्टिव हो गया। राजधानी लखनऊ में शुक्रवार तड़के से बारिश हो रही है। जबकि बलरामपुर में देर रात बारिश हुई। प्रयागराज 36.9°C के साथ सबसे गर्म रहा। बंगाल की खाड़ी से आने वाली नम हवाएं अगले 3 दिन तक भारी बारिश कराएंगी। जबकि वाराणसी में गंगा के जलस्तर में कमी आई है। आज 6 सितंबर को यूपी के 3 से अधिक जिलों में बारिश का अलर्ट है। चंदौली, मिर्जापुर और सोनभद्र में बारिश का यलो अलर्ट है। देर रात लोकल इफेक्ट की वजह से कुछ जिलों में बूंदाबांदी हुई है। वहीं अन्य 72 जिलों में बौछारें पड़ सकती हैं। हालांकि मानसून की बारिश मध्य प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों से ज्यादा प्रभावी होगी। BHU के मौसम विज्ञानी मनोज कुमार श्रीवास्तव की माने तो बंगाल की खाड़ी से आने वाली नम हवाओं का रुख यूपी में मुड़ा तो अगले सप्ताह तक भारी बारिश होती रहेगी। भाद्रपद की बारिश मूसलाधार नहीं होती, कई जिलों में अगले कुछ दिन छोटी-छोटी बारिश होती रहेगी। उधर, यूपी में 1 जून से अब तक अनुमान बारिश 600 के सापेक्ष 534.7 मिली मीटर रिकॉर्ड की गई जो कि सामान्य से 12% कम है। पूर्वी यूपी में अनुमान बारिश 634 के सापेक्ष 554.7 मिली मीटर रिकॉर्ड की गई, वाराणसी में पिछले 24 घंटे में लगभग 3 मिमी बारिश हुई। वाराणसी में घटने लगा गंगा का पानी
वाराणसी में गंगा का जलस्तर गुरुवार शाम से एक सेमी. प्रति घंटा घटने लगा है। गंगा के ज्यादातर घाट अभी डूबे हैं और सभी का आपसी संपर्क टूट चुका है, हालांकि वरुणा पहले से अधिक जलमग्न है। गंगा समेत वरुणा नदी के आसपास के रिहायशी इलाकों में जल पुलिस और NDRF की टीम निगरानी कर रही है। वाराणसी में गंगा का जलस्तर शुक्रवार की भोर 66.06 मीटर रिकॉर्ड किया गया, जो गुरुवार को 66.84 मीटर था। जो वॉर्निंग लेवल 70.26 मीटर से 3.84 मीटर नीचे हैं। यहां खतरे का निशान 71.262 मीटर है। इन जिलों में बौछारें पड़ सकती हैं
अलीगढ, अयोध्या, आगरा, अम्बेडकर नगर, आजमगढ़, अमेठी, अमरोहा, औरैया, बिजनौर, बलिया, बलरामपुर, भदोही, बदायूं, बाराबंकी, बस्ती, बरेली, बहराइच, बागपत, बुलंदशहर, बांदा, चित्रकूट, देवरिया, इटावा, एटा, फर्रुखाबाद, फतेहपुर, फिरोजाबाद, गाज़ियाबाद, गोरखपुर, गौतम बुधनगर, गोंडा, गाज़ीपुर, हाथरस, हमीरपुर, हरदोई, हापुड़ में बौछारे पड़ सकती हैं। इसके अलावा जौनपुर, जालौन, झांसी, कानपुर देहात, कानपुर नगर, कन्नौज, कौशाम्बी, कासगंज, लखीमपुर खीरी,ललितपुर, मुज़फ्फरनगर, महोबा, मुरादाबाद, मेरठ, मऊ, महाराजगंज, मथुरा, मैनपुरी, प्रयागराज, पीलीभीत, प्रतापगढ़, रायबरेली, रामपुर, शामिली, सहारनपुर, सम्भल, सुल्तानपुर, सीतापुर, संत कबीर नगर, सिद्धार्थ नगर, कुशीनगर, शाहजहांपुर, श्रावस्ती, उन्नाव, वाराणसी में भी बौछारे पड़ सकती है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर