हरियाणा के महेंद्रगढ़ में पूर्व मंत्री और बीजेपी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष रामबिलास शर्मा के आवास पर उनके समर्थक पहुंचने लगे हैं। मंत्री को खुद की टिकट कटने का खतरा सता रहा हैं और इसी को देखते हुए उन्होंने अपने वर्करों की बैठक बुलाई है। रामिबलास शर्मा महेंद्रगढ़ सीट से भाजपा टिकट के दावेदार हैं, लेकिन इस सीट पर पहली लिस्ट में उम्मीदवार की घोषणा नहीं हुई। पार्टी ने इसे होल्ड कर लिया। इसको लेकर उनमें चिंता के साथ रोष है। रामबिलास शर्मा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर मैसेज पोस्ट में करके लिखा है कि 6 सितंबर की दोपहर जयराम सदन महाराणा प्रताप चौक पर प्रो. रामबिलास शर्मा आगामी चुनाव के लिए अपने सभी कार्यकर्ताओं-परिवार के सदस्यों के साथ जरूरी बैठक लेंगे। फिलहाल रामबिलास शर्मा कार्यकर्ताओं के बीच नहीं पहुंचे हैं। उनके आने का इंतजार हो रहा है। लोगों की नजर उनके घर पर लगे भाजपा के झंडे पर भी है कि वो उतरेगा या लहराता रहेगा। शुक्रवार सुबह ही उनके आवास पर कार्यकर्ता पहुंचना शुरू हो गए हैं। कार्यकर्ताओं के बैठने के लिए कुर्सियों की व्यवस्था की गई है और टैंट भी लगाया गया है। अच्छी खासी संख्या रामबिलास के समर्थक यहां जुटे हैं और अभी अन्य वर्कर भी पहुंच रहे हैं। रामबिलास शर्मा वर्करों की मीटिंग में वर्तमान हालात पर चर्चा कर क्या कदम उठाते हैं। इस पर भाजपा के अलावा अन्य पार्टियों व आमजन की निगाह टिकी हुई है। रामबिलास 4 बार रह चुके विधायक बता दें कि रामबिलास शर्मा हरियाणा बीजेपी के सीनियर नेताओं में से एक हैं। पार्टी के बुरे दौर में भी शर्मा बीजेपी से 4 बार विधायक चुने गए। उनके साथ कैबिनेट में रहे पूर्व गृहमंत्री अनिल विज को 67 प्रत्याशियों की पहली सूची में अंबाला कैंट सीट से टिकट मिल चुकी हैं, लेकिन रामबिलास शर्मा का इस सूची में नाम नहीं हैं। जिससे उनकी टेंशन बढ़ चुकी है। इससे पहले पूर्व डिप्टी पीएम चौधरी देवीलाल के पोते आदित्य चौटाला भी डबवाली से टिकट में नाम नहीं होने पर चेयरमैन पद से इस्तीफा दे चुके हैं। रामबिलास शर्मा की सोशल मीडिया पर की पोस्ट…. दो बार प्रदेशाध्यक्ष, पांच बार विधायक बने
महेंद्रगढ़ सीट पर इस बार बदलाव की चर्चा ज्यादा हैं। यहां रामबिलास शर्मा के अलावा पार्टी के दूसरे नेता देवेंद्र यादव का नाम भी चल रहा हैं। जिसके चलते रामबिलास शर्मा को टिकट कटने का खतरा हैं। रामबिलास शर्मा 1991 और 2013 में दो बार पार्टी के अध्यक्ष रहने के साथ ही 5 बार एमएलए बने हैं। 2014 में रामबिलास शर्मा के पार्टी प्रदेशाध्यक्ष रहते हुए ही बीजेपी ने पहली बार हरियाणा में अपने दम पर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी। उस वक्त रामबिलास शर्मा सीएम पद की रेस में सबसे आगे थे। लेकिन पार्टी ने उनकी दावेदारी को दरकिनार करते हुए मनोहर लाल खट्टर को सीएम बनाया था। 2019 में चुनाव हार चुके शर्मा
हालांकि वह मनोहर लाल खट्टर की सरकार में दूसरे सबसे पावरफुल मंत्री थे। 2019 के चुनाव में वह महेंद्रगढ़ सीट से कांग्रेस के राव दान सिंह से हार गए। रामबिलास शर्मा की उम्र भी काफी ज्यादा हो गई हैं। ऐसे में वह इस बार खुद या बेटे गौतम शर्मा के लिए टिकट की दावेदारी कर रहे थे। लेकिन पार्टी किसी दूसरे चेहरे को टिकट देने पर विचार कर रही हैं। इसी संभावना के बीच टिकट की घोषणा से पहले रामबिलास शर्मा ने कार्यकर्ताओं की मीटिंग बुला ली हैं। महेंद्रगढ़ और नारनौल दो सीटें होल्ड पर रखी
बीजेपी ने अभी महेंद्रगढ़ के अलावा नारनौल सीट होल्ड पर रखी हुई हैं। नारनौल सीट पर पूर्व मंत्री ओमप्रकाश यादव दावेदार हैं। यादव केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के करीबी हैं। राव की सिफारिश पर ही उन्हें दो चुनावों में न केवल टिकट मिली, बल्कि वह मंत्री भी बने। अहीरवाल बेल्ट की 11 सीटों पर राव इंद्रजीत बनाम एंटी राव गुट के बीच टिकटों को लेकर काफी गहमा गहमी रही। महेंद्रगढ़ में रामबिलास शर्मा के नाम पर भी केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह को भी कोई आपत्ति नहीं हैं। बावजूद इसके इस सीट पर पार्टी की तरफ से प्रत्याशी की घोषणा नहीं होना किसी बड़े फैसले की तरफ इशारा कर रही है। महेंद्रगढ़ जिले की अटेली विधानसभा सीट पर पार्टी केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव को टिकट दे चुकी हैं। जबकि नांगल चौधरी सीट पर राव के विरोधी कहे जाने वाले नायब सैनी सरकार में राज्यमंत्री डा. अभय सिंह को तीसरी बार चुनावी मैदान में उतारा गया है। हरियाणा के महेंद्रगढ़ में पूर्व मंत्री और बीजेपी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष रामबिलास शर्मा के आवास पर उनके समर्थक पहुंचने लगे हैं। मंत्री को खुद की टिकट कटने का खतरा सता रहा हैं और इसी को देखते हुए उन्होंने अपने वर्करों की बैठक बुलाई है। रामिबलास शर्मा महेंद्रगढ़ सीट से भाजपा टिकट के दावेदार हैं, लेकिन इस सीट पर पहली लिस्ट में उम्मीदवार की घोषणा नहीं हुई। पार्टी ने इसे होल्ड कर लिया। इसको लेकर उनमें चिंता के साथ रोष है। रामबिलास शर्मा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर मैसेज पोस्ट में करके लिखा है कि 6 सितंबर की दोपहर जयराम सदन महाराणा प्रताप चौक पर प्रो. रामबिलास शर्मा आगामी चुनाव के लिए अपने सभी कार्यकर्ताओं-परिवार के सदस्यों के साथ जरूरी बैठक लेंगे। फिलहाल रामबिलास शर्मा कार्यकर्ताओं के बीच नहीं पहुंचे हैं। उनके आने का इंतजार हो रहा है। लोगों की नजर उनके घर पर लगे भाजपा के झंडे पर भी है कि वो उतरेगा या लहराता रहेगा। शुक्रवार सुबह ही उनके आवास पर कार्यकर्ता पहुंचना शुरू हो गए हैं। कार्यकर्ताओं के बैठने के लिए कुर्सियों की व्यवस्था की गई है और टैंट भी लगाया गया है। अच्छी खासी संख्या रामबिलास के समर्थक यहां जुटे हैं और अभी अन्य वर्कर भी पहुंच रहे हैं। रामबिलास शर्मा वर्करों की मीटिंग में वर्तमान हालात पर चर्चा कर क्या कदम उठाते हैं। इस पर भाजपा के अलावा अन्य पार्टियों व आमजन की निगाह टिकी हुई है। रामबिलास 4 बार रह चुके विधायक बता दें कि रामबिलास शर्मा हरियाणा बीजेपी के सीनियर नेताओं में से एक हैं। पार्टी के बुरे दौर में भी शर्मा बीजेपी से 4 बार विधायक चुने गए। उनके साथ कैबिनेट में रहे पूर्व गृहमंत्री अनिल विज को 67 प्रत्याशियों की पहली सूची में अंबाला कैंट सीट से टिकट मिल चुकी हैं, लेकिन रामबिलास शर्मा का इस सूची में नाम नहीं हैं। जिससे उनकी टेंशन बढ़ चुकी है। इससे पहले पूर्व डिप्टी पीएम चौधरी देवीलाल के पोते आदित्य चौटाला भी डबवाली से टिकट में नाम नहीं होने पर चेयरमैन पद से इस्तीफा दे चुके हैं। रामबिलास शर्मा की सोशल मीडिया पर की पोस्ट…. दो बार प्रदेशाध्यक्ष, पांच बार विधायक बने
महेंद्रगढ़ सीट पर इस बार बदलाव की चर्चा ज्यादा हैं। यहां रामबिलास शर्मा के अलावा पार्टी के दूसरे नेता देवेंद्र यादव का नाम भी चल रहा हैं। जिसके चलते रामबिलास शर्मा को टिकट कटने का खतरा हैं। रामबिलास शर्मा 1991 और 2013 में दो बार पार्टी के अध्यक्ष रहने के साथ ही 5 बार एमएलए बने हैं। 2014 में रामबिलास शर्मा के पार्टी प्रदेशाध्यक्ष रहते हुए ही बीजेपी ने पहली बार हरियाणा में अपने दम पर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी। उस वक्त रामबिलास शर्मा सीएम पद की रेस में सबसे आगे थे। लेकिन पार्टी ने उनकी दावेदारी को दरकिनार करते हुए मनोहर लाल खट्टर को सीएम बनाया था। 2019 में चुनाव हार चुके शर्मा
हालांकि वह मनोहर लाल खट्टर की सरकार में दूसरे सबसे पावरफुल मंत्री थे। 2019 के चुनाव में वह महेंद्रगढ़ सीट से कांग्रेस के राव दान सिंह से हार गए। रामबिलास शर्मा की उम्र भी काफी ज्यादा हो गई हैं। ऐसे में वह इस बार खुद या बेटे गौतम शर्मा के लिए टिकट की दावेदारी कर रहे थे। लेकिन पार्टी किसी दूसरे चेहरे को टिकट देने पर विचार कर रही हैं। इसी संभावना के बीच टिकट की घोषणा से पहले रामबिलास शर्मा ने कार्यकर्ताओं की मीटिंग बुला ली हैं। महेंद्रगढ़ और नारनौल दो सीटें होल्ड पर रखी
बीजेपी ने अभी महेंद्रगढ़ के अलावा नारनौल सीट होल्ड पर रखी हुई हैं। नारनौल सीट पर पूर्व मंत्री ओमप्रकाश यादव दावेदार हैं। यादव केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के करीबी हैं। राव की सिफारिश पर ही उन्हें दो चुनावों में न केवल टिकट मिली, बल्कि वह मंत्री भी बने। अहीरवाल बेल्ट की 11 सीटों पर राव इंद्रजीत बनाम एंटी राव गुट के बीच टिकटों को लेकर काफी गहमा गहमी रही। महेंद्रगढ़ में रामबिलास शर्मा के नाम पर भी केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह को भी कोई आपत्ति नहीं हैं। बावजूद इसके इस सीट पर पार्टी की तरफ से प्रत्याशी की घोषणा नहीं होना किसी बड़े फैसले की तरफ इशारा कर रही है। महेंद्रगढ़ जिले की अटेली विधानसभा सीट पर पार्टी केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव को टिकट दे चुकी हैं। जबकि नांगल चौधरी सीट पर राव के विरोधी कहे जाने वाले नायब सैनी सरकार में राज्यमंत्री डा. अभय सिंह को तीसरी बार चुनावी मैदान में उतारा गया है। हरियाणा | दैनिक भास्कर