कालिंदी एक्सप्रेस हादसे के बाद पुलिस के रडार पर कानपुर से लेकर कन्नौज तक के अपराधी हैं। पुलिस ने हादसे के बाद छापेमारी की हैं। अभी तक 10 लोगों को हिरासत में लिया है। वहीं, पुलिस का मानना है कि सिलेंडर और बारूद का भरा झोला शुरुआती क्लू हो सकता है। जिस झोले में बारूद मिली हैं, उस झोले पर एक मिठाई दुकान का नाम लिखा है। यह दुकान कन्नौज में है। अब कन्नौज कनेक्शन भी तलाश जा रहा है। जांच हो रही, पिछले कुछ महीनों में कितने लोग आकर बसे
पुलिस ने अपनी जांच इस बिंदु पर भी शुरू कर दी है कि जिस जगह हादसा हुआ है। उसके आसपास कितने गांव हैं? वहां पर पिछले कुछ महीनों के अंदर कितने लोग आकर के बसे हैं? जो लोग आकर के बसे हैं, उनका किसी प्रकार का सत्यापन कराया गया है या नहीं। उनका कोई दस्तावेज मकान मालिक के पास है या नहीं। ऐसे मकान मालिक और उनके किराएदारों को चिह्नित किया जा रहा है। पुलिस का मानना है कि जिस तरह से साजिश रचने वालों ने एक सुनसान इलाका खोजा है। इससे जाहिर है कि इन लोगों ने पहले की रेकी की है। कानपुर से कन्नौज तक सीसीटीवी खंगाले
सूत्रों की माने तो पुलिस ने कन्नौज के उस दुकान का सीसीटीवी फुटेज भी अपने कब्जे में लिया है, जिस दुकान का झोला कानपुर में मिला है। इसलिए पुलिस ने कानपुर से लेकर कन्नौज तक के कई फुटेज अपने कब्जे में लिए हैं। पुलिस के लिए अभी यह चुनौती बना है कि साजिश रचने वाला यदि कन्नौज से रोड मार्ग से आया है या फिर ट्रेन के रास्ते से। इसके लिए GRP और RPF को भी सक्रिय किया गया है। संदिग्धों से अलग-अलग हो रही पूछताछ
पुलिस इस हाथ से जुड़ी कड़ियों को खोजने का प्रयास कर रही है। इसके लिए पुलिस पकड़े गए संदिग्धों के साथ अलग-अलग पूछताछ कर रही है। इसके अलावा आसपास के जो गांव हैं, वहां पर जो अपराधी प्रवृत्ति के लोग रहते हैं, उनकी पिछले कुछ दिनों की गतिविधियों को भी पुलिस ने जानना शुरू कर दिया है। खेतों के रास्ते से भी भाग सकते हैं आरोपी
जिस जगह पर हादसा हुआ है, उसके एक तरफ RCC की रोड बनी है तो दूसरी तरफ खेत बने हुए हैं। खेतों में इन दोनों मकाई के बड़े-बड़े पौधे लगे हुए हैं। पुलिस इस बिंदु पर भी जांच कर रही है कि हादसे के बाद आरोपी इन खेतों के रास्ते से भी दूसरे गांव होते हुए भाग सकते हैं। इसके लिए पुलिस ने डॉग स्क्वायड की मदद से जहां-जहां पर पैरों के निशान या जहां-जहां पर गिरी हुई घास मिली है, वहां पर भी पुलिस की टीम ने जांच किया है और देखा है कि यह पद चिन्ह कितनी दूर तक मिले हैं और यह रास्ता कहां की ओर जाता है। आसपास के कई गांवों में खुफिया एजेंसी संकरी
हादसे के बाद घटनास्थल के आसपास जितने भी गांव है। वहां पर खुफिया एजेंसी के साथ कई और टीमों को भी सक्रिय कर दिया गया हैं। हादसे के बाहर गांव के हर एक संदिग्ध पर पुलिस की निगाह बनी हुई है। कालिंदी एक्सप्रेस हादसे के बाद पुलिस के रडार पर कानपुर से लेकर कन्नौज तक के अपराधी हैं। पुलिस ने हादसे के बाद छापेमारी की हैं। अभी तक 10 लोगों को हिरासत में लिया है। वहीं, पुलिस का मानना है कि सिलेंडर और बारूद का भरा झोला शुरुआती क्लू हो सकता है। जिस झोले में बारूद मिली हैं, उस झोले पर एक मिठाई दुकान का नाम लिखा है। यह दुकान कन्नौज में है। अब कन्नौज कनेक्शन भी तलाश जा रहा है। जांच हो रही, पिछले कुछ महीनों में कितने लोग आकर बसे
पुलिस ने अपनी जांच इस बिंदु पर भी शुरू कर दी है कि जिस जगह हादसा हुआ है। उसके आसपास कितने गांव हैं? वहां पर पिछले कुछ महीनों के अंदर कितने लोग आकर के बसे हैं? जो लोग आकर के बसे हैं, उनका किसी प्रकार का सत्यापन कराया गया है या नहीं। उनका कोई दस्तावेज मकान मालिक के पास है या नहीं। ऐसे मकान मालिक और उनके किराएदारों को चिह्नित किया जा रहा है। पुलिस का मानना है कि जिस तरह से साजिश रचने वालों ने एक सुनसान इलाका खोजा है। इससे जाहिर है कि इन लोगों ने पहले की रेकी की है। कानपुर से कन्नौज तक सीसीटीवी खंगाले
सूत्रों की माने तो पुलिस ने कन्नौज के उस दुकान का सीसीटीवी फुटेज भी अपने कब्जे में लिया है, जिस दुकान का झोला कानपुर में मिला है। इसलिए पुलिस ने कानपुर से लेकर कन्नौज तक के कई फुटेज अपने कब्जे में लिए हैं। पुलिस के लिए अभी यह चुनौती बना है कि साजिश रचने वाला यदि कन्नौज से रोड मार्ग से आया है या फिर ट्रेन के रास्ते से। इसके लिए GRP और RPF को भी सक्रिय किया गया है। संदिग्धों से अलग-अलग हो रही पूछताछ
पुलिस इस हाथ से जुड़ी कड़ियों को खोजने का प्रयास कर रही है। इसके लिए पुलिस पकड़े गए संदिग्धों के साथ अलग-अलग पूछताछ कर रही है। इसके अलावा आसपास के जो गांव हैं, वहां पर जो अपराधी प्रवृत्ति के लोग रहते हैं, उनकी पिछले कुछ दिनों की गतिविधियों को भी पुलिस ने जानना शुरू कर दिया है। खेतों के रास्ते से भी भाग सकते हैं आरोपी
जिस जगह पर हादसा हुआ है, उसके एक तरफ RCC की रोड बनी है तो दूसरी तरफ खेत बने हुए हैं। खेतों में इन दोनों मकाई के बड़े-बड़े पौधे लगे हुए हैं। पुलिस इस बिंदु पर भी जांच कर रही है कि हादसे के बाद आरोपी इन खेतों के रास्ते से भी दूसरे गांव होते हुए भाग सकते हैं। इसके लिए पुलिस ने डॉग स्क्वायड की मदद से जहां-जहां पर पैरों के निशान या जहां-जहां पर गिरी हुई घास मिली है, वहां पर भी पुलिस की टीम ने जांच किया है और देखा है कि यह पद चिन्ह कितनी दूर तक मिले हैं और यह रास्ता कहां की ओर जाता है। आसपास के कई गांवों में खुफिया एजेंसी संकरी
हादसे के बाद घटनास्थल के आसपास जितने भी गांव है। वहां पर खुफिया एजेंसी के साथ कई और टीमों को भी सक्रिय कर दिया गया हैं। हादसे के बाहर गांव के हर एक संदिग्ध पर पुलिस की निगाह बनी हुई है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर