राजधानी लखनऊ समेत यूपी के तमाम जिलों में डेंगू, मलेरिया समेत वायरल फीवर का अटैक तेजी से बढ़ रहा हैं। बड़ी संख्या में मरीज तेज बुखार और बदन दर्द जैसे लक्षणों के चलते अस्पताल पहुंच रहे हैं। कुछ मरीज ज्यादा गंभीर होने के चलते सीधे इमरजेंसी का रुख कर रहे हैं। गंभीर हालत में आने वाले इन मरीजों को अस्पताल में भर्ती करना पड़ रहा हैं। जिसके चलते सरकारी अस्पतालों में वॉर्ड फुल हो चुके हैं। हालांकि अस्पताल प्रशासन फिलहाल मरीजों के लिए पर्याप्त व्यवस्था होने के दावे कर रहा हैं। राजधानी के 3 बड़े सरकारी अस्पतालों में 100 से ज्यादा मरीज वायरल फीवर के चलते गंभीर हालत होने पर भर्ती किए गए हैं। हालात इस कदर बिगड़े हैं कि बड़ी संख्या में अस्पतालों के वरिष्ठ चिकित्सक भी बुखार और वायरल फीवर की चपेट में हैं। इनमें एक्सपर्ट चिकित्सक से लेकर अस्पतालों के प्रशासनिक अधिकारी भी शामिल हैं। डेंगू और वायरल के डबल अटैक से मरीज हुए बेहाल विशेषज्ञ इस सीजन में वायरल फीवर को ज्यादा संक्रामक और गंभीर लक्षण वाला करार दे रहे हैं। वहीं, डेंगू मरीजों में वायरल के साथ डायरिया और डिहाइड्रेशन के लक्षण की बात भी कह रहे हैं। जिसके चलते तेज बुखार के साथ उल्टी-दस्त की भी शिकायत हो रही हैं। मरीजों में बुखार 104 डिग्री तक चला जा रहा है। घर में किसी एक चपेट में आने के बाद तेजी से बाकी लोग भी संक्रमित हो रहे हैं। खास बात ये हैं कि बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक हर कोई इसकी चपेट में हैं। सरकारी से लेकर निजी अस्पतालों में बुखार के रोगी ज्यादा राजधानी के तीन प्रमुख अस्पताल लोकबंधु, सिविल और बलरामपुर अस्पताल में करीब 175 मरीजों को भर्ती कर इलाज मुहैया कराया जा रहा है। इसके आलावा अन्य सरकारी और निजी अस्पतालों व क्लीनिकों पर मरीजों की भीड़ उमड़ रही है। रोजाना जांच के सैंपल की संख्या में भी तेजी से इजाफा हुआ हैं। डेंगू और मलेरिया के लक्षण वाले रोगियों की नियमित जांच के निर्देश दिए गए हैं। अब मरीजों के परिजन की बात.. वायरल के साथ उल्टी-दस्त करा रहा अस्पताल में भर्ती अमित सिंह के 12 वर्षीय बेटे को बुखार आया। तेज बुखार के साथ उल्टी की भी शिकायत थी। अमित के मुताबिक दवा देने के बाद भी दो दिन तक बुखार 103 डिग्री से कम नहीं हुआ। परेशान होकर बेटे को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। अब हालत में सुधार हैं। बस्ती के हर घर में बीमार राजाजीपुरम निवासी जीशान खान ने बताया कि बेटी को चार दिनों से तेज बुखार और उल्टी की शिकायत है। पहले मेडिकल स्टोर और फिर पास के क्लीनिक से दवा लाने पर भी आराम न होने पर उसे सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनकी बस्ती के लगभग हर घर में कोई न कोई बुखार की चपेट में हैं। सिविल अस्पताल में 47 मरीज भर्ती सिविल अस्पताल के CMS डॉ.राजेश श्रीवास्तव का कहना है कि OPD व इमरजेंसी में बुखार, उल्टी व दस्त के रोगी ज्यादा आ रहे हैं। बुखार के 47 रोगी भर्ती हैं। इनमें 10 डेंगू के हैं। इसके अलावा मलेरिया, वायरल और टायफॉइड के रोगी भी भर्ती हैं। अभी स्वाइन फ्लू का कोई मरीज फिलहाल भर्ती नही हैं। OPD में पहुंचे 175 बुखार रोगी वहीं, लोकबंधु अस्पताल के CMS डॉ.राजीव दीक्षित ने बताया कि मेडिसिन विभाग की OPD में बुखार के मरीजों की संख्या अधिक हैं। सोमवार को बुखार के कुल 175 मरीज OPD पहुंचे हैं। वहीं, पिछले 24 घंटों में इमरजेंसी में 54 मरीज भर्ती के गए। खानपान में लापरवाही से बढ़ रही परेशानी अस्पताल के फिजिशियन डॉ.विष्णु कुमार ने बताया कि यह मौसम वायरल जनित बीमारियों फैलाने के लिए काफी अनुकूल रहता है। इसमें लोग साफ सफाई, स्वच्छ पानी और भोजन का विशेष ध्यान नहीं रख पाते। इन दिनों में बाजार का खान-पान भी लोगों को बीमार बना सकता है। ऐसे में साफ सफाई का अभाव और असंयमित खान-पान की वजह से लोग बीमारियों की चपेट में ज्यादा आते हैं। राजधानी लखनऊ समेत यूपी के तमाम जिलों में डेंगू, मलेरिया समेत वायरल फीवर का अटैक तेजी से बढ़ रहा हैं। बड़ी संख्या में मरीज तेज बुखार और बदन दर्द जैसे लक्षणों के चलते अस्पताल पहुंच रहे हैं। कुछ मरीज ज्यादा गंभीर होने के चलते सीधे इमरजेंसी का रुख कर रहे हैं। गंभीर हालत में आने वाले इन मरीजों को अस्पताल में भर्ती करना पड़ रहा हैं। जिसके चलते सरकारी अस्पतालों में वॉर्ड फुल हो चुके हैं। हालांकि अस्पताल प्रशासन फिलहाल मरीजों के लिए पर्याप्त व्यवस्था होने के दावे कर रहा हैं। राजधानी के 3 बड़े सरकारी अस्पतालों में 100 से ज्यादा मरीज वायरल फीवर के चलते गंभीर हालत होने पर भर्ती किए गए हैं। हालात इस कदर बिगड़े हैं कि बड़ी संख्या में अस्पतालों के वरिष्ठ चिकित्सक भी बुखार और वायरल फीवर की चपेट में हैं। इनमें एक्सपर्ट चिकित्सक से लेकर अस्पतालों के प्रशासनिक अधिकारी भी शामिल हैं। डेंगू और वायरल के डबल अटैक से मरीज हुए बेहाल विशेषज्ञ इस सीजन में वायरल फीवर को ज्यादा संक्रामक और गंभीर लक्षण वाला करार दे रहे हैं। वहीं, डेंगू मरीजों में वायरल के साथ डायरिया और डिहाइड्रेशन के लक्षण की बात भी कह रहे हैं। जिसके चलते तेज बुखार के साथ उल्टी-दस्त की भी शिकायत हो रही हैं। मरीजों में बुखार 104 डिग्री तक चला जा रहा है। घर में किसी एक चपेट में आने के बाद तेजी से बाकी लोग भी संक्रमित हो रहे हैं। खास बात ये हैं कि बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक हर कोई इसकी चपेट में हैं। सरकारी से लेकर निजी अस्पतालों में बुखार के रोगी ज्यादा राजधानी के तीन प्रमुख अस्पताल लोकबंधु, सिविल और बलरामपुर अस्पताल में करीब 175 मरीजों को भर्ती कर इलाज मुहैया कराया जा रहा है। इसके आलावा अन्य सरकारी और निजी अस्पतालों व क्लीनिकों पर मरीजों की भीड़ उमड़ रही है। रोजाना जांच के सैंपल की संख्या में भी तेजी से इजाफा हुआ हैं। डेंगू और मलेरिया के लक्षण वाले रोगियों की नियमित जांच के निर्देश दिए गए हैं। अब मरीजों के परिजन की बात.. वायरल के साथ उल्टी-दस्त करा रहा अस्पताल में भर्ती अमित सिंह के 12 वर्षीय बेटे को बुखार आया। तेज बुखार के साथ उल्टी की भी शिकायत थी। अमित के मुताबिक दवा देने के बाद भी दो दिन तक बुखार 103 डिग्री से कम नहीं हुआ। परेशान होकर बेटे को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। अब हालत में सुधार हैं। बस्ती के हर घर में बीमार राजाजीपुरम निवासी जीशान खान ने बताया कि बेटी को चार दिनों से तेज बुखार और उल्टी की शिकायत है। पहले मेडिकल स्टोर और फिर पास के क्लीनिक से दवा लाने पर भी आराम न होने पर उसे सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनकी बस्ती के लगभग हर घर में कोई न कोई बुखार की चपेट में हैं। सिविल अस्पताल में 47 मरीज भर्ती सिविल अस्पताल के CMS डॉ.राजेश श्रीवास्तव का कहना है कि OPD व इमरजेंसी में बुखार, उल्टी व दस्त के रोगी ज्यादा आ रहे हैं। बुखार के 47 रोगी भर्ती हैं। इनमें 10 डेंगू के हैं। इसके अलावा मलेरिया, वायरल और टायफॉइड के रोगी भी भर्ती हैं। अभी स्वाइन फ्लू का कोई मरीज फिलहाल भर्ती नही हैं। OPD में पहुंचे 175 बुखार रोगी वहीं, लोकबंधु अस्पताल के CMS डॉ.राजीव दीक्षित ने बताया कि मेडिसिन विभाग की OPD में बुखार के मरीजों की संख्या अधिक हैं। सोमवार को बुखार के कुल 175 मरीज OPD पहुंचे हैं। वहीं, पिछले 24 घंटों में इमरजेंसी में 54 मरीज भर्ती के गए। खानपान में लापरवाही से बढ़ रही परेशानी अस्पताल के फिजिशियन डॉ.विष्णु कुमार ने बताया कि यह मौसम वायरल जनित बीमारियों फैलाने के लिए काफी अनुकूल रहता है। इसमें लोग साफ सफाई, स्वच्छ पानी और भोजन का विशेष ध्यान नहीं रख पाते। इन दिनों में बाजार का खान-पान भी लोगों को बीमार बना सकता है। ऐसे में साफ सफाई का अभाव और असंयमित खान-पान की वजह से लोग बीमारियों की चपेट में ज्यादा आते हैं। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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मुंबई के गोरेगांव में दर्दनाक सड़क हादसा, खंभे से टकराई तेज रफ्तार बाइक, 3 लोगों की मौत <p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra Road Accident:</strong> मुंबई के गोरेगांव में दर्दनाक हादसा हुआ है. आरे कॉलोनी इलाके में खंभे से बाइक टकरा गयी. हादसे में बाइक पर सवार तीन लोगों की मौत हो गयी. पुलिस ने बताया कि तीनों लोग एक बाइक पर सवार होकर जा रहे थे. मुंडा चौक के नजदीक अचानक बाइक खंभे से टकरा गयी. खंभे से टक्कर के बाद बाइक सवार तीनों लोग घायल हो गये. राहगीरों ने पुलिस को सड़क दुर्घटना की सूचना दी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मौके पर पहुंची पुलिस ने एंबुलेंस की मदद से तीनों घायलों को अस्पताल पहुंचाया. अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने दो घायलों को मृत घोषित कर दिया. तीसरे युवक की इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गयी. आरे पुलिस के मुताबिक बाइक तेज रफ्तार में जा रही थी. अचानक मुंडा चौक के नजदीक खंभा आ गया. बाइक चालक को संभलने का मौका नहीं मिल सका.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>दर्दनाक सड़क हादसे में तीन लोगों की मौत</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>खंभे से बाइक की जबरदस्त भिड़ंत हो गयी. बाइक पर सवार तीनों लोग हादसे में घायल हो गये. पुलिस ने घायलों को अस्पताल पहुंचाया. डॉक्टरों ने भर्ती से पहले दो युवकों को मृत घोषित कर दिया. तीसरे युवक ने भी इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. पुलिस ने बताया कि मृतकों के शव का पोस्टमार्टम कराया जायेगा. परिजनों को हादसे की सूचना दे दी गयी है. पुलिस मामला दर्ज कर घटना की जांच कर रही है. </p>
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हिमाचल में 28 अक्टूबर को बिजली बोर्ड कर्मियों का धरना:इंजीनियरों के 51 पद समाप्त करने, 81 ड्राइवरों को नौकरी से हटाने पर भड़के
हिमाचल में 28 अक्टूबर को बिजली बोर्ड कर्मियों का धरना:इंजीनियरों के 51 पद समाप्त करने, 81 ड्राइवरों को नौकरी से हटाने पर भड़के हिमाचल प्रदेश के विद्युत बोर्ड कर्मचारियों ने प्रबंधन के खिलाफ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS), इंजीनियरों के खत्म किए गए 51 पदों की बहाली और नौकरी से हटाए गए 81 आउटसोर्स ड्राइवरों को दोबारा नौकरी पर रखने की मांग को लेकर बिजली बोर्ड के कर्मचारी और इंजीनियर के जॉइंट फ्रंट ने आंदोलन का निर्णय लिया है। जॉइंट फ्रंट ने 28 अक्टूबर को प्रदेशभर में सांकेतिक प्रदर्शन का ऐलान कर दिया है। जॉइंट फ्रंट के सह संयोजक हीरा लाल वर्मा ने बताया कि बिजली बोर्ड के कर्मचारी 21 महीने से ओल्ड पेंशन स्कीम के लिए लड़ रहे है। इस बीच सरकार ने दो ऐसे फैसले लिए, जिससे बिजली बोर्ड कर्मचारी नाराज है। उन्होंने कहा कि बिजली बोर्ड में इंजीनियरों के 51 पद समाप्त करने और 81 ड्राइवरों को नौकरी से हटाने का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे बोर्ड की कार्यशेली पर बुरा असर पड़ेगा। साथ ही 10 से 15 सालों से सेवाएं दे रहे 81 परिवारों की रोजी रोटी पर प्रबंधन ने लात मारी है। बिजली बोर्ड को बांटने की तैयारी हीरालाल वर्मा ने कहा कि दो दिन पहले प्रदेश सरकार द्वारा मंत्री राजेश धर्माणी की अध्यक्षता में गठित कैबिनेट सब कमेटी के साथ जॉइंट फ्रंट की बैठक हुई है, जिसमें सरकार की तरफ बिजली बोर्ड की कई इकाइयों को विघटित करने की बात हो रही है। जिसमें संचार लाइन व उप केंद्र तथा अन्य संपत्तियों को बिजली बोर्ड से अलग करने की तैयारी है। उन्होंने कहा कि बिजली बोर्ड फ्रंट ने बैठक में स्पष्ट किया कि अगर प्रदेश सरकार ऐसा ख्याल भी कर रही है तो इस ख्याल को दिमाग से निकाल दें। जॉइंट फ्रंट इसका जोरदार तरीक़े से विरोध करेगा। 28 को होगा सांकेतिक प्रदर्शन हीरालाल वर्मा ने कहा कि बोर्ड के कर्मचारी 28 तारीख को सांकेतिक प्रदर्शन करेंगे। प्रदेश सरकार व निगम प्रबंधन कोई सकारात्मक पहल नहीं करता तो उसी दिन प्रदर्शन के साथ जॉइंट फ्रंट अगले कदम का ऐलान कर देगा। क्या है मांगे..? हिमाचल की सत्ता में आते ही कांग्रेस सरकार ने पहली ही कैबिनेट में OPS बहाल करने का निर्णय लिया था। इसके बाद सभी विभागों के कर्मचारियों की OPS बहाल कर दी गई। मगर बिजली बोर्ड कर्मचारियों को अब तक इसका लाभ नहीं मिल पाया है। अब सरकार ने इंजीनियरों के 51 पद खत्म किए है। इससे खासकर बोर्ड अभियंता तिलमिला गए है। इनका कहना है कि इंजीनियर के पद खत्म करने से बोर्ड का काम प्रभावित होगा और इनका प्रमोशन चैनल रुक जाएगा।