हरियाणा में इंद्री विधानसभा सीट से आज भाजपा प्रत्याशी विधायक रामकुमार कश्यप ने अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। उनका नामांकन पत्र भरवाने के लिए कैबिनेट मंत्री एवं पूर्व सीएम मनोहर लाल पहुंचे थे। उन्होंने पहले लाडवा में नायब सैनी का नामांकन भरवाया। उसके बाद वह इंद्री पहुंचे। 60 दिन में की 126 घोषणा मनोहर लाल खट्टर ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि 60 दिनों में नायब सैनी ने 126 घोषणा की है, जो कांग्रेस के 10 साल के कार्यकाल पर भारी है। उन्होंने दावा किया है कि हरियाणा में बहुमत के साथ सरकार आएगी, क्योंकि अभी तक बीजेपी के सारे कैंडिडेट डिक्लेयर नहीं हुए है। बीजेपी के कैंडिडेटर भी जीत निर्भर करते हैं। इससे भी ज्यादा कांग्रेस के जितने भी कैंडिडेट होंगे, नाकारा कैंडिडेट होंगे, जेल में बंद कैंडिडेट होंगे। जो बेल पर है, और अभी तो बाकी लिस्ट भी कांग्रेस की आनी है। अभी तक आधे कैंडिडेट कांग्रेस ने घोषित भी नहीं किए है, उनका जो यह तमाशा चल रहा है। रोज कुछ न कुछ नई बातें सुनने को मिलती है। मुझे लगता है कि आज शाम तक कांग्रेस में कोई बड़ा खेल हो सकता है। 12 के बाद बता पाएगें कितनी सीट आएगी उन्होंने कहा कि आने वाली 12 तारीख के बाद ही बता पाएंगे कि कितनी सीटे बीजेपी जीतेगी। कांग्रेस की हार निश्चित है और कांग्रेस दूसरे दलों की तरफ भी हाथ बढ़ा रही है। उनके साथ कोई भी नहीं आ रहा है। यह हार की निशानी है। अगर जीत दिखती तो वे गठबंधन की तरफ क्यों बढ़ते। रूठों को हम मना लेंगे रूठे हुए नेताओं को मनाए जाने के सवाल पर मनोहर लाल ने कहा कि सभी रूठे हुए कार्यकर्ताओं को मना लिया जाएगा। क्योंकि एक जगह पर टिकट के कई चाहवान होते है, थोड़ा रूठने की बात जरूर आती है, लेकिन हम सबको मना लेंगे। हरियाणा में इंद्री विधानसभा सीट से आज भाजपा प्रत्याशी विधायक रामकुमार कश्यप ने अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। उनका नामांकन पत्र भरवाने के लिए कैबिनेट मंत्री एवं पूर्व सीएम मनोहर लाल पहुंचे थे। उन्होंने पहले लाडवा में नायब सैनी का नामांकन भरवाया। उसके बाद वह इंद्री पहुंचे। 60 दिन में की 126 घोषणा मनोहर लाल खट्टर ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि 60 दिनों में नायब सैनी ने 126 घोषणा की है, जो कांग्रेस के 10 साल के कार्यकाल पर भारी है। उन्होंने दावा किया है कि हरियाणा में बहुमत के साथ सरकार आएगी, क्योंकि अभी तक बीजेपी के सारे कैंडिडेट डिक्लेयर नहीं हुए है। बीजेपी के कैंडिडेटर भी जीत निर्भर करते हैं। इससे भी ज्यादा कांग्रेस के जितने भी कैंडिडेट होंगे, नाकारा कैंडिडेट होंगे, जेल में बंद कैंडिडेट होंगे। जो बेल पर है, और अभी तो बाकी लिस्ट भी कांग्रेस की आनी है। अभी तक आधे कैंडिडेट कांग्रेस ने घोषित भी नहीं किए है, उनका जो यह तमाशा चल रहा है। रोज कुछ न कुछ नई बातें सुनने को मिलती है। मुझे लगता है कि आज शाम तक कांग्रेस में कोई बड़ा खेल हो सकता है। 12 के बाद बता पाएगें कितनी सीट आएगी उन्होंने कहा कि आने वाली 12 तारीख के बाद ही बता पाएंगे कि कितनी सीटे बीजेपी जीतेगी। कांग्रेस की हार निश्चित है और कांग्रेस दूसरे दलों की तरफ भी हाथ बढ़ा रही है। उनके साथ कोई भी नहीं आ रहा है। यह हार की निशानी है। अगर जीत दिखती तो वे गठबंधन की तरफ क्यों बढ़ते। रूठों को हम मना लेंगे रूठे हुए नेताओं को मनाए जाने के सवाल पर मनोहर लाल ने कहा कि सभी रूठे हुए कार्यकर्ताओं को मना लिया जाएगा। क्योंकि एक जगह पर टिकट के कई चाहवान होते है, थोड़ा रूठने की बात जरूर आती है, लेकिन हम सबको मना लेंगे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा के पूर्व मंत्री ने JJP छोड़ी:चुनाव की घोषणा होते ही इस्तीफा सामने आया; BJP का टिकट लेने की कोशिश में
हरियाणा के पूर्व मंत्री ने JJP छोड़ी:चुनाव की घोषणा होते ही इस्तीफा सामने आया; BJP का टिकट लेने की कोशिश में हरियाणा के पूर्व श्रम मंत्री अनूप धानक ने आज जननायक जनता पार्टी (JJP) छोड़ दी है। उन्होंने पार्टी के पदों और दायित्वों से इस्तीफा दे दिया है। इसकी जानकारी खुद पूर्व मंत्री ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर कर दी। JJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अजय सिंह चौटाला को भेजे पत्र में पूर्व मंत्री ने लिखा, ‘मैं अनूप धानक विधायक उकलाना आपसे अनुरोध करता हूं कि मैं निजी कारणों की वजह से जननायक जनता पार्टी के सभी पदों/दायित्वों से इस्तीफा देता हूं। कृपया मेरा इस्तीफा मंजूर किया जाए।’ कई दिनों से निष्क्रिय थे अनूप धानक
पूर्व मंत्री अनूप धानक JJP में निष्क्रिय थे। लोकसभा चुनाव कैंपेन के दौरान वह पूरी तरह दूरी बनाए हुए थे। इसके लिए उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया था। सूत्र बताते हैं कि अब धानक 2024 के विधानसभा चुनाव में भाजपा से टिकट लेने के चक्कर में हैं। इसलिए, उन्होंने चुनाव की तारीखों की घोषणा होने के साथ ही इस्तीफा सार्वजनिक कर दिया। अनूप धानक मनोहर लाल खट्टर की 2.0 सरकार में JJP कोटे से मंत्री बने थे। अनूप ऐसे इकलौते विधायक थे, जब दुष्यंत के बाद उन्हें मंत्री पद मिला। अनूप धानक की नजदीकियां भाजपा से बढ़ने लगी थीं। भाजपा-जजपा गठबंधन टूटने से वह खुश नहीं थे। गठबंधन टूटने के बाद से ही वह निष्क्रिय दिखाई दे रहे थे। चौटाला परिवार के सबसे खास माने जाते हैं अनूप
अनूप धानक चौटाला परिवार के सबसे करीबी नेताओं में से एक माने जाते थे। इनेलो टूटने के बाद वह अजय चौटाला और दुष्यंत चौटाला के साथ आ गए और जजपा में रहे। इससे पहले वह इनेलो में थे। अनूप चौटाला अक्सर दुष्यंत और अजय चौटाला के साथ गिने जाते थे। धानक ने उकलाना से 2 बार चुनाव जीता
अनूप धानक 2 बार उकलाना से विधायक चुने गए हैं। एक बार वह इनेलो से जीते और दूसरी बार उन्होंने जजपा से टिकट लेकर चुनाव लड़ा और जीता। वह अबकी बार भी उकलाना से जजपा के उम्मीदवार के तौर पर देखे जा रहे थे, लेकिन उससे पहले ही उन्होंने पार्टी को छोड़ दिया। अनूप धानक ने लगातार 2 बार भाजपा को हराया। 2019 में भाजपा की आशा खेदड़ को हराया और 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में उकलाना (अनुसूचित जाति) विधानसभा सीट से INLD से लड़ते हुए अनूप धानक ने 58 हजार 120 वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी। जबकि, दूसरे नंबर पर भाजपा के उम्मीदवार सीमा गेबीपुर रहे थे, जिन्हें 40 हजार 193 वोटों से संतुष्ट होना पड़ा था। मुश्किल दौर में JJP
हरियाणा में इनेलो से अलग होकर बनी जननायक जनता पार्टी (JJP) इन दिनों बुरे दौर से गुजर रही है। 2019 में सत्ता की चाबी हाथ में लेकर चलने वाली JJP को हरियाणा के लोकसभा चुनाव में मुंह की खानी पड़ी और 10 की 10 लोकसभा सीटों पर न केवल हार हुई, बल्कि जमानत भी जब्त हो गई। इतना ही नहीं, पार्टी हरियाणा की 90 विधानसभा में एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं कर पाई। JJP का वोट शेयर पूरे हरियाणा में 0.87 प्रतिशत रहा, जो BSP और इनेलो से भी कम है। पूरे हरियाणा में पार्टी का प्रदर्शन बेहद खराब रहा। यह हाल तब रहा जब हरियाणा में उप-मुख्यमंत्री पद जैसे कई बड़े विभाग JJP के पास थे। JJP को 0.87 प्रतिशत वोट मिले
JJP को लोकसभा चुनाव में 0.87 प्रतिशत ही वोट मिल पाए। सबसे खराब स्थित सोनीपत, अंबाला, रोहतक, कुरुक्षेत्र और सोनीपत की रही। यहां JJP प्रत्याशी 10 हजार से ऊपर वोट नहीं ले पाए। सबसे कम फरीदाबाद में नलिन हुड्डा को 5361 वोट मिले। वहीं, सबसे अधिक वोट हिसार में दुष्यंत चौटाला की मां नैना चौटाला को मिले। नैना चौटाला को 22032 वोट मिले। इसके अलावा पार्टी तीसरे से लेकर पांचवें स्थान पर रही। वहीं, बसपा और इनेलो का प्रदर्शन जजपा से बेहतर रहा। हालांकि, बसपा और इनेलो की भी चुनाव में जमानत जब्त हुई। देखिए, मंत्री के इस्तीफे की कॉपी…
हरियाणा में 5% कम वोटिंग से किसे नुकसान:पिछले 2 चुनाव में बंपर वोटिंग का फायदा BJP को मिला; कांग्रेस कम मतदान के बावजूद पॉजिटिव
हरियाणा में 5% कम वोटिंग से किसे नुकसान:पिछले 2 चुनाव में बंपर वोटिंग का फायदा BJP को मिला; कांग्रेस कम मतदान के बावजूद पॉजिटिव हरियाणा में छठे चरण में सभी 10 सीटों पर वोटिंग हो गई। मतदान 65 फीसदी हुआ। इन 10 सीटों की तुलना 2009, 2014 और 2019 से करें तो रोचक तस्वीर सामने आ रही है। 2009 में इन 10 सीटों पर वोटिंग प्रतिशत 67.51% रहा। 2014 में मतदान 3.94 फीसदी से अधिक बढ़कर 71.45% प्रतिशत पहुंच गया। साल 2019 में इस वोटिंग प्रतिशत 1.11 प्रतिशत की गिरावट आकर 70.34% चला गया। इस बार ये आंकड़ा 65.00 फीसदी ही रह गया, यानी 2019 के मुकाबले करीब 5.34 फीसदी कम। आंकड़ों को यदि हम देखें तो 2014 और 2019 के चुनावी मुकाबले में बंपर वोटिंग भाजपा के पक्ष में गई, इस बार कम वोटिंग को लेकर कांग्रेस पॉजिटिव दिख रही है। भास्कर ने एक्सपट्र्स की मदद से पिछले 5 लोकसभा चुनावों के डेटा का एनालिसिस कर घटे मतदान के मायने समझने की कोशिश की… कम वोटिंग प्रतिशत किसकी चिंता बढ़ाएगा?
आमतौर पर हरियाणा में परसेप्शन है कि विधानसभा में वोटिंग प्रतिशत बढ़े तो राज्य सरकार को टेंशन हो जाती है। वहीं लोकसभा में वोटिंग प्रतिशत बढ़ता है तो भाजपा को फायदा मिलता है। कम होने पर कांग्रेस फायदा उठाकर ले जाती है। ऐसे में इस बार वोटिंग के कम प्रतिशत ने भाजपा और कांग्रेस को सोचने पर मजबूर कर दिया है। वोट शेयर में कितना अंतर रहेगा? सवाल ये भी है कि कम वोटिंग होने से भाजपा और कांग्रेस के बीच वोट शेयर में क्या अंतर रहेगा। सीट जीत-हार का असल खेल वोट शेयर के आंकड़ों में छिपा है। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के वोट शेयर में बड़ा अंतर रहा है। इस कारण से कांग्रेस पिछले दो बार से लगातार हार का मुंह देख रही है। हालांकि इस बार कम वोटिंग को लेकर भी कांग्रेस कुछ ज्यादा आशान्वित नहीं दिख रही है। यहां पढ़िए सभी 10 सीटों की 3 चुनाव की ओवर ऑल स्थिति… यहां देखिए हर सीट का लेखा-जोखा…
हरियाणा में UG में दाखिले के लिए फिर खुला पोर्टल:14 अगस्त तक ओपन फिजिकल काउंसिलिंग से एडमिशन; कॉलेजों ने भेजी थी डिमांड
हरियाणा में UG में दाखिले के लिए फिर खुला पोर्टल:14 अगस्त तक ओपन फिजिकल काउंसिलिंग से एडमिशन; कॉलेजों ने भेजी थी डिमांड हरियाणा के विभिन्न कालेजों में अंडर ग्रेजुएशन कोर्स में खाली पड़ी सीटों को भरने के लिए हायर एजुकेशन विभाग द्वारा दोबारा से दाखिला पोर्टल खोला है। 14 अगस्त तक अब ओपन फिजिकल काउंसिलिंग के जरिये सीटें भरी जाएंगी। इससे अभी तक दाखिले से वंचित विद्यार्थियों के लिए दाखिला लेने का यह अंतिम मौका है। जून माह में प्रदेश भर के 345 सरकारी और प्राइवेट कालेजों में दाखिले के लिए ऑनलाइन आवेदन शुरू हुए थे। इसके बाद दो मेरिट लिस्ट लगी और बाद में ओपन फिजिकल काउंसिलिंग चली। इसके बावजूद भी कालेजों में 20 प्रतिशत के करीब सीटें खाली बच गई। 30 जुलाई को दाखिला प्रक्रिया समाप्त हो गई और रेगुलर कक्षाएं शुरू हो गई। लेकिन कुछ कालेजों द्वारा दोबारा से दाखिला पोर्टल खोलने की डिमांड भेजी गई। इस पर हायर एजुकेशन विभाग द्वारा दोबारा से पोर्टल खोलने के आदेश जारी किए गए हैं। अब 14 अगस्त तक प्रतिदिन कालेज स्तर पर ओपन फिजिकल काउंसिलिंग होगी और सीट भरी जाएंगी। जींद के राजकीय कालेज में खाली बची सीटें सफीदों राजकीय कालेज में खाली सीट जीन्द के राजकीय कॉलेज प्राचार्य डॉक्टर सत्यवान मालिक ने कहा कि कुछ कालेजों द्वारा दोबारा से दाखिला पोर्टल खोलने की डिमांड भेजी गई थी, जिसके बाद अब दोबारा से पोर्टल खोला गया है। जो भी विद्यार्थी अभी तक दाखिला नहीं ले पाया है, वह समय रहते अपना दाखिला सुनिश्चित कर सकते हैं।