<p style=”text-align: justify;”>महाराष्ट्र में बीती रात मुंबई से सटे अंबरनाथ के MIDC परिसर में स्तिथ निकाकेम केमिकल कंपनी से गैस के रिसाव के कारण के कारण हवा में रासायनिक मिश्रण फैलने के कारण लोगों को गले में खराश और आंखों मे जलन की शिकायत होने लगी. रात करीब 9 से 12 बजे के बीच अंबरनाथ शहर में हवा में केमिकल पसरने के कारण धुंध जैसी स्थिति उत्त्पन हो गई. फायर ब्रिगेड के अधिकारियों ने घटना स्थल पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रण में किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>फिलहाल वायु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की दो वायु निरक्षण मोबाइल वैन वायु निरक्षण कर रही है. किस कारण से वायु प्रदूषित हुई उसकी जांच की जा रही है. अभी स्तिथि नियंत्रण में है. हवा साफ है. स्थिति नियंत्रण में है और अंबरनाथ क्षेत्र में कहीं भी धुआं नहीं है, लेकिन प्रदूषण बोर्ड का वायु गुणवत्ता नियंत्रण मोबाइल वाहन निककेम कंपनी में मौजूद है.</p> <p style=”text-align: justify;”>महाराष्ट्र में बीती रात मुंबई से सटे अंबरनाथ के MIDC परिसर में स्तिथ निकाकेम केमिकल कंपनी से गैस के रिसाव के कारण के कारण हवा में रासायनिक मिश्रण फैलने के कारण लोगों को गले में खराश और आंखों मे जलन की शिकायत होने लगी. रात करीब 9 से 12 बजे के बीच अंबरनाथ शहर में हवा में केमिकल पसरने के कारण धुंध जैसी स्थिति उत्त्पन हो गई. फायर ब्रिगेड के अधिकारियों ने घटना स्थल पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रण में किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>फिलहाल वायु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की दो वायु निरक्षण मोबाइल वैन वायु निरक्षण कर रही है. किस कारण से वायु प्रदूषित हुई उसकी जांच की जा रही है. अभी स्तिथि नियंत्रण में है. हवा साफ है. स्थिति नियंत्रण में है और अंबरनाथ क्षेत्र में कहीं भी धुआं नहीं है, लेकिन प्रदूषण बोर्ड का वायु गुणवत्ता नियंत्रण मोबाइल वाहन निककेम कंपनी में मौजूद है.</p> महाराष्ट्र बलौदाबाजार: जादू-टोने के शक में चार हत्याएं! 11 महीने के मासूम समेत परिवार के चार लोगों हथौड़े से मार डाला
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‘पूर्व राज्यपाल की टोपी कभी नहीं उड़ी, तो…’, शिवाजी की मूर्ति गिरने पर उद्धव ठाकरे का सवाल, क्या बोले शरद पवार? <p style=”text-align: justify;”><strong>Chhatrapati Shivaji Maharaj Statue:</strong> शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने को लेकर बुधवार को <a title=”एकनाथ शिंदे” href=”https://www.abplive.com/topic/eknath-shinde” data-type=”interlinkingkeywords”>एकनाथ शिंदे</a> नीत सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि महायुति शासन के दौरान भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सिंधुदुर्ग की मालवण तहसील में राजकोट किले में 17वीं सदी के मराठा साम्राज्य के संस्थापक शिवाजी महाराज की 35 फुट ऊंची प्रतिमा सोमवार को अपराह्न करीब एक बजे गिर गई थी. पिछले साल चार दिसंबर को इस प्रतिमा का अनावरण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या बोले उद्धव ठाकरे?</strong><br />ठाकरे ने यहां शरद पवार और कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख नाना पटोले के साथ संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि तेज हवाओं के कारण प्रतिमा गिरने का सरकार का दावा ‘‘बेशर्मी की पराकाष्ठा’’ है. उद्धव ठाकरे ने पूछा कि ‘भगत सिंह कोश्यारी की टोपी कभी नहीं उड़ी, मूर्ति हवा से कैसे गिरी.'</p>
<p style=”text-align: justify;”>पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए महा विकास आघाडी (एमवीए) एक सितंबर को दक्षिण मुंबई में हुतात्मा चौक से ‘गेटवे ऑफ इंडिया’ तक एक मार्च निकालेगा. ठाकरे ने कहा कि पवार सहित, एमवीए के सभी घटक दलों के मुख्य नेता प्रदर्शन में शामिल होंगे. एमवीए के घटक दल शिवसेना (यूबीटी), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी(शरदचंद्र पवार) और कांग्रेस हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ठाकरे ने कहा शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के खिलाफ मालवण में आज एमवीए के मोर्चा में व्यवधान पैदा कर रहे लोग मराठा योद्धा के विश्वासघाती हैं. उन्होंने एमवीए के प्रतिनिधिमंडल के राजकोट किला जाने के बाद शिवसेना (यूबीटी) कार्यकर्ताओं और बीजेपी समर्थकों के बीच हुई झड़प का हवाला देते हुए यह कहा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रतिमा गिरने का कुछ अच्छा परिणाम होने संबंधी महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर की टिप्प्णी को लेकर ठाकरे ने कहा कि इसका मतलब है कि नयी प्रतिमा बनाने के लिए एक नयी निविदा जारी की जाएगी और फिर से घोटाला होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ठेकेदार के खिलाफ मामले का जिक्र करते हुए ठाकरे ने कहा कि सरकार स्वीकार कर रही है कि अपराध हुआ है. उन्होंने कहा कि सरकार नौसेना पर दोष मढ़कर अपना पल्ला झाड़ने जा रही है. राज्य सरकार ने मंगलवार को कहा था कि यह प्रतिमा नौसेना ने बनवाई थी. शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख ने कहा कि दिसंबर 2023 में मालवण तहसील के किले में शिवाजी महाराज की प्रतिमा स्थापित करने का कार्यक्रम जल्दबाजी में आयोजित किया गया, ताकि <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> में कोंकण क्षेत्र और महाराष्ट्र में जीत हासिल की जा सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा, ‘‘इस पाप का पर्दाफाश होना चाहिए.’’ ठाकरे ने दावा किया कि यह भी जानकारी सामने आई है कि मूर्तिकार को ऊंची प्रतिमा बनाने का अनुभव नहीं था और वह इलाके की भौगोलिक परिस्थितियों से अनभिज्ञ था. पवार ने कहा कि सरकार नौसेना को दोषी ठहराकर खुद को दोषमुक्त नहीं कर सकती क्योंकि प्रतिमा स्थापित करने के लिए उसकी (सरकार की) अनुमति आवश्यक थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने इस प्रतिमा को बनाने में भ्रष्टाचार होने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ‘‘राज्य में भ्रष्टाचार चरम पर है.’’ उन्होंने कहा कि सरकार के खिलाफ आक्रोश है. इस बीच, एनसीपी (एसपी) की लोकसभा सदस्य सुप्रिया सुले ने प्रतिमा गिरने से उत्पन्न स्थिति को नियंत्रित करने में कथित विफलता के लिए उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफे की मांग की. फडणवीस के पास गृह विभाग का भी प्रभार है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या बोलीं सुप्रिया सुले?</strong><br />सुले ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, ‘‘मैं देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफे की मांग करती हूं, क्योंकि वह इसके बाद की स्थिति को नियंत्रित करने में विफल रहे हैं. उन्हें नैतिक आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए.’’</p>
<p style=”text-align: justify;”>सुले ने दावा किया कि इस घटना के कारण लोग आक्रोशित हैं और राज्य सरकार की ओर से अब तक आधिकारिक रूप से माफी नहीं मांगी गई है. इस बीच, महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के लिए वह राज्य के 13 करोड़ लोगों से माफी मांगते हैं. सुले ने कहा कि यह चिंताजनक है कि राज्य सरकार सीधे तौर पर भारतीय नौसेना को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा रही है, जो देश को बाहरी खतरों से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि सरकार का ध्यान मुख्य रूप से खुद को बचाने और पसंदीदा ठेकेदारों की सेवा करने पर है. सत्ता में शीर्ष पदों पर बैठे लोग ऐसी घटनाओं में अपनी जवाबदेही स्वीकार करने को अनिच्छुक नजर आ रहे हैं.’’ विधानसभा चुनाव से पहले, प्रतिमा गिरने की घटना के एक बड़े विवाद का रूप लेने की आशंका के बीच फडणवीस ने कहा है कि राज्य सरकार ने सिंधुदुर्ग जिले में उसी स्थान पर शिवाजी महाराज की एक बड़ी प्रतिमा स्थापित करने का फैसला किया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ दलों के नेताओं पर मेहरबान हुई सरकार, चुनाव से पहले कर दिया ये बड़ा एलान” href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/maharashtra-sugar-mill-five-sugar-mills-of-ncp-bjp-leaders-get-government-aid-of-rs-487-crore-2771337″ target=”_blank” rel=”noopener”>महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ दलों के नेताओं पर मेहरबान हुई सरकार, चुनाव से पहले कर दिया ये बड़ा एलान</a></strong></p>
माघी मेला, मुगल की कब्र पर जूते मारते हैं श्रद्धालु:यहां लगती 100 करोड़ की घोड़ा मंडी, जिसका चैंपियन हरियाणा का बुर्ज खलीफा
माघी मेला, मुगल की कब्र पर जूते मारते हैं श्रद्धालु:यहां लगती 100 करोड़ की घोड़ा मंडी, जिसका चैंपियन हरियाणा का बुर्ज खलीफा पंजाब के श्री मुक्तसर साहिब में आज माघी का शाही स्नान हो रहा है। यहां गुरुद्वारा श्री टूटी गंडी साहिब के सरोवर में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। यह गुरुद्वारा श्री गुरू गोबिंद सिंह जी की दया और सिखों के पुनर्मिलन का प्रतीक है। यहां उनसे जुड़े 8 प्रमुख गुरुद्वारे हैं। जिनमें शामिल गुरुद्वारा दातनसर साहिब में एक मुगल सैनिक की कब्र है। जिस पर सिख श्रद्धालू जूते–चप्पल मारते हैं। इस सैनिक ने गुरू गोबिंद सिंह जी पर हमला किया था। यह पूरा इतिहास खिदराने की लड़ाई से जुड़ा हुआ है। जिसकी विस्तृत जानकारी आगे पढ़ सकते हैं। करीब 5 किमी एरिया में होने वाले इस मेले में 100 करोड़ की घोड़ा मंडी भी लगती है। जिसमें 2 लाख से लेकर 2 करोड़ तक के अलग–अलग नस्ल के घोड़े आते हैं। पिछली बार घोड़ों की चैंपियनशिप में 71 इंच हाइट का हरियाणा का बुर्ज खलीफा चैंपियन रहा था। माघी मेला, घोड़ा मंडी और गुरू गोबिंद सिंह जी की खिदराने की जंग से जुड़ी कहानियां… गर्मी की वजह से मेले का महीना बदला गया
माघी मेला सिख इतिहास में बैसाखी और बंदी छोड़ दिवस (दीवाली) के बाद तीसरा बड़ा त्योहार है। यह मेला उन 40 सिखों की याद में मनाया जाता है, जिन्होंने पहले गुरू गोबिंद सिंह जी के लिए लड़ने से इनकार कर दिया। मगर, माई भागो की प्रेरणा से ऐसी लड़ाई लड़ी कि अपने प्राण तक बलिदान कर दिए। इन्हें सिख इतिहास में गुरु गोबिंद सिंह जी के “चाली मुकते” (चालीस मुक्त हुए सिख योद्धा) कहा जाता है। यह लड़ाई 3 मई 1705 यानी बिक्रमी कैलेंडर के मुताबिक 21 वैसाख 1762 को हुई थी। शुरू में यह मेला वैसाख में ही लगता था, लेकिन गर्मी और पानी की कमी के कारण इसे सर्दियों के माघ महीने में मनाने की परंपरा शुरू हुई। नानकशाही कैलेंडर में इसे जनवरी यानी माघ महीने में मनाना तय किया गया है। इस बार यह मेला 11 जनवरी से शुरू हो चुका है। 14 जनवरी को यहां अखंड पाठ के भोग डाले जाएंगे। 15 जनवरी को नगर कीर्तन निकालने के साथ निहगों की घुड़दौड़, घोड़ों के मुकाबले होंगे। जिसके बाद पारंपरिक तौर पर मेले की समाप्ति हो जाएगी। माघी मेले से जुड़ी फोटोज… मंडी में 400 से ज्यादा घोड़े, कीमत 100 करोड़
माघी मेले में सबसे आकर्षण घोड़ा मंडी रहती है। यहां 400 से ज्यादा घोड़े आते हैं, जिसमें नुकरा (सफेद घोड़ा), मारवाड़ी (राजस्थान) और मज्जुका नस्ल के घोड़े सबसे ज्यादा फेमस है। इन घोड़ों की कीमत 2 लाख से लेकर 2 करोड़ तक होती है। इस मंडी में ज्यादातर भारतीय नस्लें ही बेची और खरीदी जाती हैं। विदेशी घोड़ों को इन मंडियों में नहीं ले जाया जाता है। यहां हॉर्स शो भी होता है। पिछले साल हुए मुकाबले में मेल कैटेगरी में पहला स्थान हरियाणा के बुर्ज खलीफा को मिला था। जिसकी हाइट 71 इंच थी। बुर्ज खलीफा तब पौने 4 साल का था। फीमेल कैटेगरी में 5 साल की मारवाड़ी घोड़ी हिना जीती थी। जिसकी हाइट 66 इंच थी। जानिए कौन था मुगल नूरदीन, जिसने गुरू गोबिंद सिंह जी पर हमला किया
सिख इतिहास के मुताबिक मुगलों से हुई खिदराने की जंग के बाद गुरू गोबिंद सिंह जी मुक्तसर में रुके थे। यहां जिस जगह पर गुरूद्वारा दातनसर साहिब बना हुआ है, यहां एक बार गुरू गोबिंद सिंह जी दातुन कर रहे थे। तभी मुगल सैनिक नूरदीन चोरी–छुपे वहां आया और किसी नुकीली चीज से उन पर हमला करने की कोशिश की। हालांकि उन्होंने तुरंत एक बर्तन उठाया और मुगल नूरदीन को ही मार दिया। जिसके बाद यहां उसकी कब्र बनाई गई है। जिसे सिख अन्याय और गुरु साहिब के खिलाफ की गई साजिश का प्रतीक मानते हैं। गुरुद्वारे के दर्शन के बाद श्रद्धालु यहां कब्र पर जूते–चप्पल मारते हैं। जो इस बात का संदेश देता है कि अन्याय और विश्वासघात का अंत निश्चित है। खिदराने की जंग: 40 सिख लड़ाई से हटे, फिर ऐसे लड़े कि जान तक बलिदान कर दी 1. मुगल सैनिकों से लड़ रहे थे गुरू गोबिंद सिंह जी, 40 सिखों ने भूख–प्यास से साथ छोड़ा
सिख इतिहासकारों के मुताबिक बिक्रमी संवत 1761 में दसवें गुरू श्री गुरू गोबिंद सिंह जी किला आनंदपुर साहिब में मुगल सैनिकों से लड़ रहे थे। किले में राशन–पानी खत्म होता जा रहा था। यह देख 40 सिखों ने कहा कि वह भूखे–प्यासे लड़ाई नहीं लड़ सकते। इस पर गुरू गोबिंद सिंह जी ने उनसे कहा कि लिखकर दे दो कि मैं तुम्हारा गुरू नहीं और तुम मेरे शिष्य नहीं। उन्होंने लिखकर दिया और लड़ाई छोड़ अपने घर चले गए। 2. गुरू गोबिंद सिंह जी के 2 साहिबजादों ने शहीदी प्राप्त की
किला आनंदपुर की लड़ाई के बाद गुरू गोबिंद सिंह जी चमकौर साहिब की गढ़ी में जा पहुंचे। वहां मुगल सैनिकों के साथ उनका मुकाबला हुआ। इसमें गुरू गोबिंद सिंह जी के 2 साहिबजादे भाई अजीत सिंह और भाई जुझार सिंह ने शहीदी प्राप्त की। 3. परिजनों ने 40 सिखों के घर लौटने पर खूब कोसा
चमकौर की गढ़ी से गुरू गोबिंद सिंह जी ने खिदराने की ढाब (मुक्तसर) के ऊंचे रेतीले टिब्बों में अपना डेरा लगा लिया। इधर, 40 सिखों ने घर में लड़ाई छोड़कर आने की बात बताई ताे परिवार के लोगों ने उन्हें खूब कोसा। उन्होंने कहा कि मुसीबत के वक्त गुरू गोबिंद सिंह जी का साथ छोड़ना चाहिए था। परिवार की महिलाओं ने कहा कि आप सब घर बैठो, हम गुरू जी के साथ सेना बनकर लडेंगी। तब माई भागो ने भी 40 सिखों को लड़ने के लिए प्रेरित किया। 4. वापस लौटे 40 सिख, मुगल सेना को घुटनों पर ला दिया
घरवालों के ताने सुन और माई भागो के प्रेरित करने पर वे फिर से गुरू गोबिंद सिंह जी की खोज में निकल पड़े। वह खिदराने की ढाब पहुंच गए, जहां गुरू गोबिंद सिंह जी ठहरे हुए थे। उन्होंने भी एक जलाशय के पास अपने डेरे लगा लिए। तभी गुरू गोबिंद सिंह जी को ढूंढते हुए मुगल सेना भी वहां आ पहुंची। उन्होंने इन्हीं 40 सिखों पर हमला किया। तब ये 40 सिख ऐसे लड़े कि मुगल सेना को घुटने पर ला दिया। मुगल सेना को वहां से भागना पड़ा। इस लड़ाई में 39 सिख शहीद हो गए। एक भाई महा सिंह घायल पड़े थे। तब श्री गुरू गोबिंद सिंह जी वहां पहुंचे और महा सिंह का सिर अपनी गोद में रखते हुए कहा कि आप सब लोगों ने आज सिख धर्म की लाज रख ली। 5. गुरू गोबिंद सिंह ने पत्र फाड़कर कहा, यह 40 मुक्तों की धरती
गुरू गोबिंद सिंह जी ने महा सिंह से कहा कि जो मांगना चाहते हो मांग लो। इस पर महा सिंह ने कहा कि हमें माफी दे दीजिए और आनंदपुर के किले में उन्होंने जो पत्र (बेदावा) दिया था, उसे फाड़ दीजिए। हमारी टूटी गांठ जोड़ दीजिए यानी हमें अपना शिष्य बना लीजिए। तब गुरू गोबिंद सिंह जी ने अपनी कमर से वह पत्र निकाला और फाड़ दिया। उन्होंने कहा कि यह स्थान खिदराना नहीं बल्कि मुक्ति का धाम है। बाद में महा सिंह ने भी शहीदी प्राप्त कर ली। 6. 40 सिखों का अपने हाथ से अंतिम संस्कार किया
इसके बाद गुरू गोबिंद सिंह जी ने युद्ध के मैदान से सभी 40 सिखों की पार्थिव देह को इकट्ठा किया। इसके बाद एक बड़ी चिता बनाई। फिर गुरू गोबिंद सिंह जी ने अपने हाथ से सभी 40 सिखों का अंतिम संस्कार किया। इसी जगह पर अब गुरूद्वारा शहीद गंज बना हुआ है। जहां पर बेदावा (पत्र) फाड़ा, वहां गुरुद्वारा टुट्टी गंडी साहिब बना। मुक्तसर में श्री गुरू गोबिंद सिंह से जुड़े 8 गुरुद्वारे…
रोहतक में पराली जलाने वाले किसान पर एक्शन:हरसेक से मिली लोकेशन, टीम ने किया निरीक्षण, पुलिस ने किया केस दर्ज
रोहतक में पराली जलाने वाले किसान पर एक्शन:हरसेक से मिली लोकेशन, टीम ने किया निरीक्षण, पुलिस ने किया केस दर्ज रोहतक के गांव बहु जमालपुर में पराली जलाने वाले किसान पर कार्रवाई की गई है। हरसेक से मिली लोकेशन के बाद ग्राम स्तरीय निगरानी टीम ने मौके पर जाकर निरीक्षण किया। इस दौरान पराली जलाई हुई मिली। जिसकी शिकायत मिलने पर पुलिस ने किसान के खिलाफ केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी। कृषि विभाग के एग्रीकल्चर सुपरवाइजर सहीराम ने बहु अकबरपुर थाने में पराली जलाने की शिकायत दी। शिकायत में बताया कि धान कटाई के बाद बचे हुए अवशेष जलाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। उप कृषि निदेशक के आदेशानुसार ग्राम स्तरीय संयुक्त टीम (एग्रीकल्चर सुपरवाइजर, पटवारी व ग्राम सचिव) का गठन किया गया। हरसेक से आग लगने की लोकेशन मिली। जिसकी मौके पर जाकर टीम ने जांच की। केस किया दर्ज
जब टीम खेतों में पहुंची और निरीक्षण किया तो धान के अवशेष जलाए हुए मिले। गांव बहु जमालपुर निवासी किसान जसबीर के 5 कनाल 9 मरले जमीन पर फसलों के अवशेष जलाए हुए मिले। जिसके बाद मामले की शिकायत थाने में दी गई। जिसके आधार पर पुलिस ने किसान के खिलाफ धान के अवशेष जलाने की धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है। वहीं जांच की जा रही है।