पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सांसद अमृतपाल सिंह की संसदीय सदस्यता को दी गई चुनौती मामले में नोटिस जारी कर दिया है। अमृतपाल सिंह को सांसद के रूप में अयोग्य घोषित करने के लिए विक्रमजीत सिंह द्वारा याचिका दायर की गई है। जिसकी सुनवाई आज हाईकोर्ट में हुई। हाईकोर्ट ने अमृतपाल सिंह को 25 अक्टूबर तक जवाब दाखिल करने का नोटिस जारी किया। अमृतपाल सिंह के खिलाफ कोर्ट पहुंचे विक्रमजीत सिंह ने याचिका में आरोप लगाया है कि अमृतपाल सिंह ने नामांकन पत्र में कई अहम जानकारियां छिपाई हैं। अपने चुनाव खर्च की कोई जानकारी नहीं दी है। जिसमें उनके समर्थन में रोजाना कई सभाएं की गई और पैसा कहां खर्च किया गया, इसकी भी जानकारी नहीं दी गई है। उन्होंने अमृतपाल सिंह पर धार्मिक पहचान का इस्तेमाल कर धर्म के नाम पर वोट मांगने का आरोप लगाया है। सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा था मामला अमृतपाल सिंह के निर्वाचन को चुनौती देने वाली एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंची थी। याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि संविधान का अनुच्छेद 84 संसद की सदस्यता के लिए योग्यता से संबंधित है, और इसमें कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति संसद की सीट भरने के लिए तब तक योग्य नहीं होगा जब तक वह भारत का नागरिक न हो। सुप्रीम कोर्ट ने ये कहते हुए याचिका खारिज कर दी थी कि इसके लिए प्रक्रियाएं निर्धारित हैं और जन प्रतिनिधित्व कानून में प्रावधान हैं। असम की जेल में बंद है अमृतपाल खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह को अप्रैल 2023 में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत गिरफ्तार किया गया था। अमृतपाल को फिलहाल असम की डिब्रूगढ़ जेल में रखा गया है। अमृतपाल सिंह अजनाला थाने पर हमला करने समेत कई एफआईआर में भी आरोपी हैं। जेल में रहते हुए अमृतपाल सिंह ने पंजाब के खडूर साहिब संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर 2024 का लोकसभा चुनाव जीता है। अमृतपाल सिंह ने कांग्रेस के कुलबीर सिंह जीरा को करीब 2 लाख वोटों के अंतर से हराया था। खडूर साहिब से जीत के बाद अमृतपाल को शपथ ग्रहण के लिए पैरोल मिली थी। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सांसद अमृतपाल सिंह की संसदीय सदस्यता को दी गई चुनौती मामले में नोटिस जारी कर दिया है। अमृतपाल सिंह को सांसद के रूप में अयोग्य घोषित करने के लिए विक्रमजीत सिंह द्वारा याचिका दायर की गई है। जिसकी सुनवाई आज हाईकोर्ट में हुई। हाईकोर्ट ने अमृतपाल सिंह को 25 अक्टूबर तक जवाब दाखिल करने का नोटिस जारी किया। अमृतपाल सिंह के खिलाफ कोर्ट पहुंचे विक्रमजीत सिंह ने याचिका में आरोप लगाया है कि अमृतपाल सिंह ने नामांकन पत्र में कई अहम जानकारियां छिपाई हैं। अपने चुनाव खर्च की कोई जानकारी नहीं दी है। जिसमें उनके समर्थन में रोजाना कई सभाएं की गई और पैसा कहां खर्च किया गया, इसकी भी जानकारी नहीं दी गई है। उन्होंने अमृतपाल सिंह पर धार्मिक पहचान का इस्तेमाल कर धर्म के नाम पर वोट मांगने का आरोप लगाया है। सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा था मामला अमृतपाल सिंह के निर्वाचन को चुनौती देने वाली एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंची थी। याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि संविधान का अनुच्छेद 84 संसद की सदस्यता के लिए योग्यता से संबंधित है, और इसमें कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति संसद की सीट भरने के लिए तब तक योग्य नहीं होगा जब तक वह भारत का नागरिक न हो। सुप्रीम कोर्ट ने ये कहते हुए याचिका खारिज कर दी थी कि इसके लिए प्रक्रियाएं निर्धारित हैं और जन प्रतिनिधित्व कानून में प्रावधान हैं। असम की जेल में बंद है अमृतपाल खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह को अप्रैल 2023 में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत गिरफ्तार किया गया था। अमृतपाल को फिलहाल असम की डिब्रूगढ़ जेल में रखा गया है। अमृतपाल सिंह अजनाला थाने पर हमला करने समेत कई एफआईआर में भी आरोपी हैं। जेल में रहते हुए अमृतपाल सिंह ने पंजाब के खडूर साहिब संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर 2024 का लोकसभा चुनाव जीता है। अमृतपाल सिंह ने कांग्रेस के कुलबीर सिंह जीरा को करीब 2 लाख वोटों के अंतर से हराया था। खडूर साहिब से जीत के बाद अमृतपाल को शपथ ग्रहण के लिए पैरोल मिली थी। पंजाब | दैनिक भास्कर
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