कंगना रनोट बुलंदशहर MP/MLA अदालत में तलब:कहा था- किसान आंदोलन के दौरान रेप-मर्डर हुए; बिल वापसी न होती तो लंबी प्लानिंग थी हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट से सांसद और अभिनेत्री कंगना रनोट को बुलंदशहर की MP/MLA अदालत ने तलब किया है। यह आदेश अदालत ने उनके किसान आंदोलन को लेकर दिए बयान पर सुनवाई करते हुए जारी किया। कंगना ने 25 अगस्त को कहा था- पंजाब में किसान आंदोलन के नाम पर उपद्रवी हिंसा फैला रहे थे। वहां रेप और हत्याएं हो रही थीं। किसान बिल को वापस ले लिया गया, वरना इन उपद्रवियों की बहुत लंबी प्लानिंग थी। ये देश में कुछ भी कर सकते थे। मामले की सुनवाई 25 अक्टूबर को होगी। अगर कोर्ट में कंगना रनोट के खिलाफ आरोप सिद्ध होते हैं, तो उन्हें कानूनी सजा का सामना करना पड़ सकता है। अब विस्तार से पढ़िए… भाकियू नेता ने दायर की शिकायत
कंगना रनोट के खिलाफ शिकायत भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री पंडित गजेंद्र शर्मा ने अदालत में दर्ज कराई। उन्होंने कहा- कंगना रनोट ने किसानों और विशेष रूप से महिलाओं के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की है, जो असहनीय है। किसान आंदोलन के दौरान इस तरह के बयान न सिर्फ गलत हैं, बल्कि हमारे समाज और किसानों की छवि खराब करने का प्रयास है। गजेंद्र शर्मा के वकील संजय शर्मा ने बताया- किसान नेता ने परिवाद 19 सितंबर को कोर्ट में दाखिल किया है, जिसमें कोर्ट ने आज भाजपा सांसद कंगना के खिलाफ नोटिस जारी किया है। उन्हें 25 अक्टूबर को कोर्ट में पेशी के लिए बुलाया गया है। कंगना रनोट ने किसान आंदोलन को लेकर जो टिप्पणी की थी, उसे लेकर कोर्ट में याचिका दायर की गई है। कंगना के 3 बयान, जिन पर हुआ था हंगामा कंगना रनोट का पूरा इंटरव्यू पढ़िए…जिसमें उन्होंने कहा था- पंजाब बांग्लादेश बन सकता था अभिनेत्री और सांसद कंगना रनोट ने कहा- अगर हमारा शीर्ष नेतृत्व मजबूत नहीं रहता तो किसान आंदोलन के दौरान पंजाब को भी बांग्लादेश बना दिया जाता। दैनिक भास्कर को दिए इंटरव्यू में कंगना ने कहा था कि पंजाब में किसान आंदोलन के नाम पर उपद्रवी हिंसा फैला रहे थे। वहां रेप और हत्याएं हो रही थीं। किसान बिल को वापस ले लिया गया वर्ना इन उपद्रवियों की बहुत लंबी प्लानिंग थी। वे देश में कुछ भी कर सकते थे। कंगना के बयान पर विवाद बढ़ता देखकर भाजपा कहा कि यह कंगना के अपने विचार हैं और पार्टी इससे सहमत नही है। चिट्ठी में यह भी लिखा गया है कि कंगना को आगे ऐसे बयान न देने की हिदायत दी गई है। सवाल- जैसे हालात बांग्लादेश में आज हैं, क्या हमारे देश में भी ऐसे हालत बन सकते हैं?
जवाब- आज हमारा शीर्ष नेतृत्व कमजोर होता तो बांग्लादेश जैसी स्थिति भारत में भी हो सकती थी। यहां किसान आंदोलन के दौरान क्या हुआ, वो सबने देखा। कैसे प्रोटेस्ट के नाम पर वॉयलेंस फैलाया गया। वहां रेप हो रहे थे, मारकर लाशों को लटकाया जा रहा था। जब उस बिल को वापस लिया गया तो ये उपद्रवी चौंक गए, क्योंकि उनकी प्लानिंग तो बहुत लंबी थी। उन पर समय रहते कंट्रोल पा लिया गया वर्ना कुछ भी कर सकते थे। सवाल- बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ जो हुआ, उस पर फिल्म इंडस्ट्री क्यों चुप है?
जवाब- दरअसल इन लोगों को कुछ जानकारी ही नहीं है। ये बस अपनी धुन में सवार रहते हैं। सुबह से मेकअप करके बैठ जाते हैं, देश दुनिया में क्या हो रहा है, इससे कोई मतलब नहीं है। इनको लगता है कि अपना काम चलता रहे, देश जाए भाड़ में। हालांकि यह भूल जाते हैं कि अगर देश को कुछ हुआ तो नुकसान इन्हें भी उतना ही होगा। सवाल- कोलकाता में लेडी डॉक्टर के साथ रेप हुआ, संसद में महिलाओं के लिए आवाज उठाएंगी?
जवाब- महिलाओं की सुरक्षा मेरे लिए हमेशा से एक चिंताजनक विषय रहा है। मैं इसे लेकर काफी गंभीर हूं। मेरी जितनी हैसियत है, मैंने हमेशा महिलाओं के सपोर्ट में आवाज बुलंद की है। आज से 10 साल पहले आमिर खान जी के शो सत्यमेव जयते में मैंने फिल्मों में हो रहे आइटम नंबर्स का खुला विरोध किया था। क्या एक महिला का शरीर सिर्फ मनोरंजन के लिए है? सवाल- आपके बयानों पर अक्सर इंडस्ट्री का रिएक्शन तल्ख होता है?
जवाब- यह मेरे खिलाफ यूज किया गया एक प्रोपेगैंडा है। जो लोग मुझसे और मेरे काम से इनसिक्योर हैं, वही ऐसी बातें करते हैं। लोगों को लगता है कि कंगना कुछ ज्यादा ही सच बोल देती है। खैर, मैंने इन लोगों के खिलाफ आवाज भी उठाई है। मैंने इंडस्ट्री में फैले सेक्सिज्म, नेपोटिज्म और आइटम नंबर्स के खिलाफ हमेशा से ही बोला है। मीटू मूवमेंट के वक्त भी मैंने काफी लोगों के पोल खोले थे। सुशांत सिंह राजपूत के सुसाइड के वक्त भी मैंने काफी खुलासे किए, जिसकी वजह से काफी लोगों को मिर्ची लगी थी। सवाल- जब तक आप इंडस्ट्री के हिसाब से चल रही थीं, सब ठीक था। ओपिनियन देना शुरू किया तो बुरी बन गईं?
जवाब- मैं 2004 में मुंबई आई थी। 2006 में पहली फिल्म मिली। 2014 तक मुझे एक साधारण एक्ट्रेस के तौर पर देखा जाता था। इंडस्ट्री वालों का मुझे लेकर सकारात्मक रवैया था। 2014 के बाद जब मेरी फिल्में हिट होना शुरू हो गईं तो इनका दिमाग हिलने लगा। उन्हें लगा कि ये कौन बाहरी लड़की आकर अपनी जगह बना रही है। यह न तो बड़े बाप की बेटी है और न ही इंडस्ट्री में इसका कोई गॉडफादर है, फिर ये इतनी सफल क्यों हो रही है। तनु वेड्स मनु रिटर्न्स के सुपरहिट होते ही ये और भी ज्यादा मेरे पीछे पड़ गए। मुझे गालियां देने लगे, चरित्र हनन करने लगे, मुझे साइको बुलाने लगे। मतलब जो लड़की उनके लिए 10 साल से नॉर्मल थी, वो अचानक साइको हो गई? करण जौहर, केतन मेहता और अपूर्व असरानी जैसे फिल्म मेकर्स हर रोज मेरे खिलाफ बयान देते थे। यहां तक कि जिनसे मेरा सालों पहले ब्रेकअप हो गया था, वो भी मुझे नोटिस भेजने लगे। मुझे कहने लगे कि मैं उन्हें स्टॉक करती हूं, उन्हें अपनी माहवारी का खून पिलाती हूं। मुझ पर ऐसे-ऐसे इल्जाम लगाए गए थे, जो आप सपने में भी नहीं सोच सकते। सवाल- आप हर वक्त बेखौफ होकर बोलती हैं, क्या आपके अपने लोग समझाते नहीं कि क्यों खुद का नुकसान कर रही हो?
जवाब- देखिए, मेरे परिजन बहुत साधारण जीवन जीते हैं। उन्हें किसी तरह का मोह नहीं है। वो तो बल्कि खुश हैं कि अब मैं गृहक्षेत्र मंडी में ज्यादा से ज्यादा वक्त बिता रही हूं। इसके अलावा कुछ शुभचिंतक जरूर ऐसा कहते हैं कि आपको हर चीज में फाइट नहीं करना चाहिए। उनकी बात कुछ हद तक सही भी है, मैं अब हर चीज में अकेले तो लड़ नहीं पाऊंगी। यह खबर भी पढ़िए… सपा विधायक ने दरोगा की वर्दी फाड़ी, समर्थकों ने पीटा:जाहिद बेग समेत 40 पर FIR; बाप-बेटे की जेल बदली; भागते हुए किया था सरेंडर भदोही में नाबालिग को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में फंसे सपा विधायक जाहिद बेग (60) के खिलाफ एक और केस दर्ज हुआ है। गुरुवार को जब विधायक कोर्ट में सरेंडर करने पहुंचे तो उन्होंने दरोगा की वर्दी फाड़ दी। उनके 40-50 समर्थकों ने कोर्ट में ही पुलिस के साथ मारपीट की। इस मामले में दरोगा अवधेश सिंह यादव ने विधायक और उनके समर्थकों पर ज्ञानपुर थाने में FIR लिखाई है। 10 दिन में यह तीसरा मुकदमा है। गुरुवार को ही कोर्ट ने जाहिद को जेल भेजा था। पढ़ें पूरी खबर…