हरियाणा विधानसभा चुनाव में नामांकन वापस लेने की आज आखिरी तारीख है। इससे पहले भाजपा और कांग्रेस बागियों को मनाने की हरसंभव कोशिश कर रही है। वरिष्ठ नेताओं को न सिर्फ बागियों को पार्टी में वापस लाने बल्कि उनसे पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवारों का समर्थन करने के लिए कहने का कठिन काम सौंपा गया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी समेत प्रदेश भाजपा के शीर्ष नेताओं ने बागियों को नामांकन वापस लेने के लिए मनाने के लिए हरियाणा भर में अभियान चलाया, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके सांसद बेटे दीपेंद्र हुड्डा ने भी बागियों से संपर्क साधा। माना जा रहा है कि उन्हें कुछ हद तक सफलता भी मिली है, हालांकि अधिकांश बागी आज भी अपनी जिद पर अड़े हुए हैं। उनका कहना है कि वे अंतिम निर्णय लेने से पहले अपने कार्यकर्ताओं से सलाह-मशविरा करेंगे। रूठों को मनाने के लिए बीजेपी-कांग्रेस में क्या चल रहा है… CM सैनी 3 नेताओं को मनाएंगे 1. सैनी का पहला पड़ाव महेंद्रगढ़ के बागी और वरिष्ठ नेता रामबिलास शर्मा के निवास पर था, हालांकि शर्मा ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि वह नामांकन दाखिल करने के एक दिन बाद पार्टी उम्मीदवार के खिलाफ अपना नामांकन वापस ले लेंगे। 2. मुख्यमंत्री ने नारनौल नगर परिषद की पूर्व प्रधान एवं भाजपा महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष भारती सैनी से भी मुलाकात की। बैठक के बाद भारती ने कहा कि नाम वापसी पर फैसला लेने के लिए कार्यकर्ताओं की बैठक होगी, हालांकि बातचीत “बहुत सकारात्मक” रही। 3. सोनीपत के बागी और वरिष्ठ भाजपा नेता राजीव जैन को भी संदेश मिला है कि सीएम उनके आवास पर आएंगे। राज्य पार्टी प्रमुख मोहन लाल बडोली सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं ने पहले ही उनसे “समझौते” के लिए संपर्क किया है। बिप्लब देब 3 नेताओं से मिलेंगे पार्टी के सह-प्रभारी बिप्लब देव रणधीर कापड़ीवास (रेवाड़ी), संतोष यादव (अटेली) और शशि रंजन परमार (तोशाम) से मिलने वाले थे। तीनों नेताओं को फोन कॉल आए, जिसमें उनसे नामांकन वापस लेने का आग्रह किया गया। यादव ने कहा, “मैं इस बार विधानसभा नहीं जाऊंगा, लेकिन तय करूंगा कि किस उम्मीदवार का समर्थन करना है। मुझे बिप्लब देब का फोन आया था। कांग्रेस को 12 नाम वापसी की उम्मीद कांग्रेस भी पूरी ताकत लगा रही है और हुड्डा पिता-पुत्र की जोड़ी लगातार बागियों के संपर्क में है। हुड्डा ने कहा, “हमारे अधिकांश नेता पार्टी उम्मीदवारों के पक्ष में नाम वापस लेने के लिए सहमत हो गए हैं,” जबकि दीपेंद्र ने कहा कि कल कम से कम 12 नेताओं के नाम वापस लेने की संभावना है। कांग्रेस में इन नामों की वापसी की उम्मीद सूत्रों ने बताया कि नलवा से वरिष्ठ नेता संपत सिंह, हांसी से प्रेम सिंह मलिक और अंबाला से जसबीर मलोर के हटने की संभावना है, जबकि कुछ अन्य के साथ बातचीत अभी भी जारी है। एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “विद्रोहियों के पास कल तक का समय है। उन्हें वापस जाने के लिए मनाने के लिए हमारे पास अभी भी सुबह है।” 3 बजे तक का ही टाइम हरियाणा के मुख्य चुनाव अधिकारी पंकज अग्रवाल ने कहा कि उम्मीदवार कल दोपहर 3 बजे तक अपना नामांकन वापस ले सकते हैं। उन्होंने कहा, “नाम वापस लेने की समयसीमा समाप्त होने के बाद, हम उम्मीदवारों को चुनाव चिह्न आवंटित करेंगे।” हरियाणा विधानसभा चुनाव में नामांकन वापस लेने की आज आखिरी तारीख है। इससे पहले भाजपा और कांग्रेस बागियों को मनाने की हरसंभव कोशिश कर रही है। वरिष्ठ नेताओं को न सिर्फ बागियों को पार्टी में वापस लाने बल्कि उनसे पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवारों का समर्थन करने के लिए कहने का कठिन काम सौंपा गया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी समेत प्रदेश भाजपा के शीर्ष नेताओं ने बागियों को नामांकन वापस लेने के लिए मनाने के लिए हरियाणा भर में अभियान चलाया, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके सांसद बेटे दीपेंद्र हुड्डा ने भी बागियों से संपर्क साधा। माना जा रहा है कि उन्हें कुछ हद तक सफलता भी मिली है, हालांकि अधिकांश बागी आज भी अपनी जिद पर अड़े हुए हैं। उनका कहना है कि वे अंतिम निर्णय लेने से पहले अपने कार्यकर्ताओं से सलाह-मशविरा करेंगे। रूठों को मनाने के लिए बीजेपी-कांग्रेस में क्या चल रहा है… CM सैनी 3 नेताओं को मनाएंगे 1. सैनी का पहला पड़ाव महेंद्रगढ़ के बागी और वरिष्ठ नेता रामबिलास शर्मा के निवास पर था, हालांकि शर्मा ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि वह नामांकन दाखिल करने के एक दिन बाद पार्टी उम्मीदवार के खिलाफ अपना नामांकन वापस ले लेंगे। 2. मुख्यमंत्री ने नारनौल नगर परिषद की पूर्व प्रधान एवं भाजपा महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष भारती सैनी से भी मुलाकात की। बैठक के बाद भारती ने कहा कि नाम वापसी पर फैसला लेने के लिए कार्यकर्ताओं की बैठक होगी, हालांकि बातचीत “बहुत सकारात्मक” रही। 3. सोनीपत के बागी और वरिष्ठ भाजपा नेता राजीव जैन को भी संदेश मिला है कि सीएम उनके आवास पर आएंगे। राज्य पार्टी प्रमुख मोहन लाल बडोली सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं ने पहले ही उनसे “समझौते” के लिए संपर्क किया है। बिप्लब देब 3 नेताओं से मिलेंगे पार्टी के सह-प्रभारी बिप्लब देव रणधीर कापड़ीवास (रेवाड़ी), संतोष यादव (अटेली) और शशि रंजन परमार (तोशाम) से मिलने वाले थे। तीनों नेताओं को फोन कॉल आए, जिसमें उनसे नामांकन वापस लेने का आग्रह किया गया। यादव ने कहा, “मैं इस बार विधानसभा नहीं जाऊंगा, लेकिन तय करूंगा कि किस उम्मीदवार का समर्थन करना है। मुझे बिप्लब देब का फोन आया था। कांग्रेस को 12 नाम वापसी की उम्मीद कांग्रेस भी पूरी ताकत लगा रही है और हुड्डा पिता-पुत्र की जोड़ी लगातार बागियों के संपर्क में है। हुड्डा ने कहा, “हमारे अधिकांश नेता पार्टी उम्मीदवारों के पक्ष में नाम वापस लेने के लिए सहमत हो गए हैं,” जबकि दीपेंद्र ने कहा कि कल कम से कम 12 नेताओं के नाम वापस लेने की संभावना है। कांग्रेस में इन नामों की वापसी की उम्मीद सूत्रों ने बताया कि नलवा से वरिष्ठ नेता संपत सिंह, हांसी से प्रेम सिंह मलिक और अंबाला से जसबीर मलोर के हटने की संभावना है, जबकि कुछ अन्य के साथ बातचीत अभी भी जारी है। एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “विद्रोहियों के पास कल तक का समय है। उन्हें वापस जाने के लिए मनाने के लिए हमारे पास अभी भी सुबह है।” 3 बजे तक का ही टाइम हरियाणा के मुख्य चुनाव अधिकारी पंकज अग्रवाल ने कहा कि उम्मीदवार कल दोपहर 3 बजे तक अपना नामांकन वापस ले सकते हैं। उन्होंने कहा, “नाम वापस लेने की समयसीमा समाप्त होने के बाद, हम उम्मीदवारों को चुनाव चिह्न आवंटित करेंगे।” हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा की पूर्व महिला कप्तान का हॉकी से संन्यास:कुरुक्षेत्र के शाहाबाद से शुरू किया था सफर, पिता चलाते थे तांगा भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान रानी रामपाल ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर संन्यास का ऐलान कर दिया है। रानी रामपाल हरियाणा राज्य के कुरूक्षेत्र जिले के शाहाबाद कस्बे की रहने वाली है। जिन्होंने देश का नाम महिला हॉकी में अंतरराष्ट्रीय पटल पर चमकाने का काम किया है। रानी रामपाल का हॉकी करियर करीब 16 साल का रहा है। इस दौरान उन्होंने हॉकी में कई बड़े मुकाम हासिल किए। रानी रामपाल लगातार दो बार ओलिंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तानी भी कर चुकी है। पिता की मेहनत, नया आयाम स्थापित रानी रामपाल का जन्म कुरूक्षेत्र जिले के शाहबाद में 1994 में हुआ था। रानी रामपाल गरीब परिवार से आती हैं। उनके पिता रामपाल घोड़ा तांगा चलाते थे और अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे थे। जब रानी ने हॉकी खेलने की जिद की, तो परिवार के पास इतने पैसे नहीं थे कि वो रानी की जरूरतें पूरी कर सकें। उनके पिता ने तांगा चलाकर किसी तरह परिवार का गुजारा किया। पिता की मेहनत की बदौलत उन्होंने हॉकी में एक नया आयाम स्थापित किया। रानी की जिद के आगे झुका परिवार रानी रामपाल 7 वर्ष की आयु में हॉकी खेलना शुरू किया था। महिला हॉकी में शाहबाद हॉकी नर्सरी ने एक अलग ही मुकाम हासिल किया है और रानी रामपाल ने भी वहीं से अपने जीवन की शुरुआत की थी। शुरुआत में घरवालों ने उसको मना किया, लेकिन रानी ने तो ठान लिया था कि हॉकी खेलनी है। रानी की इस जिद के आगे उनके पिता को झुकना पड़ा और उन्होंने रानी को का एडमिशन अकादमी में करा दिया। कोच और कुछ खिलाड़ियों की मदद से उन्हें किट मिली और उन्होंने प्रैक्टिस शुरू कर दी। जैसे-जैसे वह खेलती गई, उसके खेल में निखार आता गया और वह पहले जिला स्तर पर, स्टेट स्तर पर, नेशनल और इंटरनेशनल तक का सफर तय किया। पहली बार 2009 में हुआ था चयन रानी रामपाल का भारतीय हॉकी टीम में पहली बार 2009 में चयन हुआ था। उस समय उनकी उम्र करीब 15 साल थी, 2009 में जर्मनी में जूनियर विश्व कप खेला था। जिसमें भारत ने कांस्य पदक जीता था। रानी पहली बार भारतीय टीम में खेल रहीं थी। इंग्लैंड के खिलाफ फाइनल मुकाबले में रानी ने तीन गोल करके अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया था। वो इस प्रतियोगिता में प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट थीं। यहां के बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। रानी रामपाल ने इंटरनेशनल स्तर पर काफी लंबे समय तक खेला है। जिसके चलते उन्होंने 200 से ज्यादा इंटरनेशनल मैच खेले है। पद्म श्री और राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड से सम्मानित रानी रामपाल ने हॉकी में कहीं बड़े खिताब हासिल किए हैं। रानी को 2020 में पद्म श्री और राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड से भारत सरकार द्वारा नवाजा गया था। रानी की अगुआई में भारतीय टीम ने एशियन गेम्स और एशिया कप में मेडल जीता था। रानी की कप्तानी में भारतीय महिला हॉकी टीम टोक्यो ओलिंपिक में टीम चौथे नंबर पर रही। रानी रामपाल ने फर्ज से हर्ष का सफर तय किया है और भारतीय महिला हॉकी को विश्व के पटल पर एक नई पहचान देने का काम किया है।
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सोनीपत में युवक को चाकू से गोदा:भाई के साथ हुआ था झगड़ा; पीठ व छाती में किए वार, PGI में आया होश हरियाणा के सोनीपत में भाई के साथ हुए झगड़े की रंजिश में एक युवक को चाकू से गोद दिया गया। उसे बेहोशी की हालत में अस्पताल पहुंचाया गया। डॉक्टर ने उसे रोहतक पीजीआई रेफर कर दिया। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ थाना मोहाना में केस दर्ज किया है। अभी किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। गांव गुहणा के रहने वाले सागर ने बताया कि वह खरखौदा की कंपनी में काम करता है। रात को करीब 9.00 बजे अपने घर गांव गुहणा में आ रहा था। जब गांव मे धानक चौपाल के पास पहुंचा तो गांव के रोहित व मोहित ने उसे रोक लिया। उन्होंने कहा कि तेरे भाई ने मेरे भाई के साथ झगड़ा किया थ्रा। आज उसका मजा चखाते हैं। मोहित के हाथ में चाकू था। उसने सागर की पीठ व छाती में चाकू से वार करने शुरू कर दिए। रोहित ने लात व घुंसे से उसे पीटा। उसने बताया कि इसके बाद वह बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़ा। उसे होश आया तो उसका रोहतक पीजीआई में उसका उसका इलाज चल रहा था। वारदात के बाद गांव में कई बार समझौते को लेकर पंचायत हुई। लेकिन समझौता नहीं हो सका। इसके बाद पुलिस में शिकायत दी गई। पुलिस ने इसको लेकर धारा 118(1), 3(5) BNS के तहत केस दर्ज किया है।