हरियाणा विधानसभा चुनाव में नामांकन वापस लेने की आज आखिरी तारीख है। इससे पहले भाजपा और कांग्रेस बागियों को मनाने की हरसंभव कोशिश कर रही है। वरिष्ठ नेताओं को न सिर्फ बागियों को पार्टी में वापस लाने बल्कि उनसे पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवारों का समर्थन करने के लिए कहने का कठिन काम सौंपा गया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी समेत प्रदेश भाजपा के शीर्ष नेताओं ने बागियों को नामांकन वापस लेने के लिए मनाने के लिए हरियाणा भर में अभियान चलाया, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके सांसद बेटे दीपेंद्र हुड्डा ने भी बागियों से संपर्क साधा। माना जा रहा है कि उन्हें कुछ हद तक सफलता भी मिली है, हालांकि अधिकांश बागी आज भी अपनी जिद पर अड़े हुए हैं। उनका कहना है कि वे अंतिम निर्णय लेने से पहले अपने कार्यकर्ताओं से सलाह-मशविरा करेंगे। रूठों को मनाने के लिए बीजेपी-कांग्रेस में क्या चल रहा है… CM सैनी 3 नेताओं को मनाएंगे 1. सैनी का पहला पड़ाव महेंद्रगढ़ के बागी और वरिष्ठ नेता रामबिलास शर्मा के निवास पर था, हालांकि शर्मा ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि वह नामांकन दाखिल करने के एक दिन बाद पार्टी उम्मीदवार के खिलाफ अपना नामांकन वापस ले लेंगे। 2. मुख्यमंत्री ने नारनौल नगर परिषद की पूर्व प्रधान एवं भाजपा महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष भारती सैनी से भी मुलाकात की। बैठक के बाद भारती ने कहा कि नाम वापसी पर फैसला लेने के लिए कार्यकर्ताओं की बैठक होगी, हालांकि बातचीत “बहुत सकारात्मक” रही। 3. सोनीपत के बागी और वरिष्ठ भाजपा नेता राजीव जैन को भी संदेश मिला है कि सीएम उनके आवास पर आएंगे। राज्य पार्टी प्रमुख मोहन लाल बडोली सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं ने पहले ही उनसे “समझौते” के लिए संपर्क किया है। बिप्लब देब 3 नेताओं से मिलेंगे पार्टी के सह-प्रभारी बिप्लब देव रणधीर कापड़ीवास (रेवाड़ी), संतोष यादव (अटेली) और शशि रंजन परमार (तोशाम) से मिलने वाले थे। तीनों नेताओं को फोन कॉल आए, जिसमें उनसे नामांकन वापस लेने का आग्रह किया गया। यादव ने कहा, “मैं इस बार विधानसभा नहीं जाऊंगा, लेकिन तय करूंगा कि किस उम्मीदवार का समर्थन करना है। मुझे बिप्लब देब का फोन आया था। कांग्रेस को 12 नाम वापसी की उम्मीद कांग्रेस भी पूरी ताकत लगा रही है और हुड्डा पिता-पुत्र की जोड़ी लगातार बागियों के संपर्क में है। हुड्डा ने कहा, “हमारे अधिकांश नेता पार्टी उम्मीदवारों के पक्ष में नाम वापस लेने के लिए सहमत हो गए हैं,” जबकि दीपेंद्र ने कहा कि कल कम से कम 12 नेताओं के नाम वापस लेने की संभावना है। कांग्रेस में इन नामों की वापसी की उम्मीद सूत्रों ने बताया कि नलवा से वरिष्ठ नेता संपत सिंह, हांसी से प्रेम सिंह मलिक और अंबाला से जसबीर मलोर के हटने की संभावना है, जबकि कुछ अन्य के साथ बातचीत अभी भी जारी है। एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “विद्रोहियों के पास कल तक का समय है। उन्हें वापस जाने के लिए मनाने के लिए हमारे पास अभी भी सुबह है।” 3 बजे तक का ही टाइम हरियाणा के मुख्य चुनाव अधिकारी पंकज अग्रवाल ने कहा कि उम्मीदवार कल दोपहर 3 बजे तक अपना नामांकन वापस ले सकते हैं। उन्होंने कहा, “नाम वापस लेने की समयसीमा समाप्त होने के बाद, हम उम्मीदवारों को चुनाव चिह्न आवंटित करेंगे।” हरियाणा विधानसभा चुनाव में नामांकन वापस लेने की आज आखिरी तारीख है। इससे पहले भाजपा और कांग्रेस बागियों को मनाने की हरसंभव कोशिश कर रही है। वरिष्ठ नेताओं को न सिर्फ बागियों को पार्टी में वापस लाने बल्कि उनसे पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवारों का समर्थन करने के लिए कहने का कठिन काम सौंपा गया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी समेत प्रदेश भाजपा के शीर्ष नेताओं ने बागियों को नामांकन वापस लेने के लिए मनाने के लिए हरियाणा भर में अभियान चलाया, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके सांसद बेटे दीपेंद्र हुड्डा ने भी बागियों से संपर्क साधा। माना जा रहा है कि उन्हें कुछ हद तक सफलता भी मिली है, हालांकि अधिकांश बागी आज भी अपनी जिद पर अड़े हुए हैं। उनका कहना है कि वे अंतिम निर्णय लेने से पहले अपने कार्यकर्ताओं से सलाह-मशविरा करेंगे। रूठों को मनाने के लिए बीजेपी-कांग्रेस में क्या चल रहा है… CM सैनी 3 नेताओं को मनाएंगे 1. सैनी का पहला पड़ाव महेंद्रगढ़ के बागी और वरिष्ठ नेता रामबिलास शर्मा के निवास पर था, हालांकि शर्मा ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि वह नामांकन दाखिल करने के एक दिन बाद पार्टी उम्मीदवार के खिलाफ अपना नामांकन वापस ले लेंगे। 2. मुख्यमंत्री ने नारनौल नगर परिषद की पूर्व प्रधान एवं भाजपा महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष भारती सैनी से भी मुलाकात की। बैठक के बाद भारती ने कहा कि नाम वापसी पर फैसला लेने के लिए कार्यकर्ताओं की बैठक होगी, हालांकि बातचीत “बहुत सकारात्मक” रही। 3. सोनीपत के बागी और वरिष्ठ भाजपा नेता राजीव जैन को भी संदेश मिला है कि सीएम उनके आवास पर आएंगे। राज्य पार्टी प्रमुख मोहन लाल बडोली सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं ने पहले ही उनसे “समझौते” के लिए संपर्क किया है। बिप्लब देब 3 नेताओं से मिलेंगे पार्टी के सह-प्रभारी बिप्लब देव रणधीर कापड़ीवास (रेवाड़ी), संतोष यादव (अटेली) और शशि रंजन परमार (तोशाम) से मिलने वाले थे। तीनों नेताओं को फोन कॉल आए, जिसमें उनसे नामांकन वापस लेने का आग्रह किया गया। यादव ने कहा, “मैं इस बार विधानसभा नहीं जाऊंगा, लेकिन तय करूंगा कि किस उम्मीदवार का समर्थन करना है। मुझे बिप्लब देब का फोन आया था। कांग्रेस को 12 नाम वापसी की उम्मीद कांग्रेस भी पूरी ताकत लगा रही है और हुड्डा पिता-पुत्र की जोड़ी लगातार बागियों के संपर्क में है। हुड्डा ने कहा, “हमारे अधिकांश नेता पार्टी उम्मीदवारों के पक्ष में नाम वापस लेने के लिए सहमत हो गए हैं,” जबकि दीपेंद्र ने कहा कि कल कम से कम 12 नेताओं के नाम वापस लेने की संभावना है। कांग्रेस में इन नामों की वापसी की उम्मीद सूत्रों ने बताया कि नलवा से वरिष्ठ नेता संपत सिंह, हांसी से प्रेम सिंह मलिक और अंबाला से जसबीर मलोर के हटने की संभावना है, जबकि कुछ अन्य के साथ बातचीत अभी भी जारी है। एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “विद्रोहियों के पास कल तक का समय है। उन्हें वापस जाने के लिए मनाने के लिए हमारे पास अभी भी सुबह है।” 3 बजे तक का ही टाइम हरियाणा के मुख्य चुनाव अधिकारी पंकज अग्रवाल ने कहा कि उम्मीदवार कल दोपहर 3 बजे तक अपना नामांकन वापस ले सकते हैं। उन्होंने कहा, “नाम वापस लेने की समयसीमा समाप्त होने के बाद, हम उम्मीदवारों को चुनाव चिह्न आवंटित करेंगे।” हरियाणा | दैनिक भास्कर
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कंवरपाल गुर्जर के सामने हैट्रिक की चुनौती:AAP गुर्जर वोट में सेंधमारी करेगी; अकरम खान को कांग्रेस वेव का फायदा हरियाणा में यमुनानगर जिले की जगाधरी विधानसभा सीट पर इस चुनाव में पूर्व कृषि मंत्री और भाजपा उम्मीदवार कंवरपाल गुर्जर की राह आसान नहीं है। उनके सामने कांग्रेस के अकरम खान, आम आदमी पार्टी (AAP) के आदर्श पाल सिंह कड़ी टक्कर देंगे। इनके अलावा, इस सीट पर इनेलो-बसपा से दर्शन सिंह खेड़ा और जजपा-असपा से डॉ. अशोक कश्यप उम्मीदवार हैं। जगाधरी विधानसभा सीट में करीब 2.45 लाख वोटर हैं। यहां शहरी वोटर निर्णायक भूमिका में रहते हैं। यहां मुख्य मुद्दा उद्योग, अवैध माइनिंग और बढ़ते क्राइम का है। लोगों का कहना है कि हर चुनाव में यहां हिंदू-मुस्लिम का मुद्दा बनता था, लेकिन इस बार सभी विकास की बात कर रहे हैं। विकास न होने पर शहरी वोटर भाजपा से नाराज हैं। कंवरपाल के सामने एंटी इनकंबेंसी भी है। मंत्री रहते हुए कंवरपाल गुर्जर अवैध माइनिंग रोकने में नाकामयाब रहे। दूसरा भाजपा छोड़कर बसपा में गए दर्शन सिंह खेड़ा भी उनके लिए मुसीबत बनेंगे। उद्योगों में कमी की वजह से वैश्य समाज के लोग भाजपा से नाराज हैं। आदर्श पाल सिंह भी गुर्जर जाति से आते हैं। इसलिए वह गुर्जर जाति के अलावा वैश्य समाज की वोट लेंगे। इससे डायरेक्ट भाजपा को नुकसान पहुंचेगा। लोगों के मुताबिक कांग्रेस के अकरम खान यहां मजबूत स्थिति में हैं। उन्हें मुस्लिम वोटों के अलावा, जाट, जट सिख और अन्य जातियों के वोट भी मिलेंगे। ग्रामीण बेल्ट में कांग्रेस की लहर का उन्हें फायदा होगा। इसी वजह से वह शहरी वोटरों को साधने में जुटे हैं। 5 पॉइंट में समझें जगाधरी विधानसभा सीट के समीकरण कंवरपाल गुर्जर 10 साल के विकास के नाम पर वोट मांग रहे कंवरपाल गुर्जर साल 1990 में भाजपा में शामिल हुए थे। वह 2 बार यमुनानगर जिले के महासचिव और 3 बार राज्य के महासचिव रह चुके हैं। 1991 में उन्होंने छछरौली विधानसभा सीट से पहला चुनाव लड़ा था और हार गए। 2014 में उन्होंने जगाधरी सीट से चुनाव लड़ा और विधायक बने। तब मनोहर लाल खट्टर की सरकार में उन्हें विधानसभा स्पीकर का पद दिया गया। 2019 विधानसभा चुनाव में वह दोबारा विधायक बने और उन्हें शिक्षा मंत्री बनाया गया। इस चुनाव में कंवरपाल गुर्जर के प्रचार के लिए कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सैनी आ चुके हैं। वह अपने 10 साल के कार्यकाल में हुए विकास कार्यों के नाम पर वोट मांग रहे हैं। इसके अलावा वह जनता के सामने बता रहे हैं कि शिक्षा मंत्री रहते हुए बिना पर्ची बिना खर्ची के लोगों को नौकरियां मिलीं। अकरम खान ने महंगाई और बेरोजगारी को मुद्दा बनाया अकराम खान साल 1996 में छछरौली विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक बने थे। 1998 में चौधरी बंसीलाल की सरकार में उन्हें हरियाणा हाउसिंग बोर्ड का अध्यक्ष और गृह राज्य मंत्री बनाया गया। साल 2000 में चौटाला सरकार में वह डेयरी विकास और सहकारी संघ लिमिटेड के अध्यक्ष बने। 2009 में उन्होंने बसपा के टिकट पर जगाधरी सीट से चुनाव लड़ा और विधायक बने। साल 2019 में वह कुमारी सैलजा के नेतृत्व में कांग्रेस में शामिल हो गए। इसी साल हुए विधानसभा चुनाव में वह कांग्रेस के टिकट पर लड़े और दूसरे स्थान पर रहे। इस चुनाव में अकरम खान के चुनाव प्रचार के लिए सांसद कुमारी सैलजा आ चुकी हैं। जनता के सामने वह 10 साल से प्रदेश मे बढ़ी रही मंहगाई और बेरोजगारी को मुद्दा बनाकर वोट मांग रहे हैं। इसके अलावा वह दावा कर रहे हैं कि सत्ता में आने पर वह शहर में बढ़ रहे क्राइम और अवैध माइनिंग पर लगाम लगाएंगे। आदर्श पाल सिंह शिक्षा- मेडिकल सुविधाओं के नाम पर वोट मांग रहे आदर्श पाल सिंह ने 2019 में बसपा के टिकट पर जगाधरी सीट से पहला विधानसभा चुनाव लड़ा था। तब उन्हें 47,988 वोट मिले थे। इसके बाद वह आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए। 2 महीने पहले उन्होंने कांग्रेस जॉइन की थी। टिकट कटने के बाद वह दोबारा आम आदमी पार्टी में चले गए। 20 सितंबर को आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल जगाधरी में रोड शो करने के लिए आए थे। उन्होंने आदर्श पाल सिंह के लिए वोटों की अपील की थी। वह टिकट न मिलने पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर धोखा देने का आरोप लगा चुके हैं। आदर्श पाल सिंह दिल्ली मॉडल को लेकर लेकर लोगों से शिक्षा और मेडिकल सुविधाओं को लेकर वोट मांग रहे हैं। क्या कहते हैं जगाधरी के वोटर…. राजकुमार बोले- कंवरपाल तीसरे नंबर पर आए तो हैरानी नहीं होगी जगाधरी के रहने वाले राजकुमार सिंह ने बताया कि कंवरपाल को इस बार सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ेगा। राज्य में कांग्रेस के पक्ष में हवा चल रही है, इसका अकरम को लाभ मिलेगा। अगर इस बार कंवरपाल गुर्जर तीसरे नंबर पर भी आते हैं तो इसमें कोई हैरान करने वाली बात नहीं होगी। मौजूद समय में जो समीकरण बन रहे है, उसमें कंवरपाल गुर्जर काफी कमजोर स्थिति में हैं। विक्की बोले- साइलेंट वोट AAP को जाएंगे दुकानदार विक्की का कहना है कि शहरी क्षेत्र में आम आदमी पार्टी के प्रति लोगों का रूझान देखने को मिल रहा है। व्यापारी वर्ग पूरी तरह से AAP के पक्ष में हैं। साइलेंट वोटर भी आम आदमी पार्टी को जा सकता है। सीमा ने कहा- कंवरपाल से किसान-उद्योगपति नाराज महिला सीमा ने मंत्री रहते हुए कंवरपाल यहां कोई बड़ा प्रोजेक्टर नहीं ला पाए। यहां बेरोजगारी बड़ा मुद्दा है। यहां बर्तन उद्योग खत्म हो रहा है। इसी तरह से प्लाईवुड उद्योग के भी दिन खराब ही चल रहे हैं। इन उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए थे, लेकिन मंत्री ऐसा नहीं कर पाए। यमुनानगर में फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट की एक ब्रांच खोलने की बात चली थी, लेकिन इस दिशा में भी कुछ नहीं कर पाए। इसका लाभ लकड़ी उद्योग के साथ साथ प्रदेशभर के किसानों को हो सकता था। कृषि मंत्री रहते हुए भी उन्होंने इस ओर ध्यान नहीं दिया। इस वजह से यहां के किसान और उद्योगपति दोनों ही भाजपा से नाराज हैं। शिव शर्मा ने कहा- अकरम को विधायक बनाएंगे लोग जगाधरी निवासी शिव शर्मा ने बताया कि भाजपा झूठ बोलकर सत्ता में आई थी। भ्रष्टाचार व महंगाई को कम करने की बात कही थी, लेकिन भ्रष्टाचारियों को भाजपा ने अपने में मिला लिया। महंगाई बढ़ती चली गई। 10 सालों में नशे का कारोबार बहुत ज्यादा बढ़ गया है। हर बच्चा नशे का शिकार हो चुका है। रोजगार ही नहीं है। लोग फैमिली आईडी के लिए चक्कर काट रहे हैं। इस बार लोग अकरम खान को विधायक बनाएंगे। प्रेमचंद बोले- कंवरपाल ने अपना घर भरा प्रेम चंद का कहना है कि महंगाई और भ्रष्टाचार को बोलबाला है। यहां कोई विकास नहीं हुआ। कांग्रेस के टाइम में ही यहां पर काम हुआ था। जब भी भाजपा आई है, इसने क्षेत्र का नाश करने का काम किया है। कंवरपाल ने तो अपना घर भरने का काम किया है, विकास नहीं किया है। जब भी बरसात आती है, तो बाजार में पानी भर जाता है। हमारा डिप्टी मेयर भी ऐसा ही है। अकरम खान के आगे सब फेल हैं। हंसराज ने कहा- कांग्रेस-भाजपा में टक्कर हंसराज ने बताया कि इस बार सिर्फ 2 ही पार्टियों के बीच मुकाबला नजर आ रहा है। जिसमें पहली कांग्रेस और दूसरी भाजपा है। सबसे ज्यादा मजबूत अकरम खान हैं। भाजपा ने जगाधरी का नुकसान किया है और इस नुकसान का खामियाजा भाजपा को भुगतना पड़ेगा। अवैध खनन से ग्रामीण परेशान नाम न छापने की शर्त पर व्यक्ति ने बताया कि जगाधरी विधानसभा के ग्रामीण इलाके में खनन जोरो पर है। यहां वैध और अवैध दोनों तरह से खनन हो रहा है। इससे ग्रामीण परेशान हैं। लगातार हादसे हो रहे हैं। इसके साथ ही पर्यावरण भी बिगड़ रहा है। क्षेत्र में अपराध का ग्राफ भी तेजी से बढ़ रहा है। मंत्री रहते हुए कंवरपाल खनन माफिया पर रोक लगाने की दिशा में कोई खास कदम नहीं उठा पाए। मंत्री के कुछ लोग भी खनन कारोबार से जुड़े रहे। हरियाणा चुनाव से जुड़ी ये ग्राउंड रिपोर्ट्स भी पढ़ें… अनिल विज कड़े मुकाबले में फंसे:खुद को CM चेहरा बता फायदा लेने की कोशिश; कांग्रेस पर गुटबाजी भारी, वोट शिफ्ट हुए तो चित्रा भारी पड़ेंगी राव इंद्रजीत की बेटी आरती तिकोने मुकाबले में फंसी:कांग्रेस बांटेगी अहीर वोटर; राजपूत-दलित वोटर्स एकतरफा तो ठाकुर बिगाड़ेंगे सियासी गणित नायब सैनी को CM चेहरे का फायदा:BJP के बागी गर्ग वोटकटवा; बड़शामी ने जाट न बांटे तो कांग्रेस के मेवा से कड़ी टक्कर विनेश फोगाट को कांग्रेस की वेव का सबसे बड़ा सहारा:जाट वोट बंटे तो मुश्किल 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हरियाणा ब्यूरोक्रेसी को लेकर सख्त CM सैनी:DC-SP को एक दिन गांव में नाइट स्टे के निर्देश; रिपोर्ट देनी होगी, 10 को SP की मीटिंग बुलाई हरियाणा ब्यूरोक्रेसी को लेकर मुख्यमंत्री नायब सैनी सख्त हो गए हैं। सीएम ने गांवों की समस्याओं को दूर करने के लिए सभी जिला उपायुक्तों (DC) और पुलिस अधीक्षक (SP) को हर हफ्ते कोआर्डिनेशन मीटिंग बुलाने के आदेश जारी किए हैं। साथ ही महीनें में एक दिन गांव में नाइट स्टे के निर्देश भी दिए हैं। इस दौरान वह ग्रामीणों से संवाद कर उनकी समस्याओं को सुनकर उनका त्वरित समाधान करेंगे। साथ ही ग्रामीणों के अनुरुप ही गांवों के विकास की रूपरेखा भी तैयार करेंगे। सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि नाइट स्टे की मंथली रिपोर्ट भी मुख्य सचिव कार्यालय को भेजी जाएगी। 10 जनवरी को रेंज के आईजी-SP की मीटिंग बुलाई इसके साथ ही मुख्यमंत्री नायब सैनी ने 10 जनवरी को रेंज के आइजी और जिला पुलिस अधीक्षकों की मीटिंग बुलाई है। इस मीटिंग में सभी रेंज के IG और सभी पुलिस अधीक्षक शामिल होंगे। इसके अलावा बैठक में DGP शत्रुजीत कपूर, होम सेक्रेटरी सुमिता मिश्रा, ADGP शामिल होंगे। इस मीटिंग में सूबे की क़ानून व्यवस्था समेत कई मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। हरियाणा में तेजी से बढ़ रहा क्राइम राज्य में कानून व्यवस्था एक बड़ा मुद्दा बन गया है। राजनीतिक हत्याएं, वसूली के लिए हत्याएं, गैंगस्टर्स का बोलबाला और महिलाओं के ख़िलाफ़ बढ़ते अपराधों ने बीजेपी की चिंता बढ़ा दी है। पिछले पांच सालों में हरियाणा में कानून व्यवस्था की स्थिति चिंताजनक बनी रही है। आंकड़े बताते हैं कि राज्य में हर रोज वसूली या ब्लैकमेलिंग के लिए धमकी भरे फ़ोन आते हैं। पहली बार विधायकों को भी धमकी भरे फ़ोन आये हैं। 1 जनवरी से 31 अगस्त के बीच हरियाणा में हर घंटे महिलाओं या बच्चों के ख़िलाफ़ एक अपराध दर्ज हुआ है। हरियाणा में 2022 में 1,020 हत्याएं राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़े बताते हैं कि हरियाणा में 2022 में 1,020 हत्याएं हुईं। 31 अगस्त तक, राज्य में 675 हत्याएं दर्ज की गईं, जो पिछले साल इसी अवधि के दौरान 697 से थोड़ी कम थीं। राज्य में इस साल हर दिन लगभग तीन हत्याएं हुईं।प्रमुख घटनाओं में पूर्व विधायक और राज्य INLD अध्यक्ष नफे सिंह राठी की दिनदहाड़े हत्या, जेजेपी के रविंदर सैनी की वसूली से जुड़ी हत्या और अगस्त 2023 तक दर्ज की गई 623 हत्या के प्रयास शामिल हैं। हरियाणा महिलाओं के खिलाफ अपराध एक महत्वपूर्ण मुद्दा बना हुआ है। 31 अगस्त तक 1,020 बलात्कार, 70 बलात्कार के प्रयास, बाल शोषण के 1,057 मामले, 1,113 अपहरण और 1,023 छेड़छाड़ के मामले दर्ज किए गए। हर दिन 18 केस होते हैं दर्ज राज्य में प्रतिदिन औसतन महिलाओं के खिलाफ 18 अपराध दर्ज किए जाते हैं। पिछले साल के खतरनाक 22 अपराधों की तुलना में यह थोड़ी कमी है। 2022 में, हरियाणा में महिलाओं के खिलाफ 16,743 अपराध दर्ज किए गए। जो प्रतिदिन औसतन 45 मामले हैं। इनमें 1,787 बलात्कार और 2,640 लापता बच्चे शामिल हैं, जिनमें से 1,516 लड़कियां थीं। राज्य में 3,783 आत्महत्याएं भी हुईं, जिनमें 61% पीड़ित सालाना 1 लाख रुपये से कम कमाते थे।