हरियाणा के सोनीपत में सोमवार शाम को सहकारी समिति की दो बसों की आमने सामने जबरदस्त टक्कर हो गई। हादसा खरखौदा-बहादुरगढ़ रोड पर खुरमपुर मोड़ के पास हुआ। इसमें करीब 50 लोग घायल हो गए। 45 घायल यात्रियों को अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद सभी को रेाहतक पीजीआई रेफर कर दिया। हादसे की सूचना के बाद प्रशासन में भी हड़कंप मच गया। डीसी ने एसडीएम श्वेता सुहाग को अस्पताल भेजा। वहीं एसीपी जीत बेनीवाल मौके पर पहुंचे ओर हालात का जायजा लिया। घायलों में बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग भी शामिल हैं। हादसे का कारण फिलहाल तेज रफ्तार माना जा रहा है। इस दुर्घटना से मौके पर और खरखौदा अस्पताल में अफरातफरी मच गई। घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाने के लिए स्कूल बस का सहारा लिया गया। अस्पताल में घायलों की बढ़ती संख्या के कारण बेड कम पड़ गए। कुछ लोगों को जमीन पर लेटाकर प्राथमिक इलाज दिया गया। कई घायलों की हालत गंभीर बताई जा रही है। अस्पताल में चीख-पुकार का माहौल था, जबकि परिजन अपने घायल रिश्तेदारों को ढूंढते नजर आए। मौके पर पहुंचे एसीपी जीत बेनीवाल ने अस्पताल का दौरा किया और घायलों को उचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। पुलिस मामले की जांच कर रही है और तेज रफ्तार को इस हादसे की मुख्य वजह बताया जा रहा है। एसडीएम पहुंची अस्पताल, बोली जांच होगी खरखौदा-बहादुगढ़ रोड़ पर देर शाम दो बसों की आपस में भिडंत होने के सूचना मिलते ही डीसी डा. मनोज कुमार के निर्देश पर एसडीएम श्वेता सुहाग घायल यात्रियों का हाल जानने सिविल अस्पताल पहुंची। डॉक्टरों को निर्देश दिए कि सभी घायल यात्रियों का प्राथमिक इलाज कर उनको पीजीआई रेफर करें ताकि उसका अच्छे से इलाज हो सके। एसडीएम ने हादसे में घायल यात्रियों के प्रति दुख जताते हुए कहा कि पूरा प्रशासन घायल यात्रियों के साथ खड़ा है। उन्होंने कहा कि सभी 45 यात्रियों को प्राथमिक इलाज के बाद पीजीआई रोहतक रेफर कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा इस सड़क हादसे की जांच करवाई जाएगी और पता लगाया जाएगा कि इस हादसे का मुख्य कारण क्या था। उन्होंने कहा कि हादसे के लिए दोषी व्यक्ति को किसी हालत में बख्शा नहीं जाएगी उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। हरियाणा के सोनीपत में सोमवार शाम को सहकारी समिति की दो बसों की आमने सामने जबरदस्त टक्कर हो गई। हादसा खरखौदा-बहादुरगढ़ रोड पर खुरमपुर मोड़ के पास हुआ। इसमें करीब 50 लोग घायल हो गए। 45 घायल यात्रियों को अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद सभी को रेाहतक पीजीआई रेफर कर दिया। हादसे की सूचना के बाद प्रशासन में भी हड़कंप मच गया। डीसी ने एसडीएम श्वेता सुहाग को अस्पताल भेजा। वहीं एसीपी जीत बेनीवाल मौके पर पहुंचे ओर हालात का जायजा लिया। घायलों में बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग भी शामिल हैं। हादसे का कारण फिलहाल तेज रफ्तार माना जा रहा है। इस दुर्घटना से मौके पर और खरखौदा अस्पताल में अफरातफरी मच गई। घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाने के लिए स्कूल बस का सहारा लिया गया। अस्पताल में घायलों की बढ़ती संख्या के कारण बेड कम पड़ गए। कुछ लोगों को जमीन पर लेटाकर प्राथमिक इलाज दिया गया। कई घायलों की हालत गंभीर बताई जा रही है। अस्पताल में चीख-पुकार का माहौल था, जबकि परिजन अपने घायल रिश्तेदारों को ढूंढते नजर आए। मौके पर पहुंचे एसीपी जीत बेनीवाल ने अस्पताल का दौरा किया और घायलों को उचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। पुलिस मामले की जांच कर रही है और तेज रफ्तार को इस हादसे की मुख्य वजह बताया जा रहा है। एसडीएम पहुंची अस्पताल, बोली जांच होगी खरखौदा-बहादुगढ़ रोड़ पर देर शाम दो बसों की आपस में भिडंत होने के सूचना मिलते ही डीसी डा. मनोज कुमार के निर्देश पर एसडीएम श्वेता सुहाग घायल यात्रियों का हाल जानने सिविल अस्पताल पहुंची। डॉक्टरों को निर्देश दिए कि सभी घायल यात्रियों का प्राथमिक इलाज कर उनको पीजीआई रेफर करें ताकि उसका अच्छे से इलाज हो सके। एसडीएम ने हादसे में घायल यात्रियों के प्रति दुख जताते हुए कहा कि पूरा प्रशासन घायल यात्रियों के साथ खड़ा है। उन्होंने कहा कि सभी 45 यात्रियों को प्राथमिक इलाज के बाद पीजीआई रोहतक रेफर कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा इस सड़क हादसे की जांच करवाई जाएगी और पता लगाया जाएगा कि इस हादसे का मुख्य कारण क्या था। उन्होंने कहा कि हादसे के लिए दोषी व्यक्ति को किसी हालत में बख्शा नहीं जाएगी उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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करनाल में भाभी को देवर ने पीटा:पुलिस ने आरोपी को पकड़ा तो दूसरे व्यक्ति ने छुड़वाया, सरकारी काम में बाधा पहुंचाने का मामला दर्ज हरियाणा के करनाल के बड़ा गांव में भाभी ने अपने देवर पर मारपीट करने के आरोप लगा दिए। आरोपी देवर जब पुलिस पकड़ने के लिए पहुंची तो उसने उसने भागने का प्रयास किया। लेकिन इस दौरान पुलिस ने उसे दबोच लिया। लेकिन इसी दौरान जब पुलिस आरोपी को गाड़ी में बैठाने लगी तो गांव के एक व्यक्ति ने हीरो बनने की कोशिश की और आरोपी को पुलिस से छुड़ाना चाहा। इतना ही नहीं आरोपी, पुलिस को ही कानून समझाने लगा और पुलिस के साथ ही हाथापाई पर उतारू हो गया। पुलिस ने आरोपी देवर के खिलाफ घरेलू हिंसा और हीरो बनने वाले आरोपी के खिलाफ सरकारी काम में बाधा पहुंचाने का केस दर्ज कर लिया। देवर ने भाभी से की मारपीट, गांव का मोहन लाल बना ‘हीरो
बड़ा गांव की महिला ने अपने देवर रिंकू के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई है। महिला का आरोप है कि रिंकू ने उसके साथ मारपीट की, जिससे उसके सिर और हाथ में चोटें आई हैं। घटना के दौरान ERV 420 टीम मौके पर पहुंची, लेकिन रिंकू भागने की कोशिश करने लगा। इस बीच गांव के मोहन लाल ने आकर रिंकू को पुलिस की गिरफ्त से छुड़ाने की कोशिश की और SI की वर्दी तक पर हाथ डाल दिया। इस मामले में कुंजपुरा थाने में शिकायतकर्ता महिला की तरफ से मामला दर्ज हुआ है। सरकारी कार्य में बाधा SI चंद्रभान की वर्दी के बटन तोड़े मौके पर पहुंचे सब इंस्पेक्टर चंद्रभान ने बताया कि कल रात को एक घरेलू हिंसा की कॉल पर ERV 420 की टीम मौके पर पहुंची। SI चंद्रभान ने बताया कि मारपीट करने वाला रिंकू भागने की कोशिश कर रहा था, जिसे उन्होंने साथी कर्मचारियों के साथ पकड़ लिया। इसी दौरान मोहन लाल ने वहां पहुंचकर सरकारी कार्य में बाधा डालने की कोशिश की और रिंकू को छुड़ाने के लिए हाथापाई की। इस हाथापाई में SI चंद्रभान की वर्दी के दो बटन टूट गए। इस मामले में कुंजपुरा थाने में पुलिस अधिकारी चंद्रभान की शिकायत पर मामला दर्ज हुआ है। पुलिस ने दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही करने का आश्वासन दिया है। पुलिस जुटी जांच में कुंजपुरा थाना के जांच अधिकारी नरेश कुमार ने बताया कि दोनों शिकायतों के आधार पर आरोपी रिंकू व मोहन लाल के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
अब राजस्थान में हरियाणा रोडवेज की बसों के चालान:26 पर जुर्माना लगाया, महिला पुलिस कर्मचारी से किराया मांगने के बाद दोनों राज्य आमने-सामने
अब राजस्थान में हरियाणा रोडवेज की बसों के चालान:26 पर जुर्माना लगाया, महिला पुलिस कर्मचारी से किराया मांगने के बाद दोनों राज्य आमने-सामने हरियाणा में राजस्थान रोडवेज की बस में टिकट को लेकर महिला पुलिसकर्मी और कंडक्टर के बीच हुए विवाद ने तूल पकड़ लिया है। इस विवाद के बाद जहां हरियाणा पुलिस ने राजस्थान रोडवेज की बसों के चालान काटने शुरू कर दिए थे। वहीं अब राजस्थान में भी हरियाणा रोडवेज की बसों के चालान कटने शुरू हो गए हैं। इसके बाद दोनों राज्यों में अजीबो-गरीब स्थिति बन गई है। दोनों राज्यों की ट्रैफिक पुलिस की कार्रवाई में रोडवेज कर्मचारी और यात्री दोनों परेशान हो रहे हैं। चालान काटने के समय बसों को कई-कई देर तक खड़ा रखा जाता है। हरियाणा पुलिस पिछले 3 दिनों में राजस्थान रोडवेज की करीब 90 बसों के चालान काट चुकी है। इस बीच, दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी का भी वीडियो वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में वो राजस्थान रोडवेज की बस का चालान काट रहा है। इसके बाद राजस्थान में भी हरियाणा रोडवेज की 26 बसों के एक ही दिन में चालान किए गए। यह चालान जयपुर में हुए हैं। 9 बसों के चालान सिंधी कैंप और 17 बसों के चालान सड़वा मोड़ पर हुए। महिला पुलिसकर्मियों ने किराया नहीं दिया
दरअसल, हरियाणा की एक महिला पुलिसकर्मी राजस्थान रोडवेज की बस में सफर कर रही थी, लेकिन बस कंडक्टर के किराया मांगने पर किराया नहीं दे रही थी। इस बहस का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ। इसमें महिला पुलिसकर्मी कहती हुई नजर आ रही है कि वह किराया नहीं देगी, क्योंकि बस में पुलिस का किराया फ्री होता है। जबकि, बस का कंडक्टर कहता हुआ सुनाई दे रहा है कि बस में सफर करना है तो 50 रुपए का टिकट लेना ही होगा। ऐसे में अन्य यात्री भी पुलिसकर्मी से किराया देने के लिए कहते हैं, इसके बाद भी महिला पुलिसकर्मी किराया नहीं देती। कर्मचारियों को नियमों की पालना के आदेश
राजस्थान रोडवेज के अधिकारियों ने हरियाणा पुलिस और दिल्ली पुलिस द्वारा बसों का चालान किए जाने पर रोडवेज की ओर से सभी कर्मचारियों को सचेत कर दिया है। ड्राइवरों को नियमों का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं हरियाणा रोडवेज के कर्मचारियों को भी बसों के कागजात पूरे रखने, सीट बेल्ट लगाने और फर्स्ट एड जैसी किट जैसे नियमों को पूरा करने के बाद ही राजस्थान की ओर जाने की सलाह दी गई है। कंडक्टर से महिला पुलिसकर्मी की पूरी बहस… कंडक्टर : किराया लाओ। पुलिसकर्मी : टिकट नहीं कटती। कंडक्टर : हमारे यहां कटती है। लाओ, 50 रुपए दो, धारूहेड़ा जाना है तो। पुलिसकर्मी : नहीं मिलते। कंडक्टर : क्यों नहीं मिलते? यात्रा करनी है तो लगेंगे। पुलिसकर्मी : नहीं लगेंगे। कंडक्टर (बस रुकने के लिए सीटी मारकर) : आ जाओ फिर, उतर लो। पुलिसकर्मी : नहीं उतरना। कंडक्टर : यात्रा करनी है तो किराया दो, नहीं तो उतर लो। पुलिसकर्मी (शब्दों को खींचते हुए) : नहीं उतरना। कंडक्टर : यात्रा करनी है कि नहीं? पुलिसकर्मी : यात्रा करनी है। कंडक्टर : फिर 50 रुपए दो। पुलिसकर्मी : नहीं मिलेंगे। स्टाफ चलेगा। स्टाफ चलता है। कंडक्टर : नहीं, कोई स्टाफ नहीं है। 50 रुपए लगेंगे। पुलिसकर्मी : नहीं लगेंगे। एक महिला यात्री (पुलिसकर्मी से) : अरे भाई दे दो। पुलिसकर्मी : नहीं, हरियाणा में पुलिस का स्टाफ चलता है। कंडक्टर : इसमें (राजस्थान बस में) नहीं चलता। पुलिसकर्मी : हरियाणा में चलता है। कंडक्टर : फ्लाइंग आएगी तो परेशानी हो जाएगी। पुलिसकर्मी : कोई बात नहीं। मैं बात कर लूंगी। कंडक्टर : डिपार्टमेंट वाले नहीं सुनते। नीयत खराब होती है। पुलिसकर्मी : कोई बात नहीं, नीयत खराब होती है तो। अफसर आएंगे तो मैं बात कर लूंगी। कंडक्टर : उतर लो। नहीं तो किराया दो। पुलिसकर्मी : नहीं उतरूंगी। मैं जबरदस्ती ऐसे नहीं दे सकती। मुझे नहीं देना। इतना तो सोचो कि क्या टाइम है, लेडीज जा रही है। कंडक्टर : गाड़ी यहीं खड़ी रहेगी। आगे नहीं जाएगी। पुलिसकर्मी : हां तो यहीं खड़ी करके रख। जहां ले जाना है, वहां ले चल। नीचे नहीं उतरूंगी। एक महिला यात्री : अरे थोड़ा 10-20 रुपए कम करके दे दो। पुलिसकर्मी : नहीं दूंगी, नहीं उतरूंगी। कंडक्टर : क्यों? सैलरी नहीं मिलता आपको? पुलिसकर्मी : सैलरी से ही कटते हैं। कंडक्टर : राजस्थान रोडवेज में नहीं कटते। पुलिसकर्मी : कोई बात नहीं, नहीं कटते तो। हरियाणा में चलाओगे तो कटेंगे। एक पुरुष यात्री : मैडम यह क्या बात हो गई? आप वर्दी में हो, किराया दे दो। पुलिसकर्मी : तो वर्दी में होकर भी किराया लेगा? पुरुष यात्री : मैडम यहां सभी स्टाफ हैं। ये कोई बात थोड़े ही आपकी। आपकी वजह से सभी लोग लेट हो रहे हैं। गाड़ी भी बंद करवा दी आपने। पुलिसकर्मी : मैंने बंद नहीं करवाई है। मैं नहीं उतरूंगी। यात्री : क्या आप भी 50 रुपए के लिए हंगामा करवा रहे हो। क्या महकमे में हो आप? पुलिसकर्मी : महकमे में ही हैं। यात्री : सारा महकमा ही बैठा है यहां। पुलिसकर्मी : बैठा रहने दो। मैं नीचे नहीं उतरूंगी, किराया नहीं मिलेगा।
हरियाणा के स्वास्थ्य निदेशक ने नौकरी छोड़ी:सरकार को इस्तीफा भेजा, BJP जॉइन कर चुनाव लड़ेंगे; मंत्री की टिकट काटेगी भाजपा
हरियाणा के स्वास्थ्य निदेशक ने नौकरी छोड़ी:सरकार को इस्तीफा भेजा, BJP जॉइन कर चुनाव लड़ेंगे; मंत्री की टिकट काटेगी भाजपा हरियाणा में स्वास्थ्य विभाग में डायरेक्टर हेल्थ सर्विसेज के पद पर कार्यरत डॉ. कृष्ण कुमार ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया हैं। डॉ. कृष्ण आज भारतीय जनता पार्टी जॉइन करेंगे। उनके रेवाड़ी जिले की बावल सीट से चुनाव लड़ने की संभावनाएं हैं। यहां से मौजूदा विधायक और नायब सैनी सरकार में कैबिनेट मंत्री डॉ. बनवारी लाल की टिकट खतरे में हैं। भाजपा ने पहली सूची में इस सीट को होल्ड पर रख दिया है। भाजपा की आज दूसरी सूची हो सकती है। जिसमें बावल सीट से भी प्रत्याशी की घोषणा होगी। बता दें कि रेवाड़ी जिले के गांव भटेड़ा के रहने वाले डॉ. कृष्ण कुमार रेवाड़ी सहित प्रदेश के कई जिलों में CMO के पद पर सेवाएं दे चुके हैं। फिलहाल उनकी पोस्टिंग पंचकूला स्थित स्वास्थ्य विभाग में निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं के रूप में थी। डॉ. कृष्ण कुमार ने मंगलवार को नौकरी से इस्तीफा दे दिया है। सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह कृष्ण कुमार को बावल सीट से टिकट दिलाने की पैरवी कर रहे हैं। इस्तीफा स्वीकार होते ही डॉ. कृष्ण कुमार बीजेपी जॉइन करेंगे। दैनिक भास्कर से बात करते हुए डॉ. कृष्ण कुमार ने नौकरी से इस्तीफा देने की बात स्वीकार की हैं। बीजेपी जॉइन करने के सवाल पर कहा-एक बार इस्तीफा स्वीकार हो जाए उसके बाद आगे की जानकारी देंगे। बावल सीट पर अड़े हुए हैं केंद्रीय मंत्री
दरअसल, बावल सीट पर केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के परिवार का शुरू से दबदबा रहा है। 2014 में राव इंद्रजीत सिंह की सिफारिश पर ही उनके खास समर्थक डॉ. बनवारी लाल को टिकट दी गई थी। बाद में राव के कोटे से उन्हें राज्यमंत्री भी बनाया गया। 2019 में दोबारा उन्हें टिकट दी गई और इस बार प्रमोशन के तहत उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया। खट्टर से नजदीकी हुई तो राव से बिगड़े संबंध
हालांकि इसी दरमियान डॉ. बनवारी लाल की नजदीकियां पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर से हो गई। डॉ. बनवारी लाल केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह और मनोहर लाल खट्टर दोनों से बराबर का तालमेल बनाकर चल रहे थे। जिससे राव इंद्रजीत सिंह खफा होते दिखे। लोकसभा चुनाव में राव इंद्रजीत सिंह ने गुरुग्राम सीट से चुनाव लड़ा। मगर, बावल विधानसभा क्षेत्र से उन्हें उम्मीद के अनुरूप वोट नहीं मिल पाए, जिससे ये नाराजगी और ज्यादा बढ़ती चली गई। डॉ. बनवारी लाल को बावल सीट पर सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा था। लेकिन राव इंद्रजीत सिंह शुरू से ही इस सीट पर नए नेता को टिकट देने की बात पर अड़े रहे, जिसके चलते बीजेपी ने अपनी पहली सूची में इस सीट को होल्ड पर रख दिया। अब डॉ. कृष्ण कुमार के इस सीट पर चुनाव लड़ने की चर्चाएं हैं।