अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) ने हिमाचल प्रदेश के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मुकेश अग्निहोत्री को जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए सीनियर ऑब्जर्वर (पर्यवेक्षक) लगाया है। मुकेश अग्निहोत्री के साथ पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को भी जम्मू कश्मीर का सीनियर ऑब्जर्वर नियुक्त किया गया है। AICC द्वारा नियुक्त दोनों सीनियर ऑब्जर्वर जम्मू कश्मीर में चुनाव के दौरान हर पहलू पर नजर रखेंगे। इस नियुक्ति के बाद मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा कि वह कांग्रेस के सच्चे सिपाही हैं। कांग्रेस हाईकमान ने उन पर जो विश्वास जताया है, वह उस पर खरा उतरेंगे। मुकेश ने कहा कि जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी को मजबूती देने का काम किया जाएगा। जम्मू कश्मीर में कांग्रेस की सरकार बने, इसके लिए काम किया जाएगा। बता दें कि जम्मू कश्मीर में तीन चरणों में 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को मतदान होना है। इसी तरह हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को जम्मू कश्मीर और हरियाणा के लिए पार्टी हाईकमान ने स्टार प्रचारक भी बनाया है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) ने हिमाचल प्रदेश के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मुकेश अग्निहोत्री को जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए सीनियर ऑब्जर्वर (पर्यवेक्षक) लगाया है। मुकेश अग्निहोत्री के साथ पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को भी जम्मू कश्मीर का सीनियर ऑब्जर्वर नियुक्त किया गया है। AICC द्वारा नियुक्त दोनों सीनियर ऑब्जर्वर जम्मू कश्मीर में चुनाव के दौरान हर पहलू पर नजर रखेंगे। इस नियुक्ति के बाद मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा कि वह कांग्रेस के सच्चे सिपाही हैं। कांग्रेस हाईकमान ने उन पर जो विश्वास जताया है, वह उस पर खरा उतरेंगे। मुकेश ने कहा कि जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी को मजबूती देने का काम किया जाएगा। जम्मू कश्मीर में कांग्रेस की सरकार बने, इसके लिए काम किया जाएगा। बता दें कि जम्मू कश्मीर में तीन चरणों में 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को मतदान होना है। इसी तरह हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को जम्मू कश्मीर और हरियाणा के लिए पार्टी हाईकमान ने स्टार प्रचारक भी बनाया है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में पूर्व विधायकों की पेंशन होगी बंद:विधानसभा में आज पेश होगा संशोधन विधेयक; देवेंद्र भुट्टो और चैतन्य को झटका
हिमाचल में पूर्व विधायकों की पेंशन होगी बंद:विधानसभा में आज पेश होगा संशोधन विधेयक; देवेंद्र भुट्टो और चैतन्य को झटका हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र के छठे दिन यानी आज विधानसभा के सदस्यों के भत्ते एवं पेंशन के लिए संशोधन विधेयक 2024 लाया जा रहा है। इसमें 2 पूर्व विधायक गगरेट से चैतन्य शर्मा और कुटलैहड़ से देवेंद्र कुमार भुट्टो की पेंशन बंद करने की तैयारी है। राज्यसभा चुनाव में बीते 27 फरवरी को कांग्रेस के 6 पूर्व विधायकों ने धर्मशाला से सुधीर शर्मा, सुजानपुर से राजेंद्र राणा, बड़सर से इंद्र दत्त लखनपाल, लाहौल स्पीति से रवि ठाकुर, गगरेट से चैतन्य शर्मा और कुटलैहड़ से देवेंद्र भुट्टो ने क्रॉस वोट किया था। इससे सत्तारूढ़ कांग्रेस के प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी चुनाव हार गए और बीजेपी के हर्ष महाजन चुनाव जीत गए। क्रॉस वोट के बाद इन पर पार्टी व्हिप के उलंघन के आरोप लगे। इसकी सुनवाई के बाद स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने इन्हें अयोग्य घोषित किया। चैतन्य-भुट्टो पहली बार चुने गए थे कांग्रेस के 6 बागियों में चैतन्य शर्मा और देवेंद्र भुट्टो पहली बार विधायक बने थे। अयोग्य घोषित होने के बाद सरकार इनकी पेंशन बंद करने की तैयारी में है। पूर्व में सभी 6 विधायकों की पेंशन बंद करने की योजना थी। मगर कानूनी राय के बाद 2 की पेंशन बंद करने का निर्णय लिया गया, क्योंकि 4 अन्य विधायक पहले भी विधानसभा में सदस्य रह चुके हैं और पेंशन के पात्र है। इनकी सीटों पर हो चुके उप चुनाव इन 6 विधायकों की सीटों पर उप चुनाव भी हो चुके हैं। क्रॉस वोट करने वाले सभी पूर्व विधायकों ने भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा। इनमें 4 विधायक जो दिसंबर 2022 में 5 साल के लिए चुन कर आए थे, जनता ने उन्हें उप चुनाव में घर बैठा दिया है। सुधीर शर्मा और इंद्रदत्त लखनपाल ही चुनाव जीत पाए हैं। इस वजह से निर्दलीय विधायकों की पेंशन पर संकट नहीं चर्चा थी कि 3 निर्दलीय पूर्व विधायकों की भी इस टर्म की पेंशन बंद करनी थी। इनमें से नालागढ़ से केएल ठाकुर, देहरा से होशियार सिंह और हमीरपुर से आशीष शर्मा शामिल हैं। केएल ठाकुर और होशियार सिंह भी पहले भी विधायक रह चुके हैं। इस वजह से इनकी पेंशन बंद करना संभव नहीं है। वहीं आशीष शर्मा दिसंबर 2022 में पहली बार विधायक चुने गए थे। वह दोबारा चुनाव जीते हैं। एक बार जीते MLA को 93 हजार पेंशन प्रदेश में जो नेता एक बार विधायक बन जाता है, उसे 93,240 रुपए पेंशन मिलती है। इसी तरह जो नेता जितनी बार विधायक चुना जाता है, उसकी पेंशन में पांच-पांच हजार रुपए अतिरिक्त जुड़ता जाता है। यानी जो नेता 6 बार विधायक बन चुका है। उसकी पेंशन में 30 हजार अतिरिक्त यानी 1,23,240 रुपए हो जाती है। संशोधन विधेयक पास कराने में नहीं होगी कठिनाई विधानसभा में विधेयक पारित होने पर इन विधायकों का 14वीं विधानसभा का कार्यकाल अवैध घोषित हो जाएगा। कांग्रेस इसे आसानी से पास भी करवा देगी, क्योंकि 68 विधायकों वाली हिमाचल विधानसभा में कांग्रेस के पास 40 विधायक है। इससे संशोधन बिल पास कराने में दिक्कत नहीं होगी।
सुक्खू सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे बेरोजगार:20 सितंबर को करेंगे सचिवालय मार्च; सीएम को देंगे ज्ञापन, प्रियंका का वादा याद दिलाया
सुक्खू सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे बेरोजगार:20 सितंबर को करेंगे सचिवालय मार्च; सीएम को देंगे ज्ञापन, प्रियंका का वादा याद दिलाया हिमाचल प्रदेश में व्यवस्था परिवर्तन के नारे वाली सुक्खू सरकार की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। कर्मचारी , पेंशनरों के बाद अब प्रदेश के बेरोजगार युवाओं ने भी कांग्रेस सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी कर ली है। बुधवार को राजधानी शिमला में हिमाचल प्रदेश बेरोजगार युवा संघ ने आगामी 20 सितंबर को सचिवालय कूच करने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा कि 20 सितम्बर को प्रदेश का बेरोजगार युवा शांतिपूर्ण तरीके से सचिवालय मार्च करेगा और सीएम सुक्खू को अपना मांग पत्र सौंपेगा। बेरोजगार युवा ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस ऑउटसोर्स का विरोध करती थी। आउटसोर्स के आधार पर भर्तियां ना करने की बात करती थी। लेकिन अब सत्ता में होने के बाद प्रदेश सरकार स्थायी नौकरियों को भी आउटसोर्स करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि बीते लगभग दो वर्षों में सरकार 28 से 30 हजार रोजगार देने के दावा कर रही है। लेकिन सरकार ने किसको और कैसे रोजगार दिया है। इसके बारे में सरकार को आंकड़े सार्वजनिक करने चाहिये । उन्होंने कहा कि उन्हें RTI व अन्य सोर्स से मिली जानकारी के अनुसार सरकार ने दो सालों में कमीशन के माध्यम से मात्र 1400 के करीब पद व 10 हजार के करीब आउटसोर्स आधार पर भरे हैं। इसके अलावा वन मित्र एमटीएस वोटर कार्ड गेस्ट टीचर एंटी जैसे पदों को सरकार द्वारा आउटसोर्स या अन्य अस्थाई तरीकों से भरने का प्रयास कर रही है। जो प्रदेश के युवाओं के साथ धोखा है। बेरोजगार युवाओं ने सुक्खू सरकार याद दिलाया प्रियंका गांधी का वादा युवाओं ने हिमाचल विधानसभा चुनाव के दौरान सोलन में किया वादा भी सरकार को याद दिलाया। उन्होंने कहा कि प्रियंका गया गया गांधी ने सोलन में एक साल में एक लाख रोजगार देने का वादा किया था और कांग्रेस ने 5 साल में 5 लाख रोजगार मुहैया करवाने की गारंटी युवाओं को दी थी। उन्होंने कहा कि सरकार को अपने वादों को पूरा करना चाहिये । दो सालों में लम्बित पड़ी भर्ती प्रक्रियाओं को शुरू करना चाइये। उन्होंने कहा कि युवाओं को कई परीक्षाओं के फॉर्म भरे डेढ़ डेढ़ साल हो गए है लेकिन अभी तक परीक्षा नही हुई है। कैबिनेट द्वारा स्वीकृत सभी पदों को जल्द भरे सरकार युवाओं ने कहा कि दो वर्ष में भरे तथा परीक्षा दो वर्षों में हिमाचल प्रदेश सरकार ने लगभग 6500 पदों को स्वीकृत किया गया है, लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि इसकी भर्ती प्रक्रिया अभी शुरू नही हो पाई है। कैबिनेट ने नायब तहसीलदार 19 पद ,टीजीटी 1200 , जेबीटी 1150 , पटवारी 874 , पुलिस कांस्टेबल 1226, सचिवालय क्लर्क 50 , वन रक्षक 100 , जेओए लाइब्रेरियन 767 , कार्य निरीक्षक पीडब्ल्यूडी तथा कार्य निरीक्षक जल शक्ति विभाग 135 पद, कनिष्ठ अभियंता पीडब्ल्यूडी 40 पद, कनिष्ठ अभियंता आईपीएच 50 पद, शारीरिक शिक्षा शिक्षक 700 पद, तहसील कल्याण अधिकारी आदि के पदों को मंजूरी दी है लेकिन प्रक्रिया शुरू नही कर पाई है। युवाओं ने कहा कि स्वीकृत पदों की भर्ती प्रक्रिया सरकार को जल्द शुरू करनी चाइये। उन्होंने कहा कि यूपीएससी और एसएससी की तरह परीक्षा का एक वर्षीय कैलेंडर जारी किया जाए, ताकि अभ्यर्थी इन कैलेंडर के अनुसार तैयारी कर सकें। परीक्षा में देरी के लिए दीपक सानन कमेटी की बड़ी भूमिका युवाओं ने कहा कि प्रदेश में परीक्षाओं में हो रही देरी में दीपक सानन कमेटी की बड़ी भूमिका है उन्होंने कहा कि सानन कमेटी द्वारा की गई प्रतियोगी परीक्षाओं को ऑनलाइन करने जैसी सिफारिशों की वजह से परीक्षाओं में देरी हो रही है। जिसकी वजह से राज्य चयन आयोग अभी भी सुचारु रूप से नही चल पा रहा है क्योंकि आयोग के पास सानन कमेटी की सिफारिशों को लागू करने के लिए बुनियादी ढांचा नही है। RTI में मिली जानकारी प्रदेश में 60 हजार पद खाली युवाओं ने कहा कि प्रदेश उन्हें RTI व अन्य सोर्स से जानकारी मिली कि हिमाचल प्रदेश में सरकारी विभागों में लगभग 60000 पद रिक्त हैं जिसमें सचिवालय क्लर्क 50 पद बिजली बोर्ड 9000 पंचायत सचिव 500 और जेओए-आईटी 5000 ,शिक्षक जेबीटी , 4457 पद , टीजीटी 2500, पीजीटी 500 , भाषा शिक्षक 238 पद, एपीआर ओ 300 पद , रेंज वन अधिकारी 76 पद कई पद खाली है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार खाली चल रहे पदों को तुंरत भरें । 20 सितंबर को सीएम से करेंगे मुलाकात संघ के अध्यक्ष बाल कृष्ण ने बताया कि आगामी 20 सितंबर को बेरोजगार युवा केबिनेट से स्वीकृत पदों को भरने की मांग , नई भर्तियां निकलाने व ऑउट सौर्स को बंद करने इत्यादि मांगों को लेकर सचिवालय कूच करेंगे और सीएम सुक्खू को एक ज्ञापन देंगे। दरअसल आपको बता दें हमीरपुर चयन आयोग में परीक्षाओं में धांधलियों के मामले आने पर प्रदेश सरकार ने चयन आयोग को भंग कर करके भर्तियों में पारदर्शिता लाने के लिए सेवा निवृत्त आई एस अधिकारी दीपक सानन कि अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की जिसने ऑनलाइन परीक्षाएं आयोजित करने जैसी कई सिफारिशें की थी। सरकार ने हमीरपुर चयन आयोग का नाम बदल कर राज्य चयन आयोग कर दिया लेकिन भर्ती प्रक्रिया नही शुरू कर पाई है। जिसके कारण युवाओं में आक्रोश है।
हिमाचल सरकार पर 1.70 लाख नौकरी का बैकलॉग:8 लाख बेरोजगार परेशान, पक्की नौकरी के स्थान पर आउटसोर्स, पार्ट-टाइम जॉब, रिटायरियों को दोबारा नौकरी
हिमाचल सरकार पर 1.70 लाख नौकरी का बैकलॉग:8 लाख बेरोजगार परेशान, पक्की नौकरी के स्थान पर आउटसोर्स, पार्ट-टाइम जॉब, रिटायरियों को दोबारा नौकरी हिमाचल में हर साल 1 लाख नौकरी देने का वादा करके सत्ता में आई कांग्रेस सरकार 22 महीने में लगभग 4400 लोगों को पक्की नौकरी दे पाई है। इनमें लगभग 1560 पद कमीशन के माध्यम से भरे गए है। ज्यादातर पदों पर पूर्व सरकार के कार्यकाल में भर्तियां शुरू हो गई थी। कांग्रेस सरकार ने बैच वाइज कोटे से JBT के 2800 पद भरे है। राज्य सरकार का दावा है कि 30 हजार से ज्यादा पदों पर नौकरियां दे दी गई है। मगर इनमें अधिकांश नौकरियां आउटसोर्स आधार पर दी गई है। विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस आउटसोर्स भर्तियां बंद करने के दावे करती रही। मगर सत्ता मिलने के बाद कांग्रेस भी पूर्व सरकार के रास्ते पर चल पड़ी है। आउटसोर्स के साथ साथ नाममात्र मानदेय पर टेंपरेरी जॉब, वन मित्र, गेस्ट टीचर, मल्टी टास्क वर्कर या फिर आउटसोर्स जैसी अस्थाई भर्तियां करके उन युवाओं को ठगा जा रहा है, जो सालों से लाइब्रेरी में बैठकर कमीशन की तैयारी कर रहे हैं। 1.70 लाख नौकरी का बैकलॉग खड़ा हो गया
सरकार के दावे के मुताबिक यदि आउटसोर्स, पार्ट टाइम को भी नौकरी मान लिया जाए तो भी 1.70 लाख नौकरियां देने का बैकलॉग खड़ा हो गया है। बेरोजगार युवा पक्की नौकरी मांग रहा है। कांग्रेस सरकार नई भर्तियां नहीं निकाल रही। कैबिनेट ने 6600 से ज्यादा पद मंजूर कर रखे
बेरोजगारों के लिए थोड़ी राहत की बात यह है कि कैबिनेट ने 6600 से ज्यादा पद भरने को स्वीकृति दे रखी है। मगर भर्तियां कब होगी, इस पर असमंजस बना हुआ है। CM सुखविंदर सुक्खू के बार बार कहने के बावजूद चयन आयोग कैबिनेट द्वारा मंजूर पदों को विज्ञापित नहीं कर पा रहा। 3 साल पहले शुरू भर्तियों के रिजल्ट भी नहीं
राज्य में 3 साल पहले शुरू की गई सभी भर्तियों के रिजल्ट भी अब तक नहीं निकाले जा सके। हालांकि 3 दिन पहले ही सीएम सुक्खू ने स्टाफ सिलेक्शन कमीशन को 6 पोस्ट कोड के रिजल्ट दिवाली तक निकालने के निर्देश दिए जरूर है। मगर बेरोजगार युवा नई भर्तियां चाहता है। क्यों ये हालात बने
राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद 23 दिसंबर, 2022 को पोस्ट कोड 965 JOA-IT भर्ती का पेपर लीक हुआ। पेपर लीक के कारण 26 दिसंबर, 2022 को प्रदेश सरकार ने चयन आयोग के कामकाज को निलंबित किया। इसके बाद जांच में विभिन्न भर्ती परीक्षाओं का पेपर लीक स्कैम सामने आया। इस वजह से 21 फरवरी, 2023 को कर्मचारी चयन आयोग को भंग कर दिया। बीते साल राज्य चयन आयोग का गठन किया गया। 30 सितंबर 2023 को इसमें IAS आरके प्रुथी को एडमिनिस्ट्रेटर बनाया गया। मगर एक साल बाद भी चयन आयोग नई भर्तियां शुरू नहीं कर पा रहा। हिमाचल प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन (HPPSC) ने जरूर कुछ भर्तियां की है। मगर यह क्लास-1 और क्लास-2 श्रेणी की ही भर्तियां करता है। इस श्रेणी में कम लोगों को अब तक रोजगार दिया जा सका है। हिमाचल में 8 लाख से ज्यादा बेरोजगार
हिमाचल में 8 लाख से ज्यादा पढ़े लिखे पंजीकृत बेरोजगार है। सभी युवा नौकरी नहीं मिलने से परेशान है और इस उम्मीद के साथ दिन रात पढ़ाई कर रहे हैं कि एक न एक दिन उन्हें पक्की नौकरी मिलेगी। क्या बोले बेरोजगार संघ के प्रदेश अध्यक्ष
हिमाचल प्रदेश शिक्षित बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बालकृष्ण ने प्रदेश सरकार से आग्रह किया कि आउटसोर्स, पार्ट टाइम, टैम्परेरी प्रथा को बंद किया जाए। रिटायर लोगों को पुनः रोजगार और सेवा विस्तार देना बी बंद करें और नए पद विज्ञापित किए जाए। प्रदेश का बेरोजगार पूरी तरह मायूस हो चुका है। नौकरी नहीं मिलने की वजह से युवा परेशान है। उनकी पड़ी को समझा जाए। झूठे वादे और झूठी दिलासा देना बंद किया जाए। नौकरियां नहीं मिलने पर बेरोजगार दिवाली के बाद मजबूरन सड़कों पर आएंगे।