हिमाचल प्रदेश में मस्जिद विवाद के बीच आज सिरमौर जिले के शिलाई में हिंदू संगठन और स्थानीय लोग सड़कों पर उतर आए हैं। शिमला के संजौली में पुलिस लाठीचार्ज, प्रवासियों की वैरिफिकेशन और वक्फ बोर्ड को खत्म करने की मांग को लेकर शिलाई में प्रदर्शन कर रहे हैं। देवभूमि संघर्ष समिति शिलाई के अध्यक्ष ओम प्रकाश ने बताया कि वक्फ बोर्ड भू-माफिया के तौर पर काम कर रहा है। जगह-जगह सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा किया जा रहा है। इसलिए इसे भंग किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बांग्लादेशी घुसपैठिए घुस रहे हैं। इन पर रोक लगनी चाहिए। इसके लिए बाहरी राज्यों से आ रहे लोगों की वैरिफिकेशन होनी चाहिए। उन्होंने कहा, अवैध रूप से बनी मस्जिदों और मजारों पर बिना देरी किए कार्रवाई होनी चाहिए। ऐसा नहीं किया गया तो हिंदू समाज उग्र आंदोलन करेगा। देवभूमि में मस्जिद विवाद कैसे उपजा, सिलसिलेवार पढ़िए… हिमाचल की राजधानी शिमला के मैहली में बीते 31 अगस्त को 2 गुटों के बीच लड़ाई हुई। इसके आरोपी संजौली मस्जिद में छिप गए। पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया। 1 सितंबर को हिंदू संगठनों और स्थानीय लोगों में संजौली मस्जिद के बाहर प्रदर्शन किया। 5 सितंबर को संजौली और चौड़ा मैदान में फिर प्रदर्शन कर अवैध निर्माण गिराने की मांग उठी। इसी दिन कसुम्पटी में भी अवैध मस्जिद को तोड़ने की मांग को लेकर स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन किया। 11 सितंबर को संजौली-ढली में उग्र प्रदर्शन हुआ। पुलिस को हल्का बल प्रयोग और वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा। वाटर कैनन के इस्तेमाल और लाठीचार्ज से हिंदू संगठन भड़क उठे। इनके आवाहन पर प्रदेश के सभी शहरों में प्रदर्शन हो रहा है। इसी कड़ी में आज शिलाई में भी प्रदर्शन बुलाया गया। प्रदेशभर के व्यापारी दुकानें बंद रखकर विरोध जता रहे हैं। इस दौरान शहरों में आक्रोश रैली निकाल कर अवैध निर्माण को तोड़ने और बाहर से आने वाले लोगों की वैरिफिकेशन करने की मांग की। मुस्लिम समुदाय ने नारे पर जताई आपत्ति उधर, सिरमौर के पांवटा साहिब में मुस्लिम समुदाय ने कुछ दिन पहले हिंदू जागरण मंच द्वारा मस्जिद के बाहर की गई नारेबाजी पर आपत्ति जताते हुए SDM को ज्ञापन सौंपा था। उन्होंने इस मामले में संज्ञान लेने की मांग की। हिमाचल में मस्जिद विवाद के बीच मुस्लिम समुदाय का एक प्रतिनिधिमंडल कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल और इमरान प्रतापगढ़ी से मिलने दिल्ली पहुंचा। कांग्रेस हाईकमान से मिलने दिल्ली पहुंचा प्रतिनिधिमंडल हिमाचल के मस्जिद विवाद की गूंज कांग्रेस हाईकमान के दफ्तर तक पहुंच चुकी है। गुरुवार को मुस्लिम समुदाय का एक प्रतिनिधिमंडल कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल और कांग्रेस अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष इमरान प्रतापगढ़ी से दिल्ली में मिला। उन्होंने हिमाचल में मस्जिद विवाद से उन्हें अवगत कराया। सांप्रदायिकता के खिलाफ 27 को रैली निकालेगी माकपा वहीं, माकपा और इसके फ्रंटल संगठनों ने 27 सितंबर को शिमला शहर में विशाल रैली करने का निर्णय लिया। बताया जा रहा है कि यह रैली अमन-चैन और आपसी भाईचारे के लिए निकाली जाएगी। माकपा का आरोप है कि सुनियोजित तरीके से सांप्रदायिक घटनाओं, एक समुदाय विशेष के खिलाफ सांप्रदायिक हिंसा का वातावरण तैयार किया जा रहा है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हिमाचल प्रदेश में मस्जिद विवाद के बीच आज सिरमौर जिले के शिलाई में हिंदू संगठन और स्थानीय लोग सड़कों पर उतर आए हैं। शिमला के संजौली में पुलिस लाठीचार्ज, प्रवासियों की वैरिफिकेशन और वक्फ बोर्ड को खत्म करने की मांग को लेकर शिलाई में प्रदर्शन कर रहे हैं। देवभूमि संघर्ष समिति शिलाई के अध्यक्ष ओम प्रकाश ने बताया कि वक्फ बोर्ड भू-माफिया के तौर पर काम कर रहा है। जगह-जगह सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा किया जा रहा है। इसलिए इसे भंग किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बांग्लादेशी घुसपैठिए घुस रहे हैं। इन पर रोक लगनी चाहिए। इसके लिए बाहरी राज्यों से आ रहे लोगों की वैरिफिकेशन होनी चाहिए। उन्होंने कहा, अवैध रूप से बनी मस्जिदों और मजारों पर बिना देरी किए कार्रवाई होनी चाहिए। ऐसा नहीं किया गया तो हिंदू समाज उग्र आंदोलन करेगा। देवभूमि में मस्जिद विवाद कैसे उपजा, सिलसिलेवार पढ़िए… हिमाचल की राजधानी शिमला के मैहली में बीते 31 अगस्त को 2 गुटों के बीच लड़ाई हुई। इसके आरोपी संजौली मस्जिद में छिप गए। पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया। 1 सितंबर को हिंदू संगठनों और स्थानीय लोगों में संजौली मस्जिद के बाहर प्रदर्शन किया। 5 सितंबर को संजौली और चौड़ा मैदान में फिर प्रदर्शन कर अवैध निर्माण गिराने की मांग उठी। इसी दिन कसुम्पटी में भी अवैध मस्जिद को तोड़ने की मांग को लेकर स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन किया। 11 सितंबर को संजौली-ढली में उग्र प्रदर्शन हुआ। पुलिस को हल्का बल प्रयोग और वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा। वाटर कैनन के इस्तेमाल और लाठीचार्ज से हिंदू संगठन भड़क उठे। इनके आवाहन पर प्रदेश के सभी शहरों में प्रदर्शन हो रहा है। इसी कड़ी में आज शिलाई में भी प्रदर्शन बुलाया गया। प्रदेशभर के व्यापारी दुकानें बंद रखकर विरोध जता रहे हैं। इस दौरान शहरों में आक्रोश रैली निकाल कर अवैध निर्माण को तोड़ने और बाहर से आने वाले लोगों की वैरिफिकेशन करने की मांग की। मुस्लिम समुदाय ने नारे पर जताई आपत्ति उधर, सिरमौर के पांवटा साहिब में मुस्लिम समुदाय ने कुछ दिन पहले हिंदू जागरण मंच द्वारा मस्जिद के बाहर की गई नारेबाजी पर आपत्ति जताते हुए SDM को ज्ञापन सौंपा था। उन्होंने इस मामले में संज्ञान लेने की मांग की। हिमाचल में मस्जिद विवाद के बीच मुस्लिम समुदाय का एक प्रतिनिधिमंडल कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल और इमरान प्रतापगढ़ी से मिलने दिल्ली पहुंचा। कांग्रेस हाईकमान से मिलने दिल्ली पहुंचा प्रतिनिधिमंडल हिमाचल के मस्जिद विवाद की गूंज कांग्रेस हाईकमान के दफ्तर तक पहुंच चुकी है। गुरुवार को मुस्लिम समुदाय का एक प्रतिनिधिमंडल कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल और कांग्रेस अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष इमरान प्रतापगढ़ी से दिल्ली में मिला। उन्होंने हिमाचल में मस्जिद विवाद से उन्हें अवगत कराया। सांप्रदायिकता के खिलाफ 27 को रैली निकालेगी माकपा वहीं, माकपा और इसके फ्रंटल संगठनों ने 27 सितंबर को शिमला शहर में विशाल रैली करने का निर्णय लिया। बताया जा रहा है कि यह रैली अमन-चैन और आपसी भाईचारे के लिए निकाली जाएगी। माकपा का आरोप है कि सुनियोजित तरीके से सांप्रदायिक घटनाओं, एक समुदाय विशेष के खिलाफ सांप्रदायिक हिंसा का वातावरण तैयार किया जा रहा है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल की अर्थव्यवस्था लड़खड़ाने लगी:अब खर्चों और मुफ्त सेवाओं में कटौती की तैयारी; 5 कोर्ट केसों से दबाव में सरकार
हिमाचल की अर्थव्यवस्था लड़खड़ाने लगी:अब खर्चों और मुफ्त सेवाओं में कटौती की तैयारी; 5 कोर्ट केसों से दबाव में सरकार कर्ज की जिंदगी जी रही हिमाचल सरकार आर्थिक मोर्चे पर मुश्किलें बढ़ाती जा रही है। एक तरफ केंद्र ने हिमाचल की कर्ज सीमा 5500 करोड़ रुपये घटा दी है, वहीं दूसरी तरफ हिमाचल हाईकोर्ट में चल रहे 5 मामले सरकार के गले की फांस बन गए हैं। ये मामले नए वेतन आयोग के एरियर, दैनिक वेतन भोगियों के भुगतान, अनुबंध अवधि की पेंशन और अनुबंध के बाद मिलने वाली वरिष्ठता से जुड़े हैं। कोर्ट ने इन पांचों मामलों में कर्मचारियों और पेंशनरों को करोड़ों रुपये का भुगतान सुनिश्चित करने को कहा है। कई मामलों में कोर्ट ने सरकार को सख्त टिप्पणियां और चेतावनी भी दी है। इससे सरकार और खासकर वित्त प्रबंधन देख रहे अधिकारी दबाव में हैं। कोर्ट की फटकार के बाद अब सरकार की रिसोर्स मोबिलाइजेशन कमेटी भी आय के संसाधन बढ़ाने और खर्चों में कटौती करने के लिए सक्रिय हो गई है। 80 हजार करोड़ सत्ता संभालने पर मिला: धर्माणी टीसीसी मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि जब कांग्रेस सत्ता में आई थी, तब राज्य पर 80 हजार करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज था। सरकार पर कर्मचारियों की 10 हजार करोड़ रुपये की देनदारी है। इसलिए सरकार को अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कुछ कड़े फैसले लेने होंगे। साफ है कि आने वाले समय में सरकार पेट्रोल-डीजल पर राज्य कर बढ़ाने के साथ ही मुफ्त सेवाओं में कटौती करने के फैसले ले सकती है। राज्य में अमीर लोगों के लिए मुफ्त बिजली पहले ही बंद की जा चुकी है। आमदनी 50 पैसे और खर्च एक रुपये होने के चलते सरकार अब मुफ्त सेवाओं और सब्सिडी में भी कटौती करने पर विचार कर रही है। हिमाचल पर 94 हजार करोड़ का कर्ज हिमाचल सरकार पर लगभग 94 हजार करोड़ रुपए का कर्ज चढ़ चुका है। 10 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की कर्मचारियों की देनदारी बकाया है। इससे प्रति व्यक्ति 1.17 लाख रुपए कर्ज चढ़ चुका है, जो कि देश में अरुणाचल प्रदेश के बाद दूसरा सबसे ज्यादा है। प्रदेश की पूर्व BJP सरकार ने सभी कर्मचारियों-पेंशनर को जनवरी 2016 से नए वेतनमान के लाभ तो दे दिए। मगर इसका एरियर अभी भी बकाया पड़ा है। दिसंबर 2022 में विधानसभा चुनाव से पहले 30 से 40 हजार रुपए की एरियर की एक किश्त जरूर दी गई है। मगर यह ऊंट के मुंह में जीरा समान है। कई कर्मचारियों व पेंशनर का तीन-चार लाख रुपए से भी ज्यादा का एरियर बकाया है। जिसका कर्मचारी-पेंशनर बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इससे डगमगा रही अर्थव्यवस्था रेवेन्यू डेफिसिएट ग्रांट (RDG) लगातार कम हो रही है। 14वें वित्त आयोग में हिमाचल को RDG में 40624 करोड़ रुपए मिले थे। 15वें वित्त आयोग में यह बढ़ने के बजाय कम होकर 37199 करोड़ रह गया। साल 2021-22 में RDG 10249 करोड़ मिली थी, जो कि 2025-26 में 3257 करोड़ की रह जाएगी। इसी तरह GST प्रतिपूर्ति राशि भी भारत सरकार ने जून 2022 में बंद कर दी है, जोकि देश में जीएसटी लागू होने के बाद से हर साल लगभग 3000 करोड़ रुपए से ज्यादा मिल रही थी। NPA के बदले हिमाचल को हर साल मिलने वाली मैचिंग ग्रांट भी केंद्र सरकार ने बंद कर दी है। राज्य सरकार हर साल मार्च में 1780 करोड़ रुपए NPA के तौर पर PFRDA के पास जमा कराता था, लेकिन बीते साल अप्रैल से हिमाचल में OPS बहाल कर दी गई है। इसलिए अप्रैल 2023 से NPA में स्टेट और कर्मचारियों का शेयर PFRDA के पास जमा नहीं होगा। इसे देखते हुए केंद्र ने इसकी मैचिंग ग्रांट भी रोक दी है। इन सब वजह से हिमाचल की अर्थव्यवस्था डगमगा लगी है। लोन लेने की सीमा 5% से 3.5% की पूर्व BJP सरकार के कार्यकाल में हिमाचल को जीडीपी का 5% तक लोन लेने की छूट थी, जो अब घटाकर 3.5% कर दी गई है। यानी 2022 तक हिमाचल को 14,500 करोड़ रुपए सालाना का लोन लेने की छूट थी। मगर अब 9000 करोड़ रुपए सालाना लोन लेने की छूट है। इससे ज्यादा पैसा हर साल पुराना कर्ज लौटाने और ब्याज देने में खर्च हो रहा है। इससे कर्मचारियों-पेंशनर की सैलरी-पेंशन और विकासात्मक गतिविधियों के बजट जुटा पाना सरकार के लिए मुश्किल हो गया है। 4000 करोड़ की इनकम को कोर्ट का झटका हिमाचल सरकार ने आय के संसाधन बढ़ाने के लिए वाटर सेस लगाया था। इससे सरकार को लगभग 4000 करोड़ रुपए सालाना आय की उम्मीद थी। मगर इसे कोर्ट असंवैधानिक करार चुका है। ऐसे में हिमाचल सरकार अब केंद्र पर बहुत ज्यादा निर्भर हो गई है। केंद्र से मदद नहीं मिली तो आने वाले समय में सरकार की मुश्किलें बढ़नी तय है। इससे कर्मचारियों की सैलरी और पेंशनरों को पेंशन देना भी चुनौतीपूर्ण हो जाएगा।
सिरमौर में पिकअप खाई में गिरी:ड्राइवर और वाहन में सवार अन्य व्यक्ति घायल, पांवटा से जा रहे थे शिलाई
सिरमौर में पिकअप खाई में गिरी:ड्राइवर और वाहन में सवार अन्य व्यक्ति घायल, पांवटा से जा रहे थे शिलाई हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर में पांवटा शिलाई नेशनल हाईवे पर एक पिकअप में खाई में गिरी गई, जिससे उसमें आग लग गई। इस घटना में दो लोग घायल हो गए। घायलों को पांवटा साहिब के सिविल अस्पताल में उपचार के लिए भेजा गया। पुलिस अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक पांवटा – शिलाई NH-707 पर दुगाना के समीप डाबरा के पास एक पिकअप क्षतिग्रस्त हो गई। इस दुर्घटना में बालक राम पुत्र जाती राम और ओम प्रकाश पुत्र अमर सिंह निवासी बांबल तहसील शिलाई सवार थे। दोनों व्यक्तियों को गंभीर चोटे आई हैं। ग्रामीणों ने तुरंत 108 एंबुलेंस को फोन करके इसकी सूचना दी जिसके मदद से घायलों को पांवटा साहिब सिविल अस्पताल ले जाया गया। यह हादसा उस वक्त हुआ जब पिकअप गाड़ी शिलाई से पांवटा की तरफ आ रही थी और चालक वाहन से नियंत्रण खो बैठा, जिससे गाड़ी गहरी खाई में गिर गई। खाई में गिरने के बाद इसमें आग लग गई लेकिन लोगों और पुलिस की सहायता से पिकअप चालक और उसमें बैठे अन्य व्यक्ति को बाहर निकाल कर अस्पताल पहुंचाया गया। शिलाई पुलिस मामले की जांच कर रही है।
हिमाचल: धर्मशाला, सोलन व कांगड़ा में नवंबर में रिकॉर्डतोड़ गर्मी:हमीरपुर का पारा 35.5 डिग्री पहुंचा; केलांग का तापमान नॉर्मल से 9.2 डिग्री ज्यादा हुआ
हिमाचल: धर्मशाला, सोलन व कांगड़ा में नवंबर में रिकॉर्डतोड़ गर्मी:हमीरपुर का पारा 35.5 डिग्री पहुंचा; केलांग का तापमान नॉर्मल से 9.2 डिग्री ज्यादा हुआ हिमाचल प्रदेश में सर्दी के मौसम में गर्मी पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ने लगी है। बीते 24 घंटे के दौरान 4 शहरों धर्मशाला, सोलन और कांगड़ा में अधिकतम तापमान ने नवंबर महीने में गर्मी के पिछले सारे रिकॉर्ड ब्रेक कर डाले है। धर्मशाला का अधिकतम तापमान 27.6 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। इससे पहले आज तक कभी भी नवंबर में इतना तापमान रिकॉर्ड नहीं किया गया। धर्मशाला का नवंबर का रिकॉर्ड टैम्परेचर 07 नवंबर 2022 को 27.4 डिग्री था। इसी तरह सोलन में अधिकतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। सोलन का आज तक का रिकॉर्ड तापमान 01 नवंबर 2020 को 28.7 डिग्री था। कांगड़ा के तापमान ने भी पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ डाले हैं। कांगड़ा का टैम्परेचर 29.8 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। यहां का रिकॉर्ड तापमान 05 नवंबर 2020 को 28.4 डिग्री था। नवंबर में भी पहाड़ों पर ठंड का एहसास नहीं प्रदेश के दूसरे शहरों में भी इसी तरह तापमान नॉर्मल से ज्यादा चल रहा है। इससे नवंबर माह में भी पहाड़ों पर ठंड का एहसास नहीं हो पा रहा। प्रदेश का औसत अधिकतम तापमान नॉर्मल से 4.1 डिग्री ज्यादा चल रहा है। कई शहरों के तापमान 9 डिग्री तक का उछाल आया है। केलांग का तापमान नॉर्मल से 9.2 डिग्री अधिक हुआ प्रदेश के सबसे ठंडे शहरों में शुमार केलांग के अधिकतम तापमान में नॉर्मल की तुलना में सबसे ज्यादा 9.2 डिग्री का उछाल आया है। यहां का पारा 19.2 डिग्री पहुंच गया है। वहीं हमीरपुर का तापमान भी नॉर्मल से 8.6 डिग्री ज्यादा के साथ 35.5 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। हिमाचल के किसी भी शहर में आज तक नवंबर में 35.5 डिग्री सेल्सियस तापमान नहीं गया। वहीं कल्पा का तापमान भी नॉर्मल की तुलना में 6.9 डिग्री का उछाल के बाद 23.4 डिग्री, शिमला का तापमान नॉर्मल से 4.1 डिग्री ज्यादा के साथ 23.2 डिग्री, नाहन का पारा 4.1 डिग्री ज्यादा के साथ 28.8 डिग्री और भुंतर का तापमान 4.5 डिग्री ज्यादा के साथ 30 डिग्री सेल्सियस हो गया है। लंबे ड्राइ स्पेल के कारण बढ़ रहा तापमान आलम यह है कि प्रदेश के छह का पारा 30 डिग्री से ज्यादा हो गया है। अमूमन नवंबर में ऐसी स्थिति देखने को नहीं मिलती, बल्कि तापमान में कमी से ठंड रिकॉर्ड तोड़ती है। मगर इस बार लंबे ड्राइ स्पेल की वजह से बारिश-बर्फबारी नहीं हो रही। इससे तापमान में उछाल आ रहा है। प्रदेश में पोस्ट मानसून सीजन में 97 प्रतिशत से कम बारिश हुई है। छह जिले चंबा, हमीरपुर, बिलासपुर, कुल्लू, सोलन और सिरमौर में तो एक बीते 33 दिनों के दौरान एक बूंद भी नहीं बरसी।