प्रदेश में सियासत का पारा लगातार चढ़ रहा है। चुनावी रण में उतरे उम्मीदवार एक दूसरे पर हमलावर हैं। एक-दूसरे पर बयानबाजी में नेताओं की जुबान फिसलना भी एक मुद्दा बन जाता है। जैसे मीडिया से बातचीत करते हुए कांग्रेस उम्मीदवार मोहित ग्रोवर की जबान भी फिसल गई। कांग्रेस की बात करते-करते वह बीजेपी की 70-80 सीट आने की बात बोल गए। अब उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। कांग्रेस नेता लोकसभा चुनाव के अपने प्रदर्शन से खासे उत्साहित हैं और विधानसभा चुनाव में सत्ता की कुर्सी तक का सफर तय करने का सपना देख रहे हैं। शायद इसी ओवर कॉन्फिडेंस में गुरुग्राम विधानसभा सीट के उम्मीदवार मोहित ग्रोवर जल्दबाजी में मीडिया के सामने बीजेपी की तारीफ करने लगे। वीडियो में वह कह रहे हैं कि विधानसभा में साफ, 70-80 सीट आएगी BJP को। उस समय उनके साथ हाल ही में जजपा से आए नरेश सहरावत, सूबे सिंह बोरा और कांग्रेस जिला मीडिया कोऑर्डिनेटर पंकज डावर भी मौजूद थे। सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो हालांकि बाद में वह सफाई देते रहे लेकिन तब तक उनका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। बीजेपी ने भी इस वीडियो को सोशल साइट पर डाल दिया। इसके बाद यूजर जमकर कमेंट कर रहे हैं, तो बीजेपी समर्थक कह रहे कि आखिरकार सच्चाई मुंह पर आ ही गई। किसी ने लिखा हार की बौखलाहट के चलते कांग्रेस उम्मीदवार सही बात कह रहे हैं। 2019 में लड़े थे निर्दलीय कई पार्टी से होते हुए कांग्रेस में आए मोहित ग्रोवर के पिता स्व मदनलाल ग्रोवर बड़े पंजाबी नेता रहे हैं। 2019 के चुनाव में मोहित ग्रोवर निर्दलीय चुनाव लड़ थे और करीब 25% वोट लेकर दूसरे नंबर पर रहे थे। वहीं कांग्रेस के पूर्व मंत्री सुखबीर कटारिया तीसरे नंबर पर थे। ग्रोवर परिवार पहले भी कांग्रेस में रहा है, तो ग्रोवर बीच में BJP में आ गए थे। थाना के नगर निगम चुनाव में जहां मदनलाल ग्रोवर चुनाव हारे थे वहीं बाद में वह अपने समर्थक को भी नहीं जीता पाए थे। हालांकि 2019 के चुनाव में मदनलाल ग्रोवर की रणनीति के चलते ही मोहित दूसरे नंबर पर आए थे। 2019 विधानसभा चुनाव के बाद मोहित नहीं रहे सक्रिय विधानसभा चुनाव में दूसरे नंबर पर आने के बाद भी मोहित क्षेत्र में सक्रिय नहीं रहे। वहीं लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी राज बब्बर उनके आवास पर भी गए थे लेकिन उनको उम्मीद मुताबिक सहयोग नहीं मिला। यह बात राज बब्बर ने अपने बयान में भी कही थी। हालांकि मोहित इससे इनकार करते रहे हैं। विधानसभा चुनाव के ठीक पहले मोहित ने कांग्रेस का दामन तो थाम लिया लेकिन पार्टी में टिकट की रेस में चल रहे कांग्रेसी नेताओं को यह नागवार गुजरा। शायद यही कारण है कि वह फिलहाल मोहित ग्रोवर के साथ नजर नहीं आ रहे हैं। हालांकि अकेले जिला कांग्रेस मीडिया कोऑर्डिनेटर पंकज डावर उनकी नैया पार करने की जुगत लगाते दिख रहे हैं। प्रदेश में सियासत का पारा लगातार चढ़ रहा है। चुनावी रण में उतरे उम्मीदवार एक दूसरे पर हमलावर हैं। एक-दूसरे पर बयानबाजी में नेताओं की जुबान फिसलना भी एक मुद्दा बन जाता है। जैसे मीडिया से बातचीत करते हुए कांग्रेस उम्मीदवार मोहित ग्रोवर की जबान भी फिसल गई। कांग्रेस की बात करते-करते वह बीजेपी की 70-80 सीट आने की बात बोल गए। अब उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। कांग्रेस नेता लोकसभा चुनाव के अपने प्रदर्शन से खासे उत्साहित हैं और विधानसभा चुनाव में सत्ता की कुर्सी तक का सफर तय करने का सपना देख रहे हैं। शायद इसी ओवर कॉन्फिडेंस में गुरुग्राम विधानसभा सीट के उम्मीदवार मोहित ग्रोवर जल्दबाजी में मीडिया के सामने बीजेपी की तारीफ करने लगे। वीडियो में वह कह रहे हैं कि विधानसभा में साफ, 70-80 सीट आएगी BJP को। उस समय उनके साथ हाल ही में जजपा से आए नरेश सहरावत, सूबे सिंह बोरा और कांग्रेस जिला मीडिया कोऑर्डिनेटर पंकज डावर भी मौजूद थे। सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो हालांकि बाद में वह सफाई देते रहे लेकिन तब तक उनका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। बीजेपी ने भी इस वीडियो को सोशल साइट पर डाल दिया। इसके बाद यूजर जमकर कमेंट कर रहे हैं, तो बीजेपी समर्थक कह रहे कि आखिरकार सच्चाई मुंह पर आ ही गई। किसी ने लिखा हार की बौखलाहट के चलते कांग्रेस उम्मीदवार सही बात कह रहे हैं। 2019 में लड़े थे निर्दलीय कई पार्टी से होते हुए कांग्रेस में आए मोहित ग्रोवर के पिता स्व मदनलाल ग्रोवर बड़े पंजाबी नेता रहे हैं। 2019 के चुनाव में मोहित ग्रोवर निर्दलीय चुनाव लड़ थे और करीब 25% वोट लेकर दूसरे नंबर पर रहे थे। वहीं कांग्रेस के पूर्व मंत्री सुखबीर कटारिया तीसरे नंबर पर थे। ग्रोवर परिवार पहले भी कांग्रेस में रहा है, तो ग्रोवर बीच में BJP में आ गए थे। थाना के नगर निगम चुनाव में जहां मदनलाल ग्रोवर चुनाव हारे थे वहीं बाद में वह अपने समर्थक को भी नहीं जीता पाए थे। हालांकि 2019 के चुनाव में मदनलाल ग्रोवर की रणनीति के चलते ही मोहित दूसरे नंबर पर आए थे। 2019 विधानसभा चुनाव के बाद मोहित नहीं रहे सक्रिय विधानसभा चुनाव में दूसरे नंबर पर आने के बाद भी मोहित क्षेत्र में सक्रिय नहीं रहे। वहीं लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी राज बब्बर उनके आवास पर भी गए थे लेकिन उनको उम्मीद मुताबिक सहयोग नहीं मिला। यह बात राज बब्बर ने अपने बयान में भी कही थी। हालांकि मोहित इससे इनकार करते रहे हैं। विधानसभा चुनाव के ठीक पहले मोहित ने कांग्रेस का दामन तो थाम लिया लेकिन पार्टी में टिकट की रेस में चल रहे कांग्रेसी नेताओं को यह नागवार गुजरा। शायद यही कारण है कि वह फिलहाल मोहित ग्रोवर के साथ नजर नहीं आ रहे हैं। हालांकि अकेले जिला कांग्रेस मीडिया कोऑर्डिनेटर पंकज डावर उनकी नैया पार करने की जुगत लगाते दिख रहे हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में टिकट दावेदार बढ़ाएंगे कांग्रेस हाईकमान का सिरदर्द:हर विधानसभा में 10-15 तक जता रहे उम्मीदवारी, अगले महीने से पार्टी मांगेगी आवेदन
हरियाणा में टिकट दावेदार बढ़ाएंगे कांग्रेस हाईकमान का सिरदर्द:हर विधानसभा में 10-15 तक जता रहे उम्मीदवारी, अगले महीने से पार्टी मांगेगी आवेदन हरियाणा में विधानसभा चुनाव को महज 3 महीने का ही समय बचा है। चुनाव लड़ने के इच्छुक दावेदार खुलकर कांग्रेस का टिकट मांग रहे हैं और अपने आपको दावेदार बता रहे हैं। मगर कांग्रेस लोकसभा चुनाव की तरह ही सर्वे के आधार पर टिकट इस बार देखा। ऐसे में नेताओं ने फिल्ड में रहना शुरू कर दिया है ताकि सर्वे में उनकी रिपोर्ट अच्छी आए। वहीं कुछ नेता ऑनलाइन सर्वे करवाकर खुद को बाकि की तुलना में अधिक असरदार व मजबूत कैंडिडेट बता रहे हैं। खास बात है कि इस बार कांग्रेस का टिकट लेने के लिए सबसे ज्यादा मारामारी रहने के आसार हैं। कांग्रेस के हर विधानसभा में 10 से लेकर 15 दावेदार हैं। ऐसे में यह दावेदार कांग्रेस हाईकमान का सिर दर्द बढ़ाएंगे। कांग्रेस इन दावेदारों से अगले महीने आवेदन मांगना शुरू कर सकती है। कांग्रेस का पहला सर्वे अभी चल रहा है। दूसरा सर्वे शुरू होते ही कांग्रेस आवेदन मांगना शुरू करेगी। जल्द ही कांग्रेस आवेदन के लिए घोषणा करने वाली है। ऐसे में टिकट पाने वालों ने बायोडाटा बनवाना शुरू कर दिया है। इसके अलावा कांग्रेस न्यायपत्र बनाने की भी तैयारियों में लगी है। राहुल की मीटिंग के बाद बयानबाजी थमी हरियाणा कांग्रेस की हाईकमान के साथ बैठक के बाद बयानबाजी थम गई है। हुड्डा खेमे और SRK गुट की तरफ से कोई बयानबाजी राहुल गांधी की नसीहत के बाद सामने नहीं आई है। मगर वहीं जनता के सामने कांग्रेस की गुटबाजी जगजाहिर है। ऊपर से चाहे कितना भी एक होने का संदेश देगी मगर धरातल पर दोनों गुटों के नेताओं के कार्यकर्ता एक दूसरे के आमने-सामने रहते हैं। कांग्रेस के सम्मेलनों में गुटबाजी देखने को मिल रही है। जींद में हुए सम्मेलन में चौधरी बीरेंद्र सिंह ग़ैरमौजूद रहे। वहीं उचाना में जयप्रकाश के कार्यक्रमों से बृजेंद्र सिंह गायब दिखे। विधानसभा में कांग्रेस के पास 3 बड़े ऐज 1. सत्ता विरोधी लहर : भाजपा हरियाणा में सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रही है। हरियाणा में 10 साल से भाजपा की सरकार है। हरियाणा की जनता प्रदेश में बदलाव की ओर देख रही है। हालांकि भाजपा ने मुख्यमंत्री का चेहरा बदला मगर इसका फायदा लोकसभा चुनाव में नहीं मिला। लोकसभा चुनाव में भाजपा को जरूर मोदी के नाम के वोट मिले मगर अबकी बार विधानसभा चुनाव की राह कठिन है। 2. जाट और एससी समाज की नाराजगी : भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती जाट और एससी समाज को साधने की है। लोकसभा चुनाव में दोनों समाज ने भाजपा के खिलाफ होकर एकजुट होकर वोट किया। इसका परिणाम था कि जिन विधानसभा में जाट समाज या एससी समाज का प्रभाव है उन विधानसभा में भाजपा की हार हुई है। 3. किसान आंदोलन और अग्निवीर योजना : भाजपा के सामने केंद्र सरकार की योजनाओं को लेकर लोगों में नाराजगी है। केंद्र सरकार की ओर से बनाए तीन कृषि कानून को लेकर काफी लंबा आंदोलन हुआ। इसमें हरियाणा के किसानों ने अग्रणी भूमिका निभाई। हरियाणा सरकार ने किसानों के साथ कई मोर्चों पर जबरदस्ती की और साथ नहीं दिया। इस कारण किसान हरियाणा सरकार से नाराज हो गए। वहीं केंद्र की अग्निवीर योजना से हरियाणा के युवा खासकर ग्रामीण इलाकों से आने वाले युवा नाराज हैं। हरियाणा में बड़े स्तर पर युवा आर्मी भर्ती की तैयारी करते हैं। कांग्रेस को इन चुनौतियों से पारा पाना होगा 1. गुटबाजी हरियाणा में कांग्रेसी नेताओं की धड़ेबंदी जगजाहिर है और पार्टी ने इसका नुकसान कम से कम 2 सीटें गवांकर चुकाया। भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट पर पूर्व मंत्री किरण चौधरी और गुरुग्राम में पूर्व कैबिनेट मंत्री कैप्टन अजय यादव ने टिकट कटने के बाद अपनी नाराजगी खुलकर जताई। इसी तरह हिसार सीट पर2 गुटबाजी देखने को मिली। सैजला समर्थकों ने जयप्रकाश के प्रचार से दूरी बनाए रखी। इससे हिसार में जीत का मार्जिन कम हो गया। अगर विधानसभा वाइस सीटें देखें तो कांग्रेस को हिसार, कैथल, जींद, गुरुग्राम, करनाल, कुरुक्षेत्र, सिरसा लोकसभा जैसी विधानसभाओं में गुटबाजी से पार पाना होगा। 2. पार्टी के भीतर चौधर की लड़ाई लोकसभा चुनाव में कांग्रेसी नेताओं के बीच चलने वाली चौधर की लड़ाई भी जमकर देखने को मिली। पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह शुरू से आखिर तक बांगर बेल्ट में हिसार के उम्मीदवार जयप्रकाश जेपी को नीचा दिखाने की कोशिश करते नजर आए। हालांकि चुनाव नतीजों में जेपी को सबसे बड़ी लीड बीरेंद्र सिंह के गढ़ उचाना से ही मिली। जयप्रकाश जेपी के हुड्डा कैंप से जुड़े होने के कारण सैलजा रणदीप सुरजेवाला ने हिसार में एक सभा तक नहीं की। सैलजा सिरसा तक सिमटी रही तो रणदीप सिरसा के अलावा कुरुक्षेत्र एरिया में एक्टिव रहे। 3. कुरुक्षेत्र में गठबंधन को सीट दी विधानसभा में पड़ेगा असर कांग्रेस ने I.N.D.I.A. अलायंस के तहत कुरूक्षेत्र सीट आम आदमी पार्टी (AAP) को दी थी। इसलिए यहां कांग्रेस का चुनाव चिन्ह गायब रहा। इसका असर विधानसभा में भी पड़ना तय है। अगर यहां कांग्रेस और आप के बीच वोट बंटे तो इसका फायदा भाजपा को मिल सकता है। आप यहां मजबूती से चुनाव लड़ने का विचार मन बना रही है। पंजाब के साथ लगती हरियाणा की बेल्ट में आप कांग्रेस को चुनौती देगी।
बबीता फोगाट का साक्षी मलिक पर पलटवार:बोलीं- किताब के चक्कर में ईमान बेच गई, विनेश-बजरंग को विधानसभा-पद मिला, दीदी तुम्हारा दर्द समझ सकती हूं
बबीता फोगाट का साक्षी मलिक पर पलटवार:बोलीं- किताब के चक्कर में ईमान बेच गई, विनेश-बजरंग को विधानसभा-पद मिला, दीदी तुम्हारा दर्द समझ सकती हूं हरियाणा की रेसलर साक्षी मलिक की ऑटोबायोग्राफी से शुरू हुआ विवाद थम नहीं रहा है। साक्षी मलिक ने आरोप लगाया था कि BJP नेता बबीता फोगाट ने उन्हें भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण के खिलाफ आंदोलन के लिए उकसाया, इसकी परमिशन दिलाई थी। बबीता फोगाट बृजभूषण को हटाकर खुद WFI की अध्यक्ष बनना चाहती थीं। अब बबीता फोगाट ने साक्षी मलिक पर पलटवार किया है। बबीता फोगाट ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘खुद के किरदार से जगमगाओ, उधार की रोशनी कब तक चलेगी? किसी को विधानसभा मिला, किसी को मिला पद, दीदी तुमको कुछ न मिला, हम समझ सकते है तुम्हारा दर्द। किताब बेचने के चक्कर में अपना ईमान बेच गई।’ बबीता फोगाट का यह बयान साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया से जुड़ा है। साक्षी ने हाल ही में अपनी ऑटोबायोग्राफी ‘विटनेस’ लॉन्च की थी। वहीं, विनेश कांग्रेस में शामिल होकर जुलाना सीट से MLA बन चुकी हैं। बजरंग पूनिया को कांग्रेस ने ऑल इंडिया किसान कांग्रेस का वाइस चेयरमैन बनाया है। वहीं, किताब को लेकर मचे बवाल के बीच साक्षी मलिक ने सफाई दी है। मलिक ने कहा कि उनकी किताब के तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। किताब के नाम पर वे बातें भी बताई जा रही हैं, जो उसमें हैं ही नहीं। बबीता फोगाट के हक में 3 बयान… गीता फोगाट ने कहा- अध्यक्ष का लालच किसे, सबको पता
बबीता की बहन गीता फोगाट ने कहा, ‘कई लोग खिलाड़ी के नाम पर बार-बार अपने एजेंडे अपनी राजनीति चमकाने की कोशिश करते रहते हैं। मैं उनको कहना चाहती हूं कि बबीता ने कुश्ती में या राजनीति में जो भी मुकाम हासिल किया है, वह अपनी मेहनत और ईमानदारी के बलबूते पर किया है। जहां पर कोई किसी तरह का पद मायने नहीं रखता। रही बात अध्यक्ष बनने की तो सब जानते हैं कि अध्यक्ष बनने का लालच किसके अंदर था। सत्य को परेशान किया जा सकता है, पराजित नहीं।’ पिता बोले- हुड्डा-प्रियंका गांधी की जुबान बोल रही साक्षी
इस मामले में बबीता के पिता द्रोणाचार्य अवॉर्डी महावीर फोगाट ने कहा, ‘बबीता का इससे कोई वास्ता नहीं है। बबीता का उद्देश्य WFI अध्यक्ष बनना नहीं था। वह खिलाड़ियों के पक्ष में थीं। मैंने भी विरोध का समर्थन किया था। बबीता समझौता करवाना चाहती थी। चुनाव के बाद प्रियंका गांधी और दीपेंद्र हुड्डा की ओर से साक्षी मलिक के माध्यम से बयानबाजी करवाई जा रही है। अपनी राजनीति चमकाने के लिए ये भाषा बोली जा रही है।’ हरियाणा BJP प्रदेश अध्यक्ष बोले- नेगेटिव आरोप न लगाएं
इस मामले में हरियाणा BJP अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली भी बबीता फोगाट के समर्थन में उतर आए। बड़ौली ने कहा, ‘बबीता फोगाट एक ईमानदार, मेहनती और साफ छवि की नेता हैं। मैं खिलाड़ी होने के नाते सभी खिलाड़ियों को यह कहना चाहूंगा की एक अच्छी सोच के साथ आगे बढ़ें। नेगेटिव आरोप प्रत्यारोप लगाने से बचें।’ विनेश फोगाट भी पूछ चुकी- मुझे कौन सा लालच
विनेश ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘न तो मुझे किसी ने ये बातें लिखित में दी हैं और न ही मैं किसी का मन पढ़ सकती हूं। अच्छी बात यह है कि एक अच्छे काम के लिए हमने लड़ाई लड़ी। वह लड़ाई चल रही है। जब तक दोषी को सजा नहीं दिला देते, लड़ाई जारी रहेगी।’ साक्षी मलिक के विनेश-बजरंग के मन में लालच आ जाने से जुड़े दावे पर विनेश ने कहा, ‘किस चीज का लालच? आप उन्हीं से पूछिए। खिलाड़ी होने के नाते अगर खिलाड़ियों, अपनी बहनों के लिए बोलना लालच है तो इस लालच को मैं अच्छा मानती हूं। अगर देश के लिए ओलिंपिक तक जाकर मेडल लाने का लालच हमारे अंदर है तो वह मरते दम तक रहेगा।’ साक्षी मलिक की ऑटोबायोग्राफी से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… साक्षी बोलीं- बबीता ने आंदोलन के लिए उकसाया:गीता ने कहा- WFI अध्यक्ष कौन बनना चाहता था, सबको पता; विनेश ने पूछा-मुझे कौन सा लालच ओलिंपिक में महिला रेसलिंग में देश को पहला मेडल दिलाने वाली पहलवान साक्षी मलिक की ओर से अपनी ऑटोबायोग्राफी ‘विटनेस’ में किए गए खुलासों को लेकर विवाद चल रहा है। साक्षी ने दावा किया कि रेसलरों के आंदोलन के पीछे दंगल गर्ल के नाम से मशहूर BJP नेता बबीता फोगाट का हाथ था। जंतर-मंतर पर धरने की परमिशन हरियाणा भाजपा के नेता तीर्थ राणा ने ही दिलाई। बबीता और राणा बृजभूषण को WFI अध्यक्ष से हटाकर खुद उस पर बैठना चाहते थे। पूरी खबर पढ़ें… रेसलर साक्षी मलिक बोलीं- ट्यूशन टीचर ने छेड़छाड़ की:विनेश-बजरंग के ट्रायल छूट लेने से आंदोलन कमजोर हुआ, करीबियों ने लालच भरा हरियाणा की रेसलर साक्षी मलिक की आत्मकथा ‘विटनेस’ लॉन्च हो गई है। साक्षी ने कहा कि विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया के एशियाई खेलों के ट्रायल्स से छूट लेने से उनके आंदोलन की छवि प्रभावित हुई। साक्षी ने यह भी दावा किया कि बचपन में टीचर ने उसके साथ छेड़छाड़ की थी लेकिन वह किसी को बता नहीं पाई। पूरी खबर पढ़ें…
फरीदाबाद में NHM हड़ताल का मरीजों पर असर:घंटे तक रेफर हुए बच्चे को नहीं मिली एम्बुलेंस, आरएमओ ने लिया तुरंत एक्शन
फरीदाबाद में NHM हड़ताल का मरीजों पर असर:घंटे तक रेफर हुए बच्चे को नहीं मिली एम्बुलेंस, आरएमओ ने लिया तुरंत एक्शन हरियाणा के फरीदाबाद जिले के बादशाह खान सिविल अस्पताल में एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल का असर साफ नजर आ रहा है। जहां लगभग घंटे तक बादशाह खान सिविल अस्पताल से रेफर हुए 1 साल के बच्चे को एंबुलेंस नहीं मिली। दैनिक भास्कर की टीम की हस्तक्षेप के बाद अस्पताल से रेफर हुए 1 साल के बच्चे को एंबुलेंस मुहैया कराई गई। जिसके बाद बच्चे को उसके परिजन बादशाह खान सिविल अस्पताल से दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज करने के लिए लेकर गए। बुखार और दौरे की हुई थी शिकायत एक साल के बच्चे अभिषेक के पिता अरुण ने बताया कि वह फरीदाबाद के हार्डवेयर चौक स्थित राजीव कॉलोनी में रहते हैं। बीते कल उनके बच्चे को बुखार और दौरे की शिकायत हुई थी। जिसके बाद उन्होंने अपने बच्चों को बादशाह खान सिविल अस्पताल में बच्चा वार्ड में इलाज के लिए भर्ती कराया था, लेकिन आज डॉक्टर ने उनके बच्चे को इलाज के लिए दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के लिए रेफर दिया और कहा कि वह नीचे से जाकर एम्बुलेंस ले ले। जब वह एम्बुलेंस कंट्रोल रूम में गए, तो उन्हें कहा गया कि अभी एम्बुलेंस डीजल डलवाने के लिए गई है। जब डीजल डलवा के आ जाएगी, तब एम्बुलेंस भेज दी जाएगी। लेकिन बार-बार एम्बुलेंस आने की बात कह कर उन्हें एम्बुलेंस के कर्मचारी टालते रहे। बच्चे को लेकर इमरजेंसी के गेट पर बैठे रहे परिजन वह अपने बच्चों को लेकर अस्पताल की इमरजेंसी के गेट पर ही बैठे थे, तभी दैनिक भास्कर के संवाददाता की नजर उन पर पड़ी। उन्होंने अस्पताल की इमरजेंसी वार्ड के मेन गेट पर बैठने का कारण पूछा, तब बच्चे के पिता अरुण ने उन्हें पूरी बात बताई। जिसके बाद दैनिक भास्कर के संवाददाता ने मामले की जानकारी अस्पताल के आरएमओ डॉक्टर लोकेश गुप्ता को दी। जिसके बाद आरएमओ लोकेश गुप्ता ने तुरंत मामले में संज्ञान लेते हुए कुछ देर में एम्बुलेंस उन तक पहुंचाई। जिसके बाद वह अपने बच्चों को इलाज के लिए दिल्ली लेकर जा सके। कौन होता जिम्मेदार गौरतलब गई कि यदि एम्बुलेंस मिलने में देरी हो जाती और बच्चे की जान चली जाती, तो इसका जिम्मेदार कौन होता, लेकिन घटना से साफ है कि आज एनएचएम की हड़ताल को 21 दिन हो चुके हैं और उसका सीधा-सीधा असर इलाज कराने के लिए आने वाले मरीजों पर पड़ रहा है।