अयोध्या से सपा सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद के खिलाफ अपहरण, धमकी और मारपीट का मुकदमा दर्ज हुआ है। पीड़ित रवि तिवारी की तहरीर पर कोतवाली में 3 नामजद और 15 अज्ञात के खिलाफ FIR हुई। अजीत प्रसाद मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव में सपा से दावेदार हैं। पूराकलंदर थाना क्षेत्र के पलिया रिसाली निवासी प्रॉपर्टी डीलर रवि तिवारी ने शनिवार यानी 21 सितंबर को नगर कोतवाली में एप्लिकेशन दी थी। जिसमें बताया- अकबरा निवासी शीतला प्रसाद अपनी भूमि बेचना चाहते थे। उनको एडवांस के तौर पर मैंने एक लाख रुपए दिए थे। मेरी मध्यस्थता में शीतला प्रसाद ने जमीन अजीत प्रसाद और लाल बहादुर को बेची। जिसके बदले अजीत ने चेक के माध्यम से मुझे एक लाख रुपए दिए। पीड़ित बोला- घसीटकर कार में बिठाया पीड़ित का आरोप है कि वह 21 सितंबर को दोपहर में स्टेट बैंक सिविल लाइन के सामने खड़ा था, तभी अजीत प्रसाद, राजू यादव व 15-20 अज्ञात लोगों के साथ आए और हमें घसीटते हुए अपनी गाड़ी में बैठा लिया। मुझे पीटते हुए रिकाबगंज की ओर ले गए। तहसील के पास गाड़ी खड़ी कर एक लाख रुपए वापस ले लिए। इसका वीडियो भी बनाया। जान से मारने की धमकी देते हुए गाड़ी से उतार दिया। 15 लोगों के खिलाफ केस दर्ज नगर कोतवाली प्रभारी अश्वनी पांडेय ने बताया- तहरीर के आधार पर प्रथमदृष्टा आरोप सही पाए गए। इस आधार पर 3 नामजद अजीत प्रसाद, राजू यादव, सिपाही शाशिकांत राय समेत 15 अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले की जांच की जा रही है। भास्कर ने अजीत प्रसाद से संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। भाजपा बोली- सपा की गुंडागर्दी जारी है BJP आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया- फैजाबाद के सांसद अवधेश प्रसाद, जिनको आज कल अखिलेश यादव अपनी छाती से लगाकर घूम रहे हैं, उनके बेटे अजीत प्रसाद ने रवि तिवारी का ‘अपहरण’ करके उसकी ‘पिटाई’ की। सपा कुछ सीटें क्या जीत गई, बलात्कार और गुंडागर्दी का सिलसिला थम ही नहीं रहा। बीजेपी नेता ने कहा, ‘उत्तर प्रदेश में एक कहावत है – जिस गाड़ी पर सपा का झंडा, उस गाड़ी में बैठा है गुंडा। ये उसी का प्रमाण है.’ इस पोस्ट के साथ उन्होंने एक वीडियो भी शेयर किया है। ये खबर भी पढ़ें… अखिलेश ने दूर किए दावेदारों के गिले-शिकवे:मिल्कीपुर सीट से अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत होंगे उम्मीदवार, सपा प्रमुख ने खत्म कराया आनंद सेन से मनमुटाव अखिलेश यादव ने मिल्कीपुर सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए पार्टी दावेदार की स्थिति साफ कर दी। रविवार को सपा सुप्रीमो ने लखनऊ में पार्टी नेताओं से मुलाकात की। साफ शब्दों में वहां मौजूद लोगों को बता दिया कि अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद ही मिल्कीपुर से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार होंगे। सब लोग मिलकर इन्हें जिताइए। (पढ़ें पूरी खबर) अयोध्या से सपा सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद के खिलाफ अपहरण, धमकी और मारपीट का मुकदमा दर्ज हुआ है। पीड़ित रवि तिवारी की तहरीर पर कोतवाली में 3 नामजद और 15 अज्ञात के खिलाफ FIR हुई। अजीत प्रसाद मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव में सपा से दावेदार हैं। पूराकलंदर थाना क्षेत्र के पलिया रिसाली निवासी प्रॉपर्टी डीलर रवि तिवारी ने शनिवार यानी 21 सितंबर को नगर कोतवाली में एप्लिकेशन दी थी। जिसमें बताया- अकबरा निवासी शीतला प्रसाद अपनी भूमि बेचना चाहते थे। उनको एडवांस के तौर पर मैंने एक लाख रुपए दिए थे। मेरी मध्यस्थता में शीतला प्रसाद ने जमीन अजीत प्रसाद और लाल बहादुर को बेची। जिसके बदले अजीत ने चेक के माध्यम से मुझे एक लाख रुपए दिए। पीड़ित बोला- घसीटकर कार में बिठाया पीड़ित का आरोप है कि वह 21 सितंबर को दोपहर में स्टेट बैंक सिविल लाइन के सामने खड़ा था, तभी अजीत प्रसाद, राजू यादव व 15-20 अज्ञात लोगों के साथ आए और हमें घसीटते हुए अपनी गाड़ी में बैठा लिया। मुझे पीटते हुए रिकाबगंज की ओर ले गए। तहसील के पास गाड़ी खड़ी कर एक लाख रुपए वापस ले लिए। इसका वीडियो भी बनाया। जान से मारने की धमकी देते हुए गाड़ी से उतार दिया। 15 लोगों के खिलाफ केस दर्ज नगर कोतवाली प्रभारी अश्वनी पांडेय ने बताया- तहरीर के आधार पर प्रथमदृष्टा आरोप सही पाए गए। इस आधार पर 3 नामजद अजीत प्रसाद, राजू यादव, सिपाही शाशिकांत राय समेत 15 अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले की जांच की जा रही है। भास्कर ने अजीत प्रसाद से संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। भाजपा बोली- सपा की गुंडागर्दी जारी है BJP आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया- फैजाबाद के सांसद अवधेश प्रसाद, जिनको आज कल अखिलेश यादव अपनी छाती से लगाकर घूम रहे हैं, उनके बेटे अजीत प्रसाद ने रवि तिवारी का ‘अपहरण’ करके उसकी ‘पिटाई’ की। सपा कुछ सीटें क्या जीत गई, बलात्कार और गुंडागर्दी का सिलसिला थम ही नहीं रहा। बीजेपी नेता ने कहा, ‘उत्तर प्रदेश में एक कहावत है – जिस गाड़ी पर सपा का झंडा, उस गाड़ी में बैठा है गुंडा। ये उसी का प्रमाण है.’ इस पोस्ट के साथ उन्होंने एक वीडियो भी शेयर किया है। ये खबर भी पढ़ें… अखिलेश ने दूर किए दावेदारों के गिले-शिकवे:मिल्कीपुर सीट से अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत होंगे उम्मीदवार, सपा प्रमुख ने खत्म कराया आनंद सेन से मनमुटाव अखिलेश यादव ने मिल्कीपुर सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए पार्टी दावेदार की स्थिति साफ कर दी। रविवार को सपा सुप्रीमो ने लखनऊ में पार्टी नेताओं से मुलाकात की। साफ शब्दों में वहां मौजूद लोगों को बता दिया कि अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद ही मिल्कीपुर से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार होंगे। सब लोग मिलकर इन्हें जिताइए। (पढ़ें पूरी खबर) उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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दो लड़कियां साथ जीना चाहती थीं…ट्रेन से कट गईं:अलीगढ़ में घरवालों को रिश्ता पसंद नहीं था, शव के टुकड़े बटोरे; LLB और B.Sc स्टूडेंट थीं
दो लड़कियां साथ जीना चाहती थीं…ट्रेन से कट गईं:अलीगढ़ में घरवालों को रिश्ता पसंद नहीं था, शव के टुकड़े बटोरे; LLB और B.Sc स्टूडेंट थीं अलीगढ़ के दाउद खां रेलवे स्टेशन के पास बुधवार शाम दो सहेलियों ने राजधानी एक्सप्रेस से कटकर जान दे दी। दोनों के शव कई टुकड़ों में रेलवे ट्रैक पर बिखर गए। जान देने वाली खुशबू LLB और तनु B.Sc रही थी। दोनों एक-दूसरे का हाथ पकड़कर रेलवे ट्रैक पर खड़ी रहीं। ट्रेन ड्राइवर हॉर्न बजाता रहा, लेकिन वे ट्रैक से नहीं हटीं। ट्रेन से कटकर दोनों की मौत हो गई। सहेलियों ने जान क्यों दी? 7 घंटे बाद तीसरी फ्रेंड ने सच बताया
गांव हाजीपुर के सामने दो सहेलियों ने जान क्यों दी? इस सवाल का जवाब 7 घंटे बाद मिला। शाम करीब 6 बजे दोनों ट्रेन से कटीं। करीब 6:30 बजे पुलिस और GRP पहुंची। शव क्षत-विक्षत थे तो पहचान कराने में करीब 9 बज गए। घटना के करीब साढ़े तीन घंटे बाद रात 9:30 बजे लड़कियों के घर वाले पहुंचे। घर वालों ने इनकी तीसरी सहेली का नाम बताया। रात 12 बजे के बाद तीसरी सहेली तक पुलिस पहुंची। फिर करीब 1 बजे तक तीसरी सहेली ने दोनों के रिश्तों को लेकर पुलिस के सामने सच कबूला। तीसरी सहेली ने पुलिस को क्या बताया? बताते हैं… तनु लड़की तो खुशबू लड़कों जैसी ड्रेस में रहती
थाना महुआखेड़ा के कोछोड़ की 20 साल की तनु लड़की की ड्रेस पहनती और मेकअप भी लड़कियों की तरह ही करती। जबकि गांधीपार्क के नगला माली निवासी 22 साल की खुशबू लड़कों जैसी ड्रेस पहनती और वैसे ही छोटे बाल रखती थी। दोनों काफी समय से समलैंगिक रिश्ते में थीं और साथ जीवन जीना चाहती थीं। परिवार को दोनों के रिश्ते मंजूर नहीं थे
दोनों के परिवार को भी इस रिश्ते के बारे में पता चल गया। परिवार वाले दोनों को दूर रहने की नसीहतें देने लगे। परिवार की बंदिश में दोनों रहना नहीं चाहती थीं। दोनों शादी कर साथ जीना-मरना चाहती थीं, लेकिन परिवार राजी नहीं था। भागने की भी प्लानिंग की, लेकिन गुजारा के लिए पैसे की व्यवस्था नहीं थी। इन सब से परेशान होकर दोनों ने जान दे दी। परिवार वालों ने पुलिस को क्या बताया? बताते हैं… बर्थडे में जाने की बात कहकर लक्ष्मी खुशबू को ले गई
घटना के करीब साढ़े तीन घंटे बाद दोनों के परिवार वाले सामने आए। खुशबू के पिता ज्ञानबाबू ने बताया- कैसे और क्यों ऐसा कदम बेटी ने उठाया? ये हमें मालूम नहीं। सुबह 11 बजे बेटी खाना खाकर आराम करने जा रही थी। तभी उसकी सहेली लक्ष्मी आई। वह बर्थडे पार्टी की बात कहकर खुशबू को अपने साथ ले गई। खुशबू ही घर में कमाती थी, वह LLB कर रही थी। देर शाम तक जब बेटी वापस नहीं आई तो हम लोगों ने पुलिस से मदद मांगी। पुलिस ने बताया कि अभी दो लड़कियां ट्रेन से कटी हैं। उनके पहनावे वगैरह पुलिस ने बताए। फिर हमें लग गया कि ये हमारी ही बेटी है। तनु फीस के पैसे लेकर घर से निकली थी
B.Sc फाइनल की छात्रा तनु के चचेरे भाई भीकम सिंह ने बताया- घटना के बारे में पता नहीं। सुबह करीब 10 बजे घर से कॉलेज जाने की बात कहकर निकली थी। फीस जमा करने के लिए रुपए भी लेकर गई थी। वह शाम तक नहीं आई तो फोन भी किया गया। उसने खुद को अपनी सहेली खुशबू के घर होना बताया। फिर रात को हम अपनी सिस्टर को ढूंढ रहे थे। तभी पता चला कि स्टेशन के पास दो लड़कियां कट गईं। देखा तो हमारी बहन और उसकी सहेली थी। दोनों अलग-अलग कॉलेज में पढ़ती थीं। दोनों में काफी समय से दोस्ती थी। तनु दो भाइयों में इकलौती, खुशबू तीन बेटियों में सबसे छोटी थी
मृतकों में खुशबू के पिता सब्जी बेचते और ऑटो चलाते हैं। उनकी 3 बेटियां थीं, जिनमें खुशबू सबसे छोटी थी। एक बेटा दीपक है। खुशबू ज्ञान महाविद्यालय में LLB की छात्रा थी। तनु के पिता ट्रैक्टर चलाते हैं। तीन संतानों में तनु इकलौती बेटी थी। इससे छोटे दो बेटे हैं। तनु वार्ष्णेय महाविद्यालय में B.Sc फाइनल की पढ़ाई कर रही थी। SP सिटी मृंगाक शेखर पाठक ने बताया– शुरुआती जांच में पता चला कि दोनों छात्राओं के बीच समलैंगिक रिश्ते थे। आत्महत्या का मामला लग रहा है। बाकी जांच, परिवार को बयान आदि जानकारियों के आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। ये भी पढ़ें:- गैंगरेप के बाद लड़की की आंखें फोड़ दी: हरदोई में झाड़ियों में खून से लथपथ मिला शव, आरोपी अरेस्ट हरदोई में गैंगरेप के बाद हाईस्कूल की छात्रा की हत्या कर दी गई। हत्या से पहले आरोपियों ने लड़की को खूब पीटा और दोनों आंखें फोड़ दी। क्योंकि उसने उन्हें पहचान लिया था। लड़की खेत गई थी, तभी आरोपियों ने उसे दबोच लिया था। पुलिस ने इस मामले में बुधवार को ही एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। दूसरा आरोपी को गुरुवार सुबह एनकाउंटर में पैर में गोली मारकर पकड़ा। एनकाउंटर में एक पुलिसकर्मी भी घायल है। पूरा मामला सांडी थाना क्षेत्र के एक गांव का है। पढ़ें पूरी खबर…
पटौदी में लगातार दूसरी बार कभी कोई नहीं जीता:सीटिंग MLA को हमेशा हराते हैं वोटर, BJP काट सकती है मौजूदा विधायक जरावता का टिकट
पटौदी में लगातार दूसरी बार कभी कोई नहीं जीता:सीटिंग MLA को हमेशा हराते हैं वोटर, BJP काट सकती है मौजूदा विधायक जरावता का टिकट हरियाणा में इस बार विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी लड़ाई नजर आ सकती है। इसी वजह से दोनों पार्टियां फूंक-फूंककर कदम बढ़ा रही है। 10 साल से सत्ता में बैठी BJP हैट्रिक बनाने के लिए सर्वे करवा रही है वहीं कांग्रेस में भी अलग-अलग लेवल पर फीडबैक जुटाया जा रहा है। सत्ता विरोधी लहर और एंटी इन्कंमबेंसी से निपटने के लिए BJP में इस बार कई मौजूदा विधायकों के टिकट कटने तय हैं। अगर गुरुग्राम जिले की पटौदी विधानसभा सीट की बात करें तो यहां के लोगों ने कभी भी मौजूदा विधायक को लगातार दूसरी बार नहीं जिताया। यानि इस सीट से हर चुनाव में नया चेहरा ही एमएलए बनता है। 2019 में BJP के सत्यप्रकाश जरावता पटौदी से विधायक चुने गए थे। अगर इतिहास को देखें तो इस बार उनकी जीत मुश्किल है। यही वजह है कि भाजपा यहां सत्यप्रकाश जरावता का टिकट काटकर किसी दूसरे चेहरे को मौका दे सकती है। सर्वे में खुलासा-तीनों विधायकों से लोग नाराज गुरुग्राम लोकसभा हलके में आने वाली गुरुग्राम, सोहना और पटौदी विधानसभा सीटों की बात करें तो BJP की ओर से कराए गए सर्वे में हालात बहुत अच्छे नहीं मिले। तीनों इलाकों के लोग अपने मौजूदा विधायकों से खुश नहीं हैं और बदलाव के मूड में नजर आते हैं। सर्वे के नतीजे आने के बाद BJP इन तीनों सीटों पर नए चेहरों को मौका देने पर गंभीरता से विचार करने को मजबूर हो गई है। 2014 में भी BJP ने काटा था सीटिंग MLA का टिकट पटौदी सीट का तो इतिहास रहा है कि यहां के वोटर हर चुनाव में अपना विधायक बदलते हैं। यानि मौजूदा विधायक को अगले चुनाव में बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है। इस लिहाज से 2019 में चुनाव जीतने वाले सत्यप्रकाश जरावता के लिए संकेत बहुत अच्छे नहीं कहे जा सकते। भाजपा नेतृत्व भी शायद पटौदी के लोगों का मिजाज समझता है इसलिए उसने 2014 के चुनाव में यहां से विधायक चुनी गई अपनी नेता विमला चौधरी को 2019 में दूसरी बार मौका नहीं दिया। पार्टी ने 2019 में विमला चौधरी का टिकट काटते हुए उनकी जगह सत्यप्रकाश जरावता को मैदान में उतारा। BJP की यह रणनीति सफल रही और जरावता यहां से बाजी मार ले गए। इंद्रजीत से मधु की दूरियां बढ़ीं, सुमेर तंवर करीब आए शुरू से BJP से जुड़े सुमेर सिंह तंवर और पूर्व मेयर मधु आजाद पटौदी में टिकट के दावेदार हैं। सुमेर तंवर तो यहां डेरा डालकर बैठे हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के करीबी सुमेर तंवर ने हाल में हुए लोकसभा चुनाव के बाद राव इंद्रजीत सिंह से भी निकटता बना ली है। दरअसल गुरुग्राम नगर निगम चुनाव में राव इंद्रजीत सिंह ने ही श्रीमती मधु आजाद को गुरुग्राम का मेयर बनवाया। हाल के लोकसभा चुनाव में मधु आजाद के बूथ से राव इंद्रजीत को महज 3 वोट की लीड मिली जबकि सुमेर तंवर ने अपने बूथ से राव इंद्रजीत को 350 वोट की बढ़त दिलाई। इसके बाद ही राव इंद्रजीत ने मधु आजाद से दूरी बना ली। इसका फायदा सुमेर तंवर को मिल सकता है। जरावता को टिकट दिलाने वाले खट्टर हरियाणा से बाहर 2019 में पटौदी सीट से भाजपा के विधायक चुने गए सत्यप्रकाश जरावता किसी समय राव इंद्रजीत सिंह के खेमे में होते थे। जरावत ने 2014 के विधानसभा चुनाव में टिकट के लिए हाथ-पैर मारे लेकिन काम नहीं बना। 2014 में भाजपा को बहुमत मिलने के बाद मनोहर लाल खट्टर सीएम बने तो जरावता राव इंद्रजीत का गुट छोड़कर खट्टर के पाले में चले गए। 2019 के विधानसभा चुनाव में राव इंद्रजीत पटौदी सीट से नरेंद्र सिंह पहाड़िया को टिकट देने की पैरवी कर रहे थे लेकिन खट्टर ने उस पर वीटो लगाते हुए जरावता को टिकट दिला दी। चुनाव में जरावत विजयी रहे वहीं राव इंद्रजीत के आशीर्वाद से नरेंद्र पहाड़िया ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और दूसरे नंबर रहे। अब मनोहर लाल खट्टर हरियाणा से बाहर जा चुके हैं इसलिए वह जरावता की मजबूत पैरवी कर पाने की स्थिति में नहीं रह गए। ऐसे में पूरी संभावना है कि राव इंद्रजीत के विरोध और पटौदी के इतिहास को देखते हुए BJP यहां जरावता का टिकट काट दे। पटौदी में कांग्रेस के पास भी बड़ा चेहरा नहीं भाजपा के अलावा कांग्रेस की बात करें तो पार्टी के सर्वे में पटौदी से ताल्लुक रखने वाले कांग्रेसी नेताओं की स्थिति भी ठीक नहीं निकली। कांग्रेस की ओर से सुधीर चौधरी यहां लगातार दो (2014 व 2019) चुनाव हार चुके हैं। वह इस बार भी चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं लेकिन कांग्रेस में लगातार दो चुनाव हारने वाले नेताओं को तीसरा मौका देने को लेकर विचार-मंथन चल रहा है। कांग्रेस पार्टी में यहां कुमारी सैलजा के खेमे से ताल्लुक रखने वाले प्रदीप जटोली भी एक्टिव हैं। 3 चुनाव में कभी लगातार दो बार कोई नहीं जीता 1967 से लेकर 2019 तक हुए 13 विधानसभा चुनाव में यहां कभी कोई विधायक लगातार दूसरी बार चुनाव नहीं जीत पाया। यहां के वोटर हर बार अपना विधायक बदल लेते हैं। पटौदी सीट पर पहली बार 1967 में चुनाव हुआ जिसमें कांग्रेस के बी. सिंह जीते। 1968 में विशाल हरियाणा पार्टी के रामजीवन सिंह, 1972 में कांग्रेस के शीशराम, 1977 में विशाल हरियाणा पार्टी के नारायण सिंह और 1982 में कांग्रेस के हीरालाल यहां से विधायक बने। वर्ष 1987 के चुनाव में लोकदल के शिवलाल, 1991 में जनता दल के हीरालाल, 1996 में हरियाणा विकास पार्टी के नारायण सिंह और 2000 में इनेलो के रामबीर सिंह यहां से MLA बने। 2005 में कांग्रेस के भूपेंद्र सिंह, 2009 में इनेलो के गंगाराम, 2014 में BJP की विमला चौधरी और 2019 में BJP के सत्यप्रकाश जरावता जीतकर विधानसभा पहुंचे। हीरालाल 1982 और 1991 में तो नारायण सिंह 1977 और 1996 में यहां से दो बार विधायक बने लेकिन वह भी बैक टू बैक जीत दर्ज नहीं कर पाए। 20% एससी वोटर पटौदी विधानसभा सीट एससी के लिए रिजर्व हैं। यहां तकरीबन 20% वोट एससी बिरादरी के हैं। तकरीबन सवा दो लाख मतदाताओं वाली इस सीट पर 2019 में 71% तो 2014 में 61.67% वोटिंग हुई थी।
भरतपुर राष्ट्रीय लोक अदालत में पति – पत्नी ने पहनाई एक दूसरे को माला, हुआ आपस में समझौता
भरतपुर राष्ट्रीय लोक अदालत में पति – पत्नी ने पहनाई एक दूसरे को माला, हुआ आपस में समझौता <p style=”text-align: justify;”><strong>Bharatpur Lok Adalat News:</strong> राजस्थान के भरतपुर जिले में आज शनिवार (13 जुलाई) को लोक अदालत का आयोजन किया गया. लोक अदालत में हजारों ऐसे मामलों का निस्तारण किया गया जिनमें पक्षकार कई वर्षों से कोर्ट के चक्कर लगा रहे थे. आज 2 सौ से अधिक पारिवारिक मामलों का निस्तारण किया गया. इन मामलों में ज्यादातर पति-पत्नी साथ-साथ कोर्ट से अपने घर के लिए लौटे. </p>
<p style=”text-align: justify;”>पारिवारिक कोर्ट में चल रहे कई मामलों में भरण पोषण राशि दिलाई गई है. इसके अलावा बिजली से संबंधित, बैंक से संबंधित, झगड़े, जमीन विवादों का भी आपसी समझौते से निस्तारण किया गया. लोक अदालत में एक ऐसे मामले का निस्तारण हुआ जिसमें पत्नी अपने पति और बच्चों के साथ अपने घर लौटे. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पति – पत्नी ने पहनाई एक – दूसरे को माला </strong><br />लखनपुर थाना क्षेत्र के गांव अस्तल के रहने वाले पति और पत्नी दोनों ने एक दूसरे पर कोर्ट में केस किया हुआ था. अस्तल निवासी रोहिताश ने बताया कि उसकी शादी 2015 में उत्तर प्रदेश में आगरा जिले के फतेहपुर सीकरी इलाके के महदउ गांव की रहने वाली देव कुमारी से हुई थी. शादी के बाद रोहिताश और देव कुमारी के दो बच्चे हुए जिसमें बड़ा लड़का 7 साल और छोटी लड़की 3 साल की है. लगभग 1 साल पहले दोनों में किसी बात को लेकर मनमुटाव हो गया. दोनों बच्चे रोहिताश के पास रहने लगे. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इस दौरान देव कुमारी ने आगरा कोर्ट से दहेज़ प्रताड़ना का रोहिताश के ऊपर केस कर दिया. दूसरी तरफ रोहिताश ने भी देव कुमारी के ऊपर सेक्शन 9 में केस कर दिया. दोनों का केस चल रहा था. यह मामला आज लोक अदालत में दोनों को बैठा कर समझाइश की गई. जिसके बाद दोनों एक दूसरे के साथ रहने के लिए तैयार हुए. दोनों ने एक दूसरे को कोर्ट में मालाएं पहनाई. जिसके बाद देव कुमारी अपने पति और बच्चों के साथ घर चली गई. रोहिताश उच्चैन में मोटर वाइंडिंग का काम करता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या कहना है जिला न्यायाधीश का </strong><br />जिला न्यायाधीश केशव कौशिक ने बताया है की नेशनल लीगल अथॉरिटी के तत्वाधान में और स्टेट लीगल समिति जयपुर और जोधपुर के तत्वाधान में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की और से जिला भरतपुर मुख्यालय और भरतपुर के अन्य कोर्ट में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है. लोक अदालत में बैंकिंग , मोटर दुर्घटना, बिजली बिल संबंधित मामलों और अन्य जो भी दोनों पक्षकार आपस में राजीनामा कर सकते है उनके लिए 22 बेंच गठित की गई है. आज लोक अदालत में दो सौ से अधिक पारिवारिक केस के साथ ही हजारों केस में आपसी राजीनामा कराया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”Bhilwara: पत्नी के प्रेमी ने तोड़ दी शख्स की टांग, कलेक्ट्री गेट पर पति ने अर्ध नग्न होकर लगाई न्याय की गुहार” href=”https://www.abplive.com/states/rajasthan/bhilwara-wife-lover-broke-husband-leg-half-naked-pleaded-for-justice-at-collectorate-gate-ann-2736740″ target=”_self”>Bhilwara: पत्नी के प्रेमी ने तोड़ दी शख्स की टांग, कलेक्ट्री गेट पर पति ने अर्ध नग्न होकर लगाई न्याय की गुहार</a></strong></p>