लखनऊ के मनकामेश्वर मंदिर में बाजार से खरीदा गया प्रसाद बैन कर दिया गया है। तिरुपति लड्डू विवाद के बाद महंत दिव्यगिरि ने बाहर से लाया गया प्रसाद मंदिर में चढ़ाने से मना कर दिया है। महंत देव्यागिरि ने लेटर जारी कर कहा है कि भक्त अपने घरों से बनाया प्रसाद या सूखे मेवे ही गर्भ गृह में चढ़ाने के लिए पुजारी को दें। यह व्यवस्था सोमवार सुबह से लागू होगी। महंत देव्यागिरि ने कहा कि यह फैसला आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में हुए लड्डू कांड के बाद लिया गया है, जहां लड्डू बनाने में उपयोग होने वाली सामग्री में गड़बड़ी पाई गई थी। तिरुपति मंदिर के लड्डू को GI टैग भी प्राप्त है और यह विश्वभर में प्रसिद्ध है। यह बदलाव मंदिर में प्रसाद की गुणवत्ता और शुद्धता को बनाए रखने में मदद करेगा। अब मनकामेश्वर मंदिर में प्रसाद चढ़ाने के लिए ये नियम लागू होंगे: लखनऊ के मनकामेश्वर मंदिर में बाजार से खरीदा गया प्रसाद बैन कर दिया गया है। तिरुपति लड्डू विवाद के बाद महंत दिव्यगिरि ने बाहर से लाया गया प्रसाद मंदिर में चढ़ाने से मना कर दिया है। महंत देव्यागिरि ने लेटर जारी कर कहा है कि भक्त अपने घरों से बनाया प्रसाद या सूखे मेवे ही गर्भ गृह में चढ़ाने के लिए पुजारी को दें। यह व्यवस्था सोमवार सुबह से लागू होगी। महंत देव्यागिरि ने कहा कि यह फैसला आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में हुए लड्डू कांड के बाद लिया गया है, जहां लड्डू बनाने में उपयोग होने वाली सामग्री में गड़बड़ी पाई गई थी। तिरुपति मंदिर के लड्डू को GI टैग भी प्राप्त है और यह विश्वभर में प्रसिद्ध है। यह बदलाव मंदिर में प्रसाद की गुणवत्ता और शुद्धता को बनाए रखने में मदद करेगा। अब मनकामेश्वर मंदिर में प्रसाद चढ़ाने के लिए ये नियम लागू होंगे: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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Maharashtra Election: BJP के 12 नेता एकनाथ शिंदे की पार्टी शिवसेना से लड़ेंगे चुनाव, 5 को अजित पवार ने भी दिया टिकट
Maharashtra Election: BJP के 12 नेता एकनाथ शिंदे की पार्टी शिवसेना से लड़ेंगे चुनाव, 5 को अजित पवार ने भी दिया टिकट <p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra Assembly Election 2024:</strong> पिछले 5 सालों में महाराष्ट्र की राजनीति में अप्रत्याशित घटनाक्रम देखने को मिला है. 2019 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और एनसीपी के कई नेता बीजेपी में शामिल हुए थे. तब ऐसा लग रहा था कि चुनाव एकतरफा होने जा रहा है तो एनसीपी के वरिष्ठ नेता शरद पवार ने जोरदार प्रचार किया. 2019 के चुनाव में कई नेता अलग-अलग पार्टियों में शामिल हुए. वहीं 2024 के चुनाव से पहले महाराष्ट्र की राजनीति असमंजस की स्थिति में नजर आ रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कई नेता दूसरी पार्टी में शामिल होकर रातों-रात टिकट लेते नजर आ रहे हैं और राजनीतिक पार्टियां भी दूसरे दलों से आए नेताओं बड़ी आसानी से टिकट दे रही है. महा विकास अघाड़ी में शामिल कांग्रेस, शिवसेना-यूबीटी, एनसीपी-एसपी तो महायुति में शामिल बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी वैसे तो मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन कुछ सीटों पर एक-दूसरे के खिलाफ भी उम्मीदवार उतारे हैं. वहीं बीजेपी के 12 दिग्गज नेता शिवसेना शिंदे का दामन थाम चुके हैं और उन्हें टिकट भी दिया गया है. इस तरह कई सीटों पर फ्रेंडली फाइल है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>BJP के 12 नेता शिवसेना शिंदे से लड़ेंगे चुनाव</strong><br />• पूर्व केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बेटे और पूर्व सांसद नीलेश राणे शिवसेना शिंदे में शामिल हो गए हैं. उन्हें कुडाल-मालवन से टिकट दिया गया है.<br />• बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे की बेटी संजना जाधव भी शिंदे की शिवसेना में शामिल हो गई हैं. वह कन्नड़ विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगी.<br />• बीजेपी नेता राजेंद्र गावित भी शिवसेना शिंदे में शामिल हो गए हैं. उन्हें पालघर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतारा गया है. <br />• बीजेपी नेता रहे विलास तारे भी शिवसेना शिंदे का दामन थाम चुके हैं. उन्हें बोईसर से विधानसभा चुनाव के मैदान में उतारा गया है.<br />• कुछ दिन पहले बीजेपी से शिवसेना शिंदे में शामिल होने वाले संतोष शेट्टी को भिवंडी पूर्व विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया गया है.<br />• कई सालों तक बीजेपी में रहने वाले दिग्गज नेता मुरजी पटेल भी शिवसेना शिंदे में शामिल हो चुके हैं. उन्हें अंधेरी पूर्व विधानसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतारा गया है.<br />• अमोल खटाल को बीजेपी की तरफ से टिकट नहीं दिया गया तो वे भी शिवसेना शिंदे में शामिल हो गए हैं. पार्टी ने उन्हें संगमनेर विधानसभा से टिकट दिया है.<br />• बीजेपी की दिग्गज नेता शाइना एनसी भी विधानसभा चुनाव से पहले शिवसेना शिंदे गुट में शामिल हो गई हैं. पार्टी ने उन्हें मुंबा देवी सीट से मैदान में उतारा है. <br />• इसी तरह दिग्विजय बागल भी बीजेपी से शिंदे गुट में शामिल हो गए हैं. पार्टी ने उन्हें करमाला विधानसभा से टिकट दिया है. <br />• बीजेपी नेता रहे बलिराम शिरास्कर को भी शिवसेना शिंदे गुट की तरफ से मैदान में उतारा गया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं दूसरी तरफ अजित पवार ने भी बीजेपी से आए नेताओं को टिकट दिया है. राजकुमार बडोले, प्रताप पाटिल चिखलीकर, निशिकांत पाटिल, संजय काका पाटिल को एनसीपी की तरफ से मैदान में उतारा गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें: <a title=”‘अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ मामला दर्ज हो’, संजय राउत ने क्यों की ये मांग?” href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/maharashtra-assembly-election-2024-sanjay-raut-attack-on-bjp-devendra-fadnavis-and-ncp-ajit-pawar-2813995″ target=”_blank” rel=”noopener”>’अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ मामला दर्ज हो’, संजय राउत ने क्यों की ये मांग?</a><br /></strong></p>
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फाजिल्का में प्रेमी जोड़े और बुजुर्ग की पिटाई:हरियाणा की लड़की से हुई थी दोस्ती, किया प्रेम विवाह, घर आकर बोला हमला फाजिल्का के गांव पतरेवाला में प्रेम संबंध में रह रहे लड़के और लड़की तथा लड़के के बुजुर्ग पिता पर लड़की के परिवार वालों द्वारा मारपीट कर घायल कर दिया गया। घायल बुजुर्ग को इलाज के लिए सरकारी अस्पताल फाजिल्का में दाखिल करवाया गया है। जहां पीड़ित बुजुर्ग ने उसके साथ मारपीट करने वाले लोगों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है। जानकारी देते हुए गांव पतरेवाला निवासी दर्शन सिंह ने बताया कि उनका छोटा लड़का नागौर में एक सैलून पर काम करता है। जिसकी उसकी दोस्ती हरियाणा के रतिया की एक लड़की से हुई। जिसके बाद दोनों ने कोर्ट मैरिज कर ली। जब लड़की के माता-पिता को इस बात का पता चला तो वे उनके पास पतरेवाला गांव आ गए। इस दौरान उन्होंने लड़की के माता-पिता से लड़का-लड़की की शादी के बारे में बात की। पीड़ित बुजुर्ग ने बताया कि पहले तो लड़की के माता-पिता इस रिश्ते से खुश दिखे और चाय पानी पीकर चले गए। बाद में अपने कुछ रिश्तेदारों के उकसाने पर वह दोबारा उनके घर पर आए और उनसे झगड़ा करने लगे। पीड़ित बुजुर्ग का कहना है कि इस दौरान उनकी ओर से कई धमकियां भी दी गईं। इसके बाद बीती सुबह करीब 4 बजे जब लड़का लड़की अपने कमरे में थे तो लड़की के पिता अपने साथ कुछ लोगों को लेकर आए। इसी दौरान उन पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया। जिसके बाद जब उसे इस बात की जानकारी हुई तो वह मौके पर पहुंचे और वहां जाते समय कुछ लोगों ने उन्हें पकड़ लिया। इस दौरान उन्होंने उनके साथ मारपीट की और उनके पैरों पर डंडे मारे। जिसके बाद उनके परिजनों ने उन्हें घायल अवस्था में सिविल अस्पताल फाजिल्का में भर्ती कराया, जहां उसका इलाज चल रहा है। पीड़ित बुजुर्ग ने बताया कि इसी दौरान लड़की को उसके माता-पिता जबरदस्ती अपने साथ ले गये। इस बीच उन्हें धमकी भी दी गई। पीड़ित बजुर्ग ने उनके साथ मारपीट करने वाले लड़की के पिता समेत अन्य लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर न्याय की मांग की है।
नालागढ़ उपचुनाव में हरप्रीत ने बनाया त्रिकोणीय मुकाबला:बावा के खिलाफ धरतीपुत्र के नारे से बीजेपी को उम्मीद; कांग्रेस को भितरघात में भरोसा
नालागढ़ उपचुनाव में हरप्रीत ने बनाया त्रिकोणीय मुकाबला:बावा के खिलाफ धरतीपुत्र के नारे से बीजेपी को उम्मीद; कांग्रेस को भितरघात में भरोसा हिमाचल प्रदेश की नालागढ़ विधानसभा सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार हरप्रीत सिंह ने मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है। अब तक मुकाबला कांग्रेस के बाबा हरदीप और भाजपा के केएल ठाकुर के बीच माना जा रहा था। लेकिन कुछ राजनीतिक समीकरणों के चलते मुकाबला त्रिकोणीय होता दिख रहा है। त्रिकोणीय मुकाबले के पीछे तीन अहम वजहें मानी जा रही हैं। पहली- बाबा हरदीप के खिलाफ धरती पुत्र का नारा, दूसरी- पूर्व विधायक लखविंदर राणा का सिख वोटरों को इशारा और तीसरी वजह है महज 15 महीने में केएल ठाकुर का इस्तीफा। दरअसल, भाजपा नेता हरप्रीत सिंह पार्टी से बगावत कर चुनावी मैदान में उतर आए हैं। उनके चुनाव लड़ने से भाजपा उम्मीदवार केएल ठाकुर को चुनौती मिल रही है। पार्टी को अब यहां भितरघात का डर सता रहा है। कांग्रेस-भाजपा हरप्रीत सिंह को हल्के में नहीं ले रही है, क्योंकि वह तीन बार भाजपा विधायक रहे हरिनारायण सैनी के भतीजे हैं। नालागढ़ में हरिनारायण सैनी की मजबूत पकड़ है और वे लगातार तीन बार यहां से विधायक बने हैं। उनके भतीजे हरप्रीत सिंह के चुनाव लड़ने से समीकरण बदल गए हैं। हरप्रीत का वोट ग्राफ जितना ऊपर जाएगा, भाजपा को उतना ही नुकसान उठाना पड़ सकता है। सिख मतदाताओं को लखविंदर का संकेत सूत्रों का कहना है कि पूर्व विधायक लखविंदर राणा ने अपने समर्थकों और खासकर सिख मतदाताओं को कांग्रेस के बाबा हरदीप को वोट न देने का संकेत दिया है। लेकिन कुछ लोग केएल ठाकुर के महज 18 महीने में इस्तीफा देने से नाराज भी हैं। ऐसे में केएल ठाकुर से नाराज मतदाता हरप्रीत सिंह का समर्थन कर सकते हैं। यह फैक्टर जीत-हार का कारण बन सकता है। केएल के खिलाफ के लोगों में इसलिए रोष बता दें कि दिसंबर 2022 में ही निर्दलीय विधायक चुने गए केएल ठाकुर के इस्तीफा देने से जनता में रोष देखा जा रहा है। उनके इस्तीफे की वजह से ही उपचुनाव की नौबत आई है। उन्होंने राज्यसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को वोट के बाद विधायक पद से त्यागपत्र दिया और बीजेपी जॉइन की, जबकि वह बिना रिजाइन के भी बीजेपी का बाहरी तौर पर समर्थन कर सकते थे। अब इस वजह से कुछ लोगों में उनके खिलाफ नाराजगी भी देखी जा सकती है। बावा के खिलाफ धरती पुत्र का नारा वहीं कुछ लोग कांग्रेस प्रत्याशी बावा हरदीप को बाहरी बता रहे हैं। यही नारा 2022 के चुनाव में भी उनके खिलाफ चला था। अब कौन फैक्टर किसके पक्ष में और किसने विरोध में जाता है यह तो 10 जुलाई को पता चलेगा। मगर अभी के सियासी समीकरण ने मुकाबला त्रिकोणीय बना दिया है। नालागढ़ में बीजेपी को उम्मीद है कि बावा के खिलाफ धरती पुत्र का नारा केएल ठाकुर को जीत दिलाएगा, वहीं कांग्रेस आश्वस्त है कि बीजेपी की आपसी लड़ाई की वजह से बावा हरदीप चुनाव जीतेंगे।