पंजाब में प्याज की कीमतें इस वक्त आसमान छू रही हैं। इसे देखते हुए पिछले साल की तरह इस साल भी सरकार ने सस्ते प्याज लोगों तक पहुंचने का एक अहम कदम उठाया है। जालंधर में आज यानी मंगलवार को सरकार की ओर से सिर्फ 35 रुपए किलो प्याज दिए जाएंगे। प्याज की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी के बीच अब लोगों को सिर्फ 35 रुपये प्रति किलो प्याज आज से मिलेगा। उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा सस्ते प्याज की यह सप्लाई 8 अक्टूबर मंगलवार को मकसूदां सब्जी मंडी की दुकान नंबर 78 से दी जाएगी। यह सप्लाई सुबह 9 बजे से शुरू हो जाएगी और तब तक चलेगी, जब तक उक्त प्याज खत्म नहीं होते। मार्केट में अफगानी प्याज पहुंचे से कम होंगे दाम व्यापारियों के मुताबिक, सबसे ज्यादा प्याज की फसल नासिक और राजस्थान से आती थी। मगर वहां अब फसल आनी बंद हो गई थी। जिसके चलते रेट बढ़ गए। लिहाजा अफगानिस्तान से प्याज की डिलीवरी होने के बाद ही दामों में गिरावट के कयास लगाए जा रहे थे। इस बीच केंद्र सरकार की उक्त योजना के तहत लोगों को 25 रुपए प्रति किलो के हिसाब से प्याज देकर राहत दी जाएगी। पंजाब में प्याज की कीमतें इस वक्त आसमान छू रही हैं। इसे देखते हुए पिछले साल की तरह इस साल भी सरकार ने सस्ते प्याज लोगों तक पहुंचने का एक अहम कदम उठाया है। जालंधर में आज यानी मंगलवार को सरकार की ओर से सिर्फ 35 रुपए किलो प्याज दिए जाएंगे। प्याज की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी के बीच अब लोगों को सिर्फ 35 रुपये प्रति किलो प्याज आज से मिलेगा। उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा सस्ते प्याज की यह सप्लाई 8 अक्टूबर मंगलवार को मकसूदां सब्जी मंडी की दुकान नंबर 78 से दी जाएगी। यह सप्लाई सुबह 9 बजे से शुरू हो जाएगी और तब तक चलेगी, जब तक उक्त प्याज खत्म नहीं होते। मार्केट में अफगानी प्याज पहुंचे से कम होंगे दाम व्यापारियों के मुताबिक, सबसे ज्यादा प्याज की फसल नासिक और राजस्थान से आती थी। मगर वहां अब फसल आनी बंद हो गई थी। जिसके चलते रेट बढ़ गए। लिहाजा अफगानिस्तान से प्याज की डिलीवरी होने के बाद ही दामों में गिरावट के कयास लगाए जा रहे थे। इस बीच केंद्र सरकार की उक्त योजना के तहत लोगों को 25 रुपए प्रति किलो के हिसाब से प्याज देकर राहत दी जाएगी। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
दिवाली से एक रात पहले बीएसएफ की बड़ी कामयाबी:इंडो-पाक बॉर्डर से 5 ड्रोन पकड़े; हथियार व तकरीबन 12 करोड़ की हेरोइन जब्ती
दिवाली से एक रात पहले बीएसएफ की बड़ी कामयाबी:इंडो-पाक बॉर्डर से 5 ड्रोन पकड़े; हथियार व तकरीबन 12 करोड़ की हेरोइन जब्ती पंजाब में भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने दीवाली से एक दिन पहले बड़ी सफलता हासिल की है। अमृतसर और तरनतारन जिलों में, सीमा पार से हो रही संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखते हुए बीएसएफ की टीमों ने पांच ड्रोन, एक पिस्तौल और हेरोइन की खेप को बरामद किया है। एक ही दिन में हुई इन बरामदगियों ने सीमा सुरक्षा को लेकर बीएसएफ की कड़ी सतर्कता और सक्रियता को प्रदर्शित किया है। बीएसएफ को इस कार्रवाई में सफलता तब मिली जब उन्हें एक विशेष जानकारी प्राप्त हुई कि सीमा पार से पंजाब में नशीले पदार्थों और हथियारों की खेप भेजने का प्रयास किया जा रहा है। सूचना मिलते ही, बीएसएफ ने अमृतसर और तरनतारन जिलों में कई जगहों पर गश्त बढ़ा दी। आधुनिक तकनीक और प्रशिक्षण के सहारे बीएसएफ ने संदिग्ध गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी और समय रहते इन कोशिशों को नाकाम कर दिया। चीनी निर्मित ड्रोन और हथियारों की जब्ती जांच के दौरान बीएसएफ को पांच ड्रोन मिले, जिनमें से सभी ड्रोन चीनी निर्मित हैं और इन्हें डीजेआई माविक क्लासिक और डीजेआई एयर 3 मॉडल के रूप में पहचाना गया। ड्रोन की तकनीकी जांच से यह पुष्टि होती है कि सीमा पार तस्करों द्वारा अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग कर भारतीय क्षेत्र में नशा और हथियार पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, बीएसएफ ने एक पिस्तौल भी बरामद की, जिसका संभावित रूप से तस्करी और अन्य अवैध गतिविधियों में उपयोग किया जाना था। हेरोइन के पैकेट्स की बरामदगी बीएसएफ ने इस कार्रवाई में 1.8 किलोग्राम हेरोइन भी बरामद की है। यह नशीला पदार्थ तीन पैकेट्स में विभाजित था और इसे ड्रोन के माध्यम से भारतीय सीमा में पहुँचाया जा रहा था। तस्करों की यह कोशिश बीएसएफ की सतर्कता के चलते नाकाम रही। पकड़ी गई खेप की इंटरनेशनल वेल्यू तकरीबन 12 करोड़ रुपए है। बीएसएफ की सतर्कता और राष्ट्रीय सुरक्षा की दिशा में एक अहम कदम बीएसएफ अधिकारियों ने बताया कि बीएसएफ पंजाब सीमा पर तस्करी और अवैध गतिविधियों पर कड़ी नजर बनाए हुए है। बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, हमारी टीमें हर समय सतर्क हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा को किसी भी स्थिति में भंग नहीं होने देंगी। ड्रोन, नशीले पदार्थ और हथियारों की बरामदगी बीएसएफ की उस दृढ़ संकल्प का प्रमाण है जो हम सीमा की रक्षा के प्रति रखते हैं।
पंजाब में SAD बागी गुट ने लॉबिंग की शुरू:नाराज सीनियर अकाली लीडर्स से गुपचुप मुलाकात जारी; सुखबीर बादल होंगे अकाल तख्त साहिब पर पेश
पंजाब में SAD बागी गुट ने लॉबिंग की शुरू:नाराज सीनियर अकाली लीडर्स से गुपचुप मुलाकात जारी; सुखबीर बादल होंगे अकाल तख्त साहिब पर पेश शिरोमणि अकाली दल में फूट के बाद श्री अकाल तख्त साहिब की तरफ से जारी हुकमों ने अध्यक्ष सुखबीर बादल की मुश्किलों को बढ़ा दिया है। सुखबीर बादल ने ऐलान कर दिया है कि वे श्री अकाल तख्त साहिब पर जरूर पेश होंगे। वहीं दूसरी तरफ, विरोधी गुट अपने आप को मजबूत करने के लिए नाराज, सस्पेंड, एसजीपीसी व पूर्व जत्थेदारों से लॉबिंग में जुट गया है। सुखबीर बादल ने अपने सोशल मीडिया पर जानकारी दी है कि वे श्री अकाल तख्त साहिब पर विनम्रता के साथ पेश होंगे। उन्होंने सोशल मीडिया X पर लिखा- एक धर्मनिष्ठ और विनम्र सिख के रूप में, मैं श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी महाराज और मिरी पीरी के सर्वोच्च मंदिर, श्री अकाल तख्त साहिब के प्रति समर्पित हूं। श्री अकाल तख्त साहिब के आदेश के अनुसार, दास अपार श्रद्धा और विनम्रता के साथ सर्वोच्च तीर्थ पर मत्था टेकेंगे। बादल ने खुद दी प्रतिक्रिया बागी गुट की तरफ से शुरू की गई कोशिशों के बाद ये पहला मौका है जब अध्यक्ष सुखबीर बादल ने खुद कोई प्रतिक्रिया दी है। बागी गुट के विरोध और श्री अकाल तख्त साहिब पर माफीनामा सौंपने के बाद भी सुखबीर बादल ने अपनी तरफ से कोई बयान जारी नहीं किया था। बागी गुट नाराज अकाली नेताओं से कर रहा मुलाकात प्रेम सिंह चंदूमाजरा की अध्यक्षता में अकाली दल बचाओ लहर के तहत सभी बागी लीडर लगातार नाराज नेताओं से मिल रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार, अकाली दल के बागी गुट ने उन नेताओं से भी मुलाकात की है, जिन्हें बीते दिनों किसी ना किसी कारणवश सुखबीर बादल ने सस्पेंड किया था। इनमें उनके अपने जीजा आदेश प्रताप सिंह कैरों, रविकरण सिंह काहलों और मलूका परिवार भी शामिल है। लेकिन अभी तक उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। वहीं, बागी गुट पहले ही कह चुका है कि वे हर नाराज अकाली लीडर से संपर्क करेंगे। इसके अलावा अकाली दल लगातार एसजीपीसी सदस्यों और पूर्व जत्थेदारों से मुलाकात कर रहा है। एक इंटरव्यू में पूर्व जत्थेदार रणजीत सिंह ने कहा कि उनसे भी संपर्क साधा गया था। लेकिन उन्होंने इससे मना कर दिया। उनका कहना था कि वे धर्म की सेवा में लगे हैं, राजसी सेवा वह नहीं करेंगे। जालंधर चुनावों के दौरान शुरू हुई थी बगावत अकाली दल के बीच बगावत जालंधर चुनावों के दौरान ही शुरू हो गई थी। सीनियर अकाली नेता चंदूमाजरा, ढींढसा परिवार, बीबी जगीर कौर व कई सीनियर अकाली नेताओं ने सुखबीर बादल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और अकाली दल को बादल परिवार से मुक्त करवाने की मांग उठने लगी। अकाली दल के नेताओं ने 2022 में सामने आई झूंदा रिपोर्ट को अमल में लाने की मांग की। जिसमें प्रधान को उतारने के लिए सीधे तौर पर नहीं लिखा गया था, लेकिन कहा गया था कि दो टर्म के बाद प्रधान रिपीट नहीं होना चाहिए। बागी श्री अकाल तख्त साहिब का रुख बागी गुट ने इस बगावत को अकाली दल बचाओ लहर नाम दिया। प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बागी गुट ने अपना विरोध तो जता दिया था, लेकिन दूसरी तरफ उन्होंने 1 जुलाई को श्री अकाल तख्त साहिब का रुख कर सभी का ध्यान पुराने मुद्दे राम रहीम की माफी, बेअदबी की घटनाओं आदि की तरफ केंद्रित कर दिया। बागी गुट ने सीधे तौर पर सुखबीर बादल के खिलाफ शिकायत नहीं दी, उन्होंने इसे माफीनामा नाम दिया। जिसमें उन्होंने कहा कि वे पार्टी की तरफ से हुई गलतियों का विरोध नहीं कर पाए, इसके लिए वे माफी मांगते हैं। चार आरोप, जो माफीनामा में सुखबीर के खिलाफ लिखे गए 1. वापस ली गई थी डेरा सच्चा सौदा के खिलाफ शिकायत 2007 में सलाबतपुरा में सच्चा सौदा डेरा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने दसवें गुरू श्री गुरू गोबिंद सिंह जी की परंपरा का अनुकरण करते हुए उन्हीं कपड़ों को पहनकर अमृत छकाने का स्वांग रचाया था। उस वक्त इसके खिलाफ पुलिस केस भी दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में SAD सरकार ने सजा देने की जगह इस मामले को ही वापस ले लिया। 2. डेरा मुखी को सुखबीर बादल ने दिलवाई थी माफी श्री अकाल तख्त साहिब ने कार्रवाई करते हुए डेरा मुखी को सिख पंथ से निष्कासित कर दिया था। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए डेरा मुखी को माफी दिलवा दी थी। इसके बाद शिरोमणि अकाली दल और शिरोमणि कमेटी के नेतृत्व को सिख पंथ के गुस्से और नाराजगी को ध्यान में रखते हुए इस फैसले से पीछे हटना पड़ा। 3. बेअदबी की घटनाओं की सही जांच नहीं हुई 1 जून 2015 को कुछ तत्वों ने बुर्ज जवाहर सिंह वाला (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बीड़ चुराई। फिर 12 अक्टूबर 2015 को बरगाड़ी (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 110 अंग चुरा लिए व बाहर फेंक दिए। इससे सिख पंथ में भारी आक्रोश फैल गया। शिरोमणि अकाली दल सरकार और तत्कालीन गृह मंत्री सुखबीर सिंह बादल ने इस मामले की समय रहते जांच नहीं की। दोषियों को सजा दिलाने में सफल नहीं हुए। इससे पंजाब में हालात बिगड़ गए और कोटकपूरा और बहबल कलां में दुखद घटनाएं हुईं। 4. झूठे केसों में मारे गए सिखों को नहीं दे पाए इंसाफ SAD सरकार ने सुमेध सैनी को पंजाब का DGP नियुक्त किया था। राज्य में फर्जी पुलिस मुठभेड़ों को अंजाम देकर सिख युवाओं की हत्या करने के लिए उन्हें जाना जाता था। पुलिसकर्मी इजहार आलम, जिन्होंने आलम सेना का गठन किया, उनकी पत्नी को टिकट दिया और उन्हें मुख्य संसदीय सचिव बनाया। बताना चाहते हैं कि 2012 में बनी SAD सरकार और पिछली अकाली सरकारों ने भी राज्य में झूठे पुलिस मुठभेड़ों की निष्पक्ष जांच करने और पीड़ितों को राहत देने के लिए एक आयोग बनाकर लोगों से किए वादे विफल रहे। बागी गुट झूंदा कमेटी की रिपोर्ट लागू करने की कर रहा मांग बागी गुट लगातार झूंदा कमेटी, जिसे 2022 में भी लागू करने की मांग उठी थी, पर विचार करने का दबाव बना रहे हैं। हालांकि इसमें पार्टी प्रधान बदलने का प्रस्ताव नहीं है, लेकिन ये लिखा गया है कि पार्टी अध्यक्ष 10 साल के बाद रिपीट नहीं होगा। झूंदा रिपोर्ट पर जब अमल नहीं हुआ तो इसे सार्वजनिक नहीं किया गया था। झूंदा ने सार्वजनिक तौर पर बयान जारी किया था कि 117 विधानसभा हलकों में 100 में जाकर उन्होंने इस रिपोर्ट को तैयार किया है। इस रिपोर्ट में कुछ जानकारियां 2022 में सांझी की थी। तब अकाली नेताओं ने कहा था कि झूंदा रिपोर्ट में 42 सुझाव दिए गए हैं। पार्टी प्रधान को बदले जाने का रिपोर्ट में कहीं जिक्र नहीं है। लेकिन, भविष्य में पार्टी प्रधान के चुने जाने की तय सीमा जरूर तय की गई है। ये भी बात उठाई गई कि अकाली दल अपने मूल सिद्धांतों से भटका है और राज्य सत्ता में रहने के मकसद से कई कमियां आई हैं। सुखबीर बादल का शक्ति प्रदर्शन पूरे घटनाक्रम में सुखबीर बादल ने एक भी शब्द अपनी सफाई व विरोधी गुट के लिए नहीं कहा। लेकिन अकाल तख्त साहिब से सम्मन पर उन्होंने पहली बार कुछ कहा है। वहीं, दूसरी तरफ सुखबीर बादल लगातार बिना कुछ कहे अपना शक्ति प्रदर्शन करते रहे। बागी गुट एक तरफ विरोध तेज कर रहा था, वहीं सुखबीर बादल लगातार बैठकें बुलाकर समर्थन अपने पक्ष में कर रहे थे।
लुधियाना में AAP पर भड़के पूर्व मंत्री आशु:बिजली दरें बढ़ाने पर जतायी नाराजगी, बोले- निगम चुनाव से पहले सरकार की सियासी ड्रामेबाजी
लुधियाना में AAP पर भड़के पूर्व मंत्री आशु:बिजली दरें बढ़ाने पर जतायी नाराजगी, बोले- निगम चुनाव से पहले सरकार की सियासी ड्रामेबाजी लुधियाना में पूर्व कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु ने आम आदमी पार्टी की सरकार पर जमकर निशाना साधा। आशु ने सोशल मीडिया पर लिखा कि, राज्य सरकार द्वारा हाल ही में बिजली की दरों में की गई बढ़ोतरी आर्थिक रिकवरी के लिए बड़ा झटका है। लोगों पर सरकार ने बेवजह का बोझ डाला है। निगम चुनाव से पहले सरकार की सियासी ड्रामेबाजी निगम चुनाव से पहले सरकार की ये सियासी ड्रामेबाजी है। लोगों के कारोबार चलाने के लिए पहले ही मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों सरकार की सहायता की जरूरत है ना कि अतिरिक्त बोझ की। बिजली में वेजह की गई बढ़ोतरी कारोबार को प्रभावित करती है। जिससे हमारा आर्थिक विकास रुकेगा। पारदर्शी और टिकाऊ नीतियों की जरूरत एक विरोधी कदम से सरकार घरेलू उपभोक्ताओं को 300 यूनिट की छूट की पेशकश कर रही है, लेकिन साथ ही वह टैरिफ में 0.30 रुपए प्रति यूनिट बढ़ोतरी की है। सरकार को असल राहत प्रदान करने की जगह यह हालातों को पहले से अधिक पेचीदा बना रही है। हमें पारदर्शी और टिकाऊ नीतियों की जरूरत है जो असल में हमारे भाईचारे की जरुरतों को पूरा करती है। इस समय सरकार को सियासी लाभ की जगह लोगों के लाभ को प्राथमिकता देनी चाहिए। आशु ने लोगों से अपील की है कि लोग मिलकर किफायती ऊर्जा योजना को यकीनी बनाए रखने के लिए सरकार के इस फैसले को वापस लेने की मांग करे।