हरियाणा की गुरुग्राम सीट से सांसद और केंद्र सरकार में राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने एक बार फिर बगैर नाम लिए केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर पर निशाना साधा। उन्होंने कहा- ‘हमारे एक मुख्यमंत्री हुआ करते थे। उनका नाम मैं नहीं लूंगा। उन्होंने 10 साल के अंदर जितना खराबा किया। हमें बांटने की कोशिश की। लड़ाने की कोशिश की। नए-नए नेता बनाने की कोशिश की। जो आज तक खुद नेता नहीं बन पाए थे। वह हमारे 40 साल के परिश्रम में बिघन (बाधा) डालने की कोशिश की। उन्हें जनता ने जवाब दिया है। भले ही पार्टी ने दिया या नहीं दिया हो। मैं समझता हूं पार्टी इस बात का संज्ञान अब जरूर लेगी।’ राव इंद्रजीत सिंह अहीरवाल बेल्ट की 11 सीटों में 10 सीटों पर बीजेपी प्रत्याशियों की जीत के बाद रेवाड़ी स्थित रामपुरा हाउस में कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। राव इंद्रजीत सिंह ने कहा-मुझे लग रहा था कि आरती राव 15 हजार से अटेली जीत जाएगी। लेकिन आरती को हराने के लिए तमाम विरोधियों ने कोशिश की, लेकिन हमारे कार्यकर्ताओं ने दिन रात मेहनत कर उसे जिताने का काम किया। आरती ही नहीं, बल्कि कोसली में अनिल, बावल में डॉ. कृष्ण, गुरुग्राम में मुकेश शर्मा, नारनौल में ओमप्रकाश यादव सहित तमाम सीटों पर हमारे कार्यकर्ताओं पार्टी प्रत्याशियों को जिताने के लिए जीतोड़ मेहनत की। यहीं कारण कि है कि हम अपनी ताकत दिखाने में कामयाब रहे। राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि मैं हमेशा इलाके के लोगों को संगठित होने की बात तो कहता था लेकिन इस बात को मुझे अब पता चला कि पूरे क्षेत्र में एक ही लहर चल गई। उन्होंने कहा कि मेरी कोशिश नई पीढ़ी को आगे लाने की रही। इसलिए मैंने ज्यादा से ज्यादा नए लोगों को टिकट दिलाने का काम किया। जब मैं बावल में उम्मीदवार बदलवाना चाहता था तो कुछ हमारी ही पार्टी के नेता इसके पक्ष में नहीं थे। लेकिन मैंने पार्टी नेतृत्व को समझाया कि इन्हें गांव में भी घुसने नहीं देंगे। पार्टी ने टिकट बदलकर डॉ. कृष्ण कुमार को दिया और यहां की जनता ने उन्हें भारी मतों से जिताने का काम किया। राव इंद्रजीत को सीएम बनाने के नारे लगे कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम के दौरान ही राव इंद्रजीत सिंह को सीएम बनाने के नारे लगाए। ‘हरियाणा का सीएम कैसा हो राव इंद्रजीत सिंह जैसा हो’। इसके बाद राव इंद्रजीत सिंह ने कहा-‘पार्टी को भी इस बात का संज्ञान लेना चाहिए कि जिस क्षेत्र के लोगों ने तीसरी बार सरकार बनाई उसका ध्यान रखना चाहिए। हमारे इलाके के लोगों ने ही पहले दो बार सरकार बनाने में अहम रोल अदा किया। लेकिन इस बार तो कठिन परिस्थिति के बाद भी हमारे इलाके के लोगों ने एकजुट होकर साथ दिया। ऐसे में यहां की जिम्मेदारी ज्यादा बढ़ जाती है। राव इंद्रजीत सिंह ने बगैर नाम लिए डॉ. अभय सिंह पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इलाके की ज्यादातर सीट जीत गए। एक सीट हार भी गए तो कोई बात नहीं। लेकिन एहसान फरामोश जनता जवाब देती है। दरअसल, इस बार राज्यमंत्री डॉ. अभय सिंह नांगल चौधरी सीट से चुनाव हार गए। हरियाणा की गुरुग्राम सीट से सांसद और केंद्र सरकार में राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने एक बार फिर बगैर नाम लिए केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर पर निशाना साधा। उन्होंने कहा- ‘हमारे एक मुख्यमंत्री हुआ करते थे। उनका नाम मैं नहीं लूंगा। उन्होंने 10 साल के अंदर जितना खराबा किया। हमें बांटने की कोशिश की। लड़ाने की कोशिश की। नए-नए नेता बनाने की कोशिश की। जो आज तक खुद नेता नहीं बन पाए थे। वह हमारे 40 साल के परिश्रम में बिघन (बाधा) डालने की कोशिश की। उन्हें जनता ने जवाब दिया है। भले ही पार्टी ने दिया या नहीं दिया हो। मैं समझता हूं पार्टी इस बात का संज्ञान अब जरूर लेगी।’ राव इंद्रजीत सिंह अहीरवाल बेल्ट की 11 सीटों में 10 सीटों पर बीजेपी प्रत्याशियों की जीत के बाद रेवाड़ी स्थित रामपुरा हाउस में कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। राव इंद्रजीत सिंह ने कहा-मुझे लग रहा था कि आरती राव 15 हजार से अटेली जीत जाएगी। लेकिन आरती को हराने के लिए तमाम विरोधियों ने कोशिश की, लेकिन हमारे कार्यकर्ताओं ने दिन रात मेहनत कर उसे जिताने का काम किया। आरती ही नहीं, बल्कि कोसली में अनिल, बावल में डॉ. कृष्ण, गुरुग्राम में मुकेश शर्मा, नारनौल में ओमप्रकाश यादव सहित तमाम सीटों पर हमारे कार्यकर्ताओं पार्टी प्रत्याशियों को जिताने के लिए जीतोड़ मेहनत की। यहीं कारण कि है कि हम अपनी ताकत दिखाने में कामयाब रहे। राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि मैं हमेशा इलाके के लोगों को संगठित होने की बात तो कहता था लेकिन इस बात को मुझे अब पता चला कि पूरे क्षेत्र में एक ही लहर चल गई। उन्होंने कहा कि मेरी कोशिश नई पीढ़ी को आगे लाने की रही। इसलिए मैंने ज्यादा से ज्यादा नए लोगों को टिकट दिलाने का काम किया। जब मैं बावल में उम्मीदवार बदलवाना चाहता था तो कुछ हमारी ही पार्टी के नेता इसके पक्ष में नहीं थे। लेकिन मैंने पार्टी नेतृत्व को समझाया कि इन्हें गांव में भी घुसने नहीं देंगे। पार्टी ने टिकट बदलकर डॉ. कृष्ण कुमार को दिया और यहां की जनता ने उन्हें भारी मतों से जिताने का काम किया। राव इंद्रजीत को सीएम बनाने के नारे लगे कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम के दौरान ही राव इंद्रजीत सिंह को सीएम बनाने के नारे लगाए। ‘हरियाणा का सीएम कैसा हो राव इंद्रजीत सिंह जैसा हो’। इसके बाद राव इंद्रजीत सिंह ने कहा-‘पार्टी को भी इस बात का संज्ञान लेना चाहिए कि जिस क्षेत्र के लोगों ने तीसरी बार सरकार बनाई उसका ध्यान रखना चाहिए। हमारे इलाके के लोगों ने ही पहले दो बार सरकार बनाने में अहम रोल अदा किया। लेकिन इस बार तो कठिन परिस्थिति के बाद भी हमारे इलाके के लोगों ने एकजुट होकर साथ दिया। ऐसे में यहां की जिम्मेदारी ज्यादा बढ़ जाती है। राव इंद्रजीत सिंह ने बगैर नाम लिए डॉ. अभय सिंह पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इलाके की ज्यादातर सीट जीत गए। एक सीट हार भी गए तो कोई बात नहीं। लेकिन एहसान फरामोश जनता जवाब देती है। दरअसल, इस बार राज्यमंत्री डॉ. अभय सिंह नांगल चौधरी सीट से चुनाव हार गए। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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पूर्व गृह मंत्री अनिल विज इस पूरे मामले को लेकर खासे नाराज हैं। पुलिसकर्मियों के ट्रांसफर रुक जाने के बाद भी वह इस मामले को लेकर काफी गंभीर हैं। उन्होंने ट्रांसफर ऑर्डर करने वाले ऑफिसर के बारे में जानने के लिए अब आरटीआई लगा दी है। इसमें उन्होंने यह जानकारी मांगी है कि पदोन्नत हुए पुलिसकर्मियों के ट्रांसफर ऑर्डर किसके कहने पर जारी किए गए। विज चाहते हैं कि इसमें दोषी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाए। दिल्ली तक पहुंचा पूरा मामला
हाल ही में अनिल विज दिल्ली दौरे पर गए थे, जहां उन्होंने हरियाणा के पार्टी प्रभारी और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के दौरान विज ने अपनी सरकार में की जा रही अनदेखी को लेकर नाराजगी प्रकट की थी। विज के करीबियों का कहना है कि हाल ही में जारी हरियाणा विधानसभा चुनाव समिति में भी उनका नाम शामिल नहीं किया गया था, जिसके बाद उनके विरोध के बाद नाम शामिल किया गया। इसके साथ ही पुलिसकर्मियों के द्वारा प्रमोशन को लेकर मिठाई खिलाए जाने के बाद उनका ट्रांसफर कर दिया गया। इन अनदेखी को लेकर विज काफी नाराज हैं। विज की पहले भी होती रही सरकार से लड़ाई
हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री अनिल विज की पहले भी सरकार के साथ अनबन होती रही है। पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के कार्यकाल के दौरान ऐसे कई मामले आए, जिनको लेकर विज काफी नाराज रहे, हालांकि बाद में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के हस्तक्षेप के बाद सुलझा लिए गए। तत्कालीन सीएम खट्टर के सेकेंड कार्यकाल के दौरान डीजी हेल्थ को लेकर खूब बवाल हुआ। इस दौरान विज ने दो महीनें तक हेल्थ विभाग का काम नहीं देखा था। इसके अलावा पूर्व डीजीपी यादव को लेकर भी विज नाराज हो चुके हैं। इसके अलावा MBBS स्टूडेंट्स की बॉन्ड पॉलिसी को लेकर विज पूर्व सीएम मनोहर लाल के खिलाफ खड़े गए थे।