राव इंद्रजीत का शक्ति प्रदर्शन, 8 MLA मिलने पहुंचे:BJP को बहुमत पर कहा था- हमने अपना काम किया, अब पार्टी को देखना है; CM दावा ठोक चुके

राव इंद्रजीत का शक्ति प्रदर्शन, 8 MLA मिलने पहुंचे:BJP को बहुमत पर कहा था- हमने अपना काम किया, अब पार्टी को देखना है; CM दावा ठोक चुके

हरियाणा में तीसरी बार जीत की हैट्रिक लगाने के बाद अब भाजपा में सीएम पद के लिए दावेदारी की होड़ नजर आ रही है। अंबाला कैंट से विधायक अनिल विज मुख्यमंत्री बनने की इच्छा पहले ही जाहिर कर चुके हैं। अब कुछ ऐसे ही तेवर गुरुग्राम से सांसद और अहीरवाल बेल्ट के कद्दावर नेता राव इंद्रजीत सिंह के भी नजर आ रहे हैं। सरकार गठन से पहले राव ने दो दिनों में अहीरवाल बेल्ट के 8 विधायकों से मुलाकात कर हाईकमान को अपनी ताकत दिखाने का प्रयास किया है। हाल ही में उन्होंने एक जनसभा को संबोधित करते हुए अपनी मंशा जाहिर करते हुए कहा- जिस क्षेत्र के लोगों ने तीसरी बार सरकार बनाई, उसका ध्यान रखना चाहिए। लोकसभा चुनाव के बाद एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भी राव ने मुख्यमंत्री बनने की इच्छा जाहिर की थी। बता दें कि इस बार अहीरवाल बेल्ट से भाजपा ने 11 में से 10 सीटें जीती हैं और इसी कारण राव अब काफी एक्टिव हो गए हैं। यहां पहले से ज्यादा मजबूत हुई भाजपा
भाजपा को सत्ता तक पहुंचाने में अहीरवाल बेल्ट का अहम रोल रहा है। 2019 में जहां भाजपा की झोली में यहां की 8 सीटें आई तो इस बार 2 सीटों का इजाफा हुआ है। सीटों के इसी बढ़े ग्राफ का श्रेय राव इंद्रजीत सिंह लेने में लगे हैं। रेवाड़ी और गुरुग्राम जिले में तो पार्टी ने उम्मीद से ज्यादा अच्छा प्रदर्शन किया है। इन दोनों ही जिलों में बादशाहपुर सीट को छोड़कर तमाम सीटों पर राव इंद्रजीत सिंह की पसंद के ही उम्मीदवारों को टिकट दी गई थी। राव ने की थी 8 नामों की पैरवी
राव के लिए अच्छी बात ये है कि उन्होंने जिन 8 उम्मीदवरों के नाम हाईकमान के सामने रखे थे वो सभी जीत हासिल करने में कामयाब रहे हैं। इसके साथ ही महेंद्रगढ़ से कंवर सिंह यादव ने भी राव से मुलाकात कर उन्हें अपना सपोर्ट दे दिया है। इस क्षेत्र से जिस विधायक का राव को सपोर्ट नहीं मिलेगा वो हैं बादशाहपुर सीट से जीते राव नरबीर सिंह। राव नरबीर को उनके धुर विरोधियों में गिना जाता है। चुनाव से पहले CM का दावा ठोक चुके
लोकसभा चुनाव के बाद राव इंद्रजीत सिंह ने समर्थकों को संबोधित करते हुए CM पद पर दावा ठोका था। उन्होंने कहा था कि हमें हरियाणा के इलेक्शन के लिए तैयारी करनी है। जो हमसे रूठ गया, उसे मनाना है। दक्षिणी हरियाणा के जरिए ही सत्तासीन होना है। हमे संगठित होकर मजबूत रहना हैं। हो सकता है कि समय से पहले हरियाणा में विधानसभा चुनाव हो। मंत्री पद की दौड़ में ये विधायक… बिमला चौधरी और कृष्ण कुमार : अहीरवाल बेल्ट की 11 सीटों में सिर्फ दो सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। इनमें बावल और पटौदी सीटें शामिल हैं। इन दोनों ही सीटों पर बीजेपी प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है। ऐसे में बावल से डॉ. कृष्ण कुमार और पटौदी से बिमला चौधरी में से किसी एक को नई सरकार के गठन पर राज्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई जा सकती है। राव नरबीर सिंह: बादशाहपुर से राव नरबीर सिंह ने 60705 वोटों के बड़े अंतर से जीत दर्ज की है। उनकी हाईकमान तक खुद की पकड़ मजबूत है। 2014 में मनोहर लाल खट्‌टर की सरकार में भी वो कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। इसलिए उनका दोबारा मंत्री बनना तय माना जा रहा है। आरती राव: चूंकी इस क्षेत्र में केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह का अच्छा होल्ड है और कई विधायकों का उनको समर्थन भी है ऐसे में वो अपनी बेटी आरती राव के लिए भी मंत्री पद की मांग रख सकते हैं। अगर राव इस तरह की कोई मांग रखते हैं तो फिर आरती राव का भी मंत्री बनना लगभग तय ही होगा। हरियाणा में तीसरी बार जीत की हैट्रिक लगाने के बाद अब भाजपा में सीएम पद के लिए दावेदारी की होड़ नजर आ रही है। अंबाला कैंट से विधायक अनिल विज मुख्यमंत्री बनने की इच्छा पहले ही जाहिर कर चुके हैं। अब कुछ ऐसे ही तेवर गुरुग्राम से सांसद और अहीरवाल बेल्ट के कद्दावर नेता राव इंद्रजीत सिंह के भी नजर आ रहे हैं। सरकार गठन से पहले राव ने दो दिनों में अहीरवाल बेल्ट के 8 विधायकों से मुलाकात कर हाईकमान को अपनी ताकत दिखाने का प्रयास किया है। हाल ही में उन्होंने एक जनसभा को संबोधित करते हुए अपनी मंशा जाहिर करते हुए कहा- जिस क्षेत्र के लोगों ने तीसरी बार सरकार बनाई, उसका ध्यान रखना चाहिए। लोकसभा चुनाव के बाद एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भी राव ने मुख्यमंत्री बनने की इच्छा जाहिर की थी। बता दें कि इस बार अहीरवाल बेल्ट से भाजपा ने 11 में से 10 सीटें जीती हैं और इसी कारण राव अब काफी एक्टिव हो गए हैं। यहां पहले से ज्यादा मजबूत हुई भाजपा
भाजपा को सत्ता तक पहुंचाने में अहीरवाल बेल्ट का अहम रोल रहा है। 2019 में जहां भाजपा की झोली में यहां की 8 सीटें आई तो इस बार 2 सीटों का इजाफा हुआ है। सीटों के इसी बढ़े ग्राफ का श्रेय राव इंद्रजीत सिंह लेने में लगे हैं। रेवाड़ी और गुरुग्राम जिले में तो पार्टी ने उम्मीद से ज्यादा अच्छा प्रदर्शन किया है। इन दोनों ही जिलों में बादशाहपुर सीट को छोड़कर तमाम सीटों पर राव इंद्रजीत सिंह की पसंद के ही उम्मीदवारों को टिकट दी गई थी। राव ने की थी 8 नामों की पैरवी
राव के लिए अच्छी बात ये है कि उन्होंने जिन 8 उम्मीदवरों के नाम हाईकमान के सामने रखे थे वो सभी जीत हासिल करने में कामयाब रहे हैं। इसके साथ ही महेंद्रगढ़ से कंवर सिंह यादव ने भी राव से मुलाकात कर उन्हें अपना सपोर्ट दे दिया है। इस क्षेत्र से जिस विधायक का राव को सपोर्ट नहीं मिलेगा वो हैं बादशाहपुर सीट से जीते राव नरबीर सिंह। राव नरबीर को उनके धुर विरोधियों में गिना जाता है। चुनाव से पहले CM का दावा ठोक चुके
लोकसभा चुनाव के बाद राव इंद्रजीत सिंह ने समर्थकों को संबोधित करते हुए CM पद पर दावा ठोका था। उन्होंने कहा था कि हमें हरियाणा के इलेक्शन के लिए तैयारी करनी है। जो हमसे रूठ गया, उसे मनाना है। दक्षिणी हरियाणा के जरिए ही सत्तासीन होना है। हमे संगठित होकर मजबूत रहना हैं। हो सकता है कि समय से पहले हरियाणा में विधानसभा चुनाव हो। मंत्री पद की दौड़ में ये विधायक… बिमला चौधरी और कृष्ण कुमार : अहीरवाल बेल्ट की 11 सीटों में सिर्फ दो सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। इनमें बावल और पटौदी सीटें शामिल हैं। इन दोनों ही सीटों पर बीजेपी प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है। ऐसे में बावल से डॉ. कृष्ण कुमार और पटौदी से बिमला चौधरी में से किसी एक को नई सरकार के गठन पर राज्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई जा सकती है। राव नरबीर सिंह: बादशाहपुर से राव नरबीर सिंह ने 60705 वोटों के बड़े अंतर से जीत दर्ज की है। उनकी हाईकमान तक खुद की पकड़ मजबूत है। 2014 में मनोहर लाल खट्‌टर की सरकार में भी वो कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। इसलिए उनका दोबारा मंत्री बनना तय माना जा रहा है। आरती राव: चूंकी इस क्षेत्र में केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह का अच्छा होल्ड है और कई विधायकों का उनको समर्थन भी है ऐसे में वो अपनी बेटी आरती राव के लिए भी मंत्री पद की मांग रख सकते हैं। अगर राव इस तरह की कोई मांग रखते हैं तो फिर आरती राव का भी मंत्री बनना लगभग तय ही होगा।   हरियाणा | दैनिक भास्कर