हरियाणा विधानसभा चुनावों में हार के बाद कांग्रेस नेताओं ने एक-दूसरे की पोल खोलनी शुरू कर दी है। कांग्रेस में घरौंडा से कांग्रेस प्रत्याशी वीरेंद्र राठौर ने लोकसभा चुनाव लड़ चुके दिव्यांशु बुद्धिराजा को आरोपों के कटघरे में खड़ा किया तो दिव्यांशु ने अपने सोशल मीडिया X प्लेटफार्म से वीरेंद्र राठौर पर गंभीर आरोप जड़े है। जिसमें उन्होंने 2005, 2009 और 2014 में राठौर की हार का तो जिक्र किया ही है, साथ ही 2019 में कांग्रेस प्रत्याशी अनिल राणा की खिलाफ करने के भी आरोप लगा दिए। दिव्यांशु ने यहां तक कह दिया कि जो व्यक्ति चार बार विधानसभा का इलेक्शन हो चुका हो, वह आज बता रहा है कि लोकसभा का टिकट किसे देना चाहिए। बता दें कि गुरुवार को वीरेंद्र राठौर ने विधानसभा इलेक्शन हारने के बाद अपने फार्म हाउस पर प्रेस वार्ता के दौरान कहा था कि लोकसभा में दिव्यांशु को टिकट देना सही विकल्प नहीं था। मैंने लोकसभा चुनाव में पूरा साथ दिया था, लेकिन घरौंडा के नेताओं के कहने पर दिव्यांशु ने मेरी शिकायत हाईकमान को की, कि मैंने साथ नहीं दिया। लोकसभा चुनाव में मनोहर लाल की मदद करने के आरोप दिव्यांशु ने अपनी पोस्ट में आरोप लगाया कि राठौर ने मनोहर लाल की मदद की और उस कांग्रेस पार्टी की ख़िलाफत की जिसने आपको चार बार विधानसभा चुनाव लड़ने का मौका दिया। आप जीत भी जाते, लेकिन चुनावों में हार आपके कर्मो का फल है, जो जैसा करता है वैसा ही भरता है। ऐसे में जिस तरह से कांग्रेस के नेता एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे है। आपसी फूट खुलकर सामने आने लगी है और अगर शीर्ष नेतृत्व ने जल्द ही कांग्रेस नेताओं द्वारा एक दूसरे पर की जाने वाली टिका टिप्पणी को नहीं रोका तो हरियाणा में कांग्रेस के हालात कुछ ओर ही होंगे, ऐसे में कार्यकर्ताओं पर बड़ा असर देखने को मिल सकता है। अब पढ़िए क्या है अपने सोशल मीडिया X पर दिव्यांशु ने अपने सोशल मीडिया X पर लिखा है कि वीरेंद्र राठौर जी, घरौंडा विधानसभा चुनाव का आपका पिछला रिकॉर्ड -2005 विधानसभा चुनाव हारे, तीसरे नम्बर पर रहे। 2009 विधानसभा चुनाव हारे। 2014-विधानसभा चुनाव हारे, तीसरे नम्बर पर रहे। 2019- चुनाव लड़ने से इंकार किया और घरौंडा से कांग्रेस प्रत्याशी अनिल राणा की खिलाफत करी। 2024- चौथा विधानसभा चुनाव हारे और 2005 व 2009 में तो तब हारे जब कांग्रेस की लहर थी और हरियाणा में सरकार कांग्रेस की बनी। चार-चार बार घरौंडा से जो आदमी कांग्रेस की टिकट मिलने के बावजूद चुनाव नहीं जीत सका वो आज बता रहा है कि लोकसभा में किसे टिकट दिया जाना चाहिए था ?? और आपको पहली बार विधानसभा चुनाव में पार्टी ने तब मौक़ा दिया, जब आप मात्र एक कांग्रेस सदस्य के रूप में थे जबकि आपकी जानकारी दुरुस्त करने के लिए बता दूं, मैंने पहला चुनाव लोकसभा 2024 का तब लड़ा जब मैं 2014 में पंजाब विश्वविद्यालय का निर्वाचित अध्यक्ष रह चुका था, 4 साल NSUI हरियाणा का प्रदेश अध्यक्ष रह चुका था और हरियाणा युवा कांग्रेस का पिछले 3 साल से मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष हूं। और एक बात, लोकसभा चुनाव से आज तक मैंने किसी का सार्वजनिक मंच पर आकर नाम नहीं लिया, लेकिन आज मैं बता रहा हूँ कि मेरे चुनाव में खुल के आपने कांग्रेस की ख़िलाफत करी व मनोहर लाल खट्टर की मदद करी और उस कांग्रेस पार्टी की ख़िलाफ़त करी, जिसकी बदौलत आपको चार बार विधानसभा लड़ने का मौका मिला। जिसने आपको राष्ट्रीय स्तर पर जिम्मेदारी दी और आपने तब ख़िलाफत करी, जब कांग्रेस पार्टी खड़गे जी, राहुल जी के नेतृत्व में केंद्र में सरकार बनाने के लिए एक एक सीट पर लड़ाई लड़ रही थी। टिकट कटने के दर्द में आपका विरोध मेरे ख़िलाफ़ हो सकता था, लेकिन लोकसभा चुनाव में यह सीधे तौर पर माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल्लकार्जुन खड़गे जी व हम सबके नेता राहुल गांधी जी का आपने डट कर विरोध किया, जिसके परिणामस्वरूप आपको राष्ट्रीय सचिव पद से भी हटा दिया गया, लेकिन आपके द्वारा बावजूद मेरे चुनाव में विरोध करने में, हमने इस विधानसभा चुनाव में जन भावना की कद्र करते हुए भाजपा को हराने के लिए कहीं भी आप जैसी छोटी मानसिकता दिखाते हुए पार्टी के खिलाफ काम नहीं किया। ईश्वर करता आप जीतते लेकिन ये चुनाव में मिली हार आपके कर्मों का फल है, क्योंकि किसी ने बड़ा ठीक ही कहा है-“जो जैसा बोयेगा , वो वैसा काटेगा”चुनाव में हार-जीत चलती रहती है, हार से सीखिए और आगे बढ़िए ! औरों के बारे में बात करने से पहले अपने गिरेबान में झांकिए, राठौर जी। हरियाणा विधानसभा चुनावों में हार के बाद कांग्रेस नेताओं ने एक-दूसरे की पोल खोलनी शुरू कर दी है। कांग्रेस में घरौंडा से कांग्रेस प्रत्याशी वीरेंद्र राठौर ने लोकसभा चुनाव लड़ चुके दिव्यांशु बुद्धिराजा को आरोपों के कटघरे में खड़ा किया तो दिव्यांशु ने अपने सोशल मीडिया X प्लेटफार्म से वीरेंद्र राठौर पर गंभीर आरोप जड़े है। जिसमें उन्होंने 2005, 2009 और 2014 में राठौर की हार का तो जिक्र किया ही है, साथ ही 2019 में कांग्रेस प्रत्याशी अनिल राणा की खिलाफ करने के भी आरोप लगा दिए। दिव्यांशु ने यहां तक कह दिया कि जो व्यक्ति चार बार विधानसभा का इलेक्शन हो चुका हो, वह आज बता रहा है कि लोकसभा का टिकट किसे देना चाहिए। बता दें कि गुरुवार को वीरेंद्र राठौर ने विधानसभा इलेक्शन हारने के बाद अपने फार्म हाउस पर प्रेस वार्ता के दौरान कहा था कि लोकसभा में दिव्यांशु को टिकट देना सही विकल्प नहीं था। मैंने लोकसभा चुनाव में पूरा साथ दिया था, लेकिन घरौंडा के नेताओं के कहने पर दिव्यांशु ने मेरी शिकायत हाईकमान को की, कि मैंने साथ नहीं दिया। लोकसभा चुनाव में मनोहर लाल की मदद करने के आरोप दिव्यांशु ने अपनी पोस्ट में आरोप लगाया कि राठौर ने मनोहर लाल की मदद की और उस कांग्रेस पार्टी की ख़िलाफत की जिसने आपको चार बार विधानसभा चुनाव लड़ने का मौका दिया। आप जीत भी जाते, लेकिन चुनावों में हार आपके कर्मो का फल है, जो जैसा करता है वैसा ही भरता है। ऐसे में जिस तरह से कांग्रेस के नेता एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे है। आपसी फूट खुलकर सामने आने लगी है और अगर शीर्ष नेतृत्व ने जल्द ही कांग्रेस नेताओं द्वारा एक दूसरे पर की जाने वाली टिका टिप्पणी को नहीं रोका तो हरियाणा में कांग्रेस के हालात कुछ ओर ही होंगे, ऐसे में कार्यकर्ताओं पर बड़ा असर देखने को मिल सकता है। अब पढ़िए क्या है अपने सोशल मीडिया X पर दिव्यांशु ने अपने सोशल मीडिया X पर लिखा है कि वीरेंद्र राठौर जी, घरौंडा विधानसभा चुनाव का आपका पिछला रिकॉर्ड -2005 विधानसभा चुनाव हारे, तीसरे नम्बर पर रहे। 2009 विधानसभा चुनाव हारे। 2014-विधानसभा चुनाव हारे, तीसरे नम्बर पर रहे। 2019- चुनाव लड़ने से इंकार किया और घरौंडा से कांग्रेस प्रत्याशी अनिल राणा की खिलाफत करी। 2024- चौथा विधानसभा चुनाव हारे और 2005 व 2009 में तो तब हारे जब कांग्रेस की लहर थी और हरियाणा में सरकार कांग्रेस की बनी। चार-चार बार घरौंडा से जो आदमी कांग्रेस की टिकट मिलने के बावजूद चुनाव नहीं जीत सका वो आज बता रहा है कि लोकसभा में किसे टिकट दिया जाना चाहिए था ?? 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सिरसा में सांसद सैलजा ने सीएम को लिखी चिट्ठी:बोली-प्रदेश में कैंसर से हर माह 1500 मरीजों की मौत, विशेषज्ञों की करें नियुक्ति हरियाणा के सिरसा जिले में कैंसर की स्थिति चिंताजनक हो गई है। सिरसा सांसद और कांग्रेस महासचिव कुमारी सैलजा ने मुख्यमंत्री नायब सैनी को पत्र लिखकर तत्काल कार्रवाई की मांग की है। सांसद ने बताया कि सिरसा और फतेहाबाद जिले कैंसर से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं, लेकिन यहां मरीजों के इलाज की कोई उचित व्यवस्था नहीं है। नमूने भेजे जा रहे दूसरी प्रयोगशालाओं में विशेष रूप से घग्गर नदी के किनारे स्थित सिरसा, फतेहाबाद, कैथल और अंबाला जिलों में कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यहां तक कि जांच के लिए नमूने भी दूसरी जगहों की प्रयोगशालाओं में भेजने पड़ते हैं। मरीजों को इलाज के लिए दिल्ली, बीकानेर या चंडीगढ़ जाना पड़ता है। स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि हरियाणा में हर महीने लगभग 1500 लोग कैंसर से दम तोड़ रहे हैं। निजी अस्पतालों में इलाज पहुंच से बाहर मरीजों को या तो पीजीआई रोहतक, चंडीगढ़ या राष्ट्रीय कैंसर संस्थान झज्जर में जाना पड़ता है, जहां मरीजों की अधिक संख्या के कारण लंबा इंतजार करना पड़ता है। वहीं निजी अस्पतालों में इलाज आम आदमी की पहुंच से बाहर है। सिविल अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों और उचित इलाज की सुविधाओं की कमी के कारण मरीज अपनी जान गंवा रहे हैं।
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25 अक्टूबर को फिल्म दो पत्ती के OTT प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर रिलीज होने के बाद रोहतक के गांव बसंतपुर स्थित सर्व हुड्डा खाप के ऐतिहासिक चबूतरे पर 10 नवंबर को पंचायत हुई। इसमें खाप के 45 गांव के प्रतिनिधियों और गणमान्य लोगों ने हिस्सा लिया। इसमें एक उच्च अधिकार प्राप्त समिति का गठन किया गया। सुरेंद्र हुड्डा की अगुआई में समिति सदस्यों ने CM सैनी से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने बताया कि फिल्म दो पत्ती के एक संवाद से जाट समाज के हुड्डा गोत्र को बदनाम किया जा रहा है। इस विवादित मामले को लेकर मुख्यमंत्री नायब सैनी से मुलाकात की गई है। फिल्म में जिस प्रकार से हुड्डा गोत्र को बदनाम करने का षड्यंत्र हुआ है, यह एक आपराधिक मामला है। खाप ने भेजा नोटिस, मेकर्स जवाब दे चुके
सुरेंद्र हुड्डा ने बताया कि फिल्म रिलीज होने के अगले ही दिन इसके निर्माता, निदेशक, अभिनेता और नेटफ्लिक्स को नोटिस जारी कर दिया था। इसका जवाब में नेटफ्लिक्स और फिल्म निर्माताओं ने कहा है कि जो आरोप नोटिस में लगाए गए हैं, वह घटना फिल्म में हुई है। लेकिन, यह फिल्म निर्माता और अभिनेता की बोलने की आजादी के तहत है। और हुड्डा शब्द का प्रयोग केवल एक संयोग है। सुरेंद्र ने कहा कि देश का कानून किसी की सामाजिक प्रतिष्ठा खराब करने और मान-सम्मान की हानि करने का अधिकार नहीं देता है। फिल्म में प्रसारित विवादास्पद संवाद से समस्त हुड्डा खाप की सामाजिक प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है। एक षड्यंत्र के तहत ही जाट समाज के हुड्डा गोत्र की मानहानि हुई है।
हरियाणा सड़क दुर्घटना में अब 1.5 लाख का इलाज मुफ्त:CM ने सभी जिलों को भेजे निर्देश, कैशलेस सुविधा मिलेगी; इस साल 616 हादसे
हरियाणा सड़क दुर्घटना में अब 1.5 लाख का इलाज मुफ्त:CM ने सभी जिलों को भेजे निर्देश, कैशलेस सुविधा मिलेगी; इस साल 616 हादसे हरियाणा में रोड एक्सीडेंट में घायल होने वालों को सरकार ने बड़ी राहत दी है। सरकार की ओर से अब सड़क दुर्घटनाओं में घायलों को डेढ़ लाख का फ्री इलाज किया जाएगा। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की पालना में हरियाणा पुलिस द्वारा ये नई पहल शुरू की गई है। इस योजना के तहत दुर्घटना की डेट से अधिकतम 7 दिनों की अवधि के लिए प्रत्येक सड़क दुर्घटना के लिए प्रति व्यक्ति 1.5 लाख रुपए तक का उपचार फ्री किया जाएगा। इस बारे में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADGP) हरदीप दून द्वारा प्रदेश के सभी संबंधित अधिकारियों और जिलों को लेटर जारी करते हुए इसका सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। केंद्र का पायलट प्रोजेक्ट है ये पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर (DGP) ने बताया कि प्रदेश की सड़कों को आमजन के लिए सुरक्षित बनाना हरियाणा की नायब सैनी सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है, ऐसे में जरूरी है कि सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए एक बेहतर और प्रभावी कार्य योजना तैयार करते हुए उन पर काम किया जाए। इसी कड़ी में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को फ्री उपचार संबंधी सुविधाएं उपलब्ध करवाने की शुरूआत की गई है। उन्होंने बताया कि यह पायलेट प्रौजेक्ट नेशनल हैल्थ अथॉरिटी द्वारा स्थानीय पुलिस व राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा अनुबंधित अस्पतालों के साथ तालमेल स्थापित करते हुए संयुक्त रूप से लागू किया जाएगा। ऐसे मिलेगा कैशलैस सुविधा का लाभ इस योजना के तहत सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को अस्पताल ले जाया जाता है। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन द्वारा अपने यहां सॉफ्टवेयर में घायल व्यक्ति का डेटा अपलोड करके संबंधित पुलिस थाने में भेजा जाता है, जिसके बाद संबंधित पुलिस थाने द्वारा 6 घंटे के भीतर पुष्टि की जाती है कि घायल व्यक्ति सड़क दुर्घटना में घायल हुआ है अथवा नही। पुष्टि होने के बाद घायल व्यक्ति को कैशलैस ईलाज की सुविधा दी जाती है। इस साल रोड एक्सीडेंट में आई कमी डीजीपी ने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए हरियाणा पुलिस द्वारा कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान केन्द्रित करते हुए काम किया जाता है जिसके परिणामस्वरूप वर्ष 2023 की अपेक्षा वर्ष 2024 में 616 सड़क हादसों में कमी दर्ज की गई है। इसके साथ ही, वर्ष 2023 की तुलना में वर्ष 2024 में 251 सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु में भी कमी आई है तथा 403 लोग कम घायल हुए हैं। उन्होंने बताया कि जनवरी 2024 से लेकर नवंबर 2024 के अंत तक हरियाणा पुलिस द्वारा सड़क सुरक्षा के 2166 जागरूकता अभियान चलाए गए जिनके माध्यम से 2 लाख 91 हजार 307 बच्चों व अन्य लोगों ने भागीदारी सुनिश्चित की। इस साल ये चले अभियान इसके अलावा, वर्ष-2024 में 6 विशेष अभियान चलाए गए जिनमें से पांच अभियान लेन ड्राइविंग तथा एक विशेष अभियान वाहनों पर ब्लैक फिल्म लगाने वालों के खिलाफ चलाया गया। विशेष अभियान के दौरान प्रदेश में 27 हजार 321 वाहनों के चालान किए गए जिनमें से 2600 चालान ब्लैक फिल्म लगाने वाले वाहनों के चालान किए गए। हर जिले में सड़क सुरक्षा समिति का गठन इसके साथ ही प्रदेश में ऐसे ब्लैक स्पॉट्स भी चिन्ह्नित किए गए हैं जहां पर सड़क दुर्घटनाएं अपेक्षाकृत अधिक होती हैं। इन ब्लैक स्पॉट्स को संबंधित रोड़ इंजीनियरिंग विभागों के साथ तालमेल स्थापित करते हुए इन्हें ठीक करवाया जाता है। सड़क सुरक्षा संबंधी विषय की गंभीरता को देखते हुए प्रदेश के अलग-2 जिलो में सड़क सुरक्षा समिति गठित की गई हैं जिसके द्वारा एजेंडावार सड़क सुरक्षा को लेकर नियमित बैठकें की जाती हैं। वर्ष-2024 में अक्टूबर माह के अंत तक इस प्रकार की 107 बैठकें आयोजित की गई हैं जिसकी अध्यक्षता संबंधित जिले के उपायुक्त द्वारा की जाती है। डीजीपी की लोगों से अपील अपील कपूर ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि सड़क सुरक्षा एक महत्वपूर्ण विषय है। आमजन को सड़कों को सुरक्षित बनाने में अपना सहयोग देना चाहिए और वाहनों को निर्धारित गति सीमा में ही चलाना चाहिए। हरियाणा पुलिस द्वारा आमजन को यातायात नियमों के बारे में जागरूक करने के लिए अनेक प्रकार की प्रतियोगिताएं व गतिविधियां आयोजित की जाती हैं। उन्होंने कहा कि वाहन चलाते समय लोग मोबाइल फोन आदि का भी इस्तेमाल ना करें। व्यक्ति की जरा सी लापरवाही ना केवल उनके स्वयं के लिए बल्कि दूसरे व्यक्तियों के लिए भी जानलेवा साबित हो सकती है।