<p style=”text-align: justify;”>सपा प्रमुख अखिलेश यादव के निर्धारित दौरे से पहले उत्तर प्रदेश में जय प्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (जेपीएनआईसी) को सील कर दिया गया, बैरिकेडिंग कर दी गई और पुलिस बल तैनात कर दिया गया. दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा कि “अखिलेश यादव राजनीति कर रहे हैं. जो नोटिस जारी किया गया है, उससे साफ है कि निर्माण अधूरा है. अगर अखिलेश यादव की नीयत अच्छी होती तो वे अपने कार्यालय में भी जय प्रकाश नारायण को श्रद्धांजलि दे सकते थे. आज सपा जय प्रकाश नारायण के आदर्शों को भूल चुकी है. अगर वे उन आदर्शों पर चलते तो कांग्रेस पार्टी से गठबंधन नहीं करते. हरियाणा में हार के बाद पूरा भारतीय जनता पार्टी गठबंधन राजनीतिक स्टंट कर रहा है. उन्हें समझ आ गया है कि देश की जनता चाहती है कि जय प्रकाश नारायण के आदर्शों को प्रधानमंत्री <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> आगे बढ़ाएं. जय प्रकाश नारायण की विचारधारा आपातकाल विरोधी थी. लेकिन अखिलेश यादव इसे भूल गए और कांग्रेस से गठबंधन कर लिया…अखिलेश यादव जानते हैं कि आगामी उपचुनाव में उनकी हार होने वाली है. इसलिए इस हार से ध्यान हटाने के लिए वे एक के बाद एक पीड़ित कार्ड खेलने की कोशिश करेंगे. अरविंद केजरीवाल दिल्ली में भी यही कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि अखिहरियाणा में उनकी जमानत जब्त हो गई थी. इसलिए यूपी और देश की जनता अखिलेश यादव से पूछ रही है कि अगर वह जय प्रकाश नारायण के आदर्शों में विश्वास करते हैं तो उन्होंने इमरजेंसी वाली पार्टी कांग्रेस के साथ गठबंधन क्यों किया?</p> <p style=”text-align: justify;”>सपा प्रमुख अखिलेश यादव के निर्धारित दौरे से पहले उत्तर प्रदेश में जय प्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (जेपीएनआईसी) को सील कर दिया गया, बैरिकेडिंग कर दी गई और पुलिस बल तैनात कर दिया गया. दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा कि “अखिलेश यादव राजनीति कर रहे हैं. जो नोटिस जारी किया गया है, उससे साफ है कि निर्माण अधूरा है. अगर अखिलेश यादव की नीयत अच्छी होती तो वे अपने कार्यालय में भी जय प्रकाश नारायण को श्रद्धांजलि दे सकते थे. आज सपा जय प्रकाश नारायण के आदर्शों को भूल चुकी है. अगर वे उन आदर्शों पर चलते तो कांग्रेस पार्टी से गठबंधन नहीं करते. हरियाणा में हार के बाद पूरा भारतीय जनता पार्टी गठबंधन राजनीतिक स्टंट कर रहा है. उन्हें समझ आ गया है कि देश की जनता चाहती है कि जय प्रकाश नारायण के आदर्शों को प्रधानमंत्री <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> आगे बढ़ाएं. जय प्रकाश नारायण की विचारधारा आपातकाल विरोधी थी. लेकिन अखिलेश यादव इसे भूल गए और कांग्रेस से गठबंधन कर लिया…अखिलेश यादव जानते हैं कि आगामी उपचुनाव में उनकी हार होने वाली है. इसलिए इस हार से ध्यान हटाने के लिए वे एक के बाद एक पीड़ित कार्ड खेलने की कोशिश करेंगे. अरविंद केजरीवाल दिल्ली में भी यही कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि अखिहरियाणा में उनकी जमानत जब्त हो गई थी. इसलिए यूपी और देश की जनता अखिलेश यादव से पूछ रही है कि अगर वह जय प्रकाश नारायण के आदर्शों में विश्वास करते हैं तो उन्होंने इमरजेंसी वाली पार्टी कांग्रेस के साथ गठबंधन क्यों किया?</p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड Haryana Weather: हरियाणा में मौसम ले रहा करवट, कहां गिरा सबसे ज्यादा तापमान? बारिश को लेकर आया ये अपडेट
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UP के सट्टा बाजार में NDA को 60-65 सीटें:मोदी के मार्जिन पर सबसे बड़ा दांव; राहुल की हार पर ढाई गुना फायदा
UP के सट्टा बाजार में NDA को 60-65 सीटें:मोदी के मार्जिन पर सबसे बड़ा दांव; राहुल की हार पर ढाई गुना फायदा लोकसभा चुनाव में आखिरी चरण की वोटिंग और एग्जिट पोल के बाद यूपी का सट्टा बाजार गर्म है। बड़ी सीटों, मंत्रियों की हार-जीत और बड़े नेताओं के वोट मार्जिन तक पर सट्टा लग रहा है। पीएम मोदी, राहुल गांधी और अखिलेश यादव की VIP सीटों ने सट्टा बाजार का भाव बढ़ा रखा है। मोदी की सीट पर हार-जीत से ज्यादा वोटों के मार्जिन पर दांव लग रहा है। सट्टा बाजार से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, यूपी में 300 करोड़ रुपए से ज्यादा का सट्टा लगाया जा चुका है। एग्जिट पोल में भाजपा और उसके गठबंधन प्रत्याशियों को 60 से 65 सीटें मिल रही हैं। NDA के 60 से पार जाने पर मोटा पैसा लगाया जा रहा है। सीनियर क्राइम रिपोर्टर आशीष त्रिपाठी बताते हैं- यूपी का पूरा सट्टा बाजार दिल्ली और मुंबई से ऑपरेट होता है। पहले ये फोन पर चलता था, अब ऑनलाइन हो रहा है। इस बार सबसे बड़ा बदलाव यह है कि इलेक्शन के हर फेज में सट्टे का भाव बदलता रहा है। एग्जिट पोल से पहले क्या थे हालात
आशीष बताते हैं- एग्जिट पोल आने से पहले या यूं कहें 5वें चरण की वोटिंग तक सट्टा बाजार NDA को 45 से 55 सीटें दिलवा रहा था और I.N.D.I. गठबंधन को 30 से 35 सीटें। एग्जिट पोल पर भी इसी तरह का सट्टा लगा रहा था। एग्जिट पोल सट्टा बाजार के अंदाजे से अलग आया। इससे सट्टे का पूरा भाव चेंज हो गया और दांव बदल गए हैं। अब NDA के 60 प्लस आने पर एक के बदले एक रुपए का भाव चल रहा। 2014, 2019 के मुकाबले 2024 में सट्टा बाजार में काफी ज्यादा रकम दांव पर है। एग्जिट पोल से पहले का हाल देखिए: सटोरिए मुनाफे में, कवर का चक्कर
यूपी के सट्टा बाजार की बात करें तो एग्जिट पोल से पहले NDA के साथ I.N.D.I. गठबंधन पर अच्छी-खासी रकम लग रही थी। तब यूपी की सीटों को लेकर 60-40 का दांव था। मतलब कांटे के मुकाबले में 40% दांव लगा रहे थे, जबकि भाजपा को सीधे टॉप पर दिखाने वाले 60% दांव लगा रहे थे। एग्जिट पोल के पहले दावा था कि NDA यूपी में 45 से 55 सीटें लाएगा। इस पर एक लाख रुपए लगाने पर महज 20 हजार रुपए का फायदा हो रहा था। यानी एक लाख पर एक लाख 20 हजार मिल रहे थे। I.N.D.I. गठबंधन 30 सीटों का आंकड़ा छू लेगा। इस पर एक लाख रुपए लगाने पर सट्टा बाजार दोगुना दे रहा था। एग्जिट पोल आने के बाद सबसे ज्यादा रुपए NDA पर टूटने लगे। भाजपा की जीत को लेकर एक लाख रुपए से नीचे के दांव वापस किए जाने लगे। एक से दो लाख रुपए का ग्राहक ही इस मार्केट में दांव फेंक सका। NDA के बढ़त के साथ ही सटोरियों ने सीटों पर मुनाफा भी घटा दिया। भाजपा की सीटें 60 से ऊपर रहेंगी। इस पर एक लाख लगाने पर 10 हजार रुपए का प्रॉफिट गिरा। जबकि I.N.D.I. गठबंधन भाजपा से आगे रहेगा। इसका दांव चढ़ गया और एक का दो लाख रुपए मिलने का लालच दिया जाने लगा। घबराए खिलाड़ियों ने बढ़ाया दांव
अखिलेश और राहुल के साथ आने से MY (मुस्लिम-यादव) फैक्टर बहुत मजबूत काम कर रहा है और उनकी सीटें बढ़ेंगी। इसीलिए I.N.D.I. गठबंधन की बढ़ती सीटों पर 100 करोड़ से ज्यादा का दांव लग चुका था। हालांकि तब भी पैसा BJP पर ज्यादा लग रहा था। अब एग्जिट पोल ने पहले लगे दांव की हवा निकाल दी। ऐसे में सटोरियों को करोड़ों का फायदा और खिलाड़ियों के नुकसान का अनुमान बढ़ गया। अब खिलाड़ी कवर करने के लिए NDA पर ज्यादा दांव लगा रहे हैं। टॉप ट्रेंड का भाव
लगाई: भाजपा के 65 प्लस सीटों पर दांव लग रहा है। अगर खिलाड़ी सटोरियों की भाषा में डन करते हुए लगाई बोलता है तो उसने एक लाख रुपए इस पर लगा दिए कि भाजपा 65 प्लस सीटें पा रही है। अब इतना आने पर उसे एक लाख रुपए के दो लाख मिलेंगे, क्योंकि भाजपा का रेट चढ़ा है। खाई: अब खाई की बात करते हैं। खाई का मतलब, भाजपा यूपी में 65 के अंदर रहेगी। इस पर दांव लगाने वालों को खाई बोलना है। यानी वह 10 हजार रुपए लगाएंगे, तो उन्हें 25 हजार रुपए मिल जाएंगे। भाजपा की 65 से कम आने पर भी लंबा दांव लग रहा है। आइए जानते हैं यूपी की 5 बड़ी सीटों के दांव वाराणसी: मोदी की हार-जीत पर सबसे बड़ा दांव
वाराणसी की सीट पर मोदी की जीत पर सबसे ज्यादा दांव लग रहे हैं। कम मुनाफे के बाद भी इस सीट पर लोगों ने करोड़ों रुपए लगाए हैं। इस सीट पर एक लाख लगाने पर महज दो हजार रुपए के मुनाफे का रेट चल रहा है। मतलब मोदी जीत रहे तो एक लाख लगाने पर एक लाख दो हजार रुपए मिलेंगे। इसी के उलट सट्टा बाजार में मोदी हार जाएंगे। इस पर भाव सबसे ज्यादा मिल रहा है। मतलब मोदी हार जाएंगे, तो एक लाख लगाने पर रकम साढ़े तीन लाख रुपए मिल रही है। हालांकि मोदी की हार-जीत से ज्यादा मार्जिन पर दांव लग रहा है। मोदी अगर दो लाख मार्जिन से जीतेंगे, तो एक लाख का डेढ़ लाख मिल रहा है। तीन लाख से ज्यादा मार्जिन से जीतेंगे तो पैसा दोगुना किया जा रहा है। लखनऊ: राजनाथ सिंह की हार के दांव पर मुनाफा 3 गुना
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की लखनऊ सीट पर भी जीत के ज्यादा दांव हैं। राजनाथ सिंह की एकतरफा जीत ही सट्टा बाजार की कहानी बयां कर रही है। राजनाथ की जीत पर एक लाख लगाने पर दो हजार रुपए और हारने पर एक लाख रुपए लगाने पर 3 लाख मुनाफा का भाव है। अमेठी: स्मृति की जीत पर दांव, एकाएक खिलाड़ी कवर करने में जुटे
अमेठी से स्मृति ईरानी मैदान में हैं। इस सीट का भाव उतर और चढ़ रहा है। एग्जिट पोल आने तक इस सीट पर कड़े मुकाबले के संकेत थे। यही वजह है कि अकेले अमेठी सीट पर 100 करोड़ रुपए तक का सट्टा लगाया गया था। इसमें स्मृति जीत रही हैं, इसे लेकर 55% लोगों ने दांव लगाया। जबकि स्मृति ईरानी की सीट फंसी है, इसे लेकर खिलाड़ियों ने 45 प्रतिशत दांव लगाया। एग्जिट पोल आने से पहले स्मृति की जीत पर एक लाख का डेढ़ लाख तक मिल रहा था। उनकी हार पर पैसा दो गुना किया जा रहा था। एग्जिट पोल आने के बाद हालात बदल गए। एकाएक वही खिलाड़ी अपने रुपए कवर करने को फिर मैदान में उतरे और स्मृति की जीत पर दांव लगाने लगे। अब स्मृति ईरानी की जीत पर एक लाख लगाने पर महज 20 हजार रुपए का फायदा पहुंच रहा। जबकि हार पर एक लाख लगाने पर ढाई लाख तक मिल रहे। यह ढाई लाख का लालच इसलिए चल रहा है कि हार पर ज्यादा सट्टा लगे। रायबरेली: राहुल गांधी की हार के दांव पर ढाई गुना मुनाफा
सट्टा बाजार में राहुल गांधी की जीत को लेकर एग्जिट पोल के पहले और बाद में ज्यादा फर्क नहीं आया। रायबरेली से राहुल गांधी जीत रहे हैं, इस पर दांव लगाने वालों की कतार पहले दिन से लंबी थी और अब तक है। यही वजह है कि राहुल गांधी का भाव चढ़ा रहा। राहुल जीत रहे हैं, इस पर एक लाख लगाने पर महज 5 हजार रुपए का फायदा मिल रहा है। जबकि राहुल हार रहे हैं, इस पर एक लाख रुपए लगाने पर मुनाफा ढाई लाख का है। यहां भी मोदी की तरह हार जीत के मार्जिन की बात हो रही है। सटोरिए इस बात पर पैसा लगा रहे हैं कि राहुल का मार्जिन मोदी के मार्जिन के बराबर होगा या कम। राहुल अगर तीन लाख मार्जिन से जीतते हैं तो एक लाख पर एक लाख तीस हजार रुपए दिए जा रहे हैं। अगर पांच लाख मार्जिन रहता है तो यह फायदा डेढ़ लाख तक पहुंच रहा है। कन्नौज: अखिलेश यादव के हार के दांव पर ढाई लाख का फायदा सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव की जीत को लेकर भी सट्टा बाजार का भाव अखिलेश के पक्ष में ही नजर आ रहा है। दांव हार पर भी लगे हैं। लेकिन, जीत के मुकाबले काफी कम हैं। अखिलेश यादव कन्नौज से जीत जाएंगे, इसे लेकर एक लाख रुपए लगाने पर 12 हजार रुपए का फायदा हो रहा है। वहीं हार पर कई गुना फायदा होगा। एक लाख रुपए लगाने पर ढाई लाख रुपए तक फायदा दिखाया जा रहा है। इसके अलावा मार्जिन पर भी दांव लग रहा है। यादव परिवार के पांच सदस्यों की हार-जीत पर सट्टा
2024 के लोकसभा चुनाव में मुलायम सिंह परिवार के पांच सदस्य चुनावी मैदान में हैं। सट्टा बाजार भी इस परिवार पर दांव लगा रहा है। कन्नौज से अखिलेश यादव, मैनपुरी से डिंपल, फिरोजाबाद से अक्षय प्रताप, बदायूं से आदित्य यादव और आजमगढ़ से धर्मेंद्र यादव चुनाव लड़ रहे हैं। सट्टा बाजार पांचों की जीत पर मोटा दांव खेल रहा है। अगर मुलायम परिवार के पांचों सदस्य जीतते हैं तो एक लाख पर दो लाख तक का भाव है। जबकि दो हारने पर एक लाख का डेढ़ लाख दिया जा रहा है। इसी तरह पांचों सीटों पर अलग-अलग भाव भी लगाया जा रहा है। सट्टा बाजार से जुड़े लोगों के अनुसार, यह पूरा कारोबार दिल्ली और मुंबई से ऑपरेट हो रहा है। दिल्ली और मुंबई में करीब 5000 से ज्यादा सट्टेबाज इस नेटवर्क को चला रहे हैं। पहले ये पूरा सिस्टम फोन पर चलता था, अब यह ऑनलाइन हो गया है। खाई-लगाई के नाम से चलने वाले इस नेटवर्क को विदेशों में बैठे लोग ऑपरेट कर रहे हैं। ये बहुत ही सिस्टमैटिक तरीके से काम करते हैं। सट्टेबाज हर पार्टी या गठबंधन की लोकसभा सीट का अनुमान लगाते हैं। ये अनुमान राज्य और शहर के हिसाब से अलग-अलग होते हैं। इसकी जानकारी टीम के एक या दो लोगों तक पहुंचाई जाती है। इसके बाद एक टीम इन नतीजों का एनालिसिस करती है। फिर इसे चुनाव की तारीख से एक महीने पहले ओपन करते हैं। इसके बाद सट्टा खेलने वालों तक मैसेज पहुंचाया जाता है और पैसा लगना शुरू हो जाता है। फेज वाइज चुनाव, एग्जिट पोल से पहले, एग्जिट पोल के बाद, परिणाम के दिन तक यह बदलता रहता है। उसी के आधार कैंडिडेट की हार जीत का भाव भी बदलता रहता है।
नसीम सोलंकी ने शिवलिंग पर जल चढ़ाया:दिवाली पर मंदिर में दीप जलाए; डिप्टी सीएम बोले- सपाई AC में बैठकर करते हैं नेतागिरी
नसीम सोलंकी ने शिवलिंग पर जल चढ़ाया:दिवाली पर मंदिर में दीप जलाए; डिप्टी सीएम बोले- सपाई AC में बैठकर करते हैं नेतागिरी यूपी उपचुनाव की सरगर्मी तेज हो गई है। कानपुर की सीसामऊ सीट से सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी ने दिवाली पर वनखंडेश्वर मंदिर में शिवलिंग जल चढ़ाया। दीपक भी जलाए। इधर, लखनऊ में सपा ने एक और नया पोस्टर लगवाया है। इसमें अखिलेश यादव की फोटो के साथ लिखा जुड़ेंगे तो जीतेंगे…। सपा के नेता विजय प्रताप यादव ने यह पोस्टर लगवाया है। इससे पहले, सपा ने अखिलेश यादव के जन्मदिन पर पोस्टर लगवाया था, जिसमें लिखा था- 27 के सत्ताधीश..। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने अखिलेश यादव पर निशाना। कहा- सपा के लोग AC रूम में बैठ कर नेतागिरी करते हैं। इनका प्रदेश की जनता से कोई मतलब नहीं है। जब-जब ये पावर में आए, तब-तब गुंडे, बदमाश पले-बढ़े। प्रदेश की जनता इनको जानती है। यूपी उपचुनाव से जुड़ी खबरें पढ़ने के लिए नीचे दिए ब्लॉग से गुजर जाइए…
लोहिया संस्थान में लगेगी प्रदेश की पहली गामा नाइफ मशीन:ब्रेन ट्यूमर और हेड इंजरी का होगा सटीक इलाज, 60 करोड़ का बजट मंजूर
लोहिया संस्थान में लगेगी प्रदेश की पहली गामा नाइफ मशीन:ब्रेन ट्यूमर और हेड इंजरी का होगा सटीक इलाज, 60 करोड़ का बजट मंजूर प्रदेश की पहली गामा नाइफ मशीन लोहिया संस्थान में लगेगी। मशीन और बंकर के लिए सरकार ने 60 करोड़ का बजट मंजूर कर दिया हैं। संस्थान प्रशासन मशीन स्थापित करने की तैयारी तेज कर दी है। 13 सितंबर को संस्थान के स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से एडवांस न्यूरो साइंसेज सेंटर का शुभारंभ कराने की तैयारी में हैं। संस्थान के 6 मंजिला भवन में एडवांस न्यूरो साइंसेज सेंटर का निर्माण कार्य अंतिम चरण में हैं। RMLIMS के निदेशक डॉ.सीएम सिंह ने बताया कि सेंटर में प्रदेश की पहली गामा नाइफ मशीन लगेगी। शासन ने मशीन के लिए 55 करोड़ और बंकर के लिए 5 करोड़ की मंजूरी दे दी हैं। ऐसे में ब्रेन ट्यूमर, हेड इंजरी समेत अन्य बीमारियों का बेहतर इलाज हो सकेगा। न्यूरो सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ.डीके सिंह ने बताया कि गामा नाइफ से बिना चीरा-टांका ब्रेन में ऐसे छोटे ट्यूमर पर सटीक वार कर सकती है, जहां पर ऑपरेशन संभव नहीं है। इसमें गामा किरणों की डोज दी जाती है। इससे रक्तवाहिकाओं को नुकसान नहीं होता है। यह इलाज रेडिएशन आंकोलॉजी व न्यूरो सर्जरी विभाग के डॉक्टर मिलकर करते हैं। इसमें मरीज की फ्रेमिंग व इमेजिंग कर रेडिएशन दिया जाता है। कम समय में अधिक से अधिक मरीजों का इलाज हो सकेगा। 200 बेड का होगा सेंटर निदेशक डॉ. सीएम सिंह ने बताया कि न्यूरो साइंस सेंटर 200 बेड का होगा। जिसमें न्यूरोलॉजी और न्यूरो सर्जरी के सेंटर में 100-100 बेड होंगे। इनमें 60 बेड ICU-वेंटिलेटर के होंगे। यहां हेड इंजरी और सिर की बीमारी व चोट का संर्पूण इलाज एक छत के नीचे मिलेगा। ऐसे में मरीजों को इलाज के लिए भटकना नहीं पड़ेगा।