<p style=”text-align: justify;”><strong>Madhya Pradesh News:</strong> मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के विधायक लगातार अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल रहे हैं. मऊगंज के विधायक प्रदीप पटेल ने इसकी शुरुआत की थी, जिसके बाद जबलपुर के पाटन विधायक अजय बिश्नोई ने प्रदीप पटेल को समर्थन दिया. अब सागर जिले के बीजेपी विधायक बृजबिहारी पटेरिया ने भी अपने ही पार्टी के खिलाफ पुलिस थाने पर धरना देते हुए इस्तीफा दे दिया है. हालांकि, उन्होंने अपना इस्तीफा वापस ले लिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के विधायक मोहन यादव सरकार की कार्यशैली से नाराज होकर अलग-अलग ढंग से प्रदर्शन कर रहे हैं. एमपी के नए जिले मऊगंज के बीजेपी विधायक प्रदीप पटेल ने एडिशनल एसपी अनुराग पांडे के दफ्तर में दंडवत प्रणाम कर खुलेआम मोर्चा खोला था. उन्होंने पुलिस पर निष्क्रियता और नशे के खिलाफ कार्रवाई न करने के साथ अपराध बढ़ने जैसे आरोप लगाए थे. </p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं इसका वीडियो वायरल होने के बाद जबलपुर के बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री अजय बिश्नोई ने प्रदीप पटेल का समर्थन करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, “पूरी सरकार शराब माफिया के आगे दंडवत है.” इस बीच अब सागर जिले के देवरी के बीजेपी विधायक बृजबिहारी पटेल ने तो विधानसभा अध्यक्ष के नाम से इस्तीफा तक भेज दिया था. </p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल, बृज बिहारी पटेल ने 10 अक्टूबर की रात 10 बजे विधानसभा अध्यक्ष को लिखित इस्तीफा भेज दिया था, जिसमें लिखा कि “थाना केसली पर उनकी मौजूदगी में पीड़ित पक्ष की रिपोर्ट दर्ज नहीं होने की वजह से वे आहत हैं. इसी बात से व्यथित होकर वे विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं.” हालांकि, सूत्रों की माने तो उन्होंने अपना इस्तीफा वापस लेते हुए कहा गुस्से में आकर उन्होंने इस्तीफा दिया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या है पूरा मामला? </strong><br />सागर के केसली थाना क्षेत्र के ग्राम मेड़की में सर्पदंश से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. आरोप है कि अस्पताल में डॉक्टर ने रिपोर्ट में सर्पदंश से मौत लिखने की एवज जगह में 40 हजार रुपये मांगे. सबूत होने के बाद भी पुलिस ने डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की. इसके बाद विधायक थाने पहुंचे, फिर भी एफआईआर दर्ज नहीं हुई. इस पर विधायक बृजबिहारी पटेरिया ने कहा, “सबूत और सत्ता पक्ष के होने के बाद भी अगर एफआईआर नहीं हो रही है तो इससे शर्मनाक बात क्या हो सकती है?”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कांग्रेस हुई हमलावर</strong><br />वहीं बीजेपी के तीनों विधायकों की नाराजगी का फायदा कांग्रेस उठाने में लग गई है. कांग्रेस ने एक बार फिर डॉक्टर मोहन यादव सरकार पर हमला बोला है. कांग्रेस के प्रवक्ता मुकेश नायक ने कहा, “मध्य प्रदेश में कानून का राज नहीं बचा है. इसका प्रमाण भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने ही दे दिया है. अब सरकार को फैसला करना चाहिए कि उनकी नीति जनता के लिए काम कर रही है या अपराधियों के लिए. कांग्रेस तीनों बीजेपी विधायकों के आरोपों का समर्थन कर रही है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>(विक्रम सिंह जाट और नितिन ठाकुर की रिपोर्ट)</strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Madhya Pradesh News:</strong> मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के विधायक लगातार अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल रहे हैं. मऊगंज के विधायक प्रदीप पटेल ने इसकी शुरुआत की थी, जिसके बाद जबलपुर के पाटन विधायक अजय बिश्नोई ने प्रदीप पटेल को समर्थन दिया. अब सागर जिले के बीजेपी विधायक बृजबिहारी पटेरिया ने भी अपने ही पार्टी के खिलाफ पुलिस थाने पर धरना देते हुए इस्तीफा दे दिया है. हालांकि, उन्होंने अपना इस्तीफा वापस ले लिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के विधायक मोहन यादव सरकार की कार्यशैली से नाराज होकर अलग-अलग ढंग से प्रदर्शन कर रहे हैं. एमपी के नए जिले मऊगंज के बीजेपी विधायक प्रदीप पटेल ने एडिशनल एसपी अनुराग पांडे के दफ्तर में दंडवत प्रणाम कर खुलेआम मोर्चा खोला था. उन्होंने पुलिस पर निष्क्रियता और नशे के खिलाफ कार्रवाई न करने के साथ अपराध बढ़ने जैसे आरोप लगाए थे. </p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं इसका वीडियो वायरल होने के बाद जबलपुर के बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री अजय बिश्नोई ने प्रदीप पटेल का समर्थन करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, “पूरी सरकार शराब माफिया के आगे दंडवत है.” इस बीच अब सागर जिले के देवरी के बीजेपी विधायक बृजबिहारी पटेल ने तो विधानसभा अध्यक्ष के नाम से इस्तीफा तक भेज दिया था. </p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल, बृज बिहारी पटेल ने 10 अक्टूबर की रात 10 बजे विधानसभा अध्यक्ष को लिखित इस्तीफा भेज दिया था, जिसमें लिखा कि “थाना केसली पर उनकी मौजूदगी में पीड़ित पक्ष की रिपोर्ट दर्ज नहीं होने की वजह से वे आहत हैं. इसी बात से व्यथित होकर वे विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं.” हालांकि, सूत्रों की माने तो उन्होंने अपना इस्तीफा वापस लेते हुए कहा गुस्से में आकर उन्होंने इस्तीफा दिया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या है पूरा मामला? </strong><br />सागर के केसली थाना क्षेत्र के ग्राम मेड़की में सर्पदंश से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. आरोप है कि अस्पताल में डॉक्टर ने रिपोर्ट में सर्पदंश से मौत लिखने की एवज जगह में 40 हजार रुपये मांगे. सबूत होने के बाद भी पुलिस ने डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की. इसके बाद विधायक थाने पहुंचे, फिर भी एफआईआर दर्ज नहीं हुई. इस पर विधायक बृजबिहारी पटेरिया ने कहा, “सबूत और सत्ता पक्ष के होने के बाद भी अगर एफआईआर नहीं हो रही है तो इससे शर्मनाक बात क्या हो सकती है?”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कांग्रेस हुई हमलावर</strong><br />वहीं बीजेपी के तीनों विधायकों की नाराजगी का फायदा कांग्रेस उठाने में लग गई है. कांग्रेस ने एक बार फिर डॉक्टर मोहन यादव सरकार पर हमला बोला है. कांग्रेस के प्रवक्ता मुकेश नायक ने कहा, “मध्य प्रदेश में कानून का राज नहीं बचा है. इसका प्रमाण भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने ही दे दिया है. अब सरकार को फैसला करना चाहिए कि उनकी नीति जनता के लिए काम कर रही है या अपराधियों के लिए. कांग्रेस तीनों बीजेपी विधायकों के आरोपों का समर्थन कर रही है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>(विक्रम सिंह जाट और नितिन ठाकुर की रिपोर्ट)</strong></p> मध्य प्रदेश UP ByPolls 2024: कौन हैं ज्योति बिंद? जिन्हें सपा ने मझवां सीट से बनाया प्रत्याशी, पिता का BJP से रहा है कनेक्शन