हिमाचल में लगे भूकंप के झटके:शिमला जिला के रोहड़ू का चिड़गांव रहा केंद्र ,रिक्टर स्केल पर 3.0 तीव्रता की गई दर्ज

हिमाचल में लगे भूकंप के झटके:शिमला जिला के रोहड़ू का चिड़गांव रहा केंद्र ,रिक्टर स्केल पर 3.0 तीव्रता की गई दर्ज

हिमाचल प्रदेश के शिमला में आज दोपहर बाद भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3. मापी गई। जमीन के भीतर इसकी गहराई 5 किलोमीटर रही। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, दोपहर 3 बजकर 32 मिनट पर हिमाचल प्रदेश के शिमला हल्के झटके महसूस किए गए। भूंकप का केन्द्र शिमला जिला के रोहड़ू चिड़ग़ांव का खाशाधार केंद्र रहा है। जिन लोगों ने झटके महसूस किए, वह घरों से बाहर निकल आए। हालांकि झटकों की तीव्रता कम होने की वजह से ज्यादातर लोग इन्हें महसूस नहीं कर पाए। शिमला जिला के अधिकांश क्षेत्र भूकंप की दृष्टि से अति संवेदनशील यानी जोन 5 में आता है। इसलिए यहां बार-बार भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं। जानिए भूकंप क्यों आता है?
धरती की सतह मुख्य तौर पर 7 बड़ी और कई छोटी-छोटी टेक्टोनिक प्लेट्स से मिलकर बनी है। ये प्लेट्स लगातार तैरती रहती हैं और कई बार आपस में टकरा जाती हैं। टकराने से कई बार प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं और ज्यादा दबाव पड़ने पर ये प्लेट्स टूटने लगती हैं। ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर निकलने का रास्ता खोजती है और इस डिस्टरबेंस के वजह से ही भूकंप आता है। हिमाचल प्रदेश के शिमला में आज दोपहर बाद भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3. मापी गई। जमीन के भीतर इसकी गहराई 5 किलोमीटर रही। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, दोपहर 3 बजकर 32 मिनट पर हिमाचल प्रदेश के शिमला हल्के झटके महसूस किए गए। भूंकप का केन्द्र शिमला जिला के रोहड़ू चिड़ग़ांव का खाशाधार केंद्र रहा है। जिन लोगों ने झटके महसूस किए, वह घरों से बाहर निकल आए। हालांकि झटकों की तीव्रता कम होने की वजह से ज्यादातर लोग इन्हें महसूस नहीं कर पाए। शिमला जिला के अधिकांश क्षेत्र भूकंप की दृष्टि से अति संवेदनशील यानी जोन 5 में आता है। इसलिए यहां बार-बार भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं। जानिए भूकंप क्यों आता है?
धरती की सतह मुख्य तौर पर 7 बड़ी और कई छोटी-छोटी टेक्टोनिक प्लेट्स से मिलकर बनी है। ये प्लेट्स लगातार तैरती रहती हैं और कई बार आपस में टकरा जाती हैं। टकराने से कई बार प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं और ज्यादा दबाव पड़ने पर ये प्लेट्स टूटने लगती हैं। ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर निकलने का रास्ता खोजती है और इस डिस्टरबेंस के वजह से ही भूकंप आता है।   हिमाचल | दैनिक भास्कर