काशी विश्वनाथ मंदिर में 2 बड़े बदलाव:तंदुल महाप्रसादम् महंगा हुआ, सुगम दर्शन 50 रुपए सस्ता; श्रद्धालुओं को अंदर नहीं मिलेगा प्रसाद

काशी विश्वनाथ मंदिर में 2 बड़े बदलाव:तंदुल महाप्रसादम् महंगा हुआ, सुगम दर्शन 50 रुपए सस्ता; श्रद्धालुओं को अंदर नहीं मिलेगा प्रसाद

काशी विश्वनाथ मंदिर की व्यवस्था में 2 बड़े बदलाव हुए हैं। पहला, महाप्रसादम् का रेट महंगा हो गया है। दूसरा, श्रद्धालुओं के लिए सुगम दर्शन सस्ता किया गया है। अब महाप्रसादम् गुजरात की अमूल कंपनी बना रही है। पहले वाराणसी की 2 संस्थाएं प्रसाद तैयार कर रही थीं। नई कंपनी ने काम संभालने के बाद पहला बदलाव दाम में किया। पहले दाम जानिए… 200 ग्राम लड्‌डू का दाम 120 रुपए
नई कंपनी ने 200 ग्राम लड्‌डुओं की कीमत 120 रुपए तय की है। एक डिब्बे में 6 लड्‌डू की मात्रा रखी गई है। पहले इतना ही लड्‌डू 100 रुपए में मिलता था। यानी अब श्रद्धालुओं को 20 रुपए ज्यादा चुकाने होंगे।एक और बाध्यता है, अमूल कंपनी ने अभी तक 100 ग्राम या 400 ग्राम के प्रसाद के डिब्बे काउंटर पर नहीं उपलब्ध कराए हैं। पहले 100 ग्राम के डिब्बों में भी प्रसाद मिलता था। जब तक अमूल छोटे डिब्बों में प्रसाद नहीं उपलब्ध कराता, श्रद्धालुओं को 200 ग्राम प्रसाद ही लेना होगा। संस्थाओं को मना किया, फिर अमूल का काउंटर खुला
दरअसल, 11 अक्टूबर को अचानक महाप्रसादम् बनाने वाली 2 संस्थाओं को मना कर दिया कि अब आपका प्रसाद नहीं लिया जाएगा। ये 2 संस्थाएं, महालक्ष्मी ट्रेडर्स और बेला पापड़ स्वयं सहायता समूह हैं। जो 5 साल से मंदिर के लिए प्रसाद तैयार कर रहे थे। परिसर में रखा हुआ सारा प्रसाद वापस भिजवा दिया गया। मंदिर न्यास ने कहा- क्वालिटी बनाए रखने के लिए अब अमूल कंपनी द्वारा तैयार तंदुल महाप्रसादम् ही श्रद्धालुओं को मिलेगा। गेट पर अमूल का दूध भी मिल रहा
अब मंदिर न्यास ने क्वालिटी का हवाला देते हुए दशहरे पर नए प्रसाद ‘तंदुल महाप्रसाद’ भक्तों के लिए उपलब्ध कराना शुरू कर दिया है। कंपनी का काउंटर गंगा द्वार के पास लगा है। यहीं पास में अमूल दूध का सेल काउंटर भी लगाया गया है। शिवलिंग पर चढ़ाने के लिए 10 रुपए में दूध उपलब्ध कराया जा रहा है। चावल का आटा-बेलपत्र और ड्राई फ्रूट से बना लड्‌डू
बाबा विश्वनाथ को चढ़ने वाले बेलपत्र, चावल का आटा और ड्राई फ्रूट मिलाकर तंदुल महा प्रसादम् तैयार किया जाता है। CEO विश्व भूषण मिश्रा ने कहा– हमने वेद में पारंगत लोगों से गहन मंथन किया। भगवान शिव को चढ़ने वाले प्रसाद की क्वालिटी और इसमें मिलाए जाने वाली सामग्रियों पर विचार-विमर्श किया। तब विशेष तरह के लड्डुओं को तैयार किया गया। सुगम दर्शन टिकट में 50 रुपए की छूट, नया रेट 250
काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास ने सुगम दर्शन की फीस 50 रुपए कम कर दी है। श्रद्धालुओं को पहले सुगम दर्शन के लिए 300 रुपए देने पड़ते थे। वहीं अब इसके लिए 250 रुपए ही देने होंगे। लेकिन उन्हें अंदर प्रसाद नहीं मिलेगा। प्रसाद अमूल काउंटर से ही खरीदना होगा। हालांकि, मंगला आरती समेत अन्य आरती के शुल्क में कोई बदलाव नहीं हुआ है। दीपावली पर 4 दिन नहीं होंगी मंगला आरती, बुकिंग हाउसफुल
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर की मंगला आरती की ऑनलाइन बुकिंग दीपावली तक फुल है। कई-कई दिनों की वेटिंग चल रही है। सप्तऋषि आरती, शृंगार आरती और मध्याह्न भोग आरती में 15 से 20 दिनों की वेटिंग है। दीपावली के चार दिन बाद तक बाबा विश्वनाथ की मंगला आरती और छह दिन बाद तक सप्तऋषि आरती की ऑनलाइन बुकिंग नहीं हो पाएगी। मंदिर ट्रस्ट की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, दीपावली तक मंगला आरती के सभी टिकट एडवांस बुक हो चुके हैं। 6 नवंबर और 7 नवंबर तक स्लॉट खुला है, जिसमें कुछ टिकट ही बचे हैं। हालांकि, मंगला आरती की एडवांस बुकिंग 30 दिन पहले तक ही की जा सकती है। नवरात्रि और दीपावली को लेकर बाबा विश्वनाथ धाम में भक्तों की भारी भीड़ चल रही है। ———————————————— यह भी पढ़ें : महाकुंभ में पहले स्नान कौन करेगा? 2-अखाड़ों के अपने-अपने दावे, महानिर्वाणी अखाड़ा के पहले स्नान की परंपरा; जूना अखाड़ा ने कहा-हमारे पास सबसे ज्यादा साधु, पहले हम करेंगे महाकुंभ में पहली बार अखाड़ों के स्नान पर विवाद खड़ा हो गया है। राजसी स्नान पहले कौन करेगा? दूसरे नंबर पर किस अखाड़े के साधु आएंगे? इसको लेकर 2 अखाड़े अपने-अपने दावे कर रहे हैं। स्नान का यह मुद्दा अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद में उठा। जहां जूना अखाड़ा ने कहा- हमारे साथ सबसे ज्यादा साधु-संत हैं। हम पहले स्नान करेंगे? इस दावे को श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी से चुनौती है, क्योंकि सदियों से चली आ रही परंपरा में यही अखाड़ा पहले स्नान करता आया है। इस अखाड़े के सचिव महंत ने साफ कर दिया है कि हमारे अखाड़े के साधु ही सबसे पहले राजसी स्नान करेंगे। पढ़िए पूरी खबर… काशी विश्वनाथ मंदिर की व्यवस्था में 2 बड़े बदलाव हुए हैं। पहला, महाप्रसादम् का रेट महंगा हो गया है। दूसरा, श्रद्धालुओं के लिए सुगम दर्शन सस्ता किया गया है। अब महाप्रसादम् गुजरात की अमूल कंपनी बना रही है। पहले वाराणसी की 2 संस्थाएं प्रसाद तैयार कर रही थीं। नई कंपनी ने काम संभालने के बाद पहला बदलाव दाम में किया। पहले दाम जानिए… 200 ग्राम लड्‌डू का दाम 120 रुपए
नई कंपनी ने 200 ग्राम लड्‌डुओं की कीमत 120 रुपए तय की है। एक डिब्बे में 6 लड्‌डू की मात्रा रखी गई है। पहले इतना ही लड्‌डू 100 रुपए में मिलता था। यानी अब श्रद्धालुओं को 20 रुपए ज्यादा चुकाने होंगे।एक और बाध्यता है, अमूल कंपनी ने अभी तक 100 ग्राम या 400 ग्राम के प्रसाद के डिब्बे काउंटर पर नहीं उपलब्ध कराए हैं। पहले 100 ग्राम के डिब्बों में भी प्रसाद मिलता था। जब तक अमूल छोटे डिब्बों में प्रसाद नहीं उपलब्ध कराता, श्रद्धालुओं को 200 ग्राम प्रसाद ही लेना होगा। संस्थाओं को मना किया, फिर अमूल का काउंटर खुला
दरअसल, 11 अक्टूबर को अचानक महाप्रसादम् बनाने वाली 2 संस्थाओं को मना कर दिया कि अब आपका प्रसाद नहीं लिया जाएगा। ये 2 संस्थाएं, महालक्ष्मी ट्रेडर्स और बेला पापड़ स्वयं सहायता समूह हैं। जो 5 साल से मंदिर के लिए प्रसाद तैयार कर रहे थे। परिसर में रखा हुआ सारा प्रसाद वापस भिजवा दिया गया। मंदिर न्यास ने कहा- क्वालिटी बनाए रखने के लिए अब अमूल कंपनी द्वारा तैयार तंदुल महाप्रसादम् ही श्रद्धालुओं को मिलेगा। गेट पर अमूल का दूध भी मिल रहा
अब मंदिर न्यास ने क्वालिटी का हवाला देते हुए दशहरे पर नए प्रसाद ‘तंदुल महाप्रसाद’ भक्तों के लिए उपलब्ध कराना शुरू कर दिया है। कंपनी का काउंटर गंगा द्वार के पास लगा है। यहीं पास में अमूल दूध का सेल काउंटर भी लगाया गया है। शिवलिंग पर चढ़ाने के लिए 10 रुपए में दूध उपलब्ध कराया जा रहा है। चावल का आटा-बेलपत्र और ड्राई फ्रूट से बना लड्‌डू
बाबा विश्वनाथ को चढ़ने वाले बेलपत्र, चावल का आटा और ड्राई फ्रूट मिलाकर तंदुल महा प्रसादम् तैयार किया जाता है। CEO विश्व भूषण मिश्रा ने कहा– हमने वेद में पारंगत लोगों से गहन मंथन किया। भगवान शिव को चढ़ने वाले प्रसाद की क्वालिटी और इसमें मिलाए जाने वाली सामग्रियों पर विचार-विमर्श किया। तब विशेष तरह के लड्डुओं को तैयार किया गया। सुगम दर्शन टिकट में 50 रुपए की छूट, नया रेट 250
काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास ने सुगम दर्शन की फीस 50 रुपए कम कर दी है। श्रद्धालुओं को पहले सुगम दर्शन के लिए 300 रुपए देने पड़ते थे। वहीं अब इसके लिए 250 रुपए ही देने होंगे। लेकिन उन्हें अंदर प्रसाद नहीं मिलेगा। प्रसाद अमूल काउंटर से ही खरीदना होगा। हालांकि, मंगला आरती समेत अन्य आरती के शुल्क में कोई बदलाव नहीं हुआ है। दीपावली पर 4 दिन नहीं होंगी मंगला आरती, बुकिंग हाउसफुल
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर की मंगला आरती की ऑनलाइन बुकिंग दीपावली तक फुल है। कई-कई दिनों की वेटिंग चल रही है। सप्तऋषि आरती, शृंगार आरती और मध्याह्न भोग आरती में 15 से 20 दिनों की वेटिंग है। दीपावली के चार दिन बाद तक बाबा विश्वनाथ की मंगला आरती और छह दिन बाद तक सप्तऋषि आरती की ऑनलाइन बुकिंग नहीं हो पाएगी। मंदिर ट्रस्ट की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, दीपावली तक मंगला आरती के सभी टिकट एडवांस बुक हो चुके हैं। 6 नवंबर और 7 नवंबर तक स्लॉट खुला है, जिसमें कुछ टिकट ही बचे हैं। हालांकि, मंगला आरती की एडवांस बुकिंग 30 दिन पहले तक ही की जा सकती है। नवरात्रि और दीपावली को लेकर बाबा विश्वनाथ धाम में भक्तों की भारी भीड़ चल रही है। ———————————————— यह भी पढ़ें : महाकुंभ में पहले स्नान कौन करेगा? 2-अखाड़ों के अपने-अपने दावे, महानिर्वाणी अखाड़ा के पहले स्नान की परंपरा; जूना अखाड़ा ने कहा-हमारे पास सबसे ज्यादा साधु, पहले हम करेंगे महाकुंभ में पहली बार अखाड़ों के स्नान पर विवाद खड़ा हो गया है। राजसी स्नान पहले कौन करेगा? दूसरे नंबर पर किस अखाड़े के साधु आएंगे? इसको लेकर 2 अखाड़े अपने-अपने दावे कर रहे हैं। स्नान का यह मुद्दा अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद में उठा। जहां जूना अखाड़ा ने कहा- हमारे साथ सबसे ज्यादा साधु-संत हैं। हम पहले स्नान करेंगे? इस दावे को श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी से चुनौती है, क्योंकि सदियों से चली आ रही परंपरा में यही अखाड़ा पहले स्नान करता आया है। इस अखाड़े के सचिव महंत ने साफ कर दिया है कि हमारे अखाड़े के साधु ही सबसे पहले राजसी स्नान करेंगे। पढ़िए पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर