बहराइच हिंसा का शुक्रवार को 6वां दिन है। हालात अभी भी सामान्य नहीं हो पाए हैं। गुरुवार को पुलिस ने राम गोपाल मिश्रा की हत्या के दो आरोपियों सरफराज और तालीम को एनकाउंटर में पैर में गोली मार दी। दोनों बहराइच जिला अस्पताल में भर्ती हैं। बहराइच जिला मुख्यालय पर हालात सामान्य हो गए हैं। आवागमन शुरू हो गया है। एनकाउंटर के बाद फिर तनाव बढ़ गया। सैकड़ों की संख्या में लोग जिला अस्पताल पहुंच गए। ऐसे में जिन-जिन जगहों पर हिंसा हुई थी वहां फिर से सुरक्षा बढ़ा दी गई है। आज जुमे को देखते हुए रात में पुलिस ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। इस दौरान डीएम-एसपी भी रहीं हैं। खुफिया विभाग को भी अलर्ट मोड पर रखा गया। जगह-जगह खुफिया विभाग के जवानों को तैनात किया गया है। इधर, हिंसा में मारे गए राम गोपाल मिश्रा की पत्नी रोली ने आरोपियों के एनकाउंटर के बाद वीडियो जारी किया। कहा-अभी हमारे साथ इंसाफ नहीं हुआ है। आरोपियों के पैर पर गोली मारी गई है। ये इंसाफ नहीं है। 13 अक्टूबर यानी रविवार को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान भड़की हिंसा में अब तक 15 एफआईआर दर्ज हो चुकी है। 60 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पल-पल की अपडेट्स के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए… बहराइच हिंसा का शुक्रवार को 6वां दिन है। हालात अभी भी सामान्य नहीं हो पाए हैं। गुरुवार को पुलिस ने राम गोपाल मिश्रा की हत्या के दो आरोपियों सरफराज और तालीम को एनकाउंटर में पैर में गोली मार दी। दोनों बहराइच जिला अस्पताल में भर्ती हैं। बहराइच जिला मुख्यालय पर हालात सामान्य हो गए हैं। आवागमन शुरू हो गया है। एनकाउंटर के बाद फिर तनाव बढ़ गया। सैकड़ों की संख्या में लोग जिला अस्पताल पहुंच गए। ऐसे में जिन-जिन जगहों पर हिंसा हुई थी वहां फिर से सुरक्षा बढ़ा दी गई है। आज जुमे को देखते हुए रात में पुलिस ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। इस दौरान डीएम-एसपी भी रहीं हैं। खुफिया विभाग को भी अलर्ट मोड पर रखा गया। जगह-जगह खुफिया विभाग के जवानों को तैनात किया गया है। इधर, हिंसा में मारे गए राम गोपाल मिश्रा की पत्नी रोली ने आरोपियों के एनकाउंटर के बाद वीडियो जारी किया। कहा-अभी हमारे साथ इंसाफ नहीं हुआ है। आरोपियों के पैर पर गोली मारी गई है। ये इंसाफ नहीं है। 13 अक्टूबर यानी रविवार को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान भड़की हिंसा में अब तक 15 एफआईआर दर्ज हो चुकी है। 60 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पल-पल की अपडेट्स के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
Related Posts
2029 में दिल्ली का रास्ता यूपी से होकर गुजरेगा:यूपी, महाराष्ट्र, कर्नाटक और बंगाल में भाजपा से हुई गलतियां महंगी साबित हुईं
2029 में दिल्ली का रास्ता यूपी से होकर गुजरेगा:यूपी, महाराष्ट्र, कर्नाटक और बंगाल में भाजपा से हुई गलतियां महंगी साबित हुईं यूपी में 10 विधानसभा सीटों के लिए उप-चुनाव होने हैं। इन पर बहुत कुछ दांव पर लगा है। वैसे उप-चुनाव के नतीजों का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा। विधानसभा की 403 सीटों में से 251 पर भाजपा काबिज है। NDA सहयोगियों को मिलाकर 283 सीटें हैं, जो कि 70% से अधिक है। लेकिन भाजपा की चिंता यह है कि क्या 10 सीटों पर उप-चुनाव के नतीजे उसी रुझान को दर्शाएंगे, जिसने 2019 के लोकसभा चुनाव में यूपी में 62 सीटें जीतने वाली पार्टी को 2024 में 33 सीटों पर ला दिया था? यूपी की इन 10 विधानसभा सीटों में से 5 सीटें ही भाजपा के लिए सुरक्षित दिखाई देती हैं। ये सीटें मौजूदा विधायकों (सपा नेता अखिलेश यादव सहित) के लोकसभा चुनाव लड़ने या (एक मामले में) अयोग्य ठहराए जाने के कारण खाली हुई हैं। ये सीटें भाजपा (3) और NDA सहयोगी आरएलडी (1) और निषाद पार्टी (1) के पास थीं। लेकिन भाजपा के लिए समस्या उन 5 सीटों को लेकर है, जिन पर पहले सपा का कब्जा था। योगी आदित्यनाथ ने उप-चुनाव प्रचार की कमान खुद संभाली है। उन्हें पता है कि विपक्षी दल ही नहीं, उनकी पार्टी के कुछ लोग भी उन पर निशाना साध रहे हैं। सपा की 5 सीटों में सेंध लगाना योगी का टारगेट
NDA की 5 सीटों को बरकरार रखना भर ही योगी के दबदबे को बनाए रखने के लिए शायद काफी न हो। उन्हें सपा की 5 सीटों में भी सेंध लगाना होगी, जो उनके लिए एक चुनौती है। ऐसे में विपक्ष को इन उप-चुनावों में अपने लिए एक और अवसर की गंध आ रही है। NDA और विपक्षी गठबंधन दोनों ही मानते हैं कि 2027 में होने वाला अगला यूपी विधानसभा चुनाव 2029 के लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय राजनीति को बदल सकता है। आंध्र प्रदेश और बिहार को बजट में जैसी सौगातें मिलीं, उनके मद्देनजर चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार के NDA से अलग होने के अब कोई आसार नहीं। विपक्ष जानता है कि इसी के साथ मध्यावधि लोकसभा चुनाव की संभावनाएं भी धूमिल हो चुकी हैं। ऐसे में उसके लिए सबसे अच्छी रणनीति इसी साल होने वाले प्रमुख राज्य विधानसभा चुनावों (महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड) को जीतकर 2029 से पहले केंद्र सरकार को कमजोर करना है। अगर विपक्ष महाराष्ट्र और हरियाणा में जीतता है, तो भारत के चार धनी राज्यों (कर्नाटक, तेलंगाना, महाराष्ट्र और हरियाणा) पर उसका नियंत्रण हो जाएगा। इसके अलावा तमिलनाडु में द्रमुक के साथ गठबंधन और कांग्रेस के नेतृत्व वाला विपक्ष भी पुनरुद्धार की राह पर है। योगी की बात न मानकर यूपी में NDA हारा 25 सीटें
इस सबके बावजूद कांग्रेस जानती है कि मुख्य किला तो यूपी ही है। हालांकि यूपी में चुनाव 2027 तक नहीं होंगे, लेकिन 10 सीटों पर उप-चुनाव लिटमस टेस्ट साबित हो सकते हैं। मुख्यमंत्री योगी 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए यूपी से उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया में शामिल नहीं थे। वह नए चेहरे चाहते थे, लेकिन हाईकमान ने उनकी बात खारिज कर दी। यूपी में कम से कम 25 सीटों पर खराब उम्मीदवारों के चयन से भाजपा को हार मिली। अंदरूनी असंतोष ने हालात और बिगाड़ दिए। असंतुष्टों को निर्देश, मतभेदों को अपने तक ही रखें
राष्ट्रीय नेता के तौर पर योगी की बढ़ती लोकप्रियता को लखनऊ और दिल्ली दोनों जगहों पर पार्टी के कुछ लोगों ने खतरे की घंटी के तौर पर देखा था। लेकिन, अब राज्य में डबल इंजन को फिर से शुरू करने की कोशिशें चल रही हैं। मोदी ने योगी के नेतृत्व के लिए अपना समर्थन दोहराया है। यूपी इकाई में असंतुष्टों को निर्देश दे दिया गया है कि वे मतभेदों को अपने तक ही रखें। अयोध्या में हार के अलावा भाजपा ने लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री के वाराणसी क्षेत्र में भी खराब प्रदर्शन किया था। उसने पश्चिमी यूपी और वाराणसी क्षेत्र की 28 में से सिर्फ 8 ही सीटें जीती हैं। यूपी के अलावा, भाजपा आलाकमान से महाराष्ट्र में भी भूलें हुई हैं। अगर भाजपा, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी के बीच गठबंधन की सीटों का बंटवारा जल्दी से तय नहीं होता है, तो नवंबर में वहां पर उद्धव ठाकरे की मुख्यमंत्री के तौर पर वापसी हो सकती है। अजित पवार के बागी विधायकों को महायुति गठबंधन में शामिल करना एक रणनीतिक गलती थी। इससे वर्षों तक एनसीपी की राजनीति से लोहा लेने वाले भाजपा के कैडर का मनोबल टूटा है। शरद पवार के प्रति सहानुभूति बढ़ी है। उद्धव खेमे के कई विधायक महा विकास अघाड़ी के प्रति वफादार बने हुए हैं। कांग्रेस समेत तीनों गठबंधन सहयोगियों ने अक्टूबर, 2024 में महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे पर पहले ही बातचीत शुरू कर दी है। जबकि शिंदे-फडणवीस-अजित पवार समूह अभी भी सीटों के बंटवारे को लेकर उलझा है। कई असंतुष्ट बागी एनसीपी नेता शरद पवार खेमे में वापसी की राह तलाश रहे हैं। शीर्ष नेतृत्व की रणनीतिक गलतियों के कारण ही 2021 में पश्चिम बंगाल और 2023 में कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष कर्नाटक चुनाव रणनीति के प्रभारी थे, जिनमें काफी खामियां थीं। लेकिन संतोष पर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का भरोसा बना हुआ है। पिछले हफ्ते योगी संतोष से मिलने दिल्ली आए थे, ताकि यूपी की 10 सीटों पर होने वाले उप-चुनाव और राज्य के संगठन में असंतोष को शांत करने पर चर्चा की जा सके। 2029 में दिल्ली का रास्ता यूपी से होकर गुजरने वाला है। अगर राज्य के नेतृत्व को उम्मीदवार चयन पर आलाकमान द्वारा लिए गए खराब फैसलों के लिए बलि का बकरा बनाया जाता है, तो भाजपा के लिए यह रास्ता मुश्किल हो सकता है। (ये लेखक के अपने विचार हैं)
Father’s Day 2024: गुल्लक में बचत के रुपये से करवाई 14 बच्चियों की शादी, पिता बनकर करते हैं कन्यादान
Father’s Day 2024: गुल्लक में बचत के रुपये से करवाई 14 बच्चियों की शादी, पिता बनकर करते हैं कन्यादान <p style=”text-align: justify;”><strong>Rajasthan News: </strong>भरतपुर के 49 वर्षीय पुष्कर सिंह की चारों तरफ चर्चा हो रही है. पुष्कर सिंह गुल्लक के पैसे से हर साल गरीब लड़की का हाथ पीला करते हैं. अब तक उन्होंने 14 गरीब बच्चियों की शादी कराई है. पति के काम में पत्नी का भी सहयोग मिलता है. नदिया मोहल्ला के रहने वाले पुष्कर सिंह बताते हैं कि 2009 से गरीब बच्चियों की शादी का बीड़ा उठाया था. खुद के खर्च से अब तक 14 बच्चियों का हाथ पीले कर चुके हैं. पुष्कर सिंह दुकान चलाकर और पटाखे बेच कर परिवार की जिम्मेदारी संभालते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>परिवार में पत्नी और दो बेटी हैं. पति के काम में पत्नी भी हाथ बंटाती हैं. उन्होंने कहा कि पत्नी के साथ बेटियां भी गुल्लक में रोजाना बचत का हिस्सा डालती हैं. सभी के गुल्लक अलग-अलग हैं. एक साल बाद गुल्लक में सभी की बचत के रुपये निकालकर गरीब लड़की की शादी पर खर्च करते हैं. पुष्कर सिंह के दादा और दादी स्वतंत्रता सेनानी थे. दादी ने पोते से सक्षम होने पर एक गरीब बच्ची की शादी कराने का वादा लिया था. पुष्कर सिंह ने दादी से किये वादे को निभाने का संकल्प लिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><br /><img src=”https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/06/16/337036b0f11aff17e9c25f7ba551fdad1718556362252211_original.png” /></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>खुद के खर्च से गरीब बच्ची का हाथ पीला करते हैं</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>वादे को आज तक निभाते चले आ रहे हैं. उन्होंने खुद के खर्च से गरीब बेटी की शादी का बीड़ा उठाया. शादी में दुल्हन को घरेलू सामान दिया जाता है. वर या वधु पक्ष से एक रुपये लिये बिना गरीब बच्ची का हाथ पीला किया जाता है. पुष्कर सिंह कन्या और वर पक्ष के लोगों को दावत भी देते हैं. मेहमानों की आवभगत में कमी नहीं छोड़ी जाती है. दुल्हन को नाक कान के गहने भी दिये जाते हैं. शादी की रस्म पूरी होने के बाद दंपति वर और वधु को सुखमय जीवन का आशीर्वाद देता है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”Jodhpur News: बढ़ती कीमत के बीच प्याज से भरा ट्रक गायब, व्यापारी ने ड्राइवर के खिलाफ किया केस” href=”https://www.abplive.com/states/rajasthan/jodhpur-onion-loaded-truck-route-punjab-goes-missing-amid-price-hike-ann-2716361″ target=”_self”>Jodhpur News: बढ़ती कीमत के बीच प्याज से भरा ट्रक गायब, व्यापारी ने ड्राइवर के खिलाफ किया केस</a></strong></p>
यूपी उपचुनाव से पहले BSP में बदलाव की तैयारी? मायावती ने बुलाई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक
यूपी उपचुनाव से पहले BSP में बदलाव की तैयारी? मायावती ने बुलाई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक <p style=”text-align: justify;”><strong>UP News:</strong> बहुजन समाज पार्टी के मुखिया और बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने 27 अगस्त को पार्टी कार्यालय पर बैठक बुलाई है. यह बैठक सुबह 10:00 बजे पार्टी कार्यालय पर बुलाई गई इस बैठक में सभी राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर के पदाधिकारियों को बुलाया गया है, इस बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बसपा में राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के साथी साथ बसपा अपना राष्ट्रीय एजेंडा भी तय करेगी. बहुजन समाज पार्टी इस वक्त पूरे देश में अलग-अलग कार्यक्रम करके लोगों के बीच में अपनी पकड़ बनाने का काम कर रही है. इस बैठक में बसपा राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करते हुए रणनीति के साथ आगे बढ़ाना है इस पर भी विचार विमर्श करेगी. </p>
<p style=”text-align: justify;”>आपको बता दें कि बहुजन समाज पार्टी में 5 साल में राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होता है. इस चुनाव के पहले 2019 में बसपा सुप्रीमो मायावती को सर्वसम्मति से राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया था. इससे पहले अगस्त 2019 में मायावती को राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया था. पार्टी संविधान के मुताबिक इसी महीने राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव हो जाना है. इस कार्यकारिणी बैठक में राष्ट्रीय और प्रदेश पदाधिकारियों के साथ मंडल प्रभारी और जिला अध्यक्ष भी होंगे शामिल.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>भारत बंद के ऐलान को मिला बसपा का समर्थन</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>21 अगस्त को पूरे देश में भारत बंद के ऐलान का भी बहुजन समाज पार्टी ने समर्थन किया था और इसमें बहुजन समाज पार्टी के कार्यकर्ता जिले स्तर पर अपना प्रदर्शन भी किए थे. बहुजन समाज पार्टी आमतौर पर सड़कों पर कम उतरती है पर आज से 8 साल पहले उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक विवाद में बसपा ने प्रदर्शन किया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर का बसपा ने किया विरोध</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं 8 साल बाद एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर वर्गीकरण के कोर्ट के आदेश के विरोध में बसपा सड़क पर उतरी थी. इस बैठक में बहुजन समाज पार्टी आने वाले दिनों में इस आरक्षण में वर्गीकरण के फैसले को लेकर किसी नई रणनीति पर भी चर्चा कर सकती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-police-recruitment-exam-2024-gonda-police-checked-examination-centers-ann-2766863″>यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा को लेकर प्रशासन सतर्क, परीक्षा केंद्रों की कराई गई लाइव जांच</a></strong></p>