राजस्थान उपचुनाव में बीजेपी ने बागियों और पूर्व चेहरों पर क्यों लगाया दांव, क्या इनकी राह होगी आसान?

राजस्थान उपचुनाव में बीजेपी ने बागियों और पूर्व चेहरों पर क्यों लगाया दांव, क्या इनकी राह होगी आसान?

<p style=”text-align: justify;”><strong>Rajasthan Assembly By-Elections 2024:</strong> राजस्थान में सात सीटों पर उपचुनाव होने हैं. जिसे लेकर कल बीजेपी ने छह सीटों पर नामों का ऐलान कर दिया है. जिसमें ज्यादातर पुराने बागी है. इतना ही नहीं एक पूर्व विधायक और एक सीट पर मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के भाई पर बीजेपी ने दांव लगाया है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>आखिर बीजेपी को पुराने चेहरों पर क्यों जाना पड़ा ? क्यों उन्ही बागी चेहरों को मैदान में उतारना पड़ा ? ये कई सवाल कल से उठने लगे है. सूत्रों की मानें तो इस बार बीजेपी इन सीटों पर चुनाव जीतना चाह रही है. इसलिए इस बार नए समीकरण के साथ मैदान में उतरने की तैयारी थी. चूंकि , उपचुनाव में यहां पर जीत बड़ा मुश्किल हो जाता है. इसलिए जातीय समीकरण के साथ ही साथ चेहरों पर भी ध्यान दिया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>झुंझूनूं, रामगढ़ और दौसा में रखा गया ध्यान ?</strong><br />झुंझुनूं विधानसभा सीट पर बीजेपी को लगातार हार मिल रही है. इसलिए इस बार राजेंद्र भाम्बू को टिकट दिया है. राजेंद्र वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय लड़ा था. उन्हें 42 हजार वोट मिले थे. इस बार वहां से बीजेपी ने भाम्बू को प्रत्याशी बनाया है. यहां पर बगावत न हो सके. रामगढ विधान सभा सीट पर सुखवंत सिंह पिछला चुनाव निर्दलीय लड़े थे. जबकि पहले वो बीजेपी में थे. इसलिए वहां से बगावत न हो उन्हें टिकट दिया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं, दौसा से किरोड़ी लाल मीणा के भाई जगमोहन मीणा को टिकट मिला है. चूंकि, पिछले कुछ दिनों से किरोड़ी लाल मीणा नाराज चल रहे थे इसलिए उन्हें अब ‘खुश’ करने के लिए ये निर्णय बीजेपी ने लिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>खींवसर, देवली-उनियारा और सलूम्बर पर ये दांव ?</strong><br />खींवसर विधानसभा सीट पर बीजेपी ने पिछली बार के प्रत्याशी रहे रेवंत राम डांगा को मैदान में उतारा है. डांगा सिर्फ 2059 वोटों से हार गए थे. यहां पर अगर कांग्रेस और आरएलपी अलग अलग लड़ेगी तो कुछ भी हो सकता है. इसलिए, बीजेपी ने पहले ही अपने पत्ते खोल दिए हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>देवली उनियारा पर पूर्व विधायक राजेंद्र गुर्जर को बीजेपी ने उम्मीदवार बनाया है. उन्हें एक कैबिनेट मंत्री के जोर पर टिकट मिला है. जबकि, यह सीट अभी भी खतरे में है. सलूंबर सीट पर बीजेपी ने सहानुभूति का कार्ड खेला है. पूर्व विधायक अमृतलाल मीणा की पत्नी शांता देवी को टिकट दिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”मंत्री मदन दिलावर के इस बयान पर राजनीतिक बवाल, BJP विधायक ने ही किया विरोध, कहा- &lsquo;पार्टी की होती है बदनामी&rsquo;” href=”https://www.abplive.com/states/rajasthan/bjp-mla-suresh-dhakad-targets-education-minister-madan-dilawar-on-teachers-clothes-statement-2807098″ target=”_self”>मंत्री मदन दिलावर के इस बयान पर राजनीतिक बवाल, BJP विधायक ने ही किया विरोध, कहा- &lsquo;पार्टी की होती है बदनामी&rsquo;</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Rajasthan Assembly By-Elections 2024:</strong> राजस्थान में सात सीटों पर उपचुनाव होने हैं. जिसे लेकर कल बीजेपी ने छह सीटों पर नामों का ऐलान कर दिया है. जिसमें ज्यादातर पुराने बागी है. इतना ही नहीं एक पूर्व विधायक और एक सीट पर मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के भाई पर बीजेपी ने दांव लगाया है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>आखिर बीजेपी को पुराने चेहरों पर क्यों जाना पड़ा ? क्यों उन्ही बागी चेहरों को मैदान में उतारना पड़ा ? ये कई सवाल कल से उठने लगे है. सूत्रों की मानें तो इस बार बीजेपी इन सीटों पर चुनाव जीतना चाह रही है. इसलिए इस बार नए समीकरण के साथ मैदान में उतरने की तैयारी थी. चूंकि , उपचुनाव में यहां पर जीत बड़ा मुश्किल हो जाता है. इसलिए जातीय समीकरण के साथ ही साथ चेहरों पर भी ध्यान दिया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>झुंझूनूं, रामगढ़ और दौसा में रखा गया ध्यान ?</strong><br />झुंझुनूं विधानसभा सीट पर बीजेपी को लगातार हार मिल रही है. इसलिए इस बार राजेंद्र भाम्बू को टिकट दिया है. राजेंद्र वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय लड़ा था. उन्हें 42 हजार वोट मिले थे. इस बार वहां से बीजेपी ने भाम्बू को प्रत्याशी बनाया है. यहां पर बगावत न हो सके. रामगढ विधान सभा सीट पर सुखवंत सिंह पिछला चुनाव निर्दलीय लड़े थे. जबकि पहले वो बीजेपी में थे. इसलिए वहां से बगावत न हो उन्हें टिकट दिया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं, दौसा से किरोड़ी लाल मीणा के भाई जगमोहन मीणा को टिकट मिला है. चूंकि, पिछले कुछ दिनों से किरोड़ी लाल मीणा नाराज चल रहे थे इसलिए उन्हें अब ‘खुश’ करने के लिए ये निर्णय बीजेपी ने लिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>खींवसर, देवली-उनियारा और सलूम्बर पर ये दांव ?</strong><br />खींवसर विधानसभा सीट पर बीजेपी ने पिछली बार के प्रत्याशी रहे रेवंत राम डांगा को मैदान में उतारा है. डांगा सिर्फ 2059 वोटों से हार गए थे. यहां पर अगर कांग्रेस और आरएलपी अलग अलग लड़ेगी तो कुछ भी हो सकता है. इसलिए, बीजेपी ने पहले ही अपने पत्ते खोल दिए हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>देवली उनियारा पर पूर्व विधायक राजेंद्र गुर्जर को बीजेपी ने उम्मीदवार बनाया है. उन्हें एक कैबिनेट मंत्री के जोर पर टिकट मिला है. जबकि, यह सीट अभी भी खतरे में है. सलूंबर सीट पर बीजेपी ने सहानुभूति का कार्ड खेला है. पूर्व विधायक अमृतलाल मीणा की पत्नी शांता देवी को टिकट दिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”मंत्री मदन दिलावर के इस बयान पर राजनीतिक बवाल, BJP विधायक ने ही किया विरोध, कहा- &lsquo;पार्टी की होती है बदनामी&rsquo;” href=”https://www.abplive.com/states/rajasthan/bjp-mla-suresh-dhakad-targets-education-minister-madan-dilawar-on-teachers-clothes-statement-2807098″ target=”_self”>मंत्री मदन दिलावर के इस बयान पर राजनीतिक बवाल, BJP विधायक ने ही किया विरोध, कहा- &lsquo;पार्टी की होती है बदनामी&rsquo;</a></strong></p>  राजस्थान ‘बेतुकी और आधारहीन बयानबाजी करते हैं जयराम ठाकुर’, CM सुक्खू का नेता प्रतिपक्ष पर पलटवार