मेरठ में बीटेक सेकेंड ईयर की छात्रा ने अपने कमरे में फांसी लगाकर जान दे दी। छात्रा के कमरे में पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला है। इसमें लिखा कि मम्मी-पापा मैं जा रही हूं। आपकी इज्जत को कुछ नहीं होगा। गांव वालों में चर्चा है कि छात्रा ने सुसाइड नहीं किया, उसकी ऑनर किलिंग हुई है। पुलिस दोनों बिंदुओं पर जांच कर रही है। इंचौली थाना क्षेत्र के नंगलाशेखू गांव में मोहन सैनी की बेटी खुशी सैनी सोमवार को कमरे में फांसी पर लटकी मिली। सूचना पर थाना पुलिस और SP देहात मौके पर पहुंचे। गांव के लोग भी इकट्ठा हो गए। पुलिस और फोरेंसिक टीम ने मौके से सबूत जुटाए। पहले सुसाइड नोट पढ़िए मम्मी आपको मुझसे कोई परेशानी नहीं होगी…
मम्मी-पापा मैं आपको छोड़कर जा रही हूं। दुनिया वाले मतलबी होते हैं, किसी के सगे नहीं होते। आपकी इज्जत को अब कुछ नहीं होगा। पापा मैं अब छोड़कर जा रही हूं। मम्मी आपको भी अब मुझसे कोई परेशानी नहीं होगी। मैंने काफी गलतियां की, पर आपने हमेशा मुझे समझाया और प्यार किया। कभी कोई कमी महसूस नहीं होने दी। अब मैं आपसे दूर हो रही हूं… बाय। कोई पूछे तो कह देना फेल हो गई थी…
अब आपकी इज्जत को भी कुछ नहीं होगा। ये दुनिया वाले किसी के सगे नहीं होते हैं, किसी को कुछ भी कहेंगे। ये मतलबी हैं, जब काम होगा तो बात करेंगे। अब अगर कोई आपसे मेरे बारे में पूछे तो कह देना पढ़ाई में मन नहीं लग रहा था, डिप्रेशन में थी, बीटेक में फेल हो गई थी। फिर आपको कोई कुछ नहीं कहेगा। कैसे घटना सामने आई, आगे पढ़िए पापा ड्यूटी गए और मां चारा लेकर लौटी तो फांसी पर मिली
परिवार के मुताबिक, जब खुशी ने ये कदम उठाया तो घर में मम्मी, पापा दोनों नहीं थे। खुशी महज 19 साल की थी। FIT कॉलेज में बीटेक सेकेंड ईयर की पढ़ाई कर रही थी। खुशी के पिता मोहन सैनी फिटकरी गांव की पेपर मिल में काम करते हैं। सोमवार सुबह 6 बजे मोहन ड्यूटी के लिए चले गए थे। मां राधा पशुओं के लिए चारा लेने गईं थीं। छोटा भाई गगन स्कूल जाने के लिए तैयार हो रहा था। करीब 9:30 बजे मां लौटी। उन्होंने ऊपर जाकर देखा तो जिस कमरे में खुशी सोई थी, उसका दरवाजा अंदर से बंद था। उन्होंने आवाज लगाई, लेकिन अंदर से कोई जवाब नहीं मिला। पोस्टमॉर्टम कराने पर परिवार वालों ने विरोध किया
भाई और मां ने मिलकर कमरे में लगे बिना ग्रिल वाली खिड़की को तोड़कर अंदर जाकर देखा तो पंखे के हुक में बंधे दुपट्टे से खुशी फंदे पर लटकी थी। उसे नीचे उतारा गया। उसकी मौत हो चुकी थी। इंचौली थाना प्रभारी नरेश कुमार पुलिस टीम के साथ पहुंचे। मेज पर रखे रजिस्टर में सुसाइड नोट मिला। पुलिस ने पंचनामा किया और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजने लगी तो परिवार वाले विरोध पर उतर आए। वह शव का पोस्टमॉर्टम नहीं कराना चाहते थे। लेकिन, पुलिस ने किसी तरह समझा कर शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। फिर शाम को अंतिम संस्कार किया गया। खुशी की मौत की जानकारी मिलने पर उसके कॉलेज फ्रेंड भी घर पहुंचे। पिता बोले- टॉपर बेटी ये कदम उठाएगी, सोचा भी नहीं था
पिता मोहन सैनी ने कहा- खुशी ने इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई सरधना स्थित नवोदय विद्यालय से की थी। इसके बाद रजपुरा स्थित FIT कॉलेज में बीटेक में एडमिशन लिया था। अभी वह सेकेंड की छात्रा थी। वह अपने बैच की टॉपर थी। बेटी ये कदम उठा लेगी, कभी सोचा नहीं था। उसने कभी किसी परेशानी के बारे में भी जिक्र नहीं किया। हत्या या सुसाइड? पुलिस जांच कर रही
SP देहात राकेश कुमार ने बताया- नंगलाशेखू निवासी छात्रा ने फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया है। पुलिस सूचना पर पहुंची। मौके से सुसाइड नोट मिला है। सुसाइड या हत्या, क्या सच है? इसकी जांच की जा रही है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और जांच से मामला स्पष्ट हो सकेगा। ——————— ये खबर भी पढ़िए- कानपुर में प्रेमिका का मर्डर करने वाले का कबूलनामा: बोला- दूसरे लड़के का फोन आते ही काट दिया गला कानपुर के होटल में प्रेमिका का मर्डर करने वाले प्रियांशु त्रिपाठी ने जेल जाने से पहले एक और चौंकाने वाला खुलासा किया है। हत्यारोपी ने बताया कि वह गर्लफ्रेंड के साथ कमरे में ही था, इस दौरान दूसरे लड़के का फोन आ गया। जब मैंने स्पीकर पर फोन लेकर बात करने को कहा तो वह नाराज होने लगी, फोन काट दिया। इसी बात को लेकर झगड़ा हुआ और फिर जिस स्टेंसिल चाकू से खुद की नस काटकर उसे डराने के इरादे से लाया था। झल्लाहट में उसी से गर्दन काट दी। पढ़ें पूरी खबर… मेरठ में बीटेक सेकेंड ईयर की छात्रा ने अपने कमरे में फांसी लगाकर जान दे दी। छात्रा के कमरे में पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला है। इसमें लिखा कि मम्मी-पापा मैं जा रही हूं। आपकी इज्जत को कुछ नहीं होगा। गांव वालों में चर्चा है कि छात्रा ने सुसाइड नहीं किया, उसकी ऑनर किलिंग हुई है। पुलिस दोनों बिंदुओं पर जांच कर रही है। इंचौली थाना क्षेत्र के नंगलाशेखू गांव में मोहन सैनी की बेटी खुशी सैनी सोमवार को कमरे में फांसी पर लटकी मिली। सूचना पर थाना पुलिस और SP देहात मौके पर पहुंचे। गांव के लोग भी इकट्ठा हो गए। पुलिस और फोरेंसिक टीम ने मौके से सबूत जुटाए। पहले सुसाइड नोट पढ़िए मम्मी आपको मुझसे कोई परेशानी नहीं होगी…
मम्मी-पापा मैं आपको छोड़कर जा रही हूं। दुनिया वाले मतलबी होते हैं, किसी के सगे नहीं होते। आपकी इज्जत को अब कुछ नहीं होगा। पापा मैं अब छोड़कर जा रही हूं। मम्मी आपको भी अब मुझसे कोई परेशानी नहीं होगी। मैंने काफी गलतियां की, पर आपने हमेशा मुझे समझाया और प्यार किया। कभी कोई कमी महसूस नहीं होने दी। अब मैं आपसे दूर हो रही हूं… बाय। कोई पूछे तो कह देना फेल हो गई थी…
अब आपकी इज्जत को भी कुछ नहीं होगा। ये दुनिया वाले किसी के सगे नहीं होते हैं, किसी को कुछ भी कहेंगे। ये मतलबी हैं, जब काम होगा तो बात करेंगे। अब अगर कोई आपसे मेरे बारे में पूछे तो कह देना पढ़ाई में मन नहीं लग रहा था, डिप्रेशन में थी, बीटेक में फेल हो गई थी। फिर आपको कोई कुछ नहीं कहेगा। कैसे घटना सामने आई, आगे पढ़िए पापा ड्यूटी गए और मां चारा लेकर लौटी तो फांसी पर मिली
परिवार के मुताबिक, जब खुशी ने ये कदम उठाया तो घर में मम्मी, पापा दोनों नहीं थे। खुशी महज 19 साल की थी। FIT कॉलेज में बीटेक सेकेंड ईयर की पढ़ाई कर रही थी। खुशी के पिता मोहन सैनी फिटकरी गांव की पेपर मिल में काम करते हैं। सोमवार सुबह 6 बजे मोहन ड्यूटी के लिए चले गए थे। मां राधा पशुओं के लिए चारा लेने गईं थीं। छोटा भाई गगन स्कूल जाने के लिए तैयार हो रहा था। करीब 9:30 बजे मां लौटी। उन्होंने ऊपर जाकर देखा तो जिस कमरे में खुशी सोई थी, उसका दरवाजा अंदर से बंद था। उन्होंने आवाज लगाई, लेकिन अंदर से कोई जवाब नहीं मिला। पोस्टमॉर्टम कराने पर परिवार वालों ने विरोध किया
भाई और मां ने मिलकर कमरे में लगे बिना ग्रिल वाली खिड़की को तोड़कर अंदर जाकर देखा तो पंखे के हुक में बंधे दुपट्टे से खुशी फंदे पर लटकी थी। उसे नीचे उतारा गया। उसकी मौत हो चुकी थी। इंचौली थाना प्रभारी नरेश कुमार पुलिस टीम के साथ पहुंचे। मेज पर रखे रजिस्टर में सुसाइड नोट मिला। पुलिस ने पंचनामा किया और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजने लगी तो परिवार वाले विरोध पर उतर आए। वह शव का पोस्टमॉर्टम नहीं कराना चाहते थे। लेकिन, पुलिस ने किसी तरह समझा कर शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। फिर शाम को अंतिम संस्कार किया गया। खुशी की मौत की जानकारी मिलने पर उसके कॉलेज फ्रेंड भी घर पहुंचे। पिता बोले- टॉपर बेटी ये कदम उठाएगी, सोचा भी नहीं था
पिता मोहन सैनी ने कहा- खुशी ने इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई सरधना स्थित नवोदय विद्यालय से की थी। इसके बाद रजपुरा स्थित FIT कॉलेज में बीटेक में एडमिशन लिया था। अभी वह सेकेंड की छात्रा थी। वह अपने बैच की टॉपर थी। बेटी ये कदम उठा लेगी, कभी सोचा नहीं था। उसने कभी किसी परेशानी के बारे में भी जिक्र नहीं किया। हत्या या सुसाइड? पुलिस जांच कर रही
SP देहात राकेश कुमार ने बताया- नंगलाशेखू निवासी छात्रा ने फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया है। पुलिस सूचना पर पहुंची। मौके से सुसाइड नोट मिला है। सुसाइड या हत्या, क्या सच है? इसकी जांच की जा रही है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और जांच से मामला स्पष्ट हो सकेगा। ——————— ये खबर भी पढ़िए- कानपुर में प्रेमिका का मर्डर करने वाले का कबूलनामा: बोला- दूसरे लड़के का फोन आते ही काट दिया गला कानपुर के होटल में प्रेमिका का मर्डर करने वाले प्रियांशु त्रिपाठी ने जेल जाने से पहले एक और चौंकाने वाला खुलासा किया है। हत्यारोपी ने बताया कि वह गर्लफ्रेंड के साथ कमरे में ही था, इस दौरान दूसरे लड़के का फोन आ गया। जब मैंने स्पीकर पर फोन लेकर बात करने को कहा तो वह नाराज होने लगी, फोन काट दिया। इसी बात को लेकर झगड़ा हुआ और फिर जिस स्टेंसिल चाकू से खुद की नस काटकर उसे डराने के इरादे से लाया था। झल्लाहट में उसी से गर्दन काट दी। पढ़ें पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर