रोहतक में पराली जलाने वाले किसान पर केस दर्ज किया गया है। हरसेक से मिली लोकेशन के बाद ग्राम स्तरीय निगरानी टीम ने मौके पर जाकर निरीक्षण किया और कार्रवाई की। इससे पहले जिले में दो किसानों पर फसल अवशेष जलाने की धाराओं के तहत केस दर्ज हो चुका है, यह तीसरी FIR है। कृषि विभाग के एग्रीकल्चर सुपरवाइजर प्रीतम ने सदर थाना पुलिस को शिकायत दी। शिकायत में धान के अवशेष जलाने वाले किसान पर कार्रवाई करने के लिए लिखा। उसने कहा कि धान कटाई के बाद बचे हुए अवशेष जलने पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसके लिए रोहतक के उप कृषि निदेशक ने पत्र जारी करके ग्राम स्तरीय संयुक्त टीम (एग्रीकल्चर, पटवारी व ग्राम सचिव) का गठन किया गया है। वही रोहतक के डीसी द्वारा जारी पत्र के अनुसार धारा 163 के तहत धान के अवशेष जलाना एक दंडनीय अपराध है। हरसेक से मिली आगजनी की लोकेशन 26 अक्टूबर को हरसेक से आगजनी की लोकेशन ग्राम स्तरीय निगरानी टीम को प्राप्त हुई। इसके बाद टीम ने खेतों का निरीक्षण किया तो पाया कि किसानों ने अपने खेत में धान के अवशेष जलाए हुए हैं। गांव सांघी के करीब डेढ़ एकड़ में फसल अवशेष जलाए पाए गए। खेत गांव सांघी निवासी रामबीर का था, जिसके खिलाफ कार्रवाई के लिए पुलिस को लिखा गया। पुलिस में किसान के खिलाफ केस दर्ज करके कार्रवाई शुरू कर दी है। रोहतक में पराली जलाने वाले किसान पर केस दर्ज किया गया है। हरसेक से मिली लोकेशन के बाद ग्राम स्तरीय निगरानी टीम ने मौके पर जाकर निरीक्षण किया और कार्रवाई की। इससे पहले जिले में दो किसानों पर फसल अवशेष जलाने की धाराओं के तहत केस दर्ज हो चुका है, यह तीसरी FIR है। कृषि विभाग के एग्रीकल्चर सुपरवाइजर प्रीतम ने सदर थाना पुलिस को शिकायत दी। शिकायत में धान के अवशेष जलाने वाले किसान पर कार्रवाई करने के लिए लिखा। उसने कहा कि धान कटाई के बाद बचे हुए अवशेष जलने पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसके लिए रोहतक के उप कृषि निदेशक ने पत्र जारी करके ग्राम स्तरीय संयुक्त टीम (एग्रीकल्चर, पटवारी व ग्राम सचिव) का गठन किया गया है। वही रोहतक के डीसी द्वारा जारी पत्र के अनुसार धारा 163 के तहत धान के अवशेष जलाना एक दंडनीय अपराध है। हरसेक से मिली आगजनी की लोकेशन 26 अक्टूबर को हरसेक से आगजनी की लोकेशन ग्राम स्तरीय निगरानी टीम को प्राप्त हुई। इसके बाद टीम ने खेतों का निरीक्षण किया तो पाया कि किसानों ने अपने खेत में धान के अवशेष जलाए हुए हैं। गांव सांघी के करीब डेढ़ एकड़ में फसल अवशेष जलाए पाए गए। खेत गांव सांघी निवासी रामबीर का था, जिसके खिलाफ कार्रवाई के लिए पुलिस को लिखा गया। पुलिस में किसान के खिलाफ केस दर्ज करके कार्रवाई शुरू कर दी है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में DSP-इंस्पेक्टरों की ग्रेडिंग:14 जिलों का रिव्यू कर चुके शत्रुजीत कपूर; योग्यता, ईमानदारी, डिसिप्लिन पर मिल रहे नंबर हरियाणा पुलिस में कार्यरत प्रत्येक अधिकारी एवं कर्मचारी की कार्यक्षमता बढ़ाने व कार्यों के मापदंड को निर्धारित करने के लिए तैयार किए गए आकलन प्रपत्र के सार्थक परिणाम आने लगे हैं। पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर के नेतृत्व में इस आकलन प्रपत्र के आधार पर हरियाणा पुलिस में कार्यरत प्रत्येक अधिकारी एवं कर्मचारी का रिपोर्ट कार्ड तैयार किया गया है। इससे अच्छा काम करने वाले पुलिसकर्मियों का मनोबल बढ़ रहा है और अन्य पुलिसकर्मी अच्छा काम करने के लिए प्रेरित हो रहे हैं। इसी कड़ी में पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने नारनौल पुलिस जिला का दौरा किया और वहां वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की उपस्थिति में उप पुलिस अधीक्षकों, निरीक्षकों एवं प्रबंधक अफसरों की परफोरमेंस को लेकर ग्रेडिंग की। पुलिस महानिदेशक द्वारा स्वयं 14 जिलों का दौरा करते हुए पुलिस अधिकारियों की परफॉर्मेंस को रिव्यू किया गया हैं। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक संजय कुमार द्वारा 9 जिलों (डबवाली पुलिस जिला मिलाकर) तथा अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक रोहतक रेंज के के राव द्वारा चरखी दादरी जिला को विजिट किया गया। प्रत्येक रैंक के पुलिसकर्मी की हो रही है ग्रेडिंग पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर द्वारा लगभग 9 महीने पहले पुलिस विभाग में कार्यरत अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा किए जाने वाले कार्यों के आंकलन को लेकर आंकलन प्रपत्र(एसेसमेंट प्रोफॉर्मा) तैयार करते हुए उन्हें वितरित किया गया था। उन्होंने बताया कि हरियाणा पुलिस की अलग-2 युनिट जैसे- सीआईए, क्राइम यूनिट, साइबर यूनिट, अनुसंधान अधिकारियों, महिला पुलिस थानों, एसएचओ सहित अन्य यूनिट के कार्यों को परिभाषित करते हुए मुख्य निष्पादन संकेतक (की परफॉर्मेंस इंडिकेटर) तैयार किए गए हैं। प्रत्येक कार्य को लेकर अधिकारी अथवा कर्मचारी की जवाबदेही तय की गई है। इसके उन्हें अलग से अंक दिए जाते हैं ताकि पुलिस की कार्य प्रणाली को और अधिक बेहतर बनाया जा सके। कार्य के अनुरूप ग्रेडिंग को लेकर स्पष्टता उन्होंने बताया कि आंकलन प्रपत्र को तैयार करते समय प्रत्येक अधिकारी अथवा कर्मचारी के उत्तरदायित्वों का बारीकी से अध्ययन करते हुए इन्हें बिंदुवार परिभाषित किया गया है। प्रत्येक पुलिस अधिकारी अथवा कर्मचारी इस प्रपत्र में वर्णित बिंदु अनुसार काम करते हुए खुद को नंबर देते हैं। जो पुलिसकर्मी निर्धारित मापदंडो के अनुसार कार्य नहीं करते, उनके लिए आकलन प्रपत्र में नेगेटिव मार्किंग का भी प्रावधान किया गया है। आकलन प्रपत्र में पुलिसकर्मी को समग्र आकलन के आधार पर 10 नंबर संबंधित पुलिस प्रमुख द्वारा अलग से दिए जाने का प्रावधान भी किया गया है। नंबर पुलिसकर्मी की योग्यता, ईमानदारी तथा अनुशासन के आधार पर दिए जाते हैं। शिकायतकर्ता के फीडबैक की भूमिका है महत्वपूर्ण कपूर ने कहा कि आकलन प्रपत्र को तैयार करते समय शिकायतकर्ता की संतुष्टि को महत्व दिया गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग द्वारा थानों आदि में दर्ज शिकायतों पर की गई कार्यवाही को लेकर शिकायतकर्ताओं से फीडबैक लिया जाता है। इसके तहत शिकायतकर्ताओं से पुलिस विभाग द्वारा की गई कार्यवाही से संतुष्टि को लेकर पूछा जाता है। यदि इस दौरान शिकायतकर्ता द्वारा कार्यवाही को लेकर असंतुष्टि जताई जाती है तो उससे कारण पूछा जाता है। उन्होंने कहा कि यदि पुलिस थाने में 80 प्रतिशत से अधिक शिकायतकर्ताओं द्वारा संतुष्टि जताई जाती है तो संबंधित थाना, चौकी अथवा पुलिसकर्मी को 10 नंबर मिलते हैं। इसी प्रकार, प्रपत्र में नशा मुक्ति अभियान, महिला सुरक्षा, अपराध नियंत्रण, थानों में प्राप्त शिकायतों की संतुष्टि दर, दबंगो के खिलाफ कार्रवाई, साइबर अपराध नियंत्रण आदि को लेकर उल्लेखनीय कार्य करने वाले थानाध्यक्षों, चौकी प्रभारियों व अन्य पुलिसकर्मियों को अलग से नंबर दिए जाने का प्रावधान किया गया है। जिलों की कवरेज का ब्योरा पुलिस महानिदेशक द्वारा अब तक फरीदाबाद, झज्जर, पंचकूला, गुरूग्राम, सोनीपत, अंबाला, कुरूक्षेत्र, हिसार, जींद, हांसी, कैथल, पानीपत, रोहतक तथा नारनौल पुलिस जिला का दौरा करते हुए पुलिस अधिकारियों तथा कर्मचारियों के परफोरमेंस को रिव्यू किया जा चुका हैं। इसी प्रकार अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) द्वारा यमुनानगर, करनाल, सिरसा, फतेहाबाद, भिवानी, डबवाली, पलवल, नूंह, रेवाड़ी जिलों का दौरा किया गया है जबकि अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक रोहतक रेंज कृष्ण कुमार राव द्वारा चरखी दादरी जिला का दौरा करते हुए उनकी परफोरमेंस को रिव्यू किया गया।
चरखी दादरी जिले में बाजरे की हुई बंपर पैदावार:मंडियो में अधिक आवक की उम्मीद, अब तक 4 लाख क्विंटल फसल की हुई खरीद
चरखी दादरी जिले में बाजरे की हुई बंपर पैदावार:मंडियो में अधिक आवक की उम्मीद, अब तक 4 लाख क्विंटल फसल की हुई खरीद हरियाणा के चरखी दादरी जिले में इस खरीफ सीजन में बाजरे की फसल की बंपर पैदावार हुई है। इस सीजन जिले की मंडियों में लगभग 4 लाख क्विंटल बाजरे की आवक हो चुकी है और करीब 20 दिनों तक मंडी चलनी है। जिसके चलते इस सीजन जिले की मंडियों मे बीते सीजन की अपेक्षा अधिक बाजरा पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है। बाजरे के अच्छे उत्पादन और सरकारी खरीद पर भाव भी ठीक होने पर किसानों में खुशी है। बता दें कि चरखी दादरी जिले के बाढ़ड़ा, कादमा और झोझू कलां आदि स्थानों पर जलवायु राजस्थान से मिलती जुलती है। यह जलवायु और रेतीली मिट्टी बाजरे की खेती के लिए अनुकूल मानी जाती है और इस क्षेत्र में खरीफ सीजन के दौरान ग्वार और कपास के साथ बाजरे की खेती काफी अधिक क्षेत्र में की जाती है। इस मानसून सीजन बारिश अच्छी होने के चलते बाजरे का उत्पादन अच्छा-खासा हुआ है। जिले की मंडियों में बाजरे की बंपर आवक हो रही है। जिले में बीते सीजन 3 लाख 70 हजार क्विंटल बाजरे की सरकारी खरीद की गई थी। बीते सीजन हुई थी 3.70 लाख क्विंटल बाजरे की खरीद चरखी दादरी मार्केट कमेटी सहायक सचिव विकास कुमार ने बताया कि चरखी दादरी जिले में बीते सीजन करीब 3 लाख 70 हजार क्विंटल बाजरा की खरीद की गई थी। जबकि इस सीजन अभी तक 3 लाख 15 हजार क्विंटल से अधिक बाजरा खरीद हो चुकी है और जो निर्देश मिले हैं, उसके अनुसार आगामी 15 नवंबर तक जिले की मंडियों में बाजरे की खरीद होनी है। मौसम रहा है अनुकूल- कृषि अधिकारी चरखी दादरी कृषि विभाग कार्यालय में कार्यरत कृषि अधिकारी डॉक्टर चंद्रभान श्योराण ने बताया कि इस खरीफ सीजन मेरी फसल ब्योरा पोर्टल पर किसानों द्वारा करीब 1 लाख 15 हजार एकड़ एरिया पंजीकृत करवाया गया है। उन्होंने कहा कि बीते सीजन भी जिले में बाजरे का अच्छा उत्पादन हुआ था और इस सीजन भी मौसम बाजरे के अनुकूल होने और समय पर बारिश होने के कारण बाजरे का अच्छा उत्पादन हुआ है। कृषि अधिकारी ने बताया कि इस सीजन औसत पैदावार की बात की जाए तो कपास उत्पादन घटा है। जबकि बाजरे का बढ़ा है। इस सीजन बाजरे की औसत पैदावार करीब 15 मण प्रति एकड़ है। अधिक बारिश से कुछ स्थानों पर हुआ नुकसान मानसून सीजन के दौरान अच्छी बारिश होने के कारण जिले के कुछ स्थानों पर जलभराव होने के कारण बाजरे की फसल में नुकसान भी हुआ है। जब बाजरे की फसल पकने की कगार पर पहुंची उस दौरान खेतों में जलभराव होने के कारण आदमपुर के आसपास के गांव और बौंद कलां क्षेत्र में नुकसान देखने को मिला, अन्यथा जिले में बाजरे का उत्पादन और भी अधिक हो सकता था।
हरियाणा में महिला HCS अधिकारी गिरफ्तार:1 लाख रिश्वत केस में ACB ने पकड़ा, पंचकूला कोर्ट ने जेल भेजा; 5 महीने से थीं फरार
हरियाणा में महिला HCS अधिकारी गिरफ्तार:1 लाख रिश्वत केस में ACB ने पकड़ा, पंचकूला कोर्ट ने जेल भेजा; 5 महीने से थीं फरार हरियाणा में 1 लाख रुपए के रिश्वत केस में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने हरियाणा सिविल सर्विसिज (HCS) अधिकारी मीनाक्षी दहिया को गिरफ्तार कर लिया है। शुक्रवार देर रात उनकी गिरफ्तारी के बाद दहिया को पंचकूला में ड्यूटी मजिस्ट्रेट के आगे पेश किया गया। जिसके बाद उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। इससे पहले पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट न्यायालय ने रिश्वत के केस में HCS ऑफिसर मीनाक्षी दहिया की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। HC ने की थी तल्ख टिप्पणी
इस मामले में हाईकोर्ट के जस्टिस अनूप चितकारा ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा था कि, प्रथम दृष्टया याचिकाकर्ता मीनाक्षी दहिया के साथ उनके रसोइए से 1 लाख रुपए की रिश्वत की वसूली के संबंध में सबूत मौजूद हैं, जिसे 29 मई को रंगे हाथों पकड़ा गया था। न्यायमूर्ति चितकारा ने कहा था कि “पुलिस ने उससे रिश्वत की रकम बरामद की है। कॉल और ट्रांसक्रिप्ट से याचिकाकर्ता की संलिप्तता का संकेत मिलता है, जिसकी पुष्टि शिकायतकर्ता के आरोप से होती है।” पंचकूला के एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज होने के बाद दहिया ने अग्रिम जमानत के लिए अदालत का रुख किया था। इस मामले में सेवामुक्त जिला मत्स्य अधिकारी ने शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें सरकारी काम के बदले कथित तौर पर रिश्वत मांगने वाले अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी। हिरासत में लेकर पूछताछ जरूरी
जस्टिस चितकारा ने कहा कि याचिकाकर्ता के वकील “कोई भी सख्त शर्त” लगाकर जमानत की मांग कर रहे थे। याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया था कि आगे की सुनवाई से पहले की कैद याचिकाकर्ता और उनके परिवार के साथ अपरिवर्तनीय अन्याय का कारण बनेगी। हालांकि, न्यायमूर्ति चितकारा ने कहा कि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने याचिकाकर्ता की अग्रिम जमानत खारिज करते हुए मामले के सभी पहलुओं पर विचार किया था और तर्क दिया था कि अपराध में इस्तेमाल किए गए मोबाइल फोन को बरामद करने के लिए याचिकाकर्ता को हिरासत में लेकर पूछताछ करना आवश्यक है। दहिया पर क्या हैं आरोप
रिटायर जिला मत्स्य अधिकारी ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है, कि एक जांच अधिकारी ने उनके खिलाफ आरोप पत्र वापस लेने के लिए फाइल मत्स्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को भेजने से पहले उन्हें मामले में निर्दोष घोषित कर दिया था। उन्होंने संबंधित मंत्री को फाइल भेजने से पहले जांच रिपोर्ट स्वीकार कर ली, जिन्होंने अपनी मंजूरी दे दी और इस संबंध में आदेश जारी करने के लिए फाइल अतिरिक्त मुख्य सचिव को भेज दी गई। उन्होंने कहा, “सीनियर एचसीएस अधिकारी और संयुक्त सचिव दहिया ने मुझे 17 अप्रैल को अपने स्टेनोग्राफर जोगिंदर सिंह के माध्यम से पंचकूला स्थित अपने कार्यालय में आदेश जारी करने के लिए बुलाया था और मुझसे एक लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। मैं अपने सरकारी काम के बदले मैडम को रिश्वत नहीं देना चाहता था और भ्रष्ट अधिकारी को रंगे हाथों पकड़वाना चाहता था।” मीनाक्षी 5 महीने से चल रही थी फरार
रिश्वत के इस खेल में आरोपी एचसीएस ऑफिसर मीनाक्षी दहिया 5 महीने से फरार चल रही हैं। ACB की टीम लगातार दहिया की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही हैं। हालांकि अभी तक एसीबी को इसमें सफलता नहीं मिल पाई है। इस मामले में, वॉट्सऐप कॉल पर बातचीत के दौरान शिकायतकर्ता के मोबाइल में खास डिवाइस भी लगाई गई थी, जिससे पूरी कॉल रिकॉर्ड हो गई। फिलहाल मीनाक्षी दहिया फरार चल रही थीं, ACB की टीम की उनकी गिरफ्तारी की बड़ी सफलता के रूप में देख रही है।