कांगड़ा में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद राजकीय आयुर्विज्ञान महाविद्यालय, टांडा में ट्रामा सेंटर लेवल-दो का उद्घाटन किया। जिसे 10.27 करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया है। ट्रामा सेंटर में मशीनरी और उपकरणों की खरीद पर 6 करोड़ रुपए, निर्माण कार्यां पर 1.50 करोड़ रुपए और अन्य संबद्ध सेवाओं पर 2.77 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। सीएम ने टांडा मेडिकल कॉलेज में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में चरणबद्ध तरीके से सुविधाओं को बढ़ा रही है। सरकार का उद्देश्य प्रदेश में उच्च गुणवत्तायुक्त उपचार विकल्प प्रदान करना है, ताकि मरीजों को कहीं और जाने की आवश्यकता न पडे़। टांडा मेडिकल कॉलेज में सालाना 5.89 लाख मरीज आते हैं सीएम ने कहा कि टांडा मेडिकल कॉलेज में सालाना लगभग 5.89 लाख मरीज इलाज के लिए आते हैं। जिसके दृष्टिगत सुधारों की तत्काल आवश्यकता है। टांडा में एक उच्चस्तरीय लैब स्थापित की जाएगी। जिसकी तैयारी चल रही है। सभी मेडिकल कॉलेज अपनी मांगें रखें और प्रदेश सरकार हर अनुरोध को स्वीकार करेगी। बीते दो वर्षों में टांडा मेडिकल कॉलेज में किए गए सुधारों के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। मरीजों को काफी लाभ हुआ है। कार्डियालॉजी विभाग में नई प्रक्रियाएं शुरू की गई हैं। जिनमें सफल वाल्व रिप्लेसमेंट, जन्मजात हृदय दोष का उपचार और हृदय ट्यूमर सर्जरी आदि शामिल हैं। अब टांडा में रेनल डिनर्वेशन की भी शुरुआत की गई है। ट्रामा सेंटर लिए 95 पद स्वीकृत सुक्खू ने कहा कि ट्रामा सेंटर के लिए विभिन्न श्रेणियों के 95 पद स्वीकृत किए गए हैं। इनमें न्यूरो सर्जन का एक पद, एनेस्थीटिस्ट के तीन पद, ऑर्थोपेडिक सर्जन का एक पद, कैजुअल्टी मेडिकल अधिकारी के आठ पद, स्टाफ नर्स के 40 पद, नर्सिंग अटेंडेंट के 16 पद, ऑपरेशन थियेटर तकनीशियन के पांच पद, रेडियोग्राफर के चार पद, लैब तकनीशियन के दो पद तथा मल्टीटास्क वर्कर के 15 पद शामिल हैं। उन्होंने कहा कि 72 पदों पर नियुक्ति की जा चुकी है, शेष पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है। कांगड़ा में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद राजकीय आयुर्विज्ञान महाविद्यालय, टांडा में ट्रामा सेंटर लेवल-दो का उद्घाटन किया। जिसे 10.27 करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया है। ट्रामा सेंटर में मशीनरी और उपकरणों की खरीद पर 6 करोड़ रुपए, निर्माण कार्यां पर 1.50 करोड़ रुपए और अन्य संबद्ध सेवाओं पर 2.77 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। सीएम ने टांडा मेडिकल कॉलेज में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में चरणबद्ध तरीके से सुविधाओं को बढ़ा रही है। सरकार का उद्देश्य प्रदेश में उच्च गुणवत्तायुक्त उपचार विकल्प प्रदान करना है, ताकि मरीजों को कहीं और जाने की आवश्यकता न पडे़। टांडा मेडिकल कॉलेज में सालाना 5.89 लाख मरीज आते हैं सीएम ने कहा कि टांडा मेडिकल कॉलेज में सालाना लगभग 5.89 लाख मरीज इलाज के लिए आते हैं। जिसके दृष्टिगत सुधारों की तत्काल आवश्यकता है। टांडा में एक उच्चस्तरीय लैब स्थापित की जाएगी। जिसकी तैयारी चल रही है। सभी मेडिकल कॉलेज अपनी मांगें रखें और प्रदेश सरकार हर अनुरोध को स्वीकार करेगी। बीते दो वर्षों में टांडा मेडिकल कॉलेज में किए गए सुधारों के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। मरीजों को काफी लाभ हुआ है। कार्डियालॉजी विभाग में नई प्रक्रियाएं शुरू की गई हैं। जिनमें सफल वाल्व रिप्लेसमेंट, जन्मजात हृदय दोष का उपचार और हृदय ट्यूमर सर्जरी आदि शामिल हैं। अब टांडा में रेनल डिनर्वेशन की भी शुरुआत की गई है। ट्रामा सेंटर लिए 95 पद स्वीकृत सुक्खू ने कहा कि ट्रामा सेंटर के लिए विभिन्न श्रेणियों के 95 पद स्वीकृत किए गए हैं। इनमें न्यूरो सर्जन का एक पद, एनेस्थीटिस्ट के तीन पद, ऑर्थोपेडिक सर्जन का एक पद, कैजुअल्टी मेडिकल अधिकारी के आठ पद, स्टाफ नर्स के 40 पद, नर्सिंग अटेंडेंट के 16 पद, ऑपरेशन थियेटर तकनीशियन के पांच पद, रेडियोग्राफर के चार पद, लैब तकनीशियन के दो पद तथा मल्टीटास्क वर्कर के 15 पद शामिल हैं। उन्होंने कहा कि 72 पदों पर नियुक्ति की जा चुकी है, शेष पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल के 12 लाख बेरोजगारों से धोखा:रेगुलर के बजाय आउटसोर्स नौकरी; टांडा में ठेकेदारी प्रथा से भरेंगे 458 पद, आंदोलन की तैयारी में युवा
हिमाचल के 12 लाख बेरोजगारों से धोखा:रेगुलर के बजाय आउटसोर्स नौकरी; टांडा में ठेकेदारी प्रथा से भरेंगे 458 पद, आंदोलन की तैयारी में युवा हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने हर साल एक लाख नौकरी देने के वादा किया था। इस गारंटी के साथ कांग्रेस सत्ता में आई। मगर अब रेगुलर नौकरी के बजाय ऑउटसोर्स भर्ती करके युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। बीते 8 अगस्त की कैबिनेट ने कांगड़ा के टांडा मेडिकल कालेज एवं अस्पताल में विभिन्न श्रेणियों के 458 पद सृजित किए। इसके बाद बेरोजगार युवा परीक्षाओं की तैयारी में जुट गए। मगर उनके पांव तले तब जमीन खिसक गई, जब स्वास्थ्य सचिव ने इन पदों को भरने के लिए नोटिफिकेशन जारी की, जिसमें साफ किया गया कि टांडा मेडिकल कालेज एवं अस्पताल में इन पदों को आउटसोर्स आधार पर भरा जाएगा। इस तरह की अस्थाई भर्ती युवाओं के साथ धोखा है। आउटसोर्स पर किया जाता है शोषण प्रदेश में पहले भी 18 सालों से आउटसोर्स भर्तियां की जाती रही है। नाम मात्र मानदेय पर बेरोजगारों का शोषण किया जाता है। सत्ता बदलने पर इन्हें सरकारें अपनी-अपनी सुविधानुसार बाहर कर देती है। सत्तारूढ़ कांग्रेस ने भी इन बेरोजगारों के साथ यही किया है। स्वास्थ्य विभाग में कोरोना काल में भर्ती आउटसोर्स कर्मियों को सुक्खू सरकार ने बाहर किया। अब फिर से कांग्रेस सरकार आउटसोर्स भर्तियां करने जा रही है। टांडा में आउटसोर्स से भरेंगे ये पद स्वास्थ्य सचिव द्वारा जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, टांडा मेडिकल कालेज में विभिन्न श्रेणी के 458 पद भरे जाने है। इनमें स्टाफ नर्स के 300 पद, रेडियोग्राफर के 2, वॉर्ड-बॉय के 47, ऑपरेशन थियेटर असिस्टेंट के 12 पद, ट्रांसप्लांट को-ऑर्डिनेटर के 2 पद, डाटा एंट्री ऑपरेटर के 10, क्लास-4 के 5, सफाई कर्मचारी के 50 और सिक्योरिटी गार्ड के 30 पद आउटसोर्स पर भरे जाने है। विपक्ष में आउटसोर्स भर्ती का विरोध करती रही कांग्रेस कांग्रेस जब विपक्ष में थी, तो पांच साल तक आउटसोर्स भर्तियों का विरोध करती रही। मगर सत्ता मिलते ही कांग्रेस खुद भी इसी राह पर चल पड़ी है। इससे पहले शिक्षा विभाग में भी जनवरी माह में टैंपरेरी नौकरी करने की तैयारी कर ली थी। मगर तब बेरोजगार सड़कों पर उतरे और सीएम सुक्खू को यह निर्णय आनन-फानन में वापस लेना पड़ा था। कई अन्य विभागों में इस तरह की अस्थाई भर्तियां कांग्रेस सरकार कर चुकी है। हर साल 1 लाख नौकरी का वादा साल 2022 के विधानसभा चुनाव में प्रियंका गांधी ने हर साल 1 लाख और 5 साल में 5 लाख बेरोजगारों को नौकरी देने का वादा किया था। सत्ता में आए कांग्रेस सरकार को 20 महीने हो गए। मगर 20 महीने में 2000 को भी पक्की नौकरी नहीं दे पाए। लगभग 1000 युवाओं को पक्की नौकरी जरूर दी गई। मगर इनमें ज्यादातर पदों को भरने की प्रक्रिया पूर्व सरकार के कार्यकाल में जारी थी। इससे प्रदेश के 12 लाख से ज्यादा बेरोजगार युवाओं के सब्र का बांध टूटता जा रहा है और सड़कों पर उतरने की तैयारी कर रही है। शिमला में बनाएंगे आंदोलन की रणनीति : घनश्याम हिमाचल के प्रशिक्षित बेरोजगार संघ के अध्यक्ष घनश्याम नेहटू ने बताया कि अगले सप्ताह शिमला में बेरोजगारों की मीटिंग बुलाई जा रही है। इसमें आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी। पढ़ा-लिखा युवा लाइब्रेरी में पढ़ते हुए बूढ़ा हो रहा है। मगर सरकार की नींद नहीं टूट रही। उन्होंने बताया कि सरकार एक साल बाद भी राज्य चयन आयोग को फंक्शनल नहीं कर पाई। जब तक इसे फंक्शनल नहीं किया जाता, तब तक नौकरी संभव नहीं है। उन्होंने बताया कि मौजूदा सरकार ने एक भी पक्की नौकरी नहीं दी। पूर्व सरकार के कार्यकाल की भर्तियों के कुछ रिजल्ट जरूर निकाले गए हैं और टीजीटी की बैचवाइज भर्ती जरूर की गई। मगर नए पद विज्ञापित नहीं किए जा रहे। अब युवाओं को आउटसोर्स भर्ती के नाम पर ठगा जा रहा है।
मंडी मस्जिद बनाने को 186 मीटर सरकारी जमीन पर कब्जा:अब इसके नीचे खुदाई की मांग, मंदिरों के अवशेष का दावा, DC से मिले लोग
मंडी मस्जिद बनाने को 186 मीटर सरकारी जमीन पर कब्जा:अब इसके नीचे खुदाई की मांग, मंदिरों के अवशेष का दावा, DC से मिले लोग हिमाचल प्रदेश की छोटी काशी मंडी के जेल रोड पर मुस्लिम समुदाय ने 186 वर्ग मीटर सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करके मस्जिद बनाई। इसका खुलासा नगर निगम द्वारा कोर्ट में पेश स्टेट्स रिपोर्ट में हुआ है। मुस्लिम समुदाय जिस मस्जिद के आजादी से पहले होने का दावा करता रहा, वह 45 वर्ग मीटर जमीन पर बनी थी। यहां अतिक्रमण करके 231 वर्ग मीटर में मस्जिद बना दी गई। मस्जिद को बनाने के लिए नक्शा भी पास नहीं कराया। इसी आधार पर नगर निगम आयुक्त (MC) कोर्ट ने बीते शुक्रवार को मस्जिद की 2 मंजिल गिराने के आदेश दिए और पहले की स्थिति बहाल करने को कहा। अब मस्जिद के नीचे खुदाई की मांग इस बीच हिंदू संगठनों और स्थानीय लोगों ने मस्जिद के नीचे खुदाई की मांग की है। मस्जिद के नीचे मंदिरों के अवशेष होने का दावा किया जा रहा है। इसी मांग को लेकर स्थानीय लोग बीते मंगलवार को मंडी के DC अपूर्व देवगन से मिले और पुरातत्व विभाग से निरीक्षण कर खुदाई की मांग की। इस बाबत स्थानीय निवासी गगन बहल, एडवोकेट संजय मंडयाल, गीतांजलि शर्मा, कर्नल तारा प्रताप राणा, विराज जसवाल, रिटायर्ड डीआईजी केसी शर्मा ने डीसी मंडी अपूर्व देवगन को एक ज्ञापन भी सौंपा। इससे यह मामला आने वाले दिनों में फिर गरमा सकता है। मस्जिद का अवैध हिस्सा तोड़ा गया फिलहाल MC आयुक्त द्वारा मस्जिद के अवैध हिस्से को 30 दिन के भीतर तोड़ने के आदेशों के मामला शांत है। मुस्लिम समुदाय ने मस्जिद के अवैध हिस्से को भी गिरा दिया है। 45 मीटर जगह में बनी थी पुरानी मस्जिद जेल रोड पर पूर्व में 45 वर्ग मीटर में एक मंजिला मस्जिद थी, बाद में यहां पर 3 मंजिला मस्जिद खड़ी कर दी गई। इसी वजह से शिमला के संजौली के बाद मंडी में भी मस्जिद को लेकर बवाल मचा और बीते शुक्रवार को ही स्थानीय लोगों ने मस्जिद को गिराने के लिए उग्र प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस को प्रदर्शनकारियों पर नियंत्रण पाने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा। संजौली में भी बिना मंजूरी बनाई 5 मंजिला मस्जिद मंडी में अतिक्रमण करके मस्जिद बनाने का मामला और शिमला के संजौली भी बिना मंजूरी के 5 मंजिला मस्जिद बनाने के आरोप है। संजौली मस्जिद का मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है और 5 अक्टूबर को इस मामले में सुनवाई होनी है। शिमला के लोग इसे भी गिराने की मांग पर अड़े हुए है, क्योंकि यहां पर भी आजादी से पहले दो मंजिला मस्जिद थी।
भास्कर अपडेट्स:हरियाणा के पूर्व खेल मंत्री की मां का निधन; दिल्ली में अचानक तबीयत बिगड़ी
भास्कर अपडेट्स:हरियाणा के पूर्व खेल मंत्री की मां का निधन; दिल्ली में अचानक तबीयत बिगड़ी हरियाणा के पूर्व खेल मंत्री एवं पूर्व खेल मंत्री एवं पिहोवा के विधायक संदीप सिंह की माता दलजीत कौर का निधन हो गया। दलजीत कौर का बुधवार सुबह अचानक स्वास्थ्य बिगड़ा था। जिसे आनन-फानन में नजदीक के एक निजी अस्पताल ले जाया गया। जहां पहुंचने तक उन्होंने दम तोड़ दिया था। अस्पताल में डॉक्टरों ने चेकअप के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। दलजीत कौर 62 वर्ष की थीं। वे आज दिल्ली स्थित आवास पर थीं। सुबह करीब 8:30 बजे उनकी तबीयत अचानक ही खराब हो गई। आनन-फानन में परिजन नजदीकी एक प्राइवेट अस्पताल में ले गए। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। परिजनों ने बताया कि उनका दाह संस्कार शाम 5 बजे शाहाबाद मारकंडा में बराड़ा रोड पर गुरुद्वारा मंजी साहिब के निकट स्थित स्वर्ग धाम में होगा।