गाजियाबाद कोर्ट में 29 अक्टूबर को हुए बलवे में पुलिस ने पूर्व बार अध्यक्ष नाहर सिंह यादव सहित 50 अज्ञात वकीलों पर दो मुकदमे दर्ज किए हैं। इसमें वकीलों पर तोड़फोड़, पथराव, सरकारी कार्य में बाधा डालने, आगजनी करने जैसे गंभीर आरोप हैं। इधर, वकीलों ने लाठीचार्ज के विरोध में आज यानी बुधवार को पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हड़ताल का ऐलान कर दिया है। वहीं बार कौंसिल ऑफ यूपी ने प्रयागराज में आज आपात बैठक बुलाई है। वकीलों की मांग है कि जिला जज का ट्रांसफर हो और लाठीचार्ज करने वाले पुलिस अफसरों पर एक्शन लिया जाए। सबसे पहले कल हुए बवाल की 3 तस्वीरें देखिए… जिला जज से नोकझोंक, फिर हुआ लाठीचार्ज
दरअसल, गाजियाबाद बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष नाहर सिंह यादव 29 अक्टूबर को जिला जज अनिल कुमार की कोर्ट में पहुंचे। कविनगर थाने में एक केस दर्ज है, जिसके 9 आरोपी अग्रिम जमानत पर चल रहे हैं। इनकी रेगुलर बेल पर सुनवाई होनी थी। नाहर सिंह यादव के अनुसार- कोर्ट में भीड़ ज्यादा थी। मैंने जिला जज से अनुरोध किया कि वो इस केस को या तो जल्द सुन लें या दूसरी अदालत को ट्रांसफर कर दें। इसी बात पर जज और वकीलों में कहासुनी हुई। वो इतनी बढ़ गई कि गाली-गलौज हुई। पुलिस-पीएसी ने पहुंचकर वकीलों पर लाठीचार्ज कर उन्हें खदेड़ दिया। इससे नाराज वकीलों ने कचहरी पुलिस चौकी में आग लगा दी। ये बवाल करीब 3 घंटे तक चला। पूर्व बार अध्यक्ष सहित 50 अज्ञात वकीलों पर 2 मुकदमे दर्ज
इस पूरे मामले में वकीलों पर दो मुकदमे दर्ज हुए हैं। पहला केस जिला जज कोर्ट के केंद्रीय नाजिर संजीव गुप्ता ने कराया है। इसमें अधिवक्ता एवं पूर्व बार अध्यक्ष नाहर सिंह यादव, अभिषेक यादव, दिनेश यादव और 40–50 अज्ञात दर्शाए गए हैं। आरोप है कि वकीलों ने कोर्ट की खिड़कियों के शीशे तोड़ डाले। चेकिंग गेट (DFMD) तोड़ दिया। कुर्सी मेज फेंक दी। पुलिस चौकी के अंदर स्थित CCTV सर्वर रूम को क्षतिग्रस्त कर दिया। इसके बाद पुलिस चौकी में आग लगा दी। दूसरा मुकदमा कचहरी पुलिस चौकी प्रभारी संजय सिंह ने 50 अज्ञात वकीलों पर कराया है। आरोप है कि वकीलों ने पत्थर बरसाए और पुलिस चौकी में आग लगा दी। पथराव में सब इंस्पेक्टर राजेश घायल हो गए। PAC की 4 कंपनी बुलाकर बलवा कर रहे वकीलों को खदेड़ा गया। बार कौंसिल ने जांच के लिए बनाई कमेटी, प्रयागराज में आज बुलाई बैठक
बार कौंसिल ऑफ यूपी के अध्यक्ष शिवकुमार गौड़ ने गाजियाबाद में वकीलों पर हुए लाठीचार्ज पर विरोध दर्ज कराया है। उन्होंने पूरे केस की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच के लिए एक विशेष कमेटी बनाई है। इसमें रोहिताश्व अग्रवाल, मधुसूदन त्रिपाठी, अरुण त्रिपाठी, अजय यादव और प्रशांत सिंह अटल को शामिल किया है। कमेटी को निर्देश दिया है कि वो गाजियाबाद पहुंचकर पूरे प्रकरण की जांच करे और अपनी रिपोर्ट बार कौंसिल में पेश करे। अध्यक्ष ने कहा- दोषी चाहें पुलिस-प्रशासनिक या फिर न्यायिक अधिकारी हो, वो बख्शे नहीं जाएंगे। हमारी मांग है कि हाईकोर्ट ऐसे अफसरों के विरुद्ध जांच कर सख्त कार्रवाई करे और कोर्ट परिसर से पुलिस को तत्काल हटाया जाए। इस पूरे प्रकरण में बार कौंसिल ऑफ यूपी ने एक आपात बैठक 30 अक्टूबर की शाम 4 बजे प्रयागराज में बुलाई है। इसमें निर्णय लिया जाएगा कि आगे क्या किया जाए। ‘जिला जज को सस्पेंड कर ट्रांसफर किया जाए’
बार कौंसिल ऑफ यूपी के पूर्व अध्यक्ष मधुसूदन त्रिपाठी ने इस पूरे प्रकरण में गाजियाबाद के जिला जज अनिल कुमार को सस्पेंड करके ट्रांसफर करने और घायल अधिवक्ताओं के इलाज के लिए दो-दो लाख रुपए सहायता देने की मांग की है। मधुसूदन त्रिपाठी ने कहा- वर्तमान सरकार में पुलिस निरंकुश हो गई है। खुद मुख्यमंत्री ये बयान देते हैं कि ठोक दो। इससे पुलिस में बर्बरता की भावना आ गई है और वो जानते हैं कि पुलिस का बाल बांका होने वाला नहीं है। आसपास के जिलों के वकीलों से फोन पर वार्ता
उधर, हाईकोर्ट बेंच स्थापना केंद्रीय संघर्ष समिति की बैठक मंगलवार शाम मेरठ में हुई। चेयरमैन रोहिताश्व कुमार अग्रवाल और संयोजक अमित कुमार दीक्षित ने बताया- गाजियाबाद घटनाक्रम के विरोध में वेस्ट यूपी के वकीलों ने 30 अक्टूबर को हड़ताल पर रहने का फैसला लिया है। हमने इस प्रकरण में सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बागपत, शामली, नोएडा, बुलंदशहर, बिजनौर, हापुड़, अलीगढ़ आदि जिलों के बार अध्यक्षों से फोन पर वार्ता की है। सभी ने गाजियाबाद में वकीलों पर लाठीचार्ज पर आक्रोश जताया है। इसलिए फिलहाल एक दिन की हड़ताल का निर्णय लिया गया है। ……………………………… वकीलों के हंगामे से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए… गाजियाबाद जिला जज कोर्ट में कुर्सियां फेंकीं, पुलिस चौकी फूंकी;सुनवाई के दौरान बहस गाजियाबाद में जिला जज की कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई के दौरान बवाल हो गया। जज और वकीलों में बहस हो गई। इसके बाद वकील भड़क गए। कोर्ट रूम में कुर्सियां फेंकीं। पुलिस ने हंगामा कर रहे वकीलों को लाठीचार्ज कर खदेड़ा। इससे गुस्साए वकीलों ने कचहरी की पुलिस चौकी में तोड़फोड़ कर आग लगा दी। पढ़िए पूरी खबर गाजियाबाद कोर्ट में 29 अक्टूबर को हुए बलवे में पुलिस ने पूर्व बार अध्यक्ष नाहर सिंह यादव सहित 50 अज्ञात वकीलों पर दो मुकदमे दर्ज किए हैं। इसमें वकीलों पर तोड़फोड़, पथराव, सरकारी कार्य में बाधा डालने, आगजनी करने जैसे गंभीर आरोप हैं। इधर, वकीलों ने लाठीचार्ज के विरोध में आज यानी बुधवार को पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हड़ताल का ऐलान कर दिया है। वहीं बार कौंसिल ऑफ यूपी ने प्रयागराज में आज आपात बैठक बुलाई है। वकीलों की मांग है कि जिला जज का ट्रांसफर हो और लाठीचार्ज करने वाले पुलिस अफसरों पर एक्शन लिया जाए। सबसे पहले कल हुए बवाल की 3 तस्वीरें देखिए… जिला जज से नोकझोंक, फिर हुआ लाठीचार्ज
दरअसल, गाजियाबाद बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष नाहर सिंह यादव 29 अक्टूबर को जिला जज अनिल कुमार की कोर्ट में पहुंचे। कविनगर थाने में एक केस दर्ज है, जिसके 9 आरोपी अग्रिम जमानत पर चल रहे हैं। इनकी रेगुलर बेल पर सुनवाई होनी थी। नाहर सिंह यादव के अनुसार- कोर्ट में भीड़ ज्यादा थी। मैंने जिला जज से अनुरोध किया कि वो इस केस को या तो जल्द सुन लें या दूसरी अदालत को ट्रांसफर कर दें। इसी बात पर जज और वकीलों में कहासुनी हुई। वो इतनी बढ़ गई कि गाली-गलौज हुई। पुलिस-पीएसी ने पहुंचकर वकीलों पर लाठीचार्ज कर उन्हें खदेड़ दिया। इससे नाराज वकीलों ने कचहरी पुलिस चौकी में आग लगा दी। ये बवाल करीब 3 घंटे तक चला। पूर्व बार अध्यक्ष सहित 50 अज्ञात वकीलों पर 2 मुकदमे दर्ज
इस पूरे मामले में वकीलों पर दो मुकदमे दर्ज हुए हैं। पहला केस जिला जज कोर्ट के केंद्रीय नाजिर संजीव गुप्ता ने कराया है। इसमें अधिवक्ता एवं पूर्व बार अध्यक्ष नाहर सिंह यादव, अभिषेक यादव, दिनेश यादव और 40–50 अज्ञात दर्शाए गए हैं। आरोप है कि वकीलों ने कोर्ट की खिड़कियों के शीशे तोड़ डाले। चेकिंग गेट (DFMD) तोड़ दिया। कुर्सी मेज फेंक दी। पुलिस चौकी के अंदर स्थित CCTV सर्वर रूम को क्षतिग्रस्त कर दिया। इसके बाद पुलिस चौकी में आग लगा दी। दूसरा मुकदमा कचहरी पुलिस चौकी प्रभारी संजय सिंह ने 50 अज्ञात वकीलों पर कराया है। आरोप है कि वकीलों ने पत्थर बरसाए और पुलिस चौकी में आग लगा दी। पथराव में सब इंस्पेक्टर राजेश घायल हो गए। PAC की 4 कंपनी बुलाकर बलवा कर रहे वकीलों को खदेड़ा गया। बार कौंसिल ने जांच के लिए बनाई कमेटी, प्रयागराज में आज बुलाई बैठक
बार कौंसिल ऑफ यूपी के अध्यक्ष शिवकुमार गौड़ ने गाजियाबाद में वकीलों पर हुए लाठीचार्ज पर विरोध दर्ज कराया है। उन्होंने पूरे केस की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच के लिए एक विशेष कमेटी बनाई है। इसमें रोहिताश्व अग्रवाल, मधुसूदन त्रिपाठी, अरुण त्रिपाठी, अजय यादव और प्रशांत सिंह अटल को शामिल किया है। कमेटी को निर्देश दिया है कि वो गाजियाबाद पहुंचकर पूरे प्रकरण की जांच करे और अपनी रिपोर्ट बार कौंसिल में पेश करे। अध्यक्ष ने कहा- दोषी चाहें पुलिस-प्रशासनिक या फिर न्यायिक अधिकारी हो, वो बख्शे नहीं जाएंगे। हमारी मांग है कि हाईकोर्ट ऐसे अफसरों के विरुद्ध जांच कर सख्त कार्रवाई करे और कोर्ट परिसर से पुलिस को तत्काल हटाया जाए। इस पूरे प्रकरण में बार कौंसिल ऑफ यूपी ने एक आपात बैठक 30 अक्टूबर की शाम 4 बजे प्रयागराज में बुलाई है। इसमें निर्णय लिया जाएगा कि आगे क्या किया जाए। ‘जिला जज को सस्पेंड कर ट्रांसफर किया जाए’
बार कौंसिल ऑफ यूपी के पूर्व अध्यक्ष मधुसूदन त्रिपाठी ने इस पूरे प्रकरण में गाजियाबाद के जिला जज अनिल कुमार को सस्पेंड करके ट्रांसफर करने और घायल अधिवक्ताओं के इलाज के लिए दो-दो लाख रुपए सहायता देने की मांग की है। मधुसूदन त्रिपाठी ने कहा- वर्तमान सरकार में पुलिस निरंकुश हो गई है। खुद मुख्यमंत्री ये बयान देते हैं कि ठोक दो। इससे पुलिस में बर्बरता की भावना आ गई है और वो जानते हैं कि पुलिस का बाल बांका होने वाला नहीं है। आसपास के जिलों के वकीलों से फोन पर वार्ता
उधर, हाईकोर्ट बेंच स्थापना केंद्रीय संघर्ष समिति की बैठक मंगलवार शाम मेरठ में हुई। चेयरमैन रोहिताश्व कुमार अग्रवाल और संयोजक अमित कुमार दीक्षित ने बताया- गाजियाबाद घटनाक्रम के विरोध में वेस्ट यूपी के वकीलों ने 30 अक्टूबर को हड़ताल पर रहने का फैसला लिया है। हमने इस प्रकरण में सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बागपत, शामली, नोएडा, बुलंदशहर, बिजनौर, हापुड़, अलीगढ़ आदि जिलों के बार अध्यक्षों से फोन पर वार्ता की है। सभी ने गाजियाबाद में वकीलों पर लाठीचार्ज पर आक्रोश जताया है। इसलिए फिलहाल एक दिन की हड़ताल का निर्णय लिया गया है। ……………………………… वकीलों के हंगामे से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए… गाजियाबाद जिला जज कोर्ट में कुर्सियां फेंकीं, पुलिस चौकी फूंकी;सुनवाई के दौरान बहस गाजियाबाद में जिला जज की कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई के दौरान बवाल हो गया। जज और वकीलों में बहस हो गई। इसके बाद वकील भड़क गए। कोर्ट रूम में कुर्सियां फेंकीं। पुलिस ने हंगामा कर रहे वकीलों को लाठीचार्ज कर खदेड़ा। इससे गुस्साए वकीलों ने कचहरी की पुलिस चौकी में तोड़फोड़ कर आग लगा दी। पढ़िए पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर