मोहित पांडे की मौत के आरोपियों तक नहीं पहुंची पुलिस:आरोपियों से अभी तक नहीं हुई पूछताछ, एक का नाम भी नहीं पता

मोहित पांडे की मौत के आरोपियों तक नहीं पहुंची पुलिस:आरोपियों से अभी तक नहीं हुई पूछताछ, एक का नाम भी नहीं पता

लखनऊ के चिनहट थाना के लॉकअप में हुई मोहित पांडेय की मौत मामले में पुलिस के हाथ खाली हैं। वह अभी किसी आरोपी को पकड़ना तो दूर बयान तक दर्ज नहीं कर सकी थी। परिजनों का आरोप है कि पुलिस की हीलाहवाली का इसी से पता लगाया जा सकता है कि उसने अभी तक आरोपी आदेश के चाचा का नाम तक पता नहीं कर सकी है। जो घटना का मुख्य वजह बना। मोहित की संदिग्ध हालात में हुई लॉकअप में मौत मामले के विवेचक ने बुधवार को भी उसके परिजनों के बयान नहीं दर्ज कर सके। उनका कहना है कि घटना से जुड़े अन्य लोगों से पूछताछ के साथ साक्ष्य संकलन किए जा रहे हैं। पीड़ित के बयान दर्ज होने के बाद आरोपियों के बयान लिए जाएंगे। 600 रुपए के लेनदेन के विवाद में मोहित को पुलिस ने था पकड़ा
चिनहट की नई बस्ती जैनाबाद निवासी मोहित पांडेय को शुक्रवार रात को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। जब उसका 600 रुपए लेनदेन का विवाद आदेश से हुआ था। जिसकी सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस उसको पकड़ कर थाने ले गई थी। शनिवार को उसकी लॉकअप में संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। परिजनों ने पुलिस की पिटाई से मौत का आरोप लगाते हुए तत्कालीन इंस्पेक्टर अश्वनी चतुर्वेदी, आदेश और उसके चाचा समेत अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। यह खबर भी पढ़ें…​​​​​​ मोहित पांडेय की मौत वाली रात का राज:लॉकअप में बंद युवक ने बताया- पुलिस 5 बार खींचकर बाहर ले गई, दर्द से 6 घंटे तक चीखता रहा, लेकिन किसी ने नहीं सुना ‘मोहित पांडेय को जब पुलिस ले आई तो वह आराम से बैठा था, फिर लेट गया। उस वक्त लॉकअप में 8 लोग थे। थोड़ी देर बाद मोहित अचानक चीखने लगा। पूछा तो बताया कि सीने में दर्द हो रहा है। पुलिसकर्मी बाहर से देख रहे थे, लेकिन कोई भी अंदर नहीं आया।’ ‘उसने हेल्प मांगी तो पुलिसवाले गाली देने लगे। बाद में कुछ समय के लिए मोहित को खींचकर बाहर ले गए, फिर लॉकअप में धकेल दिया। वह गिरा और अचेत हो गया, उसकी हालत बिगड़ चुकी थी। थोड़ी देर में उसकी मौत हो गई। यह कहना है मोहित के साथ लॉकअप में कैद एक युवक का…। पूरी खबर पढ़ें… लखनऊ के चिनहट थाना के लॉकअप में हुई मोहित पांडेय की मौत मामले में पुलिस के हाथ खाली हैं। वह अभी किसी आरोपी को पकड़ना तो दूर बयान तक दर्ज नहीं कर सकी थी। परिजनों का आरोप है कि पुलिस की हीलाहवाली का इसी से पता लगाया जा सकता है कि उसने अभी तक आरोपी आदेश के चाचा का नाम तक पता नहीं कर सकी है। जो घटना का मुख्य वजह बना। मोहित की संदिग्ध हालात में हुई लॉकअप में मौत मामले के विवेचक ने बुधवार को भी उसके परिजनों के बयान नहीं दर्ज कर सके। उनका कहना है कि घटना से जुड़े अन्य लोगों से पूछताछ के साथ साक्ष्य संकलन किए जा रहे हैं। पीड़ित के बयान दर्ज होने के बाद आरोपियों के बयान लिए जाएंगे। 600 रुपए के लेनदेन के विवाद में मोहित को पुलिस ने था पकड़ा
चिनहट की नई बस्ती जैनाबाद निवासी मोहित पांडेय को शुक्रवार रात को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। जब उसका 600 रुपए लेनदेन का विवाद आदेश से हुआ था। जिसकी सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस उसको पकड़ कर थाने ले गई थी। शनिवार को उसकी लॉकअप में संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। परिजनों ने पुलिस की पिटाई से मौत का आरोप लगाते हुए तत्कालीन इंस्पेक्टर अश्वनी चतुर्वेदी, आदेश और उसके चाचा समेत अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। यह खबर भी पढ़ें…​​​​​​ मोहित पांडेय की मौत वाली रात का राज:लॉकअप में बंद युवक ने बताया- पुलिस 5 बार खींचकर बाहर ले गई, दर्द से 6 घंटे तक चीखता रहा, लेकिन किसी ने नहीं सुना ‘मोहित पांडेय को जब पुलिस ले आई तो वह आराम से बैठा था, फिर लेट गया। उस वक्त लॉकअप में 8 लोग थे। थोड़ी देर बाद मोहित अचानक चीखने लगा। पूछा तो बताया कि सीने में दर्द हो रहा है। पुलिसकर्मी बाहर से देख रहे थे, लेकिन कोई भी अंदर नहीं आया।’ ‘उसने हेल्प मांगी तो पुलिसवाले गाली देने लगे। बाद में कुछ समय के लिए मोहित को खींचकर बाहर ले गए, फिर लॉकअप में धकेल दिया। वह गिरा और अचेत हो गया, उसकी हालत बिगड़ चुकी थी। थोड़ी देर में उसकी मौत हो गई। यह कहना है मोहित के साथ लॉकअप में कैद एक युवक का…। पूरी खबर पढ़ें…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर