डेंगू को मात देने के बाद सांसद गुरमीत सिंह मीत हेयर 13 नवंबर को बरनाला में होने वाले विधानसभा उपचुनाव के लिए फिर से एक्टिव हो गए हैं। उन्होंने खुद हलके की कमान संभाल ली है। इसके साथ ही उन्होंने कई कांग्रेस नेताओं को आम आदमी पार्टी (AAP) में शामिल करवाया है। साथ ही वह लगातार पार्टी की गतिविधियों में हिस्सा ले रहे हैं। वह इससे जुड़ी तमाम जानकारियां अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लगातार शेयर कर रहे हैं। हालांकि, AAP में सालों से मजबूत आधार रखने वाले गुरदीप सिंह बाठ इस बार टिकट न मिलने पर आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में उतरे हैं। आप ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया है। दो दिन से कर रहे हैं बैठकें करीब 20 घंटे पहले सांसद ने एक पोस्ट शेयर कर लिखा था कि भदलवड में कांग्रेस नेता और पूर्व सरपंच राजवंत सिंह गिल अपने साथियों के साथ आम आदमी पार्टी में शामिल हुए। आप प्रत्याशी हरिंदर सिंह धालीवाल के चुनाव प्रचार को पूरे विधानसभा क्षेत्र से जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। इससे पहले 30 अक्टूबर को भी उन्होंने पोस्ट किया था कि – कांग्रेस पार्षद जगजीत जग्गू मोर अपने साथियों के साथ आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए हैं। 26 अक्टूबर डेंगू पॉजिटिव होने बारे बताया गुरमीत सिंह मीत हेयर गत दिनों डेंगू पॉजिटिव हुए थे। उनका मोहाली के एक निजी अस्पताल में इलजा चल रहा था। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा था- मैं पिछले एक सप्ताह से डेंगू पॉजिटिव होने के कारण अस्पताल में भर्ती हूं। मैं अपने बरनाला निवासियों से उप चुनाव के लिए हमारे उम्मीदवार हरिंदर सिंह धालीवाल के चुनाव अभियान में सक्रिय रूप से भाग लेने का अनुरोध करता हूं। ठीक होने के बाद मैं जल्द ही चुनाव प्रचार में शामिल होऊंगा। बरनाला विधानसभा चुनाव इस बार जबरदस्त टक्कर गुरमीत सिंह मीत हेयर 2017 से 2022 तक दो बार बरनाला के विधायक रहे हैं। 2024 वह रिकॉर्ड एक लाख मतों से जीतकर संगरूर से सांसद बने थे। 2017 में उन्होंने कांग्रेस के तत्कालीन नेता केवल सिंह ढिल्लों को हराया था। इस दौरान गुरमीत सिंह मीत हेयर काे 47606 वोट मिले थे। जबकि केवल ढिल्लों को 45174 मत मिले थे। 2022 में चुनाव में गुरमीत सिंह मीत हेयर 64800 वोट मिले थे। जबकि दूसरे नंबर पर अकाली उम्मीदवार कुलवंत सिंह कीटू 25174 वोट मिले थे। उस समय कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय पवन बंसल के बेटे मनीष बंसल को चुनावी मैदान उन्हें 16853 वोट मिले थे। लेकिन इस बार केवल सिंह ढिल्लों कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आ गए है। साथ ही चुनावी मैदान में है। डेंगू को मात देने के बाद सांसद गुरमीत सिंह मीत हेयर 13 नवंबर को बरनाला में होने वाले विधानसभा उपचुनाव के लिए फिर से एक्टिव हो गए हैं। उन्होंने खुद हलके की कमान संभाल ली है। इसके साथ ही उन्होंने कई कांग्रेस नेताओं को आम आदमी पार्टी (AAP) में शामिल करवाया है। साथ ही वह लगातार पार्टी की गतिविधियों में हिस्सा ले रहे हैं। वह इससे जुड़ी तमाम जानकारियां अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लगातार शेयर कर रहे हैं। हालांकि, AAP में सालों से मजबूत आधार रखने वाले गुरदीप सिंह बाठ इस बार टिकट न मिलने पर आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में उतरे हैं। आप ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया है। दो दिन से कर रहे हैं बैठकें करीब 20 घंटे पहले सांसद ने एक पोस्ट शेयर कर लिखा था कि भदलवड में कांग्रेस नेता और पूर्व सरपंच राजवंत सिंह गिल अपने साथियों के साथ आम आदमी पार्टी में शामिल हुए। आप प्रत्याशी हरिंदर सिंह धालीवाल के चुनाव प्रचार को पूरे विधानसभा क्षेत्र से जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। इससे पहले 30 अक्टूबर को भी उन्होंने पोस्ट किया था कि – कांग्रेस पार्षद जगजीत जग्गू मोर अपने साथियों के साथ आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए हैं। 26 अक्टूबर डेंगू पॉजिटिव होने बारे बताया गुरमीत सिंह मीत हेयर गत दिनों डेंगू पॉजिटिव हुए थे। उनका मोहाली के एक निजी अस्पताल में इलजा चल रहा था। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा था- मैं पिछले एक सप्ताह से डेंगू पॉजिटिव होने के कारण अस्पताल में भर्ती हूं। मैं अपने बरनाला निवासियों से उप चुनाव के लिए हमारे उम्मीदवार हरिंदर सिंह धालीवाल के चुनाव अभियान में सक्रिय रूप से भाग लेने का अनुरोध करता हूं। ठीक होने के बाद मैं जल्द ही चुनाव प्रचार में शामिल होऊंगा। बरनाला विधानसभा चुनाव इस बार जबरदस्त टक्कर गुरमीत सिंह मीत हेयर 2017 से 2022 तक दो बार बरनाला के विधायक रहे हैं। 2024 वह रिकॉर्ड एक लाख मतों से जीतकर संगरूर से सांसद बने थे। 2017 में उन्होंने कांग्रेस के तत्कालीन नेता केवल सिंह ढिल्लों को हराया था। इस दौरान गुरमीत सिंह मीत हेयर काे 47606 वोट मिले थे। जबकि केवल ढिल्लों को 45174 मत मिले थे। 2022 में चुनाव में गुरमीत सिंह मीत हेयर 64800 वोट मिले थे। जबकि दूसरे नंबर पर अकाली उम्मीदवार कुलवंत सिंह कीटू 25174 वोट मिले थे। उस समय कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय पवन बंसल के बेटे मनीष बंसल को चुनावी मैदान उन्हें 16853 वोट मिले थे। लेकिन इस बार केवल सिंह ढिल्लों कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आ गए है। साथ ही चुनावी मैदान में है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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