हिमाचल प्रदेश के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेताओं को उतावलापन नहीं दिखना चाहिए। उन्होंने कहा कि गारंटी कांग्रेस ने दी है और इन गारंटियों को कांग्रेस ही पूरा करेगी। क्योंकि कांग्रेस सरकार ने उन्हें सरकारी दस्तावेज बनाया है। उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण गारंटियों को पूरा करने की तरफ सरकार सफलता से आगे बढ़ी है। प्रदेश की आर्थिक स्थिति को कमजोर करने में भाजपा की भूमिका रही है। क्योंकि भाजपा की सरकार ने कर्ज जिस अनुपात में लिया, उससे प्रदेश की आर्थिक स्थिति खराब हुई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार मजबूती के साथ व्यवस्थाओं को ठीक करते हुए आगे बढ़ रही है। कर्मचारी हित में निर्णय लिए मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने कर्मचारियों के हित में निर्णय किए हैं। कर्मचारियों को ओपीएस दी है। महिलाओं को 1500 रुपए देने की शुरुआत की है। युवाओं को रोजगार दिया जा रहा है और स्मार्ट स्कूल बनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार लगातार अपने वादों को पूरा कर रही है। साथ ही विकास को आगे बढ़ने का काम कर रही है। डिप्टी सीएम ने कहा कि भाजपा के नेता अपनी गलतियों और नाकामियों के लिए पश्चाताप करें। साथ ही प्रदेश की जनता से माफी मांगें। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार ने कर्ज लेकर जिस प्रकार से आर्थिक स्थिति को खराब किया, उसके लिए जनता कभी भाजपा को माफ नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार ने हिमाचल को पटरी से उतारा। अब प्रदेश के भाजपा नेता तो केंद्र में लगातार इस प्रयास में लगे रहते हैं कि हिमाचल को मदद न आए। उन्होंने कहा कि षड्यंत्र रचते रहते हैं कि सरकार बदल जाए। उन्होंने कहा कि भाजपा के षड्यंत्र फेल हुए हैं और आगे भी फेल होंगे। जनता की समस्याओं का हल करेंगे : अग्निहोत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हम जनता को विश्वास में लेकर आगे बढ़ेंगे। प्रदेश में बेहतरीन सरकार देते हुए जनता की समस्याओं को हल करेंगे। जनता से किए वादों को भी पूरा करेंगे। साथ ही हिमाचल को आर्थिक रूप से मजबूत बनाकर देश का अग्रणी राज्य बनाने का प्रयास भी करेंगे। उन्होंने कहा कि हमने केंद्र में हिमाचल के पक्ष को मजबूती से रखा है। आगे भी मजबूती के साथ प्रदेश के पक्ष को रखेंगे। उन्होंने कहा कि हिमाचल के हक को केंद्र रोक नहीं सकता। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मदद हिमाचल के टैक्स के रूप में ही मिल रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश को विशेष औद्योगिक पैकेज, विशेष आर्थिक पैकेज व आपदा का पैकेज देने में केंद्र सरकार कभी आगे नहीं आई। उन्होंने कहा कि जब प्रदेश में आपदा गंभीर रूप से आई, तब भी केंद्र को हिमाचल का दर्द जानने का समय नहीं लगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से पैकेज दिया और हम प्रदेश को आगे बढ़ाने के लिए वचनबद्ध हैं। हिमाचल प्रदेश के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेताओं को उतावलापन नहीं दिखना चाहिए। उन्होंने कहा कि गारंटी कांग्रेस ने दी है और इन गारंटियों को कांग्रेस ही पूरा करेगी। क्योंकि कांग्रेस सरकार ने उन्हें सरकारी दस्तावेज बनाया है। उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण गारंटियों को पूरा करने की तरफ सरकार सफलता से आगे बढ़ी है। प्रदेश की आर्थिक स्थिति को कमजोर करने में भाजपा की भूमिका रही है। क्योंकि भाजपा की सरकार ने कर्ज जिस अनुपात में लिया, उससे प्रदेश की आर्थिक स्थिति खराब हुई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार मजबूती के साथ व्यवस्थाओं को ठीक करते हुए आगे बढ़ रही है। कर्मचारी हित में निर्णय लिए मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने कर्मचारियों के हित में निर्णय किए हैं। कर्मचारियों को ओपीएस दी है। महिलाओं को 1500 रुपए देने की शुरुआत की है। युवाओं को रोजगार दिया जा रहा है और स्मार्ट स्कूल बनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार लगातार अपने वादों को पूरा कर रही है। साथ ही विकास को आगे बढ़ने का काम कर रही है। डिप्टी सीएम ने कहा कि भाजपा के नेता अपनी गलतियों और नाकामियों के लिए पश्चाताप करें। साथ ही प्रदेश की जनता से माफी मांगें। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार ने कर्ज लेकर जिस प्रकार से आर्थिक स्थिति को खराब किया, उसके लिए जनता कभी भाजपा को माफ नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार ने हिमाचल को पटरी से उतारा। अब प्रदेश के भाजपा नेता तो केंद्र में लगातार इस प्रयास में लगे रहते हैं कि हिमाचल को मदद न आए। उन्होंने कहा कि षड्यंत्र रचते रहते हैं कि सरकार बदल जाए। उन्होंने कहा कि भाजपा के षड्यंत्र फेल हुए हैं और आगे भी फेल होंगे। जनता की समस्याओं का हल करेंगे : अग्निहोत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हम जनता को विश्वास में लेकर आगे बढ़ेंगे। प्रदेश में बेहतरीन सरकार देते हुए जनता की समस्याओं को हल करेंगे। जनता से किए वादों को भी पूरा करेंगे। साथ ही हिमाचल को आर्थिक रूप से मजबूत बनाकर देश का अग्रणी राज्य बनाने का प्रयास भी करेंगे। उन्होंने कहा कि हमने केंद्र में हिमाचल के पक्ष को मजबूती से रखा है। आगे भी मजबूती के साथ प्रदेश के पक्ष को रखेंगे। उन्होंने कहा कि हिमाचल के हक को केंद्र रोक नहीं सकता। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मदद हिमाचल के टैक्स के रूप में ही मिल रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश को विशेष औद्योगिक पैकेज, विशेष आर्थिक पैकेज व आपदा का पैकेज देने में केंद्र सरकार कभी आगे नहीं आई। उन्होंने कहा कि जब प्रदेश में आपदा गंभीर रूप से आई, तब भी केंद्र को हिमाचल का दर्द जानने का समय नहीं लगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से पैकेज दिया और हम प्रदेश को आगे बढ़ाने के लिए वचनबद्ध हैं। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
रोहड़ू भुंडा-महायज्ञ; आज मौत की खाई पार करेंगे सूरत राम:बोले-डर के आगे आस्था, बेड़ा रस्म देखने उमड़ेगी भीड़, देश-विदेश से घर लौटे स्थानीय लोग
रोहड़ू भुंडा-महायज्ञ; आज मौत की खाई पार करेंगे सूरत राम:बोले-डर के आगे आस्था, बेड़ा रस्म देखने उमड़ेगी भीड़, देश-विदेश से घर लौटे स्थानीय लोग हिमाचल प्रदेश के रोहड़ू के दलगांव में चल रहे ऐतिहासिक भुंडा महायज्ञ में आज महत्वपूर्ण बेड़ा की रस्म निभाई जाएगी। इस महायज्ञ में सूरत राम मौत की घाटी को पार करेंगे। यह पूरे महायज्ञ में आकर्षण का केंद्र रहता है। इस रस्म को विशेष घास की रस्सी बनाकर पूरा किया जाता है। इस रस्म को विशेष जाती का व्यक्ति बेड़ा बनकर निभाता है। बेड़ा सूरत राम एक ऊंची पहाड़ी से रस्सी के जरिए नीचे की दूसरी पहाड़ी के बीच स्लाइड करते हुए मौत की खाई को पार करता है। सूरत राम (65 साल) नौवीं बार बेड़ा बनकर रस्सी के सहारे मौत की घाटी को पार करेंगे। 1985 में बकरालू महाराज के मंदिर में इससे पहले भुंडा हुआ था, वहां भी सूरत राम (तब 21 साल के थे) ने ही इस रस्म को पूरा किया था। सूरत राम प्रदेश में अलग अलग स्थानों पर होने वाले भुंडा महायज्ञों में 8 बार बेड़ा की भूमिका निभा चुके हैं। सूरत राम बोले- डर से आगे आस्था सूरत राम ने बताया कि कि वह भाग्यशाली हैं, जो उन्हें यह दैवीय कार्य करने का मौका मिला है। आस्था डर से कहीं आगे है। वह बताते हैं कि इस रस्सी को नाग का प्रतीक माना जाता है। यह प्रदर्शन भुंडा महायज्ञ का अहम हिस्सा है। यह यज्ञ रामायण महाभारत काल मे नरमेघ से का स्वरूप माना जाता है। बेड़ा के नियम कठोर बेड़ा एक विशेष जाति के लोग होते हैं। वहीं इस दैवीय कार्य करते हैं। इसके लिए चुने गए व्यक्ति को कई कठोर नियमों का पालन करता पड़ता हैं। सूरत राम ने कहा कि उन्होंने देवता के मंदिर में पूरे नियम के साथ ब्रह्मचर्य का पालन किया। भुंडा महायज्ञ शुरू होने से 3 महीने पहले से घर जाने की इजाजत नहीं होती। बेड़ा को देवता के मंदिर में ही रहना पड़ता है। बेड़ा के लिए एक समय का भोजन मंदिर में ही बनता है। अनुष्ठान के समापन होने तक न तो बाल और न ही नाखून काटे जाते हैं। सुबह चार बजे भोजन करने के बाद फिर अगले दिन सुबह चार बजे भोजन किया जाता है। यानी 24 घंटे में केवल एक बार भोजन किया जाता है। इस दौरान अधिकतम मौन व्रत का पालन किया जाता है। इसके अलावा अन्य प्रतिबंध भी रहते हैं। ढाई महीने में तैयार की रस्सी सूरत राम ने बताया कि इस रस्म को पूरा करने के लिए विशेष घास से खुद रस्सा तैयार किया है। इसे तैयार करने में चार लोगों ने सहयोग किया और इसे बनाने में ढाई महीने का समय लग गया। भुंडा के पीछे की मान्यता मान्यता है कि भुंडा महायज्ञ की शुरुआत भगवान परशुराम ने की थी। इस यज्ञ में भगवान परशुराम ने नरमुंडों की बलि दी थी। इसलिए इसे नरमेघ यज्ञ भी कहा जाता है। ये अनुष्ठान, पूर्ववर्ती बुशैहर रियासत के राजाओं की सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है। हिमाचल में कुल्लू के निरमंड, रामपुर बुशहर, रोहडू में भी इसे सदियों से मनाया जा रहा है। भुंडा महायज्ञ में दूर दूर से लोग इसे देखने पहुंचते हैं और रोहडू की स्पैल वैली के भमनाला, करालश, खोड़सू, दयारमोली, बश्टाड़ी, गावणा, बठारा, कुटाड़ा, खशकंडी, दलगांव और भेटली गांवों में 1500 के करीब परिवार इसकी मेजबानी करते है। दूर दूर से आने वाले लोग इन गांव में ठहरते हैं। देश-विदेश से भी घर लौटते हैं लोग इन गांव के जो लोग देश-विदेश में नौकरी या व्यवसाय करते हैं, वह भी भूंडा के लिए वापस घर लौटते हैं। क्षेत्र के लोग तीन सालों से इसकी तैयारियों में जुटे थे। इसमें स्पैल घाटी के तीन प्रमुख देवता बौंद्रा महाराज, महेश्वर और मोहरी दलगांव मंदिर पहुंच गए हैं। इन देवताओं के साथ हजारों की संख्या में देवलु (देवता के कारदार) और श्रद्धालु भी पहुंच रहे है। इस रस्म को देखने के लिए PWD मंत्री विक्रमादित्य सिंह भी आज रोहड़ू जाएंगे।
हिमाचल में 28 अक्टूबर को बिजली बोर्ड कर्मियों का धरना:इंजीनियरों के 51 पद समाप्त करने, 81 ड्राइवरों को नौकरी से हटाने पर भड़के
हिमाचल में 28 अक्टूबर को बिजली बोर्ड कर्मियों का धरना:इंजीनियरों के 51 पद समाप्त करने, 81 ड्राइवरों को नौकरी से हटाने पर भड़के हिमाचल प्रदेश के विद्युत बोर्ड कर्मचारियों ने प्रबंधन के खिलाफ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS), इंजीनियरों के खत्म किए गए 51 पदों की बहाली और नौकरी से हटाए गए 81 आउटसोर्स ड्राइवरों को दोबारा नौकरी पर रखने की मांग को लेकर बिजली बोर्ड के कर्मचारी और इंजीनियर के जॉइंट फ्रंट ने आंदोलन का निर्णय लिया है। जॉइंट फ्रंट ने 28 अक्टूबर को प्रदेशभर में सांकेतिक प्रदर्शन का ऐलान कर दिया है। जॉइंट फ्रंट के सह संयोजक हीरा लाल वर्मा ने बताया कि बिजली बोर्ड के कर्मचारी 21 महीने से ओल्ड पेंशन स्कीम के लिए लड़ रहे है। इस बीच सरकार ने दो ऐसे फैसले लिए, जिससे बिजली बोर्ड कर्मचारी नाराज है। उन्होंने कहा कि बिजली बोर्ड में इंजीनियरों के 51 पद समाप्त करने और 81 ड्राइवरों को नौकरी से हटाने का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे बोर्ड की कार्यशेली पर बुरा असर पड़ेगा। साथ ही 10 से 15 सालों से सेवाएं दे रहे 81 परिवारों की रोजी रोटी पर प्रबंधन ने लात मारी है। बिजली बोर्ड को बांटने की तैयारी हीरालाल वर्मा ने कहा कि दो दिन पहले प्रदेश सरकार द्वारा मंत्री राजेश धर्माणी की अध्यक्षता में गठित कैबिनेट सब कमेटी के साथ जॉइंट फ्रंट की बैठक हुई है, जिसमें सरकार की तरफ बिजली बोर्ड की कई इकाइयों को विघटित करने की बात हो रही है। जिसमें संचार लाइन व उप केंद्र तथा अन्य संपत्तियों को बिजली बोर्ड से अलग करने की तैयारी है। उन्होंने कहा कि बिजली बोर्ड फ्रंट ने बैठक में स्पष्ट किया कि अगर प्रदेश सरकार ऐसा ख्याल भी कर रही है तो इस ख्याल को दिमाग से निकाल दें। जॉइंट फ्रंट इसका जोरदार तरीक़े से विरोध करेगा। 28 को होगा सांकेतिक प्रदर्शन हीरालाल वर्मा ने कहा कि बोर्ड के कर्मचारी 28 तारीख को सांकेतिक प्रदर्शन करेंगे। प्रदेश सरकार व निगम प्रबंधन कोई सकारात्मक पहल नहीं करता तो उसी दिन प्रदर्शन के साथ जॉइंट फ्रंट अगले कदम का ऐलान कर देगा। क्या है मांगे..? हिमाचल की सत्ता में आते ही कांग्रेस सरकार ने पहली ही कैबिनेट में OPS बहाल करने का निर्णय लिया था। इसके बाद सभी विभागों के कर्मचारियों की OPS बहाल कर दी गई। मगर बिजली बोर्ड कर्मचारियों को अब तक इसका लाभ नहीं मिल पाया है। अब सरकार ने इंजीनियरों के 51 पद खत्म किए है। इससे खासकर बोर्ड अभियंता तिलमिला गए है। इनका कहना है कि इंजीनियर के पद खत्म करने से बोर्ड का काम प्रभावित होगा और इनका प्रमोशन चैनल रुक जाएगा।
शिमला में सर्वानुबंध कर्मचारियों ने उठाई नियमितीकरण की मांग:दिवाली से पहले तोहफे की मांग, इस सिलसिले में CM से मिल चुके 12 बार
शिमला में सर्वानुबंध कर्मचारियों ने उठाई नियमितीकरण की मांग:दिवाली से पहले तोहफे की मांग, इस सिलसिले में CM से मिल चुके 12 बार हिमाचल प्रदेश सर्वानुबंध कर्मचारी महासंघ ने कैबिनेट से पहले सरकार से मांग की है कि दिवाली से पहले अन्य कर्मचारियों की तरह उन्हें भी सरकार नियमितीकरण का तोहफा दें। महासंघ ने सितम्बर तक अनुबंध कार्यकाल पूरा कर चुके कर्मचारियों को रेगुलर करने की मांग की है। अनुबंध कर्मचारी महासंघ ने सरकार को चेताया है कि वह 12 बार सीएम सुक्खू से मिल चुके हैं और शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांग को सरकार के समक्ष रखा है। मगर उनकी मांग नहीं सुनी जा रही है, ऐसे में सरकार जल्दी कोई निर्णय नही लेती तो उनके पास दूसरे विकल्प भी मौजूद हैं। कर्मचारियों को झेलना पड़ रहा आर्थिक नुकसान
सर्वानुबंध कर्मचारी महासंघ जय प्रदेश अध्यक्ष कामेश्वर शर्मा ने शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि हुए 12 बार प्रदेश के मुख्यमंत्री से मिल चुके हैं। इसके अलावा मंत्रियों और सीपीएस से मिले लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। पहले राज्य सरकार द्वारा वर्ष में दो बार अनुबंध कर्मचारियों को नियमित किया जाता था लेकिन अब नए नियमों के अनुसार एक बार ही नियमित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ये नियम पहले भर्ती हो चुके कर्मचारियों पर लागू नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्हें आर्थिक नुकसान हो रहा है 22 अक्टूबर को प्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक होने जा रही है सरकार इस एजेंडे को कैबिनेट में ले जाकर उनके नियमितीकरण की अधिसूचना जारी करें। कोर्ट का दरवाजा आखरी रास्ता
अध्यक्ष ने कहा कि अनुबंध कर्मचारी सरकार के परिवार का हिस्सा है, मुख्यमंत्री परिवार के मुखिया हैं। उन्हें उम्मीद है कि सरकार जब नियमित कर्मचारियों के लिए इतने बड़े फैसले ले सकती है, तो उनके पक्ष में भी जरूर कोई फैसला लेगी। वहीं उन्होंने कहा कोर्ट जाने के सवाल पर कहा कि बात मनवाने के लिए कई रास्ते है। कोर्ट और धरने प्रदर्शन आखिरी रास्ता है। परंतु उन्हें उम्मीद है कि इसकी जरूरत नहीं पड़ेगी सरकार पहले ही उनकी मांग पूरी करेगी।