शिमला के रामपुर में 11 से 14 नवंबर तक अंतरराष्ट्रीय लवी मेले में सांस्कृतिक संध्याओं में प्रदेश के विभिन्न कलाकार भाग लेते हैं। इन कलाकारों के चयन को लेकर 6 से 8 नवंबर तक ऑडिशन प्रक्रिया होगी। अंतरराष्ट्रीय लवी मेला कमेटी के सचिव एवं एसडीएम निशांत तोमर ने बताया कि 11 से 14 नवंबर तक आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय लवी मेले में सांस्कृतिक संध्याओं में प्रस्तुतियां देने वाले कलाकारों के लिए 6 से 8 नवंबर तक ऑडिशन प्रक्रिया आयोजित की जा रही है। जिला भाषा अधिकारी की अगुवाई वाली कमेटी कलाकारों के कमेटी ऑड़िशन लेगी। इसके बाद कमेटी द्वारा चयनित कलाकार अंतरराष्ट्रीय लवी मेले की सांस्कृतिक संध्याओं में अपनी प्रस्तुतियां देंगे। 150 से अधिक लोक कलाकार देते हैं प्रस्तुतियां बता दें कि, लवी मेले की चार सांस्कृतिक संध्याओं में करीब 140 लोक कलाकार प्रस्तुतियां देते हैं। विभिन्न जिलों के कलाकार अपने क्षेत्र और जिले से जुड़ी कलाओं को मंच के माध्यम से लोगों तक पहुंचाते हैं। सांस्कृतिक संध्याओं में से एक संध्या नगर परिषद द्वारा करवाई जाती है। इसके अलावा तीन संध्याओं में ऑडिशन कमेटी द्वारा चयनित कलाकारों को अपनी प्रस्तुतियां देने का मौका मिलता है। शिमला के रामपुर में 11 से 14 नवंबर तक अंतरराष्ट्रीय लवी मेले में सांस्कृतिक संध्याओं में प्रदेश के विभिन्न कलाकार भाग लेते हैं। इन कलाकारों के चयन को लेकर 6 से 8 नवंबर तक ऑडिशन प्रक्रिया होगी। अंतरराष्ट्रीय लवी मेला कमेटी के सचिव एवं एसडीएम निशांत तोमर ने बताया कि 11 से 14 नवंबर तक आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय लवी मेले में सांस्कृतिक संध्याओं में प्रस्तुतियां देने वाले कलाकारों के लिए 6 से 8 नवंबर तक ऑडिशन प्रक्रिया आयोजित की जा रही है। जिला भाषा अधिकारी की अगुवाई वाली कमेटी कलाकारों के कमेटी ऑड़िशन लेगी। इसके बाद कमेटी द्वारा चयनित कलाकार अंतरराष्ट्रीय लवी मेले की सांस्कृतिक संध्याओं में अपनी प्रस्तुतियां देंगे। 150 से अधिक लोक कलाकार देते हैं प्रस्तुतियां बता दें कि, लवी मेले की चार सांस्कृतिक संध्याओं में करीब 140 लोक कलाकार प्रस्तुतियां देते हैं। विभिन्न जिलों के कलाकार अपने क्षेत्र और जिले से जुड़ी कलाओं को मंच के माध्यम से लोगों तक पहुंचाते हैं। सांस्कृतिक संध्याओं में से एक संध्या नगर परिषद द्वारा करवाई जाती है। इसके अलावा तीन संध्याओं में ऑडिशन कमेटी द्वारा चयनित कलाकारों को अपनी प्रस्तुतियां देने का मौका मिलता है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में 3 दिन बाद बारिश-बर्फबारी:8 जिलों को चेतावनी; अक्टूबर में सामान्य से 96 प्रतिशत कम बादल बरसे, ताबो का पारा माइनस में हिमाचल प्रदेश में 3 दिन बाद वेस्टर्न डिस्टरबेंस (WD) एक्टिव हो रहा है। मौसम विभाग के अनुसार, इससे 22 अक्टूबर को चंबा, कांगड़ा, किन्नौर, कुल्लू, लाहौल स्पीति, मंडी, शिमला व सिरमौर जिला के अधिक ऊंचे क्षेत्रों हल्की बर्फबारी व मध्यम ऊंचाई वाले इलाकों में बारिश हो सकती है। उधर, लाहौल स्पीति के ताबो का न्यूनतम तापमान माइनस 0.9 डिग्री चला गया है। प्रदेश में पहली बार तापमान माइनस में गया है। प्रदेश में 23 अक्टूबर को मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान है, जबकि 24 अक्टूबर को फिर से अधिक ऊंचे स्थानों पर बर्फबारी और मध्यम ऊंचाई वाले इलाकों में बारिश हो सकती है। मौसम विभाग के अनुसार आज, कल और परसो तीन दिन मौसम साफ बना रहेगा। अक्टूबर में सामान्य से 96% कम बारिश प्रदेश में अक्टूबर माह में सूखे जैसे हालत बने हुए है। 7 जिले बिलासपुर, चंबा, हमीरपुर, कुल्लू, शिमला, सोलन व सिरमौर में पानी की एक बूंद भी नहीं बरसी। प्रदेश में 1 से 18 अक्टूबर के बीच 19.2 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है, लेकिन इस बार 0.8 मिलीमीटर बादल बरसे है। यानी पोस्ट मानसून सीजन में 96 प्रतिशत कम बारिश हुई है। ऊना में सर्वाधिक 8.6 मिलीमीटर बारिश जरूर हुई है, लेकिन यहां भी सामान्य से 43 प्रतिशत कम बादल बरसे है। वहीं मंडी में 3.7 मिलीमीटर बारिश हुई है, जो सामान्य से 76 प्रतिशत कम और कांगड़ा में 1.9 मिलीमीटर, किन्नौर में 0.4 मिलीमीटर और लाहौल स्पीति में 0.1 मिलीमीटर बादल बरसे हैं। सामान्य से ज्यादा चल रहा तापमान अक्टूबर महीने में बारिश-बर्फबारी नहीं होने से न्यूनतम और अधिकतम तापमान सामान्य से ज्यादा चल रहा है। इससे खासकर प्रदेश के मैदानी इलाकों में दिन में गर्मी पसीने छुड़ा रही है। ऊना का तापमान 33.4 डिग्री सेल्सियस बना हुआ है।
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हिमाचल के स्टूडेंट का रीडिंग लेवल देश में सबसे बेहतर:हरियाणा-पंजाब में भी राष्ट्रीय औसत से ज्यादा; राजस्थान-बिहार व MP में चिंताजनक स्थिति हिमाचल प्रदेश में छात्रों का रीडिंग लेवल पूरे देश में सबसे बेहतर आंका गया है। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में थर्ड क्लास के 46.6 प्रतिशत छात्र-छात्राएं आसानी से दूसरी कक्षा की हिंदी की पाठ्य पुस्तक को पढ़ लेते हैं। यह दावा भारत सरकार द्वारा अनुबंधित एनुअल स्टेट्स ऑफ एजुकेशन (असर) की 2024 की वार्षिक रिपोर्ट में किया गया। असर के अनुसार, पूरे देश में थर्ड क्लास के औसत मात्र 23.4 प्रतिशत छात्र-छात्राएं ही सेकेंड क्लास की पुस्तक पढ़ पाते हैं, जबकि हिमाचल में राष्ट्रीय औसत से दोगुणा ज्यादा स्टूडेंट सेकेंड क्लास की पाठ्य पुस्तक पढ़ लेते हैं। हिमाचल में साल 2022 में तीसरी कक्षा के मात्र 23 प्रतिशत छात्र ही सेकेंड क्लास की पाठ्य पुस्तक पढ़ पा रहे थे। मगर 2024 में दोगुणा से भी ज्यादा बच्चे ऐसा कर पा रहे हैं। प्रदेश में कोरोना काल में छात्रों के रीडिंग लेवल में बहुत ज्यादा गिरावट आ गई थी। मगर 2024 में इसमे सुधार आया है। केरला के बच्चों का रीडिंग लेवल भी अच्छा हिमाचल के बाद केरला के छात्रों का रीडिंग लेवल सबसे अच्छा है। केरल के 44.4 प्रतिशत, उड़िसा के 37.7 प्रतिशत, महाराष्ट्र के 37 प्रतिशत, उत्तराखंड के 35.6 प्रतिशत, पश्चिम बंगाल के 34 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश के 27.9 प्रतिशत, गुजरात के 24.7 प्रतिशत और छत्तीसगढ़ के 24.5 प्रतिशत थर्ड क्लास के बच्चे सेकेंड क्लास की पाठ्य पुस्तक पढ़ पाते है। राजस्थान में स्थिति सबसे चिंताजनक राजस्थान में सबसे चिंताजनक आंकड़े हैं। यहां सबसे कम 12.1 प्रतिशत छात्र ही सेकेंड क्लास की टेक्स्ट बुक पढ़ पाते हैं। असम में मात्र 13.2 प्रतिशत, झारखंड में 14.1 प्रतिशत, मध्यप्रदेश में 14.8 प्रतिशत और बिहार में 20.1 प्रतिशत तीसरी कक्षा के विद्यार्थी ही दूसरी की पाठ्य पुस्तक पढ़ पाते हैं। हिमाचल में इससे हुआ सुधार प्रदेश में निपुण मिशन के तहत बच्चों को क्वालिटी एजुकेशन देने पर ध्यान दिया जा रहा है। राज्य सरकार समय समय पर टीचरों को ट्रेनिंग दे रही है। इसी तरह टीचरों को ऑनलाइन रीडिंग मटीरियल भी उपलब्ध कराया जाता है। समय समय पर बच्चों की मॉनिटरिंग की जा रही है।