पंजाब की चार सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव के लिए सीएम भगवंत मान ने अकेले ही मोर्चा संभाला हुआ है। आज (सोमवार) को सीएम बरनाला में पार्टी के उम्मीदवार हरिंदर सिंह धालीवाल के पक्ष में रोड शो करेंगे। इस बार चुनावी कैंपेन आप दी सरकार आप दा MLA चलाया है। वहीं सरकार के मंत्री और विधायक भी चुनावी दंगल में डटे हुए हैं। सरकार की कोशिश इन चारों सीटों पर को फतह करने की है, जबकि विरोधी सरकार को घेरने की तैयारी में है। वहीं, यह पहला मौका है कि 1992 के बाद शिरोमणि अकाली दल चुनाव नहीं लड़ रहा है। बरनाला में इस बार उलझा AAP का गणित बरनाला सीट साल 2017 से आम आदमी पार्टी के पास रही है। यहां से गुरमीत सिंह मीत लगातार दो बार चुनाव जीते हैं। 2022 में आप की सरकार आने पर उन्हें मंत्री पद मिला था। वहीं, 2024 लोकसभा चुनाव में हेयर ने संगरूर से चुनाव जीता था। जिसके बाद यह सीट खाली हुई थी। लेकिन इस बार यहां पर पार्टी में बगावत हुई है। जैसे ही पार्टी ने गुरमीत सिंह मीत हेयर के करीबी हरिंदर सिंह को उम्मीदवार बनाया तो गुरदीप बाठ ने बगावत कर निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरने का फैसला लिया। इसके बाद उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। वहीं, दूसरी और भाजपा ने केवल सिंह ढिल्लों को उम्मीदवार बनाया है। वह कांग्रेस की टिकट पर यहां से विधायक रह चुके हैं। 2017 में तो मीत हेयर और ढिल्लों में हार जीत का अंतर दो हजार से कम रहा था। कैंपेन की स्ट्रेटजी तैयार, जल्दी आएंगे दिग्गज भले ही अभी तक पार्टी के दिग्गज दिल्ली से नहीं आए हैं। लेकिन चुनाव कैंपेन कैसे चलानी है, इसको लेकर स्ट्रेटजी तैयार की जा चुकी है। पार्टी के महासचिव व सीएम ने चंडीगढ़ में 4 हलकों के नेताओं से इसी मुद्दे पर रणनीति बनाई थी। साथ ही सारे नेताओं और वालंटियरों को 4 हलकों में लगाया गया हैं। वहीं, आने वाले दिनों में पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल से लेकर सारे दिग्गज यहां आएंगे। पार्टी चालीस स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर चुकी है। इस दौरान बरनाला, डेरा बाबा नानक, चब्बेवाल और गिद्दड़बाहा में उपचुनाव हो रहे हैं। क्योंकि इन सीटों के विधायक अब सांसद बन चुके हैं। जिस वजह से यह सीटें खाली थी। 2022 में हुए विधानभा चुनाव में AAP 117 में से 92 सीटें जीती थी। वहीं पार्टी जालंधर विधानसभा उपचुनाव जीत चुकी है। जालंधर वेस्ट से उप चुनाव जीते मोहिंदर भगत को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। पंजाब की चार सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव के लिए सीएम भगवंत मान ने अकेले ही मोर्चा संभाला हुआ है। आज (सोमवार) को सीएम बरनाला में पार्टी के उम्मीदवार हरिंदर सिंह धालीवाल के पक्ष में रोड शो करेंगे। इस बार चुनावी कैंपेन आप दी सरकार आप दा MLA चलाया है। वहीं सरकार के मंत्री और विधायक भी चुनावी दंगल में डटे हुए हैं। सरकार की कोशिश इन चारों सीटों पर को फतह करने की है, जबकि विरोधी सरकार को घेरने की तैयारी में है। वहीं, यह पहला मौका है कि 1992 के बाद शिरोमणि अकाली दल चुनाव नहीं लड़ रहा है। बरनाला में इस बार उलझा AAP का गणित बरनाला सीट साल 2017 से आम आदमी पार्टी के पास रही है। यहां से गुरमीत सिंह मीत लगातार दो बार चुनाव जीते हैं। 2022 में आप की सरकार आने पर उन्हें मंत्री पद मिला था। वहीं, 2024 लोकसभा चुनाव में हेयर ने संगरूर से चुनाव जीता था। जिसके बाद यह सीट खाली हुई थी। लेकिन इस बार यहां पर पार्टी में बगावत हुई है। जैसे ही पार्टी ने गुरमीत सिंह मीत हेयर के करीबी हरिंदर सिंह को उम्मीदवार बनाया तो गुरदीप बाठ ने बगावत कर निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरने का फैसला लिया। इसके बाद उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। वहीं, दूसरी और भाजपा ने केवल सिंह ढिल्लों को उम्मीदवार बनाया है। वह कांग्रेस की टिकट पर यहां से विधायक रह चुके हैं। 2017 में तो मीत हेयर और ढिल्लों में हार जीत का अंतर दो हजार से कम रहा था। कैंपेन की स्ट्रेटजी तैयार, जल्दी आएंगे दिग्गज भले ही अभी तक पार्टी के दिग्गज दिल्ली से नहीं आए हैं। लेकिन चुनाव कैंपेन कैसे चलानी है, इसको लेकर स्ट्रेटजी तैयार की जा चुकी है। पार्टी के महासचिव व सीएम ने चंडीगढ़ में 4 हलकों के नेताओं से इसी मुद्दे पर रणनीति बनाई थी। साथ ही सारे नेताओं और वालंटियरों को 4 हलकों में लगाया गया हैं। वहीं, आने वाले दिनों में पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल से लेकर सारे दिग्गज यहां आएंगे। पार्टी चालीस स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर चुकी है। इस दौरान बरनाला, डेरा बाबा नानक, चब्बेवाल और गिद्दड़बाहा में उपचुनाव हो रहे हैं। क्योंकि इन सीटों के विधायक अब सांसद बन चुके हैं। जिस वजह से यह सीटें खाली थी। 2022 में हुए विधानभा चुनाव में AAP 117 में से 92 सीटें जीती थी। वहीं पार्टी जालंधर विधानसभा उपचुनाव जीत चुकी है। जालंधर वेस्ट से उप चुनाव जीते मोहिंदर भगत को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
खडूर साहिब सीट पर पुलिसकर्मियों ने लगाई शर्त:10 हजार के लेन-देन का वीडियो वायरल; पंजाब में सबसे बड़े अंतर से जीते अमृतपाल
खडूर साहिब सीट पर पुलिसकर्मियों ने लगाई शर्त:10 हजार के लेन-देन का वीडियो वायरल; पंजाब में सबसे बड़े अंतर से जीते अमृतपाल पंजाब की सबसे रोचक सीट बनकर उभरी खडूर साहिब पर पुलिस वालों ने भी शर्त लगाई थी। खालिस्तान समर्थक व गर्मख्याली अमृतपाल सिंह की जीत के बाद पुलिस वालों के पैसे देने का वीडियो वायरल हो रहा है। गौरतलब है कि अमृतपाल सिंह ने जेल में रह कर चुनाव लड़ते हुए इस सीट पर पंजाब के सबसे बड़े अंतर से जीत हासिल की है। वायरल वीडियो में 7 से 8 पुलिसकर्मी ड्रेस व सिविल कपड़ों में दिख रहे हैं। पैसों का लेन-देन करने वाले दोनों ही ASI रैंक के अधिकारी हैं और वीडियो बनाने वाला इस शर्त के बारे में विस्तृत जानकारी भी देता है। वीडियो बनाने वाला साफ कहता है कि आज बड़ा अच्छा दिन है। भुपिंदर सिंह जी 10 हजार रुपए के विजेता रहे हैं, भाई अमृतपाल सिंह जीत गए हैं और अंग्रेज सिंह बहुत बुरी तरह से हार कर 10 हजार रुपए दे रहे हैं। अंत में सभी बोले सोहने हाल का जकारा भी छोड़ते हैं। पंजाब की सबसे बड़ी जीत लेकर जीता है अमृतपाल गौरतलब है कि अमृतपाल सिंह पंजाब की सबसे बड़ी जीत लेकर जीता है। अमृतपाल सिंह ने इन चुनावों में सभी रिवायती पार्टियों को बहुत पीछे छोड़ 4 लाख 4 हजार 430 वोट हासिल किए। जिसमें अमृतपाल सिंह दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस के प्रत्याशी कुलबीर सिंह जीरा से 1 लाख 97 हजार 120 वोटों से जीते हैं। ये आंकड़ा पंजाब की जीत का सबसे बड़ा अंतर है। जानें कौन है अमृतपाल अमृतपाल मूल रूप से अमृतसर के जल्लू खेड़ा गांव के रहने वाले हैं। अमृतपाल दुबई में रहते थे। वे लाल किला हिंसा से चर्चा में आए पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू की मौत के बाद 2022 में पंजाब लौटे। यहां आकर दीप सिद्धू के संगठन वारिस पंजाब दे के चीफ बन गए। इसके बाद अमृतपाल ने भड़काऊ और खालिस्तान समर्थित बयानबाजी शुरू कर दी। इस दौरान पुलिस ने अमृतपाल के एक साथी को हिरासत में ले लिया। उसे छुड़ाने के लिए अमृतपाल ने साथियों के साथ अजनाला पुलिस थाने में धरना दिया। अमृतपाल पर आरोप लगे कि उन्होंने थाने पर हमला किया। पुलिस से टकराव हुआ। इसी दौरान अमृतपाल ने नशा छुड़ाओ मुहिम भी शुरू की। हालांकि इसके बाद पंजाब पुलिस ने अमृतपाल पर केस दर्ज कर घेराबंदी शुरू कर दी। कई दिनों की फरारी के बाद अमृतपाल को जनरैल सिंह भिंडरावाले के गांव रोडे से गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद अमृतपाल पर राष्ट्रीय सुरक्षा एक्ट (NSA) के तहत केस दर्ज कर असम की डिब्रूगढ़ जेल भेज दिया गया।
मुक्तसर में करंट लगने से युवक की माैत:हाई वोल्टेज तारों की चपेट में आई ट्रैक्टर-ट्राली, एक अन्य गंभीर रुप से झुलसा
मुक्तसर में करंट लगने से युवक की माैत:हाई वोल्टेज तारों की चपेट में आई ट्रैक्टर-ट्राली, एक अन्य गंभीर रुप से झुलसा पंजाब के मुक्तसर में पराली से भरी ट्रैक्टर ट्राली के हाई वोल्टेज तारों की चपेट में आने और तेज करंट लगने से एक युवक की मौके पर ही मौत हो गई,जबकि एक अन्य गंभीर रुप से झुलस गया। उसे उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जानकारी के अनुसार, गांव खूंडे हलाल में खेतों में से पराली की बनी गांठों को ट्रैक्टर ट्राली में भरकर तीन युवक मुक्तसर के गांव रुपाना की एक निजी मिल में जा रहे थे। जब वह खेत में से निकलने लगे तो ट्रैक्टर ट्राली अचानक ऊपर से गुजर रही हाई वोल्टेज तारों की चपेट में आ गई। जिससे ट्रैक्टर-ट्राली में करंट आ गया व ट्रैक्टर पर मौजूद तीन नौजवानों को करंट लग गया। जिन्हें उपचार के लिए अस्पताल लाया गया, जहां डाक्टरों ने 21 वर्षीय आकाशदीप को मृतक घोषित कर दिया, वहीं दो नौजवानों में से एक की हालत ठीक होने पर उसे घर भेज दिया और एक नौजवान अस्पताल में भर्ती है। पंजाब खेत मजदूर यूनियन के जिला नेता तरसेम सिंह खूंडेहलाल ने बताया कि मजदूर गांठों का ट्राला भरकर खेत में से निकाल रहे थे तो जब ट्राला चढ़ाई पर चढ़ते समय बैक हो गया और वह खंभे से टकरा गया जिससे तार टूट गई व युवकों के ऊपर गिर गई, जिससे एक मजदूर आकाशदीप सिंह की मौत हो गई। उन्होंने पंजाब सरकार से मांग की कि मृतक व घायलों के परिवारों को योग्य मुआवजा दिया जाए।
150वीं जयंती पर स्वामी रामतीर्थ के जीवन दर्शन की व्याख्या
150वीं जयंती पर स्वामी रामतीर्थ के जीवन दर्शन की व्याख्या भास्कर न्यूज | अमृतसर कलिंगा भारती फाउंडेशन की पहल और केंद्रीय सांस्कृतिक मंत्रालय की तरफ से मंगलवार को एसजी ठाकर िसंह आर्ट गैलरी में स्वामी रामतीर्थ की 150वीं जयंती पर सेमिनार आयोजित किया गया। समागम में बतौर मुख्य मेहमान डिप्टी सीएम ओपी सोनी और विशेष मेहमान के रूप में भाजपा के जिला प्रधान हरविंदर संंधू, पूर्व पार्षद विकास सोनी शामिल हुए। समागम में वक्ताओं ने स्वामी जी के जीवन दर्शन पर विस्तार से चर्चा की और कहा कि आज उनके सिद्धांतों की समाज को जरूरत है। इस मौके पर स्वामी सहजदीप, स्वामी स्वरूपानंद, बीएसएफ के पूर्व डीजीपी पीके मिश्रा, सांस्कृ़तिक मंत्रालय से प्रियंका चंद्रा, आईआईएम लखनऊ के डायरेक्टर सत्यभूषण दास आदि मौजूद रहे। समागम के आखिर में रंगारंग प्रोग्राम भी पेश किया गया।