उत्तराखंड में 36 मौतों की आंखों देखी:100 फीट खाई में लटके युवक ने किया फोन; यात्री बोले-खिड़कियों से नीचे गिर रहे थे लोग

उत्तराखंड में 36 मौतों की आंखों देखी:100 फीट खाई में लटके युवक ने किया फोन; यात्री बोले-खिड़कियों से नीचे गिर रहे थे लोग

‘मेरे भाई विनोद पोखरियाल बस में ड्राइवर के सामने वाली सीट पर बैठे थे। जब बस खाई में गिरी तो, वो खिड़की से निकलकर नीचे गिर पड़े। लेकिन, बीच में लगे एक पेड़ ने उनकी जान बचा ली। वो मुझसे मिलने के लिए ही रामनगर आ रहे थे। सुबह करीब 8 बजे मेरे पास उनकी कॉल आई। विनोद ने बेहद घबराई आवाज में कहा- मैं 100 फीट गहरी खाई में पेड़ पर लटका हूं, मुझे बचा लो प्लीज।’ ये कहना है उत्तराखंड में हादसे में बचे यात्री विनोद के भाई अरूण का। अल्मोड़ा में यात्रियों से भरी बस 150 फीट गहरी खाई में गिर गई। हादसे में 36 लोगों की जान चली गई, जबकि 19 अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हैं। रेस्क्यू में देरी हुई। घायलों को जल्द इलाज नहीं मिल सका। इन सबको लेकर उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार आरोपों के कठघरे में है। दैनिक भास्कर की टीम हादसे की वजह और हालात समझने के लिए ग्राउंड जीरो पर पहुंची। इस हादसे की पूरी दास्तां उनसे समझने की कोशिश की, जो उस वक्त बस में सवार थे। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… 60 यात्रियों को लेकर रामनगर से चली थी बस
उत्तराखंड के नैनीताल जिले में आने वाला रामनगर जिम कार्बेट पार्क देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर में मशहूर है। इसी रामनगर से एक रास्ता जिम कार्बेट के जंगल के बीच से होते हुए आगे मर्चुला को जाता है। रामनगर से करीब 30 किमी दूर स्थित मर्चुला से एक सड़क सीधे पौढ़ी के लिए निकलती है, जबकि दूसरी सड़क कुमाऊं और गढ़वाल रीजन के बीच से होते हुए गोली खाल, सराय खेत को जाती है। ये सड़क बेहद सकरी है और इसकी हालत बेहद खराब है। जिम कार्बेट के बीच पड़ने और सिंगल रोड होने की वजह से दिन ढलने के बाद इस सड़क पर आवागमन बंद कर दिया जाता है। इसलिए इस रोड से जुड़े गांवों के लोग कामकाज निपटाने के लिए सुबह जल्दी घरों से निकलते हैं। दिन ढलने से पहले घर लौट आते हैं। इसी रोड पर सराय खेत से पहले एक गांव है किनाथ बराथ। ये गांव पौढ़ी जिले में आता है। इसी किनाथ बराथ से गढ़वाल मोटर्स यूजर्स (GMU) की बस रोजाना रामनगर तक चलती है। सोमवार को भी यही बस सुबह ठीक 6:15 बजे 60 से अधिक यात्रियों को लेकर रामनगर के लिए चली थी। बस में ज्यादातर लोग आसपास के गांवों के रहने वाले थे। रामनगर में अपनी जरूरत का सामान लेने निकले थे। सोमवार को सुबह करीब 7:30 बजे मर्चुला पहुंचने से तीन किमी पहले कुप्पी बैंड के पास (अल्मोड़ा जिले की सीमा में) ये बस 150 फीट गहरी खाई में जा गिरी। बस में सवार लोगों की आपबीती… ‘बस उछली और खाई में जा गिरी’
रामनगर के रामदत्त जोशी राजकीय संयुक्त चिकित्सालय में ICU में भर्ती करन ने बताया- ‘मैं पौढ़ी जिले के गोली खाल गांव का रहने वाला हूं। दिल्ली में पढ़ाई करता हूं और वहीं डाटा फीडिंग का काम भी करता हूं। दिवाली पर दादा-दादी के साथ त्योहार मनाने के लिए गांव आया था। हम सुबह 6:15 बजे बस में बैठे। बस खचाखच भरी थी। करीब 60-70 लोग सवार थे। बस चलते हुए अभी करीब एक-सवा घंटा ही बीता था। मार्चुला से पहले कुप्पी बैंड पर सड़क से एकदम यूटर्न लेना होता है। लेकिन हमारी बस ने यहां यू-टर्न नहीं लिया। ठीक उसी जगह पर बस ने अचानक उछल गई। मानो बस के नीचे कोई पत्थर आया हो। बस की स्पीड काफी तेज थी। इससे पहले कि हम कुछ समझ पाते, बस सामने 150 फीट गहरी खाई में जा गिरी। मैं बस की सबसे पिछली सीट पर बैठा था। बस पहले पेड़ में अटकी फिर नीचे जा गिरी। नीचे गिरने तक मैं होश में था। बस की खिड़कियों से लोग ऐसे निकल-निकलकर नीचे गिर रहे थे जैसे कोई सामान गिर रहा हो। बस के नीचे गिरते ही लोग एक-दूसरे के ऊपर गिरते चले गए। मैं किसी तरह वहां से निकला। कुछ कदम की दूरी पर नदी बह रही थी। मैंने वहां जाकर दो घूंट पानी पिया और फिर मुंह धोया। इसके बाद मैं बेहोश हो गया। आधे घंटे तक हम सभी लोग वहां इसी हाल में पड़े रहे। फिर आसपास के गांवों के 10-15 लड़के मौके पर पहुंचे और उन्होंने हमारी मदद की। हमें बाहर निकाला और अस्पतालों को भिजवाया।’ खाई में लटके विनोद ने भाई को फोन किया
ये बस जिस किनाथ बराथ गांव से रोजाना रामनगर तक चलती है, उसी बराथ मल्लाह गांव के भी 8 लोग इस बस में सवार थे। इन्हीं में से एक हैं विनोद पोखरियाल। 48 साल के विनोद पोखरियाल अपने गांव में खेतीबाड़ी करते हैं। सोमवार को अपने तहेरे भाई अरुण पोखरियाल से मिलने रामनगर आ रहे थे। अरुण ने दैनिक भास्कर से कहा- बस जहां नीचे खाई में गिरी थी, वहां किसी भी मोबाइल फोन में सिग्नल नहीं थे। लेकिन, विनोद सड़क से करीब 50 फीट नीचे बीच में ही पेड़ पर लटक गए थे। इसलिए उनके फोन में सिग्नल आ रहे थे। पेड़ पर लटके-लटके ही उन्होंने मुझे कॉल की थी। कॉल सुनते ही मैंने तुरंत मर्चुला पुलिस चौकी को हादसे की जानकारी दी। सबसे पहले मैंने ही पुलिस को हादसे के बारे में बताया था। इसके बाद मैं देहरादून में डॉयल 108 पर तैनात अपने एक परिचित को भी हादसे के बारे में बताया। एक घंटे तक पेड़ से लटके रहे विनोद
रामनगर में रामदत्त जोशी राजकीय संयुक्त चिकित्सालय के ICU में भर्ती विनोद ने कहा- मुझे पेड़ पर लटके करीब एक घंटा बीत चुका था। भाई अरुण को फोन किए भी आधा घंटा हो गया था। लेकिन तब तक हमारे पास मदद नहीं पहुंची थी। मुझे हाथ छूटने का डर था। लगातार हिम्मत टूट रही थी। बीच-बीच में नजर 100 फीट गहरी खाई पर जाती थी तो रोंगटे खड़े हो जाते थे। नीचे लाशों और घायलों का ढेर था। हर तरफ चीख पुकार थी। लेकिन हम पर एक घंटे तक किसी की नजर नहीं पड़ी। बाद में कुछ स्थानीय युवा पहुंचे तो उन्होंने रस्सी की मदद से मुझे बाहर निकाला। रामनगर में CM धामी को झेलना पड़ा भारी विरोध
हादसे के बाद रेस्क्यू में देरी और घायलों को बेहतर इलाज मुहैया नहीं होने से लोगों में जबरदस्त आक्रोश है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सोमवार को शाम करीब 5 बजे रामनगर अस्पताल पहुंचे तो उन्हें भी विरोध का सामना करना पड़ा। आक्रोशित लोगों ने सीएम के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और उनकी कार के आगे बैठ गए। पुलिस ने किसी तरह सीएम की फ्लीट को अस्पताल परिसर से बाहर निकाला। इसके पहले मुख्यमंत्री ने अस्पताल में जाकर घायलों का हालचाल पूछा और चिकित्सकों को बेहतर इलाज के निर्देश दिए। मरने वालों में 6 अकेले बराथ गांव से
अल्मोड़ा बस हादसे में अभी तक 36 लोगों की जान जा चुकी है। जबकि 13 घायल रामनगर के रामदत्त जोशी राजकीय संयुक्त चिकित्सालय में भर्ती हैं। इसके अलावा गंभीर रूप से घायल 6 लोगों को AIIMS ऋषिकेश में एयरलिफ्ट किया गया है। इसके अलावा कुछ घायलों को उनके परिजन सरकार के भरोसे नहीं छोड़कर निजी अस्पतालों में ले गए। हादसे में मरने वालों में 6 लोग अकेले बराथ गांव के हैं, जहां से ये बस रोजाना चलती है। इस गांव के 2 लोग गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं। उत्तराखंड में बस हादसा, 36 की मौत, 6 घायल : कंडम बस में 42 लोग सवार थे उत्तराखंड के अल्मोड़ा में सोमवार सुबह 8 बजे एक यात्री बस 150 फीट गहरी खाई में गिर गई। हादसे में 36 लोगों की मौत हो गई, जबकि 6 घायल हैं। हादसा अल्मोड़ा में मार्चुला के पास हुआ। बस में 42 यात्री सवार थे। पुलिस के मुताबिक मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है। हादसे की वजह का पता नहीं चला है। बस मोड़ पर अनियंत्रित होकर गिर गई। कुमाऊं मंडल के आयुक्त दीपक रावत ने बताया, ‘बस नदी से करीब 10 फीट पहले पेड़ में फंसकर रुक गई। खाई में गिरने के दौरान झटके से कई यात्री खिड़कियों से बाहर जा गिरे।’ बस किनाथ से रामनगर जा रही थी। पढ़ें पूरी खबर ‘मेरे भाई विनोद पोखरियाल बस में ड्राइवर के सामने वाली सीट पर बैठे थे। जब बस खाई में गिरी तो, वो खिड़की से निकलकर नीचे गिर पड़े। लेकिन, बीच में लगे एक पेड़ ने उनकी जान बचा ली। वो मुझसे मिलने के लिए ही रामनगर आ रहे थे। सुबह करीब 8 बजे मेरे पास उनकी कॉल आई। विनोद ने बेहद घबराई आवाज में कहा- मैं 100 फीट गहरी खाई में पेड़ पर लटका हूं, मुझे बचा लो प्लीज।’ ये कहना है उत्तराखंड में हादसे में बचे यात्री विनोद के भाई अरूण का। अल्मोड़ा में यात्रियों से भरी बस 150 फीट गहरी खाई में गिर गई। हादसे में 36 लोगों की जान चली गई, जबकि 19 अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हैं। रेस्क्यू में देरी हुई। घायलों को जल्द इलाज नहीं मिल सका। इन सबको लेकर उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार आरोपों के कठघरे में है। दैनिक भास्कर की टीम हादसे की वजह और हालात समझने के लिए ग्राउंड जीरो पर पहुंची। इस हादसे की पूरी दास्तां उनसे समझने की कोशिश की, जो उस वक्त बस में सवार थे। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… 60 यात्रियों को लेकर रामनगर से चली थी बस
उत्तराखंड के नैनीताल जिले में आने वाला रामनगर जिम कार्बेट पार्क देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर में मशहूर है। इसी रामनगर से एक रास्ता जिम कार्बेट के जंगल के बीच से होते हुए आगे मर्चुला को जाता है। रामनगर से करीब 30 किमी दूर स्थित मर्चुला से एक सड़क सीधे पौढ़ी के लिए निकलती है, जबकि दूसरी सड़क कुमाऊं और गढ़वाल रीजन के बीच से होते हुए गोली खाल, सराय खेत को जाती है। ये सड़क बेहद सकरी है और इसकी हालत बेहद खराब है। जिम कार्बेट के बीच पड़ने और सिंगल रोड होने की वजह से दिन ढलने के बाद इस सड़क पर आवागमन बंद कर दिया जाता है। इसलिए इस रोड से जुड़े गांवों के लोग कामकाज निपटाने के लिए सुबह जल्दी घरों से निकलते हैं। दिन ढलने से पहले घर लौट आते हैं। इसी रोड पर सराय खेत से पहले एक गांव है किनाथ बराथ। ये गांव पौढ़ी जिले में आता है। इसी किनाथ बराथ से गढ़वाल मोटर्स यूजर्स (GMU) की बस रोजाना रामनगर तक चलती है। सोमवार को भी यही बस सुबह ठीक 6:15 बजे 60 से अधिक यात्रियों को लेकर रामनगर के लिए चली थी। बस में ज्यादातर लोग आसपास के गांवों के रहने वाले थे। रामनगर में अपनी जरूरत का सामान लेने निकले थे। सोमवार को सुबह करीब 7:30 बजे मर्चुला पहुंचने से तीन किमी पहले कुप्पी बैंड के पास (अल्मोड़ा जिले की सीमा में) ये बस 150 फीट गहरी खाई में जा गिरी। बस में सवार लोगों की आपबीती… ‘बस उछली और खाई में जा गिरी’
रामनगर के रामदत्त जोशी राजकीय संयुक्त चिकित्सालय में ICU में भर्ती करन ने बताया- ‘मैं पौढ़ी जिले के गोली खाल गांव का रहने वाला हूं। दिल्ली में पढ़ाई करता हूं और वहीं डाटा फीडिंग का काम भी करता हूं। दिवाली पर दादा-दादी के साथ त्योहार मनाने के लिए गांव आया था। हम सुबह 6:15 बजे बस में बैठे। बस खचाखच भरी थी। करीब 60-70 लोग सवार थे। बस चलते हुए अभी करीब एक-सवा घंटा ही बीता था। मार्चुला से पहले कुप्पी बैंड पर सड़क से एकदम यूटर्न लेना होता है। लेकिन हमारी बस ने यहां यू-टर्न नहीं लिया। ठीक उसी जगह पर बस ने अचानक उछल गई। मानो बस के नीचे कोई पत्थर आया हो। बस की स्पीड काफी तेज थी। इससे पहले कि हम कुछ समझ पाते, बस सामने 150 फीट गहरी खाई में जा गिरी। मैं बस की सबसे पिछली सीट पर बैठा था। बस पहले पेड़ में अटकी फिर नीचे जा गिरी। नीचे गिरने तक मैं होश में था। बस की खिड़कियों से लोग ऐसे निकल-निकलकर नीचे गिर रहे थे जैसे कोई सामान गिर रहा हो। बस के नीचे गिरते ही लोग एक-दूसरे के ऊपर गिरते चले गए। मैं किसी तरह वहां से निकला। कुछ कदम की दूरी पर नदी बह रही थी। मैंने वहां जाकर दो घूंट पानी पिया और फिर मुंह धोया। इसके बाद मैं बेहोश हो गया। आधे घंटे तक हम सभी लोग वहां इसी हाल में पड़े रहे। फिर आसपास के गांवों के 10-15 लड़के मौके पर पहुंचे और उन्होंने हमारी मदद की। हमें बाहर निकाला और अस्पतालों को भिजवाया।’ खाई में लटके विनोद ने भाई को फोन किया
ये बस जिस किनाथ बराथ गांव से रोजाना रामनगर तक चलती है, उसी बराथ मल्लाह गांव के भी 8 लोग इस बस में सवार थे। इन्हीं में से एक हैं विनोद पोखरियाल। 48 साल के विनोद पोखरियाल अपने गांव में खेतीबाड़ी करते हैं। सोमवार को अपने तहेरे भाई अरुण पोखरियाल से मिलने रामनगर आ रहे थे। अरुण ने दैनिक भास्कर से कहा- बस जहां नीचे खाई में गिरी थी, वहां किसी भी मोबाइल फोन में सिग्नल नहीं थे। लेकिन, विनोद सड़क से करीब 50 फीट नीचे बीच में ही पेड़ पर लटक गए थे। इसलिए उनके फोन में सिग्नल आ रहे थे। पेड़ पर लटके-लटके ही उन्होंने मुझे कॉल की थी। कॉल सुनते ही मैंने तुरंत मर्चुला पुलिस चौकी को हादसे की जानकारी दी। सबसे पहले मैंने ही पुलिस को हादसे के बारे में बताया था। इसके बाद मैं देहरादून में डॉयल 108 पर तैनात अपने एक परिचित को भी हादसे के बारे में बताया। एक घंटे तक पेड़ से लटके रहे विनोद
रामनगर में रामदत्त जोशी राजकीय संयुक्त चिकित्सालय के ICU में भर्ती विनोद ने कहा- मुझे पेड़ पर लटके करीब एक घंटा बीत चुका था। भाई अरुण को फोन किए भी आधा घंटा हो गया था। लेकिन तब तक हमारे पास मदद नहीं पहुंची थी। मुझे हाथ छूटने का डर था। लगातार हिम्मत टूट रही थी। बीच-बीच में नजर 100 फीट गहरी खाई पर जाती थी तो रोंगटे खड़े हो जाते थे। नीचे लाशों और घायलों का ढेर था। हर तरफ चीख पुकार थी। लेकिन हम पर एक घंटे तक किसी की नजर नहीं पड़ी। बाद में कुछ स्थानीय युवा पहुंचे तो उन्होंने रस्सी की मदद से मुझे बाहर निकाला। रामनगर में CM धामी को झेलना पड़ा भारी विरोध
हादसे के बाद रेस्क्यू में देरी और घायलों को बेहतर इलाज मुहैया नहीं होने से लोगों में जबरदस्त आक्रोश है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सोमवार को शाम करीब 5 बजे रामनगर अस्पताल पहुंचे तो उन्हें भी विरोध का सामना करना पड़ा। आक्रोशित लोगों ने सीएम के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और उनकी कार के आगे बैठ गए। पुलिस ने किसी तरह सीएम की फ्लीट को अस्पताल परिसर से बाहर निकाला। इसके पहले मुख्यमंत्री ने अस्पताल में जाकर घायलों का हालचाल पूछा और चिकित्सकों को बेहतर इलाज के निर्देश दिए। मरने वालों में 6 अकेले बराथ गांव से
अल्मोड़ा बस हादसे में अभी तक 36 लोगों की जान जा चुकी है। जबकि 13 घायल रामनगर के रामदत्त जोशी राजकीय संयुक्त चिकित्सालय में भर्ती हैं। इसके अलावा गंभीर रूप से घायल 6 लोगों को AIIMS ऋषिकेश में एयरलिफ्ट किया गया है। इसके अलावा कुछ घायलों को उनके परिजन सरकार के भरोसे नहीं छोड़कर निजी अस्पतालों में ले गए। हादसे में मरने वालों में 6 लोग अकेले बराथ गांव के हैं, जहां से ये बस रोजाना चलती है। इस गांव के 2 लोग गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं। उत्तराखंड में बस हादसा, 36 की मौत, 6 घायल : कंडम बस में 42 लोग सवार थे उत्तराखंड के अल्मोड़ा में सोमवार सुबह 8 बजे एक यात्री बस 150 फीट गहरी खाई में गिर गई। हादसे में 36 लोगों की मौत हो गई, जबकि 6 घायल हैं। हादसा अल्मोड़ा में मार्चुला के पास हुआ। बस में 42 यात्री सवार थे। पुलिस के मुताबिक मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है। हादसे की वजह का पता नहीं चला है। बस मोड़ पर अनियंत्रित होकर गिर गई। कुमाऊं मंडल के आयुक्त दीपक रावत ने बताया, ‘बस नदी से करीब 10 फीट पहले पेड़ में फंसकर रुक गई। खाई में गिरने के दौरान झटके से कई यात्री खिड़कियों से बाहर जा गिरे।’ बस किनाथ से रामनगर जा रही थी। पढ़ें पूरी खबर   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर