फरीदाबाद में मुंबई से ईरान पार्सल के जरिए कोरियर से ड्रग्स भेजने का आरोपी लगाकर साइबर ठगों ने एक युवती को डिजिटल अरेस्ट कर लिया। उससे करीब पांच लाख रुपए की ठगी कर ली। लिए। फोन करने वाले ठग ने खुद को मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनाकर बैंक अकाउंट और आधार कार्ड की पूरी जानकारी मांगी। फिर केस दर्ज करने की धमकी देकर अकाउंट से पैसे अपने अकाउंट में ट्रांसफर करा लिए। वहीं एक घटना में ठगों ने खुद को बैंक मैनेजर बताकर एक व्यक्ति से करीब चार लाख रुपए ठग लिए। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। आरोपी ने खुद को बताया फीडेक्स कोरियर कर्मचारी पल्ला के छज्जन नगर निवासी पूजा ने पुलिस को दी शिकायत में कहा है कि चार नवंबर को उनके मोबाइल पर 9785091964 से फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को फीडेक्स कोरियर कर्मचारी बताया। उसने कहा कि आपके द्वारा मुंबई से ईरान भेजा गया पार्सल पकड़ा गया है। जिसमें 15 किग्रा जनरल मेडिसिन और ड्रग्स मिले हैं। आपके ऊपर मुकदमा चलाया जाएगा। उसने पीड़िता की कॉल को फॉरवर्ड करके कहा कि आपकी बात साइबर क्राइम से करा रहे हैं। कॉल फॉरवर्ड होने के बाद दूसरे व्यक्ति ने अपने आपको क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताया और कहा कि आपके कागजात के सत्यापन करना है। फर्जी पुलिस अधिकारी ने पहले आधार कार्ड मांगा। जिसमें लास्ट का चार डिजिट नंबर और बैंक अकाउंट की पूरी जानकारी ले ली। इसके बाद उन्होंने बगैर फोन काटे कई घंटों तक डिजिटल अरेस्ट करके गूगल पे के माध्यम से करीब 4 लाख 99 हजार 362 रुपए अपने अकाउंट में ट्रांसफर कर लिए। बैंक मैनेजर बताकर 1.60 लाख की ठगी सेक्टर आठ निवासी अशो कुमार तिवारी ने पुलिस को दी शिकायत में कहा है कि पांच मार्च 24 को शाम के समय मोबाइल पर वॉट्सऐप कॉल आया। उसने खुद को आईसीआईसीआई बैंक का मैनेजर बताया और कहा कि अकाउंट की केवाईसी होनी है। बैंक अकाउंट, पैन और आधार कार्ड का नंबर बताने के बाद अकाउंट से करीब 1.60 लाख रुपए साफ कर दिया। पुलिस घटनाओं की जांच कर रही है। फरीदाबाद में मुंबई से ईरान पार्सल के जरिए कोरियर से ड्रग्स भेजने का आरोपी लगाकर साइबर ठगों ने एक युवती को डिजिटल अरेस्ट कर लिया। उससे करीब पांच लाख रुपए की ठगी कर ली। लिए। फोन करने वाले ठग ने खुद को मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनाकर बैंक अकाउंट और आधार कार्ड की पूरी जानकारी मांगी। फिर केस दर्ज करने की धमकी देकर अकाउंट से पैसे अपने अकाउंट में ट्रांसफर करा लिए। वहीं एक घटना में ठगों ने खुद को बैंक मैनेजर बताकर एक व्यक्ति से करीब चार लाख रुपए ठग लिए। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। आरोपी ने खुद को बताया फीडेक्स कोरियर कर्मचारी पल्ला के छज्जन नगर निवासी पूजा ने पुलिस को दी शिकायत में कहा है कि चार नवंबर को उनके मोबाइल पर 9785091964 से फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को फीडेक्स कोरियर कर्मचारी बताया। उसने कहा कि आपके द्वारा मुंबई से ईरान भेजा गया पार्सल पकड़ा गया है। जिसमें 15 किग्रा जनरल मेडिसिन और ड्रग्स मिले हैं। आपके ऊपर मुकदमा चलाया जाएगा। उसने पीड़िता की कॉल को फॉरवर्ड करके कहा कि आपकी बात साइबर क्राइम से करा रहे हैं। कॉल फॉरवर्ड होने के बाद दूसरे व्यक्ति ने अपने आपको क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताया और कहा कि आपके कागजात के सत्यापन करना है। फर्जी पुलिस अधिकारी ने पहले आधार कार्ड मांगा। जिसमें लास्ट का चार डिजिट नंबर और बैंक अकाउंट की पूरी जानकारी ले ली। इसके बाद उन्होंने बगैर फोन काटे कई घंटों तक डिजिटल अरेस्ट करके गूगल पे के माध्यम से करीब 4 लाख 99 हजार 362 रुपए अपने अकाउंट में ट्रांसफर कर लिए। बैंक मैनेजर बताकर 1.60 लाख की ठगी सेक्टर आठ निवासी अशो कुमार तिवारी ने पुलिस को दी शिकायत में कहा है कि पांच मार्च 24 को शाम के समय मोबाइल पर वॉट्सऐप कॉल आया। उसने खुद को आईसीआईसीआई बैंक का मैनेजर बताया और कहा कि अकाउंट की केवाईसी होनी है। बैंक अकाउंट, पैन और आधार कार्ड का नंबर बताने के बाद अकाउंट से करीब 1.60 लाख रुपए साफ कर दिया। पुलिस घटनाओं की जांच कर रही है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में IPS अफसरों की मुश्किलें बढ़ीं:एक से अधिक आवास रखने पर DGP सख्त; ASP पर लगाया 39.20 लाख का पैनल रेंट हरियाणा में एक से अधिक सरकारी आवास रखने वाले आईपीएस अफसरों पर डीजीपी शत्रुजीत कपूर सख्त हो गए हैं। डीजीपी ने एएसपी अमन यादव के खिलाफ 39.20 लाख रुपये पैनल रेंट लगाने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद डीएसपी की ओर से एक लाख रुपये पैनल रेंट भी जमा करा दिया गया है। सबसे खास बात यह है कि यह पैनल रेंट अफसर के वेतन से वसूला जा रहा है। यह कार्रवाई आईजी वाई पूरण कुमार की शिकायत पर की जा रही है। आईजी की शिकायत पर पुलिस महानिदेशक ने प्रदेश की सभी पुलिस इकाइयों के प्रमुखों को निर्देश भेजे थे। जिसमें कहा गया था कि ऐसे राजपत्रित अधिकारियों की सूची भेजी जाए जो अपने जिले या इकाई से दूसरे जिलों की इकाइयों में स्थानांतरित हो गए हैं, लेकिन अभी तक सरकारी आवास खाली नहीं किया है। साथ ही अब तक की गई कार्रवाई की जानकारी मुख्यालय को दी जाए। फरीदाबाद पुलिस कमिश्नर ने भेजी डिटेल फरीदाबाद पुलिस आयुक्त ने डीजीपी ऑफिस को सूचना भेजी है कि एसीपी अमन यादव से पेनल रेंट के एक लाख रुपए जनवरी 2024 से 30 अप्रैल 2024 तक की अवधि के जमा कराए गए हैं। मई 2024 के वेतन से 25 हजार रुपए भी काटे गए हैं। एसीपी को ओवरस्टे की सूचना पहले ही भेज दी गई थी। लेकिन उनके द्वारा अभी फ्लैट खाली नहीं किया गया है, इसलिए अब पैनल रेंट 39.20 लाख हो गया है। उन्हें अब निर्देश दिए गए हैं कि वह इस पेनर रेंट की राशि को तुरंत ट्रेजरी में जमाकर सूचित करें। IG का दावा, 6 आईपीएस ने पंचकूला में कब्जा रखे मकान इधर आईजी वाई पूरन कुमार ने ये भी दावा किया है कि करीब 6 सीनियर आईपीएस ने दो सरकारी मकान कब्जा करके रखे हुए हैं। इन अफसरों के पंचकूला के साथ ही फील्ड में भी सरकारी आवास हैं। इसके बावजूद भी अभी तक इनको पैनल रेंट की सूचना नहीं भेजी गई है। पंचकूला में अभी फ्लैट 2C, 4C, फरीदाबाद में हाउस नंबर 5, पंचकूला के हाउस नंबर 7 सेक्टर 2, भोंडसी कॉम्पलेक्स के हाउस नंबर 1 में आईपीएस अधिकारियों ने कब्जा जमाया हुआ है। इन IPS ने कब्जा रखे हैं एक से अधिक मकान हाल ही में आईजी वाई पूरन कुमार ने वन ऑफिसर वन हाउस पॉलिसी का जिक्र कर उन IPS अफसरों की शिकायत कर रखी है, जिनके पास एक से ज्यादा सरकारी आवास हैं। कुछ तो फील्ड में तैनात हैं और कुछ गलत जानकारी दे रहे हैं। इनमें 9 आईपीएस अफसरों के नाम हैं, जिन्होंने एक से अधिक सरकारी आवास कब्जा कर रखे हैं। इनमें एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर ममता सिंह के साथ सीनियर आईपीएस सौरभ सिंह, राकेश आर्या, सतीश बालन, हिमांशू गर्ग, राज कुमार, एके मित्तल के साथ दो और नाम शामिल हैं। पूर्व गृह मंत्री विज ने लागू की थी यह पॉलिसी हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री अनिल विज ने एक अफसर-एक आवास की पॉलिसी लागू की थी। इसको लेकर उन्होंने अपने कार्यकाल में डीजीपी को इस पॉलिसी को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए थे। लेकिन धरातल पर इस पॉलिसी को अभी भी पूरी तरह से लागू नहीं किया गया है।वाई पूरन कुमार का आरोप है कि यह पॉलिसी सिर्फ दलित अफसरों पर लागू की जा रही है, डीजीपी के चहेतों अफसरों पर यह लागू नहीं की जा रही है। CM तक पहुंच चुका मामला हरियाणा के आईजी स्तर के अधिकारी वाई पूरन कुमार ने पुलिस विभाग में नियमों के खिलाफ एक से अधिक आवास लेने के मामले में अब मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को भी 7 दिन पहले शिकायत की थी। आईपीएस अधिकारी ने शिकायत में बाकायदा आईपीएस अधिकारियों के नाम का जिक्र किया था और सबूत होने का भी दावा किया था। इससे पहले IG ने इस मामले की शिकायत DGP शत्रुजीत कपूर और गृह विभाग के सचिव टीवीएसएन प्रसाद को भी कर चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने के चलते अब उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम शिकायत भेजी थी। HC में भी हो चुकी सुनवाई पुलिस डिपार्टमेंट के वन ऑफिसर वन रेजिडेंट पॉलिसी का मामला पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट तक पहुंच चुका है। हाईकोर्ट में बताया गया है कि गृहमंत्री के आदेश के अनुसार यदि कोई आईजी अपनी रेंज में तैनात होता है तो उसे मुख्यालय में सरकारी मकान की अलॉटमेंट नहीं की जा सकती है, लेकिन 2 पुलिस अधिकारी ऐसे हैं जो मुख्यालय में सरकारी मकान अलॉट करवा रहे हैं। हाईकोर्ट इस मामले में याचिका पर सुनवाई करते हुए हरियाणा सरकार से पूछ चुका है कि आखिर क्यों याची को सरकारी आवास अलॉट नहीं किया जा रहा है।