बरनाला डीसी के दफ्तर में घुसे किसान:धरना देकर बैठे, किसानों का आरोप- बात सुनने के बजाय खाना खाने चले गए अधिकारी

बरनाला डीसी के दफ्तर में घुसे किसान:धरना देकर बैठे, किसानों का आरोप- बात सुनने के बजाय खाना खाने चले गए अधिकारी

डीएपी खाद की कमी के मुद्दे पर भारतीय किसान यूनियन उगराहां ने आज डिप्टी कमिश्नर बरनाला के दफ्तर के गेट पर धरना दिया। किसानों ने डीसी और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस मौके पर प्रदर्शनकारी किसान बलोर सिंह छन्ना और बुकण सिंह सद्दोवाल ने कहा कि वे धान की खरीद में तेजी लाने और डीएपी खाद की कमी को पूरा करने की मांग को लेकर आज डीसी बरनाला के पास पहुंचे थे। लेकिन डीसी बरनाला उनसे बात करने की बजाय खाने के बहाने कार्यालय के बाहर अपने आवास पर चले गए। जिसके चलते वे विरोध स्वरूप डीसी कार्यालय के सामने बैठ गए। केंद्र और राज्य सरकार नहीं सुन रही समस्या उन्होंने कहा कि किसानों के मुद्दों पर जहां केंद्र और राज्य सरकारें हमारी बात सुनने को तैयार नहीं हैं, वहीं अफसरशाही का रवैया भी किसानों के लिए बेहद खराब है। किसानों ने कहा कि आज डीएपी की कमी के कारण किसान अपनी गेहूं की फसल की बुआई करने में परेशान हो रहे हैं। डीएपी खाद की रैक को लेकर विभिन्न जिलों के किसान आपस में भिड़ रहे हैं। जबकि सरकार को सभी जिलों के किसानों के लिए आवश्यक डीएपी खाद की व्यवस्था करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बरनाला जिले में 70 हजार गांठ डीएपी की जरूरत है, जिसके लिए रेल रैक बरनाला में लगना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर आने वाले एक-दो दिनों में डीएपी खाद की कमी को पूरा नहीं किया गया तो संघर्ष तेज किया जाएगा। वहां किसानों के धरने में माल विभाग और डीसी कार्यालय के अधिकारियों ने बुधवार सुबह 10 बजे डीसी से मुलाकात का आश्वासन दिया, जिसके बाद किसानों ने धरना समाप्त किया। डीएपी खाद की कमी के मुद्दे पर भारतीय किसान यूनियन उगराहां ने आज डिप्टी कमिश्नर बरनाला के दफ्तर के गेट पर धरना दिया। किसानों ने डीसी और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस मौके पर प्रदर्शनकारी किसान बलोर सिंह छन्ना और बुकण सिंह सद्दोवाल ने कहा कि वे धान की खरीद में तेजी लाने और डीएपी खाद की कमी को पूरा करने की मांग को लेकर आज डीसी बरनाला के पास पहुंचे थे। लेकिन डीसी बरनाला उनसे बात करने की बजाय खाने के बहाने कार्यालय के बाहर अपने आवास पर चले गए। जिसके चलते वे विरोध स्वरूप डीसी कार्यालय के सामने बैठ गए। केंद्र और राज्य सरकार नहीं सुन रही समस्या उन्होंने कहा कि किसानों के मुद्दों पर जहां केंद्र और राज्य सरकारें हमारी बात सुनने को तैयार नहीं हैं, वहीं अफसरशाही का रवैया भी किसानों के लिए बेहद खराब है। किसानों ने कहा कि आज डीएपी की कमी के कारण किसान अपनी गेहूं की फसल की बुआई करने में परेशान हो रहे हैं। डीएपी खाद की रैक को लेकर विभिन्न जिलों के किसान आपस में भिड़ रहे हैं। जबकि सरकार को सभी जिलों के किसानों के लिए आवश्यक डीएपी खाद की व्यवस्था करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बरनाला जिले में 70 हजार गांठ डीएपी की जरूरत है, जिसके लिए रेल रैक बरनाला में लगना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर आने वाले एक-दो दिनों में डीएपी खाद की कमी को पूरा नहीं किया गया तो संघर्ष तेज किया जाएगा। वहां किसानों के धरने में माल विभाग और डीसी कार्यालय के अधिकारियों ने बुधवार सुबह 10 बजे डीसी से मुलाकात का आश्वासन दिया, जिसके बाद किसानों ने धरना समाप्त किया।   पंजाब | दैनिक भास्कर