यूपी उपचुनाव की सरगर्मी बढ़ती जा रही है। मुरादाबाद में सपा के प्रत्याशी हाजी रिजवान और पुलिस के बीच नोकझोंक हुई। पुलिस से कहा- मुझे जेल में डाल दो, बिना चुनाव के रामवीर (भाजपा प्रत्याशी) को जीत का सर्टिफिकेट दे दो। भाजपा के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ नारे पर वार-पलटवार जारी है। पीलीभीत में यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने कहा- विपक्ष ने हमेशा बांटने का काम किया है। हम तो अपने लोगों को समझाते हैं कि बटेंगे तो अधिकारों से छटेंगे। गुरुवार को सपा कार्यालय के बाहर एक और पोस्टर लगाया गया है जिसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी व सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की तस्वीर लगाई गई है। पोस्टर में कहा गया है कि अगर बंटेंगे तो एक सिलेंडर 1200 रुपये में मिलेगा और एक रहेंगे तो 400 रुपये में मिलेगा। यह पोस्टर कांग्रेस नेता अजीत कुमार मौर्या की तरफ से लगाया गया है। वहीं, मुजफ्फरनगर में सांसद चंद्रशेखर आजाद ने योगी सरकार के बुलडोजर एक्शन पर हमला बोला। कहा- बुलडोजर को वहीं भेज दिया जाएगा, जहां से आया है। 2027 में बुलडोजर वालों को भी जवाब देंगे। मुख्यमंत्री डर गए हैं। बीजेपी ‘बटेंगे तो कटेंगे’ का नारा देती है। हमने नारा दिया है, ‘पढ़ोगे तो और आगे बढ़ोगे’। ‘बटेंगे तो कटेंगे’ अब नहीं चलेगा, कुछ नया लाएं सीएम। इधर, मिर्जापुर में मंत्री ओपी राजभर ने कहा- भगवान ब्रह्मा ने कहा है, ‘संघे शक्ति: कलियुगे।’ यही बात हमारे सीएम योगी भी कह रहे हैं, ‘एकता में रहोगे तो दंगे नहीं होंगे।’ आपने देखा कि सपा सरकार में 815 दंगे हुए, करीब 1300 लोग मारे गए। BSP सरकार में 600 दंगे हुए, करीब 1200 लोग मारे गए। कांग्रेस सरकार में दोनों रिकॉर्ड टूट गए। यूपी उपचुनाव से जुड़ी खबरें पढ़ने के लिए नीचे दिए ब्लॉग से गुजर जाइए… यूपी उपचुनाव की सरगर्मी बढ़ती जा रही है। मुरादाबाद में सपा के प्रत्याशी हाजी रिजवान और पुलिस के बीच नोकझोंक हुई। पुलिस से कहा- मुझे जेल में डाल दो, बिना चुनाव के रामवीर (भाजपा प्रत्याशी) को जीत का सर्टिफिकेट दे दो। भाजपा के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ नारे पर वार-पलटवार जारी है। पीलीभीत में यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने कहा- विपक्ष ने हमेशा बांटने का काम किया है। हम तो अपने लोगों को समझाते हैं कि बटेंगे तो अधिकारों से छटेंगे। गुरुवार को सपा कार्यालय के बाहर एक और पोस्टर लगाया गया है जिसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी व सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की तस्वीर लगाई गई है। पोस्टर में कहा गया है कि अगर बंटेंगे तो एक सिलेंडर 1200 रुपये में मिलेगा और एक रहेंगे तो 400 रुपये में मिलेगा। यह पोस्टर कांग्रेस नेता अजीत कुमार मौर्या की तरफ से लगाया गया है। वहीं, मुजफ्फरनगर में सांसद चंद्रशेखर आजाद ने योगी सरकार के बुलडोजर एक्शन पर हमला बोला। कहा- बुलडोजर को वहीं भेज दिया जाएगा, जहां से आया है। 2027 में बुलडोजर वालों को भी जवाब देंगे। मुख्यमंत्री डर गए हैं। बीजेपी ‘बटेंगे तो कटेंगे’ का नारा देती है। हमने नारा दिया है, ‘पढ़ोगे तो और आगे बढ़ोगे’। ‘बटेंगे तो कटेंगे’ अब नहीं चलेगा, कुछ नया लाएं सीएम। इधर, मिर्जापुर में मंत्री ओपी राजभर ने कहा- भगवान ब्रह्मा ने कहा है, ‘संघे शक्ति: कलियुगे।’ यही बात हमारे सीएम योगी भी कह रहे हैं, ‘एकता में रहोगे तो दंगे नहीं होंगे।’ आपने देखा कि सपा सरकार में 815 दंगे हुए, करीब 1300 लोग मारे गए। BSP सरकार में 600 दंगे हुए, करीब 1200 लोग मारे गए। कांग्रेस सरकार में दोनों रिकॉर्ड टूट गए। यूपी उपचुनाव से जुड़ी खबरें पढ़ने के लिए नीचे दिए ब्लॉग से गुजर जाइए… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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‘ये मेरे जीवन की बड़ी गलती थी कि…’, हरियाणा चुनाव में दुष्यंत चौटाला का बड़ा बयान
‘ये मेरे जीवन की बड़ी गलती थी कि…’, हरियाणा चुनाव में दुष्यंत चौटाला का बड़ा बयान <p style=”text-align: justify;”><strong>Haryana Assembly Election 2024:</strong> हरियाणा में विधानसभा चुनाव में अब बेहद कम समय रह गया. ऐसे में सियासी दिग्गज एक दूसरे पर जुबानी हमले करने से नहीं चूक रहे. इस बीच हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और जेजेपी के कद्दावर नेता दुष्यंत चौटाला ने बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन में बीजेपी के साथ खड़े रहना मेरे जीवन की एक बड़ी गलती थी. </p>
<p style=”text-align: justify;”>दुष्यंत चौटाला ने कहा, “राजनीति के अंदर विचारधाराएं जुड़ती हैं और जब ये जुड़ती हैं तो बदलाव भी आता है. हमने हरियाणा में निवेश लाने का काम किया है. हमने यहां परिवर्तन लाने का काम किया है. हमने कहा था कि एमएसपी पर आंच आएगी तो हम सरकार छोड़ देंगे. प्रधानमंत्री <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> को पत्र भी लिखा है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’मेरे जीवन की बड़ी गलती'</strong><br />उन्होंने आगे कहा, “हमने उनके साथ सरकार चलाई, अपनी बातें मनवाई, अपने काम करे. जब आगे चुनाव लड़ने पर सहमति नहीं बनी तो दोनों ने रास्ते अलग कर लिए. किसान आंदोलन पर बीजेपी के साथ खड़े रहना मेरे जीवन की सबसे बड़ी गलती थी, अगर मैं आज ये स्वीकार करता हूं तो हरियाणा की जनता मेरा साथ भी देगी और इस चुनाव में लड़ेगी.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’तो नहीं होते वादे पूरे'</strong><br />पूर्व उपमुख्यमंत्री ने ये भी कहा, “ऐसा माहौल बना दिया जैसे किसान आंदोलन का सबसे बड़ा विलन दुष्यंत चौटाला है, जबकि न दुष्यंत ने न वोट डाला न दुष्यंत की पार्टी का कोई सदस्य लोकसभा में है आवाज उठाने के लिए, लेकिन उसके बावजूद भी ये दिखाया गया कि अगर मैं इस्तीफा दे देता तो राज गिर जाता है. आज भी मेरे बिना नायब सिंह सैनी राज कर रहे हैं. अगर उस समय मैं न करता तो जो वादे हमने हरियाणा की जनता से किए वो पूरे नहीं हो पाते.”</p>
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प्रधान धामी ने बागी अकालियों के आरोपों को किया खारिज भास्कर न्यूज | अमृतसर अकाली दल सुप्रीमो सुखबीर मामले को लेकर चल रहे विवाद के बीच अकाली सुधार लहर के बागी अकालियों द्वारा खुद पर लगाए गए आरोपों को एसजीपीसी प्रधान एडवोकेट हरजिंदर िसंह धामी ने सिरे से खारिज किया है। सुखबीर मामले में सिंह साहिबान पर दबाव बनाए जाने वाले आरोपों पर उनका कहना है कि दबाव हम नहीं वह लोग बना रहे हैं। मंगलवार को कार्यकारिणी की पहली बैठक के बाद मीडिया से रूबरू होते हुए प्रधान धामी ने कहा कि पहले सभी साथ थे और अब अलग हो गए हैं तो विवाद खड़ा कर रहे हैं। गौर हो कि बीते दिनों बागियों ने आरोप लगाया था कि अकाली दल के कार्यकारी प्रधान बलविंदर सिंह भूंदड़ और एसजीपीसी प्रधान धामी सिंह सिंह साहिबान से गुपचुप मिल रहे हैं और सुखबीर के फैसले के लिए दबाव बना रहे हैं। विरोधियों के इस आरोप पर धामी ने कहा कि वह किसी पर बेवजह आरोप नहीं लगाते। रही सिंह साहिबान से मुलाकात की बात तो वह कौम के मुखी हैं और कमेटी मसलों और मुद्दों को लेकर उनसे मुलाकात कर सकती है। उनका कहना है कि विरोधी खुद सुखबीर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का दबाव बना रहे हैं। उनका कहना है कि आज जो खुद को अलग करके आरोप लगा रहे हैं वह लोग भी तो उस दौरान साथ थे। फिलहाल फैसला सिंह साहिबान को करना है।
Opinion: बहराइच की घटना पर याद आती है ये लाइन- बोया पेड़ बबूल का तो आम कहां से होय
Opinion: बहराइच की घटना पर याद आती है ये लाइन- बोया पेड़ बबूल का तो आम कहां से होय <p style=”text-align: justify;”>बहराइच की घटना पर एक पुरानी कहावत याद आती है- बोया पेड़ बबूल का, आम कहां से होय. ठीक यही बात मौजूदा भारतीय जनता पार्टी की जो केन्द्र और राज्य में सरकार है, इनकी बुनियाद ही आंतरिक द्वेष, अंतर्कलह और अंतर्द्वंद पर टिकी हुई है. इनका आधार ही यही है कि परस्पर आपस में बंटवारा हो, विभेद हो और एक दूसरे के प्रति द्वेष का भाव बना रहे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ऐसा नहीं है कि ये काम सरकार में आने के बाद कर रहे हैं, बल्कि ये शुरू से ऐसा करते आ रहे हैं. कई बार इनके ऊपर एफआईआर हुई है, कानून का एक्शन हुआ है. अयोध्या कांड को लेकर इनके बड़े-बड़े नेताओं पर मुकदमे हुए. लेकिन, जब ये खुद सत्ता में आए और वो भी पूर्ण सत्ता में आ गए, उसके बाद निश्चित रुप से स्थितियां बदतर और विकराल हो गई हैं. जैसा अब दिख रहा है कि चूंकि इन्हीं का राज्य और साम्राज्य है, इन्हीं की तूती है, इन्हीं की बोली है और इन्हीं के लोग हैं. यानी पूरा इकोसिस्टम अब इन्हीं के हाथों में है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>नफरत से नहीं होगा भला</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल, भारतीय जनता पार्टी के लिए मांग हमने की थी कि इनका नाम भारतीय जनता दल होना चाहिए, क्योंकि पार्टी अंग्रेजी शब्द है. जहां तक बहराइच की घटना की बात है तो इसे भारतीय जनता दल की ही इन तमाम कार्यों और रीतियों का एक परिणाम मानते हैं. एक अत्यंत दुखद परिणाम मानते हैं. और जिस युवक की इस घटना में मौत हुई है, उसे इस पूरे प्रकरण का प्राकृतिक आपदा के तौर पर देखते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>क्योंकि, जो स्थितियां बनाई जा रही हैं, उनमें निश्चित रुप से पक्ष और विपक्ष से इस प्रकार के लोगों की आहूतियां निश्चित रुप से होंगी. आप भले ही दुश्मन किसी को बनाइये, लेकिन ये राजनीति है. राजनीति में मनभेद को ही वोट मांगने का एकमात्र पैमाना और तरीका बना दिया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सबसे कष्टकर बात ये है कि सोशल मीडिया एक प्रमुख यंत्र है, इनके पोस्ट और शब्द, इनके वाक्य पर गौर करिए. वो पार्टी जो लॉरेंस बिश्नोई को महिमा मंडित करने में लगी हुई है, कि उसने कथित तौर पर मुस्लिम एक्टर को धमकी दी या फिर हाल में एक एनसीपी नेता को मारा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>लॉरेंस बिश्नोई का कर रहे महिमा मंडन</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>यानी वे हिन्दू-मुस्लिम कर के स्थितियों को काफी विषाक्त बना रहे हैं. इसके मूल में नहीं जा रहे हैं, लेकिन अगर नफरत के बीच बोए जाएंगे तो इसके परिणाम भयावह ही होंगे. चूंकि, इस तरह की स्थितियां बनती गईं या फिर बनाई गई तो फिर इसका परिणाम गंभीर या दुखद तो होना ही है. दूसरी बात ये आती है कि जब घटना घट गई तो उसके बाद क्या कुछ कार्रवाई हो. </p>
<p style=”text-align: justify;”>ताकि, कम से कम उसके बाद निष्पक्षता हो. पक्षपात का आरोप न लगे. यहां पर जो भी शासन-प्रशासन है, वो सत्ता के दबाव में आकर पूरी तरह से अनुचित कार्य और व्यवहार कर रही है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>पूरे मामले को सही ढंग से निराकरण करने की जगह, इस प्रयास में लगे हुए हैं कि कैके इसको वर्ग विभाजन के रुप में दिखाया जाए. कैसे आपसी द्वंद्व को विकराल दिखाते हुए इसे बड़ा किया जाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>[नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं.यह ज़रूरी नहीं है कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही ज़िम्मेदार है.]</strong></p>