इंदौर में ब्रेन डेड पत्नी को पति ने दी अंतिम विदाई, आखिरी बार में भरा सिंदूर, नम हुईं आंखें

इंदौर में ब्रेन डेड पत्नी को पति ने दी अंतिम विदाई, आखिरी बार में भरा सिंदूर, नम हुईं आंखें

<p style=”text-align: justify;”><strong>Madhya Pradesh News:</strong> इंदौर में एक सड़क हादसे के बाद पति-पत्नी के बीच प्यार और समर्पण की एक बेहद मार्मिक तस्वीर सामने आई, जिसने सभी को भावुक कर दिया. शाजापुर के निवासी भूपेंद्र और मनीषा राठौर की शादीशुदा जिंदगी एक दर्दनाक हादसे में बदल गई, जब दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए और इंदौर के अस्पताल में भर्ती हुए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>डॉक्टरों ने मनीषा को ब्रेन डेड घोषित किया, और अंगदान का फैसला लिया गया. इस दौरान भूपेंद्र ने अपनी पत्नी को अस्पताल के बिस्तर पर लेटे-लेटे सिंदूर भरकर और बिंदी लगाकर उन्हें अंतिम विदाई दी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इंदौर में एक सड़क हादसे के बाद पति-पत्नी के बीच प्रेम और समर्पण की एक ऐसी मार्मिक तस्वीर सामने आई, जिसे देखकर हर किसी की आंखों में आंसू आ गए. यह दिल को छूने वाली घटना शाजापुर के रहने वाले मनीषा और भूपेंद्र राठौर की है, जिनकी शादीशुदा ज़िंदगी एक दर्दनाक हादसे में बदल गई. सड़क दुर्घटना में दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए और इंदौर के एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती हुए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अपने प्यार और श्रद्धा का अद्वितीय उदाहरण पेश किया</strong><br />अस्पताल में दोनों के बिस्तर पास-पास थे, लेकिन मनीषा की हालत बिगड़ने लगी. डॉक्टरों ने मनीषा को ब्रेन डेड घोषित कर दिया. इस घातक स्थिति में भी भूपेंद्र ने पत्नी के प्रति अपने प्यार और श्रद्धा का अद्वितीय उदाहरण पेश किया. जब डॉक्टरों ने अंगदान करने की सलाह दी, तो मनीषा के परिजनों ने अंगदान का निर्णय लिया. किडनी, लीवर और आंखें दान करने के लिए ग्रीन कॉरिडोर तैयार कर इन अंगों को अन्य अस्पतालों में भेजा गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पत्नी को अंतिम विदाई देते हुए सिंदूर भरा और बिंदी लगाई</strong><br />लेकिन सबसे ज्यादा दिल को छूने वाली बात तब हुई, जब खुद भी हादसे में घायल भूपेंद्र ने अपनी पत्नी के बिस्तर के पास लेटे-लेटे ही मनीषा की मांग में सिंदूर भरा. इस भावुक पल में उन्होंने अपनी पत्नी को अंतिम विदाई देते हुए सिंदूर भरा और बिंदी लगाई. यह दृश्य अस्पताल में मौजूद सभी कर्मचारियों और परिजनों के लिए बेहद भावनात्मक था. हर कोई इस दृश्य को देखकर आंसू नहीं रोक सका. उनकी पत्नी के निधन के बाद भी वे उसे अपने साथ हर पल महसूस करना चाहते थे.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मानवता और समर्पण की एक नई मिसाल स्थापित की है</strong><br />मनीषा के अंगों को दान करने का फैसला एक बड़ा कदम था, जिससे अन्य लोगों को जीवन मिल सकता था. इस त्यागपूर्ण कार्य ने समाज में मानवता और समर्पण की एक नई मिसाल स्थापित की है. इस मार्मिक दृश्य ने यह सिद्ध कर दिया कि प्यार सच्चा और शाश्वत होता है, और उसकी कोई सीमा नहीं होती, चाहे वह जीवन हो या मृत्यु.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”तीन जिंदगियां बचाने के लिए थम गया भोपाल, बुधनी के गिरीश यादव जाते-जाते 3 लोगों को दे गए नई जिंदगी” href=”https://www.abplive.com/states/madhya-pradesh/girish-yadav-resident-budhni-halt-to-save-three-lives-green-corridor-gave-life-to-three-people-ann-2819689″ target=”_self”>तीन जिंदगियां बचाने के लिए थम गया भोपाल, बुधनी के गिरीश यादव जाते-जाते 3 लोगों को दे गए नई जिंदगी</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Madhya Pradesh News:</strong> इंदौर में एक सड़क हादसे के बाद पति-पत्नी के बीच प्यार और समर्पण की एक बेहद मार्मिक तस्वीर सामने आई, जिसने सभी को भावुक कर दिया. शाजापुर के निवासी भूपेंद्र और मनीषा राठौर की शादीशुदा जिंदगी एक दर्दनाक हादसे में बदल गई, जब दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए और इंदौर के अस्पताल में भर्ती हुए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>डॉक्टरों ने मनीषा को ब्रेन डेड घोषित किया, और अंगदान का फैसला लिया गया. इस दौरान भूपेंद्र ने अपनी पत्नी को अस्पताल के बिस्तर पर लेटे-लेटे सिंदूर भरकर और बिंदी लगाकर उन्हें अंतिम विदाई दी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इंदौर में एक सड़क हादसे के बाद पति-पत्नी के बीच प्रेम और समर्पण की एक ऐसी मार्मिक तस्वीर सामने आई, जिसे देखकर हर किसी की आंखों में आंसू आ गए. यह दिल को छूने वाली घटना शाजापुर के रहने वाले मनीषा और भूपेंद्र राठौर की है, जिनकी शादीशुदा ज़िंदगी एक दर्दनाक हादसे में बदल गई. सड़क दुर्घटना में दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए और इंदौर के एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती हुए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अपने प्यार और श्रद्धा का अद्वितीय उदाहरण पेश किया</strong><br />अस्पताल में दोनों के बिस्तर पास-पास थे, लेकिन मनीषा की हालत बिगड़ने लगी. डॉक्टरों ने मनीषा को ब्रेन डेड घोषित कर दिया. इस घातक स्थिति में भी भूपेंद्र ने पत्नी के प्रति अपने प्यार और श्रद्धा का अद्वितीय उदाहरण पेश किया. जब डॉक्टरों ने अंगदान करने की सलाह दी, तो मनीषा के परिजनों ने अंगदान का निर्णय लिया. किडनी, लीवर और आंखें दान करने के लिए ग्रीन कॉरिडोर तैयार कर इन अंगों को अन्य अस्पतालों में भेजा गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पत्नी को अंतिम विदाई देते हुए सिंदूर भरा और बिंदी लगाई</strong><br />लेकिन सबसे ज्यादा दिल को छूने वाली बात तब हुई, जब खुद भी हादसे में घायल भूपेंद्र ने अपनी पत्नी के बिस्तर के पास लेटे-लेटे ही मनीषा की मांग में सिंदूर भरा. इस भावुक पल में उन्होंने अपनी पत्नी को अंतिम विदाई देते हुए सिंदूर भरा और बिंदी लगाई. यह दृश्य अस्पताल में मौजूद सभी कर्मचारियों और परिजनों के लिए बेहद भावनात्मक था. हर कोई इस दृश्य को देखकर आंसू नहीं रोक सका. उनकी पत्नी के निधन के बाद भी वे उसे अपने साथ हर पल महसूस करना चाहते थे.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मानवता और समर्पण की एक नई मिसाल स्थापित की है</strong><br />मनीषा के अंगों को दान करने का फैसला एक बड़ा कदम था, जिससे अन्य लोगों को जीवन मिल सकता था. इस त्यागपूर्ण कार्य ने समाज में मानवता और समर्पण की एक नई मिसाल स्थापित की है. इस मार्मिक दृश्य ने यह सिद्ध कर दिया कि प्यार सच्चा और शाश्वत होता है, और उसकी कोई सीमा नहीं होती, चाहे वह जीवन हो या मृत्यु.</p>
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